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डेयरी फार्म बिजनेस प्लान: बिजनेस कैसे शुरू करें (कम लागत के व्यवसाय के अवसर)

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इस बात को तो हम सभी जानते हैं कि हमारा भारत एक कृषि प्रधान देश है। लेकिन आज स्थिति ऐसी आ गई है कि लोग कमाई के जरिए के लिए प्राइवेट सेक्टरों का चुनाव ज्यादा कर रहे हैं। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में भारत का युवा ही हमारे देश की ऐसे व्यवसाय को चुनने का रिस्क नहीं उठाना चाहते जिसमें उनका निवेश ज्यादा लग जाए और लाभ कम मिले। हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहां हम फार्मिंग करके अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं। लेकिन आज के युवा इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं जाता है और यही कारण है कि वह पैसा कमाने के लिए प्राइवेट सेक्टर की ओर ज्यादा भागदौड़ कर रहे हैं। 

लेकिन अगर आप उन लोगों में से हैं जो कृषि प्रधान देश में फार्मिंग को चुनकर एक ऐसा व्यवसाय करना चाहते हैं जिसमें कम निवेश में आप आगे चलकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। तो हमारा आज का ये आर्टिकल आपके लिए ही है क्योंकि दोस्तों इस बिजनेस को करने से यकीनन आपको अपने व्यवसाय में अच्छा लाभ हो सकता है। 

बस जरूरत है उसे अच्छे प्रबंधन की और अच्छे प्लान के साथ अपने बिजनेस को शुरू करने की इसलिए दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको डेयरी फार्म बिजनेस प्लान से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदान करने वाले हैं। डेरी कौन से संबंधित इन सब्जी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्राप्त करने हेतु हमारे आज के इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें चलिए शुरू करते हैं। -

डेयरी फार्म क्या होता है?

दोस्तों अगर आप भारत देश में रहते हैं तो आपको निश्चित ही डेयरी फार्म क्या होता है इसके बारे में जानकारी होगी। लेकिन अगर आपको यह नहीं पता कि डेयरी फार्म क्या होता है और आप इसके बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं और आप इस उद्योग को शुरू करना चाहते हैं। तो हम आपको बता दें कि डेयरी फार्म एक ऐसी जगह है जहां हम गायों को बड़ी संख्या में एकत्रित कर उनसे दूध इकट्ठा कर उसे पैकेजिंग करके बाजार में लोगों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराते हैं जिससे हम डेयरी फार्म व्यवसाय कहते हैं। 

दोस्तों इस व्यवसाय में खुद गाय पालकर या फिर ग्रामीण क्षेत्र के किसानों से उनका दूध बिचौलियों को हटाकर डायरेक्ट उनसे खरीद सकते हैं और उनका उचित मूल्य देकर हम उस दूध को अपने ब्रांड और नाम के साथ बाजार में बेचने के लिए उपलब्ध कराते हैं। हालांकि अब ऐसा नहीं है कि डेयरी फार्म में सिर्फ आप सिर्फ दूध ही बेच सकते हैं। अब डेयरी फार्म व्यवसाय को खोलकर आप दूध से बने अन्य सामान जैसे घी, छाछ, मक्क्खन, दही आदी को भी बनाकर बाजार में बेचते हैं।

डेयरी फार्म बिजनेस प्लान क्या है?

दोस्तों डेयरी फार्म जैसे उद्योग के लिए बिजनेस प्लान की बात करें तो इसमें सबसे पहले हमें अपना डेयरी फार्म खोलने के लिए जगह का सही चुनाव करना होगा हम अपना डेयरी फार्म जहां खोल रहे हैं वहां से दूध की खपत कितनी है या फिर हम वहां से बाजार तक अपना दूध और दूध से बने सामान ले जाने और ले आने में क्या परेशानियां होंगे, इनका आकलन करना जरूरी होता है। वही डेयरी फार्म बिजनेस के लिए सबसे जरूरी चीज गायों की नस्ल का चुनाव होता है। इस बिजनेस में सबसे पहले हमें उन गायों का चुनाव करना जरूरी होगा जो भारत के वातावरण के अनुकूल हो और ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन की क्षमता रखती हो। 

वही दूसरी ओर इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले यह भी ध्यान देना आवश्यक होता है कि आपको इस व्यवसाय में गायों के लिए आवश्यक चारे की व्यवस्था करनी पड़ती है।  मौसम के अनुकूल अतिरिक्त चारे का स्टॉक भी पहले से ही रखना पड़ता है। अगर आप डेयरी फार्म बिजनेस प्लान शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आप अच्छी जानकारी जुटाए और उसके लिए आप किताबें, ब्लॉक, वीडियो या फिर आसपास के डेयरी फार्म का निरीक्षण भी कर सकते हैं। 

दोस्तों इस बिज़नेस में कदम रखने से पहले आप चाहें तो किसी डेयरी फार्म में कुछ महीने काम करके भी इस व्यवसाय को शुरू करने का बारीकी अनुभव जमीनी स्तर पर प्राप्त कर पाएंगे। इस प्लान के साथ काम करते हुए आप डेयरी फार्म के बिजनेस को चलाने में काफी हद तक सक्षम और अनुभवी हो पाएंगे।

डेयरी फार्म क्यों शुरू करें?

दोस्तों क्या आप जानते हैं कि इंडिया वर्ल्ड में सबसे ज्यादा मिल्क उत्पादन करने वाला देश है और आज हमारे देश में बनाए गए दूध बाहरी देशों में एक्सपोर्ट किए जाते हैं। अगर हम 1947 के आस पास कि बात करें तो तब हमारे पास इतना दूध भी नहीं होता था कि हम खुद भारत देश में भी उस दूध का पर्याप्त इस्तेमाल कर पाए उस समय हमें न्यूजीलैंड से दूध इम्पोर्ट करना पड़ता था। 

लेकिन आज भारत देश ऐसा देश बन गया है जो विदेशों में भी दूध एक्सपोर्ट करता है और इस कार्य को पूरा करने में सबसे अहम भूमिका निभाई अमूल ने दूध देने वाले किसानों को उनके दूध का सही मूल्य दिया और बाजार में ग्राहकों को सही क्वालिटी और कम दाम में दूध उपलब्ध कराया। इसमेंडॉक्टर वेर्घेसे कुरियन ने सहकारिता के रास्ते पर चलकर इस बिजनेस को भारत में इस लेवल पर बढ़ावा दिया कि आज यह व्यवसाय पूरे देश में अपना नाम रोशन कर रहा है। 

दोस्तों इसे बताने का मतलब यही है कि हम जब भी कोई नया बिजनेस शुरू करते हैं तो हमारे मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि हम यह व्यवसाय क्यों करें। आखिर इस व्यवसाय को करने से हमें लाभ क्या मिलेगा।

1. दोस्तों डेयरी फार्म जैसा बिजनेस शुरू करने के लिए हमें ज्यादा लागत की आवश्यकता नहीं होती है। इस व्यवसाय को हम शुरुआत में थोड़े निवेश के साथ ही शुरु कर सकते हैं। वहीं कृषि प्रधान उद्योग होने की वजह से इस बिजनेस को शुरू करने के लिए हर राज्य की सरकार हमें कम ब्याज दर पर लोन/सब्सिडी भी देती है।

2. वही इस व्यवसाय की सबसे खास बात यह है कि यह एक ऐसा व्यवसाय है जो लोगों की जरूरत का एक महत्वपूर्ण पेय पदार्थ है जो भारत के हर घर में इस्तेमाल किया ही जाता है। जिससे हमें इस व्यवसाय को शुरू करने के बाद इसके प्रचार-प्रसार में पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। हम अपने इस बिजनेस को बिना किसी प्रचार-प्रसार के पहले अपने आसपास ही इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं।

3. यह व्यवसाय हमारे वातावरण को किसी भी तरीके से नुकसान नहीं पहुंचाता है मसलन अन्य व्यवसायों को शुरू करने से कुछ ना कुछ पर्यावरण को नुकसान होता ही है। लेकिन डेयरी फार्म जैसा व्यवसाय लोगों के लिए और हमारे वातावरण के लिए किसी भी तरीके से नुकसान देय नहीं है।

4. अगर आप उन लोगों में से हैं जो पढ़ाई-लिखाई करके बेरोजगार बैठे हैं और अब यह सोच रहे हैं कि अपना कोई व्यवसाय शुरू करके कमाई का जरिया अपने जीवन में लाया जाए तो आप कम इन्वेस्टमेंट के साथ इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं।

5. इसके साथ ही व्यवसाय में आपको भारत की वातावरण के मुताबिक गायों के नस्लों का चुनाव करने का अवसर भी मिलता है। जिससे आप भारत के वातावरण के अनुकूल ढलने वाले गायों की नस्लों को चुनकर जो ज्यादा से ज्यादा आपके लिए दूध इकट्ठा कर पाए ऐसे गायों की नस्लों को आप अपने डेयरी फार्म में रख कर उससे अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।

6. चूंकि डेयरी फार्म बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जिसमें किसी विशेष तरह के स्किल या किसी विशेष तरह के प्रशिक्षण या कौशल की आवश्यकता नहीं होती हैं। इसलिए इसमें आप अपने आसपास के कुछ लोगों को रखकर भी अपने कार्यो की देखरेख कर सकते हैं।

7. अगर इस बिजनेस में अच्छी तरीके से ध्यान और इसका मैनेजमेंट अच्छी तरीके से किया जाए तो इस बिजनेस से हम अच्छा खासा लाभ कमा सकते हैं। शुरुआत में हम इस बिजनेस को सिर्फ एक गाय के साथ भी कर सकते हैं और अच्छे रिजल्ट के साथ ही हम धीरे-धीरे बड़े पैमाने पर खड़ा कर सकते हैं।

डेयरी फार्म बिजनेस के स्तर -

दोस्तों डेरी फॉर्म बिजनेस तीन स्तर पर शुरू किया जा सकता है आइए जानते हैं वह कौन-कौन से हैं। -

1- छोटे स्तर पर -

दोस्तों अगर आप छोटे स्तर पर डेयरी बिजनेस को शुरू कर रहे हैं तो छोटे स्तर पर डेयरी शुरू करने के लिए आप को इन सभी बातों का ध्यान रखना होगा। दोस्तों जब भी हम डेयरी फार्मिंग छोटे तौर पर शुरू करते हैं तो हमें कम गाय और भैंसों को रखना चाहिए। बजट प्लानिंग के हिसाब से ही करें अगर आपको छोटे तौर पर शुरू करना है तो बजट भी कम होगा उसी के आधार पर कम गाय और भैंसों को खरीदें। इसके लिए आप कम से कम तीन गाय और भैंस खरीदें और उन्हें खरीदने से पहले उनकी नस्ल का भी ध्यान दें। 

अगर वह गाय और भैंस अच्छी नस्ल के है और दूध अच्छा देती है तो उनके दूध में फैट अच्छा होता है तो आप को कम लागत में ही अच्छी कमाई हो सकती है। किसी भी डेयरी पर दूध उनके फैट के स्तर के हिसाब से ही बिकता है। उसी हिसाब से आपको उनके चारा और उनके रखरखाव का भी इंतजाम करना होगा। उनकी बीमारी के हिसाब से डॉक्टर का भी इंतजाम करना होगा। साफ-सफाई का भी इंतजाम करना होगा। आप की डेयरी जितनी ही साफ सुथरी होगी लोग इतना ज्यादा आकर्षित होंगे। आपके पशु भी बीमार नहीं पड़ेंगे।

2 - मध्यम स्तर पर -

दोस्तों मध्यम स्तर पर डेयरी फार्मिंग बिजनेस एक औसत स्तर का फॉमिंग बिजनेस है अधिकतर लोग इस स्तर के बिजनेस को करते हैं। इसको करने के लिए आपको सभी चीजें बड़े बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करना होगा। इसके साथ ही एक बड़ी गौशाला का भी इंतजाम करना होगा जिसमें 25 से 30 गाय और भैंस रह सके। इसलिए आपका बजट भी बड़ा होना चाहिए और इसमें निवेश की बात की जाए तो आप 4 से 5 लाख तक निवेश कर सकते हैं। कुछ गाय और भैंस से आप उधार पर भी लेकर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं। 

जिसके लिए आपको उन्हें किराए के तौर पर कुछ रकम हर महीने देनी होगी। उससे जो भी दूध मिलेगा उससे आप अपना डेयरी का बिजनेस अच्छे से कर सकते हैं। प्रतिदिन के हिसाब से 40 से 50 लीटर दूध आपको बेचना होगा। पशुओं के रखरखाव की अच्छी व्यवस्था साफ- सफाई व उनकी खाने की भी व्यवस्था आपको हमेशा करनी होगी। पशु आहार उसके साथ ही पशुओं के डॉक्टर को भी हमेशा के लिए अप्वॉइंट करना होगा। जिससे किसी भी पशु को अगर किसी प्रकार की बीमारी हो गई तो उसका इलाज तुरंत हो सके इन सभी का खर्च निकलने के बाद आपके पास अच्छा खासा प्रॉफिट बचता है।

3 - बड़े स्तर पर-

अब बात करते हैं बड़े स्तर के बारे में दोस्तों अगर आप बड़े स्तर पर डेयरी फार्मिंग व्यवसाय करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको बहुत बड़े पैमाने पर इंतजाम करने की जरूरत है। इसमें आपको 20 से 25 लाख रुपए तक निवेश करने की आवश्यकता है। जिसकी लागत से आप गौशाला निर्माण से लेकर पशु चारा और इससे संबंधित जो भी चीजें हैं उसका इंतजाम कर पाएंगे और इसी लागत में आप पशु भी खरीद पाएंगे। इसके लिए लगभग 100 गाय और भैंस का इंतजाम और इसके साथ ही उनके रहने के लिए एक बड़ी गौशाला और चारा भूसा का भी इंतजाम करना होगा। 

इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान दे कि जो भी गाय और भैंस आप खरीदें उनकी नस्ल में का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है। यदि पशु अच्छी नस्ल के नहीं होंगे तो आपका डेयरी व्यवसाय अच्छा नहीं चलेगा क्योंकि दूध उस हिसाब से नहीं मिलेगा। इसके द्वारा यदि प्रॉफिट की बात की जाए तो आप 3 लाख रूपये महीने तक का प्रॉफिट पा सकते हैं। इसमें आपको क्लीनिंग स्टाफ रखने की जरूरत है जो समय समय पर क्लीनिंग करते रहे जिससे आपके डेयरी में साफ-सफाई बनी रहे। बड़ा डेयरी फार्म खोलने के लिए आपको अच्छे कागजात बनाने की भी जरूरत पड़ेगी। आपकी प्रॉपर्टी को बिजनेस प्रॉपर्टी के तौर पर डिक्लेअर करें।

डेयरी फार्म के लिए गाय और भैंसों का चयन कैसे करें -

दोस्तों सबसे पहला कदम डेयरी फार्मिंग में गाय और भैंस का चयन होना चाहिए इसके लिए हमें किस तरह से इन को परखना होगा आइए जानते हैं। -

1- मुर्रा -

मुर्रा भैसे 7% तक फैट वाला दूध देती है। अगर भैंस की पहचान करनी हो तो यह भैंस की पहचान करना बेहद आसान है इसकी आंखें और सींग बहुत छोटी होती है और इसके अलावा यह सिंग घुमावदार वाली  होती है। इस भैंस की गर्दन बाकी भैंसों की गर्दन से लंबी होती है। इसके साथ ही यह एक समय में 1600 साल से 1700 साल लीटर तक दूध देती है।

2 - बुधवारी -

दोस्तों इस भैंस की पहचान करना बहुत ही आसान है यह मध्यम आकार की कम बाल वाली और ताबिया रंग की भैंस होती है। इनके पैर छोटे और मजबूत होते हैं और बीच में सफेद रंग का निशान होता है और इनकी सिंह लंबी और तलवार के आकार की पतली होती है। यह मैनपुरी इटावा और यमुना के किनारे की हिस्सों में पाई जाती है।

3 - जफरवादी -

डेरी फार्मिंग में यह बहुत ही उपयोगी नस्ल कि भैंस होती है क्योंकि हर साल बच्चा देती है और यह भैंस अन्य भैंसो की तुलना में ज्यादा दिन तक दूध देती है। ऐसी दो से तीन भैंस खरीद कर आप अपना डेयरी उद्योग बढ़ा सकते हैं। इसके माथे पर सफेद निशान होता है और जहां तक इसके खाने पीने की बात रही तो इस भैंस के खानपान और आराम का विशेष ध्यान देना होता है। एक समय में 10 से 12 लीटर तक दूध देती है।

4 - सुराती -

यह भैंस बहुत ही दुधारू होती है और अक्सर की भूरे और स्लेटी रंग में पाई जाती है। उनका धड लंबा और उनकी सींग दराती के आकार की होती है। 8 से 12 परसेंट तक वसा वाला दूध देने वाली इस प्रकार की भैंस गुजरात और बड़ौदा मे पाई जाती है।

5 - मेहसाना -

गुजरात के मेहसाणा जिले में पाई जाने वाली इस भैंस का नाम स्थान के नाम पर ही पड़ा है। महाराष्ट्र के कुछ जगह पर भी इसे पाला जाता है और अधिकतर इसका रंग काला ही पाया जाता है। इसका शरीर मुर्रा भैंसों की अपेक्षा काफी बड़ा होता है बाकी सारी पहचान उसी की तरह होती है।

6 - नागपुरी -

इस भैंस को बरारी के नाम से भी जाना जाता है। इसका रंग हल्का काला और भूरा दोनों मिक्स होता है। यह महाराष्ट्र के अमरावती जिले में पायी जाती है। इसकि सिंग बिल्कुल तलवार की तरह नुकली और लंबी होती है और यह 5 से 10 लीटर तक दूध एक समय में देती है।

डेयरी फार्मिंग के लिए गाय और भैंस कहां से खरीदें -

दोस्तों आप डेयरी फार्मिंग बिजनेस अच्छे से और बड़े पैमाने पर करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहला कदम गाय और भैंसों की खरीद की तरफ उठाना पड़ेगा। आप अपनी डेयरी में ही हर प्रकार की गाय और भैंस रख सकते हैं लेकिन इस चीज का ध्यान रखना होगा कि वह अच्छी नस्ल के हो। हम सभी भारत सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट को तो जानते ही हैं। जहां से हम गाय और भैंसों की अच्छी नस्ल के बारे में पता कर सकते हैं और उनके खरीद के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

epashuhaat   यह ऑफिशियल वेबसाइट लिंक है। इसके अलावा हर गांव शहर कस्बे में कभी न कभी पशु मेला जरूर लगता है उस पशु मेले का भी ध्यान रखें जब भी मेला लगे तो अवसर ना चूके वहां जाएं और पशु के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें और अगर आपको सही लगे तो आप वहां से भी खरीद सकते हैं।

गाय और भैंस को क्या खिलाना चाहिए -

दोस्तों डेयरी फार्मिंग बिजनेस में हमें पशुओं के खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि हमें उनसे दूध की ज्यादा उम्मीद रहती है तो इसके लिए हमें उन्हें अच्छा खानपान देना होगा। गाय-भैंसों को सरसों की खली, हरा चारा, साफ सुथर अच्छा पोषण युक्त कुछ खनिज पदार्थ और इसके साथ ही देसी गुण, आटा मक्का और गेहूं दोनों का मक्का यह सभी चीजें खिला सकते हैं। 

गाय और भैंस के लिए यह सभी बहुत ही पोषण युक्त भोजन होते हैं और इन सभी चीजों से ज्यादा दूध देती है। इसके साथ ही बाजार में दाना उपलब्ध होता है जिसमें सभी चीजें मिली होती है वह भी इनके स्वस्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन इस दौरान एक चीज का विशेष ध्यान रखेगी कभी भी अपने गाय और भैंसों को किसी तरह का कोई केमिकल इंजेक्शन ना लगवाएं। इससे गाय भैंस के दूध और सेहत दोनों पर बहुत ही बुरा और काफी गहरा असर होता है। भैसो को चराने और टहलाने के लिए जरूर ले जाए क्योंकि जब वह स्वयं हरा चारा चर के खाती है तो वह ज्यादा फायदेमंद होता है।

डेयरी फार्मिंग बिजनेस के लिए मुख्य आवश्यकता -

दोस्तों जब भी हम डेयरी की स्थापना करते हैं तो हमें बहुत सारी चीजों की जरूरत पड़ती है। जो डेयरी फार्म बिजनेस प्लान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है तो चलिए दोस्तों अब हम जानते हैं की ऐसी कौन सी ऐसी चीज है जिसके बिना हम डेयरी नहीं बना सकते आइए जानते हैं।

दोस्तों जब भी हम डेयरी की स्थापना करते हैं तो उसके लिए हमें बड़ी जमीन की आवश्यकता पड़ती है। वह जमीन अगर हमारे पास पहले से है तो हमें जमीन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती इसके साथ में जो पशु हम पालते हैं उन्हें खिलाने के लिए चारे की आवश्यकता होती है। अगर हमारे पास खेत होंगे तो हम पशुओं को खिलाने के लिए चारा पैदा कर सकेंगे। आमतौर पर हमें 2 से 3 एकड़ भूमि की आवश्यकता पड़ेगी जिसमें हम अच्छे चारे की उपज पैदा कर सकेंगे।

2 - बहाना -

दोस्तों बहाना हम उस स्थान को कहते हैं जहां हम गायों को सुरक्षित रख सके या फिर यूं कहे कि यह एक प्रकार की छत या शेड होती है। अपने खेत में या गौशाला में जहां हम गायों को रखते हैं क्योंकि उनके लिए उचित जगह का निर्माण कराना भी बहुत जरूरी है।

जब भी हम डेरी का निर्माण करते हैं तो पशुओं को रखते हैं उन पशुओं को खिलाने के लिए उचित चारा का भी इंतजाम करना बहुत जरूरी है‌। क्योंकि बिना इसके हमारे पशु अधिक समय तक दूध नहीं दे पाएंगे। अगर इनके लिए उचित चारा खेत से ही लाया जाया तो अच्छा होता है।

दोस्तों वैसे तो डेयरी फार्म बिजनेस प्लान में अन्य कार्यों के लिए भी पानी की बहुत आवश्यकता होती है। लेकिन गाय और भैंस को पीने के लिए भी साफ सुथरा और स्वच्छ पानी चाहिए होता है‌।

5 - नस्ल चयन -

दोस्तों जब भी नई डेयरी हम खोलते है तो सबसे पहला कदम हम गाय और भैंसों की नस्ल का चयन करना होता है। अच्छा दूध देने वाली गाय जर्सी, रेड सिंधी, साहीवाल, गिर, दीवानी,ओंगोल आदि गाय है। यह सभी गाय अधिक दूध देती है और जब भी आप डेयरी खोलते हैं तो आपको इन गायों को जरूर रखना चाहिए।

डेयरी बिज़नेस में श्रम बहुत ही महत्वपूर्ण है और बिना श्रम के कोई भी कार्य सफल नहीं होता। आपको अपने डेयरी ऐसे व्यक्ति को रखना होगा जो आपके पशुओं का इन सबके खानें पीने का बहुत अच्छे से ध्यान रख सके। इसके साथ ही जो भी डेयरी की नियमित गतिविधियां है उसके लिए भी एक अच्छी श्रमिक की जरूरत पड़ती है।

7 - टीकाकरण -

दोस्तों गाय और भैंस की उचित देखभाल के लिए उन्हें टीकाकरण की भी आवश्यकता पड़ती है। एक उचित टीकाकरण कार्यक्रम है इन सभी की देखभाल में सफल हो सकता है। इसके लिए आप डॉक्टर से मिल सकते हैं वह आपको उचित टीकाकरण की सलाह अच्छे से देंगे जहां आपको अपने पशुओं को लेकर जाना होगा और टीकाकरण कराना होगा। ताकि आपके पशु हमेशा स्वस्थ और निरोग रहे।

8 - चिकित्सा सुविधा -

डेयरी उद्योग में चिकित्सा सुविधा भी परफेक्ट होनी चाहिए। जब भी आपके पशु बीमार पड़े उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा और डॉक्टर मिल सके। इसके लिए आपको पहले से ही एक डॉक्टर अप्वॉइंट करके रखना होगा जो किसी भी समय सुविधा के अनुसार मिल सके। आपके पशुओं की उचित देखभाल इसी पर निर्भर करती है। दोस्तों यहां पर हमने आपको कुछ बेसिक चीजों या फिर यूं कहें कि सुविधाओं को बारे में जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है। बिना इन सुविधाओं और बेसिक चीजों के किसे दी डेयरी फॉर्म बिजनेस की कल्पना करना नामुमकिन है।

डेयरी फार्म बिजनेस में काम आने वाले मुख्य उपकरण -

दोस्तों पारंपरिक तौर पर यह बिजनेस मैन पावर वाला व्यापार था। पहले के समय में जब डेयरी फार्मिंग का बिजनेस किसी व्यवसायी द्वारा किया जाता था तो उसमें मैन पावर के साथ ही इस बिजनेस को आगे बढ़ाया जाता था। जिससे इस व्यवसाय में काम कर रहे मजदूर को भी कुछ पैसे मिल जाते थे। लेकिन आज के बढ़ते इस आधुनिक दौर और मशीनी युग में डेयरी फार्म के लिए भी मशीनें बाजार में उपलब्ध है तो चलिए जानते हैं कि डेयरी फार्म बिजनेस में ऐसे कौन से उपकरण हैं जो इस्तेमाल में लाए जाते हैं जिनका इस्तेमाल आपको भी इस बिजनेस को शुरुआत में करना होगा।

1 - डेयरी पशु आवास उपकरण -

दोस्तों डेयरी पशु आवास उपकरण जहां हम अपने गाय-भैंसों को रखेंगे। क्योंकि हम एक ऐसा बिजनेस कर रहे हैं जिसमें हमें पशुओं को अच्छे से रखने की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें उनके रहने के लिए आवास भी अच्छी तरीके से बनाने होंगे। क्योंकि हमारे पास गाय-भैंस हर समय रहेंगे और इसलिए हर मौसम चाहे वह गर्मी, सर्दी, बरसात हर मौसम में उनका ध्यान रखने की आवश्यकता है। इसलिए हमें उनके रहने की जगह का चुनाव और उनके रहने की जगह को इस तरीके से बनाना होगा कि वह हर मौसम में अपने आप को उस जगह पर आरामदायक और महफ़ूज महसूस करें।

2 - धुंध शीतलन प्रणाली -

दोस्तों धुंध शीतलन प्रणाली के बारे में बताएं तो इस प्रणाली के तहत हम जानवरों के रहने वाले जगह के वातावरण को उनके रहने के अनुकूल बनाते हैं। मसलन ज्यादा जानवरों के एक साथ रहने पर वहां का वातावरण गर्म हो सकता है। इस प्रणाली के तहत हम वहां के वातावरण को उनके अनुसार कम या ज्यादा कर सकते हैं। जिससे जानवरों को रहने में आसानी हो और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे जिससे हमारे बिजनेस पर उनके स्वास्थ्य का असर ना पड़े।

3 - डेयरी फार्मिंग में खिला उपकरण -

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय में गायों को खाना खिलाने के लिये जिस यंत्र का उपयोग किया जाता है उसे हमे खिला उपकरण कहते है। इस उपकरण की सहायता से हम गायो को खिलाने वाले भोजन को तैयार कर सकते है। इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसायी के लिए इस उपकरण को रखना आवश्यक होता है।

4 - हरा चारा कटर -

इंसान हो या जानवर अगर हर किसी को खाना अच्छे से दिया जाए तो वो उससे बड़े प्यार से खाता है। मसलन अगर हम गाय और भैंस को उनका चारा छोटे छोटे टुकड़ों में देंगे तो उन्हें अपने भोजन को खानें और पचाने में आसानी होगी। हरे चारे को छोटा छोटा काटने के लिए जिस यंत्र का उपयोग करते हैं उसे हरा चारा कटर कहते है और इस उपकरण की सहायता से हम गायो और भैंसों के हरे चारो को मिंटो में आसानी से छोटा छोटा काट कर उनको खिला सकते हैं।

5 - भूसा काटने वाली मशीन -

दोस्तो ज्यदातर गायो को भूसा ही खिलाया जाता हैं जो खाने में उन्हें अच्छा लगता हैं। लेकिन जब हम बाजार से उनके लिए भूसा खरीदते हैं तो वो उनके खाने के लिए अनुकूल नही होते हैं। जिसे उनके खाने के लिए बनाने के लिए उसे मशीन में डाल कर छोटा छोटा काटा जाता है और जिस उपकरण के साथ ये प्रक्रिया पूरी की जाती है उसे ही हम भूसा काटने की मशीन कहते हैं। जिसकी सहायता से भूसा बड़ी आसानी से कट जाता है और गायों को उसे खाने में भी आसानी होती है।

6 - चारा ग्राइंडर -

जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि इस मशीन की सहायता से गायो के चारो को ग्राइंड यानी मिलाया जता है। दोस्तो इस मशीन की सहायता से गाय के चारो की कटिंग और क्रासिंग होती है जो इस मशीन में लगे ब्लेड बड़ी आसानी से करते हैं। इस मशीन की मदद से अनाज को मिलाया जाता है और गाय के खाने के अनुकल तैयार किया जाता है।

7 - दुध दुहने कि मशीन -

दोस्तों पहले गायों से दूध धोने का काम हाथों से किया जाता था लेकिन जो कि अब यह व्यवसाय बड़े पैमाने पर हो रहा है तो इसके लिए मशीनों की सहायता लेना जरूरी हो गया है। दोस्तों आजकल बाजार में गाय के दूध को दोनों के लिए मशीनें भी उपलब्ध है जहां एक और हम गाय से दूध दुहने के लिए एक आदमी द्वारा 10 मिनट लिया जाएगा तो वही आज मशीन की सहायता से हम 10 मिनट में कई गायों के गाय को देख सकते हैं। जिसमें हमारा समय बचता है अगर आप इस व्यवसाय को बड़े पैमाने पर कर रहे हैं तो आपके पास दूध ढूंढने की मशीन में होना आवश्यक है।

8 - स्वचालित मशीन -

क्योंकि इस मशीन से गाय का दूध निकालना सही तो नहीं है क्योंकि इससे गाय को थोड़ी तकलीफ होती है। लेकिन इस मशीन से इस विधि द्वारा हम गाय के दूध को बड़ी तेजी से मिनटों में निकाल सकते हैं। हाथ की अपेक्षा इस स्वचालित मशीन से दूध अधिक तेजी से निकलता है।

9 - दुग्ध पाइपलाइन -

दोस्तों डेयरी फार्म में गाय से दूध को निकालने और उसे एक जगह टैंक में एकत्रित करने के लिए जिस पाइप को मशीन से टैंक में दूध लाने के लिए जोड़ा जाता है उसे हम दुग्ध पाइपलाइन कहते हैं। इस पाइप को एक और टैंक में और एक और गाय के निप्पल से दूध निकालने वाली मशीन में जोड़ा जाता है। जिससे गाय का दूध सीधे निकल कर एक जगह टैंक में बिना कहीं गिरे एकत्रित होता है और गाय से निकली हुई दूध को एक जगह टैंक तक एकत्रित करने का काम यही दुग्ध पाइपलाइन ही करते हैं।

10 - पाश्चराइज्ड उपकरण -

दोस्तों डेयरी फार्म व्यवसाय में सबसे अहम मशीन यह पाश्चराइजर उपकरण ही होता है। गाय से निकले हुए दूध को सीधा हम बेचने के लिए बाहर नहीं भेज सकते हैं। इस मशीन के द्वारा हम गाय के दूध को उचित तापमान पर गर्म रखते हैं और हिलाते हुए ठंडा करते हैं। 

जिसमें इसमें उपस्थित जीवाणु जो हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसान दाई होते हैं नष्ट हो जाते हैं। डेयरी फार्म में गाय से निकले हुए दूध को  पाश्चराइज्ड प्रक्रिया के तहत ही लोगों के पीने के लिए उपयुक्त बनाने के बाद ही इसे पैकेजिंग के लिए आगे भेजा जाता है। एक तरीके से गाय के दूध को लोगों को पीने लायक शुद्ध करने के लिए इस प्रक्रिया को डेयरी फार्म में अपनाया जाता है जिसे पाश्चराइज्ड उपकरण कहते हैं।

11 - सेपरेटर -

दोस्तों डेयरी फार्म में दूध से क्रीम को अलग करने की प्रक्रिया भी की जाती है और उससे अलग-अलग चीजें बनाई जाती हैं। तो एक डेयरी फार्म व्यवसाय में दूध से क्रीम को इसी सेपरेटर प्रक्रिया के तहत पूरा किया जाता है। जिसके लिए फार्म में अलग से जगह बनाई जाती है और दूध से क्रीम को अलग करने की इस प्रक्रिया में जिन मशीनों का इस्तेमाल होता है। वह प्लास्टिक, अलुमिनियम, स्टील आदि के हो सकते हैं जिसके माध्यम से हम दूध से क्रीम ,दही ,मक्खन घी,छाछ आदि बनाते हैं।

12 - टैंक -

दोस्तों क्योंकि हम डेयरी फार्म जैसा बड़ा व्यवसाय कर रहे हैं जिसमें हम ढेर सारे गायों से दूध इकट्ठा करते हैं। तो इन दूध को इकट्ठा करने के लिए हम टैंकों का इस्तेमाल करते हैं गायों से निकले हुए दूध का बड़ा बैच इन टैंकों में ही इक्कठा किया जाता है जिसमें हमारे दूध लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं।

13 - दुध कि टंकियां -

दोस्तों डेयरी फार्मिंग व्यवसाय में गायों से निकले हुए दूध और उससे बने हुवे अन्य पदार्थों या सामानों को अधिक से अधिक समय तक ताजा और फ्रेश रखने के लिए टैंको में उन्हें एकत्रित करना होता है और यह टैंक अलग अलग तरीके के होते हैं। जिन्हें प्री- स्टैक टैंक, दूध टैंक, अंतरिम टैंक और मिक्सिंग टैंक कहते हैं।

डेयरी फार्म बिजनेस शुरू करने से पहले के मुख्य चरण -

दोस्तों अगर आप डेयरी फार्म बिजनेस खोलने के बारे में सोच रहे हैं और आपको यह नहीं पता कि उस बिजनेस को खोलने के लिए उठाने वाले पहले कुछ कदम क्या होंगे तो चलिए अब हम आपको इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। -

1 - योजना बनाएं -

दोस्तों व्यवसाय कोई भी हो उसे शुरू करने से पहले एक निर्धारित योजना बनाना बहुत ही आवश्यक है। ठीक इसी तरह एक डेयरी फार्म व्यवसाय को शुरू करने के लिए व्यवसाई को उसके हर पहलुओं पर योजना बनाने की आवश्यकता होती है। जैसे कि जानवरों के रहने, खाने, उसके स्वास्थ्य से संबंधित सभी देखरेख आदि। एक शब्द में कहा जाए तो इस व्यवसाय में गाय या भैंस के हाउसिंग, फीडिंग, ब्रिडिंग, उनकी संख्याओं का एक योजनाबद्ध तरीके से लक्ष्य बनाना और उस पर ही आगे बढ़ना इस व्यवसाय में कदम रखने वाले व्यवसाय के लिए लाभदायक हो सकता है।

2 - आसपास डेयरी रिसर्च करें - 

एक डेयरी फार्म व्यवसाई को इस व्यवसाय में कदम रखने से पहले खुद पहले कई डेयरी फार्म का रिसर्च जरूर कर लेना चाहिए। इसके लिए आप चाहे तो कुछ दिन किसी डेरी फार्म में काम करके भी इस बिजनेस से संबंधित सभी जरूरी काम आने वाली चीजों और उसे चलाने के लिए आवश्यक निवेश के बारे में जमीनी स्तर पर पता कर पाएंगे। 

यही नहीं अगर आप डेयरी फार्म की जानकारी लेने के लिए किसी डेयरी फार्म का रिसर्च कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उसके मालिक से जितनी ज्यादा से ज्यादा जानकारी आप प्राप्त कर सकते हैं उन सवालों को लिस्ट बनाकर रखें और वहां जाने पर उससे पूछ कर अपने संसय का निदान कर सकते हैं। आपको यह भी बता दें कि जब आप किसी डेयरी फार्म का रिसर्च करने जाएं तो वहां के व्यक्ति को यह ना बताएं कि आप भी यह व्यवसाय करना चाहते हैं। वरना कोई भी प्रतिद्वंदी अपने प्रतिद्वंदी को सारी बातें नहीं बताता जिससे जानकारी के अभाव में इस व्यवसाय में आपको घाटा भी हो सकता है।

3 - पशुओं से संबंधित जानकारी इकट्ठी करें -

दोस्तों क्योंकि डेयरी फार्म व्यवसाय एक पशुपालन व्यवसाय है। इसलिए इस व्यवसाय में आने से पहले  गाय-भैंसों से संबंधित जानकारी भी प्राप्त करना हमारे लिए बहुत जरूरी हो जाता है। मसलन कि जब हम एक डेयरी फार्म में गाय भैंसों को रखेंगे तो उसके लिए हमें किन किन बातों को ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। जानवरों को किस चीज से परेशानी होती है और उन्हें क्या खाने पीने से नुकसान होता है या क्या खाना पीना उनके लिए फायदेमंद है। 

किस मौसम में यह जानवर किस तरीके का व्यवहार करते हैं आदि। इन सभी बातों कि भी जानकारी रखना इस व्यवसाय में हमारे लिए जरूरी हो जाता है। इसके लिए हम नजदीकी पशु चिकित्सक से मिलकर पशुओं के बारे में और जानकारी भी प्राप्त कर सकते है।

4 - वित्तिय प्रबंधन -

दोस्तों जब तक आप आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होंगे आप किसी भी बिजनेस को अच्छे से नहीं कर सकते हैं। वैसे तो आप शुरुआती दौर में इस बिजनेस को कम निवेश के साथ भी इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं। लेकिन अगर आप इस व्यवसाय को बड़े पैमाने पर खोलने की सोच रहे हैं तो आपको अच्छे से वित्तीय प्रबंध करने की आवश्यकता है। 

मसलन बड़े पैमाने पर इस व्यवसाय को खड़ा करने के लिए जानवरों के रहने की अच्छी व्यवस्था उनके खाने-पीने की सभी पोषक सामग्रियों को जुटाना पशुओं के स्वास्थ्य संबंधी दवाओं और रूटीन चेकअप में भी आपके पैसे खर्च होंगे। इन सभी बातों का बारीकी से ध्यान रखते हुए इन पर रिसर्च करने के बाद ही आप इस बिज़नेस में बड़े पैमाने पर निवेश करने के बारे में सोचे।

5 - स्थान का चयन -

इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले जिस बात पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है वह है स्थान का चयन। दोस्तों इस व्यवसाय में कदम रखने से पहले हमें अपने डेयरी फार्म को खोलने के लिए अच्छी जगह चुनने की जरूरत होती है। जैसे कि जब हम पशुओं को रखेंगे तो हमें जगह इतनी पर्याप्त चाहिए कि कई पशु एक साथ आसानी से रह सके। वही आपको कुछ मशीनें लगाने की भी जरूरत होंगी जिसके लिए आपको पर्याप्त जगह चाहिए होगी। 

और इन सबसे बड़ी बात कि आप अपना डेयरी फार्म एक ऐसी जगह खोलें जहां से आप अपने उत्पाद को शहरों तक ले जाने में आसानी हो। वही अगर आप डेयरी फार्म में दूध किसानों से ले रहे हैं तो उन्हें आपके डेयरी फार्म तक पहुंचने में ज्यादा परेशानी का सामना ना करना पड़े।

6 - स्थान में निर्माण -

दोस्तों यह बात तो आपने सुनी होगी कि मन स्वस्थ तो तन स्वस्थ और यह बात सिर्फ मनुष्य पर ही नहीं पशु पक्षियों और जानवरों पर भी लागू होती है। क्योंकि आप एक पशुपालन डेयरी फार्म जैसा व्यवसाय शुरु कर रहे हैं इसलिए इसमें आपको पशुओं को रखने के लिए उचित जगह की आवश्यकता होती है। जिससे कि उनका स्वास्थ्य ठीक रहे वह रोगों से बचे रहें और आपके लिए अधिक से अधिक दूध का उत्पादन कर पाए। इसके लिए जरूरी है कि आप उन्हें अच्छे से रहने के लिए बेहतरीन जगह उपलब्ध कराएं आमतौर पर एक पशु को रहने के लिए 40 वर्ग फीट और खुली जगह मे 80 वर्ग फीट के जगह की आवश्यकता पड़ती है। 

अगर आप यह व्यवसाय छोटे स्तर पर कर रहे हैं तब भी आपको लगभग 3000 स्क्वायर फीट के जगह की आवश्यकता होगी और अगर आप यह व्यवस्थाएं लगभग 100 पशुओं के साथ शुरू कर रहे हैं तो जगह के लिए आपको 15000 स्क्वायर फीट से लेकर 17000 स्क्वायर फीट तक की जरूरत होगी। जगह का निर्माण कराते समय आप इस बात का ध्यान अवश्य दें कि पशुओं के रहने वाले शेड के अंदर ताजी हवा का आना जाना उनके बैठने उठने से लेकर खाने तक के लिए पर्याप्त जगह हो जिससे उन्हें किसी प्रकार की परेशानी ना हो।

7 - कर्मचारी चयन -

दोस्तों जाहिर है कि मशीनीकरण के इस दौर में यूं तो डेयरी फार्म का अधिकतर काम मशीनों से ही हो जाता है। लेकिन फिर भी इसमें कुछ ऐसे काम है जिनके लिए मजदूरों की आवश्यकता पड़ती ही है। क्योंकि यह पशुओं की देखभाल का एक अहम व्यवसाय है और इसलिए इसमें आपको कुछ पारिश्रमिक मजदूरों को रखने की भी आवश्यकता होती है। इसलिए मजदूरों के चयन में ध्यान दें कि वह पारिश्रमिक हो और इसके साथ ही उनके पास इस तरह के कामों को पशुओं के देखभाल का आवश्यक जानकारी और ज्ञान हो।

डेयरी फार्म बिजनेस कैसे शुरू करें?

चलिए दोस्तों हम आपको बताते हैं कि आप अपने डे यरी फार्म बिजनेस प्लान को कैसे शुरू कर सकते हैं और इसके लिए आपको किन चीजों को लेने और किन चीजों का निर्माण कराने की आवश्यकता होगी आइए जानते हैं। -

1 - शेड निर्माण -

दोस्तों जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि डेयरी फार्म व्यवसाय शुरू करने के लिए सबसे पहले तो हमें जानवरों के रहने के लिए व्यवस्था करनी होगी। जिसके लिए हमे शेड यानी छप्पर का निर्माण करना होगा। छप्पर यानी कि शेड निर्माण करते समय आपको इस बात का खासतौर पर ध्यान रखना होगा कि एक पशु के रहने के लिए कम से कम 40 वर्गफीट जगह, वही खुले में 80 वर्गफीट जगह की आवश्यकता होती है। वही अगर आप यह डेयरी फार्म कम पशुओं के साथ शरू कर रहे हैं जैसे कि लगभग 20 गाय है तो उसके लिए लगभग 3000 स्क्वायर फिट जगह की जरूरत होगी। 

लेकिन वही दूसरी ओर इस बिज़नेस को बड़े स्तर पर लगभग शुरुआत में ही 100 गाय- भैस के साथ शुरू कर रहे हैं तो इसके लिए आपको जगह का चुनाव भी बहुत बड़ा करना होगा। इसके लिए हमे लगभग 15000 से 17000 स्क्वायर फिट जगह की आवश्यकता होगी। जिसमें हमारे पशु आराम से रह सके और अच्छे वेंटिलेशन और अच्छे स्वास्थ्य के साथ हमारे लिए ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादित करे। शेड निर्माण के साथ-साथ उसके हाइजीन का भी ख्याल रखना आवश्यक होता है। 

जिससे कि पशुओं के स्वास्थ्य पर गंदगी से कोई असर ना पड़े और पशुओं के आराम से रहने के लिए और उसमें किसी तरीके से पानी का ठहराव ना हो उसके लिए जमीन को अच्छी तरीके से अनुकूल रूप से तैयार करना भी आवश्यक होता है।

2 - चारा प्रबंधन -

दोस्तों जाहिर सी बात है कि यदि हमें पशुओं से ज्यादा दूध उत्पादित कराना है तो उसके लिए हमें उनको चारा भी भरपूर देना होगा। जिसके लिए आपको उनको हर तरीके के पौष्टिक आहार का प्रबंध करने की जरूरत होगी। गाय-भैंसों को हम चारा तो खिलाते हैं इसके अलावा भी हमें उन्हें कुछ पौष्टिक खाद्य पदार्थों को देना जरूरी होता है। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि गाय-भैंसों को 3 तरीके से खाना देना होता है जैसे कि सूखा चारा, हरा चारा और खनिज मिश्रण। 

सूखे चारे में गाय को भूसा, पुआल, चोकर जैसे खाने के पदार्थ देते हैं। तो वहीं हरे चारे में ऐसे हरे घास जिममें प्रोटीन की मात्रा हो को गाय-भैंसों को चारे के रूप में देते हैं जैसे चना, मक्का, मसूर, संकर घास, तो वही खनिज की कमी से बचाने के लिए उन्हें खनिज युक्त खाद्य पदार्थों को देना आवश्यक होता है। जिससे उनके खाने-पीने से संबंधित पौष्टिक आहार में किसी प्रकार की कमी ना हो और उनके खाने की आपूर्ति उनके खुराक के हिसाब से बनी रहे। दोस्तो आपको बता दे कि अनुमानतं एक गाय -भैंस के खुराक में एक व्यवसाई के प्रतिदिन का खर्च 200 से 250 रुपये प्रतिदिन का खर्च हो सकता है।

3 - जल आपूर्ति -

दोस्तों शेड में पशुओं के पीने के लिए पर्याप्त पानी और जहां पर उनके रहने का स्थान उस जगह कि साफ सफाई के लिए स्वच्छ पानी की भरपूर व्यवस्था करना आवश्यक होता है। पानी की आवश्यकता सिर्फ पशुओं को ही नहीं अगर आप उनके लिए हरा चारा खुद ही उगा रहे हैं तो उसके लिए भी आपको पर्याप्त पानी की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिए आप अपने डेयरी फार्म में बोरिंग भी करा सकते हैं या फिर बड़ा टैंक बनवा कर भी उसको अच्छे से भरकर डेयरी फार्म में आवश्यकता पड़ रहे जल की आपूर्ति को पूरा कर सकते हैं।

4 - डेयरी नस्लों का चयन -

दोस्तों इस व्यवसाय की खास बात यह है कि आप अपने सुविधा अनुसार और वातावरण के अनुकूल नस्लो का चुनाव कर सकते हैं। जो गाय भैस  ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन करते हो उनकी कुछ ऐसी देशी और विदेशी नस्ले है जो भारत मे हर मौसम के मुताबिक अपने आप को अनुकूल रखती है और दूध भी ज्यादा देती हैं। जिनमें भारतीय साहीवाल, एचएफ गायों (होल्सटीन पश्चिमी) की क्रॉस ब्रीड या लाल सिंधी, साहीवाल या जर्सी ये उन नस्ल की गायो में से मानी जाती है जो लगभग 20 से 25 लीटर दूध प्रतिदिन देती हैं। 

एक व्यवसाई को इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि अच्छे व्यवसाय के लिए अच्छे नस्ल की गायों का चुनाव करना डेयरी फार्मिंग व्यवसाय के लिए कितना आवश्यक होता है। एक डेयरी फार्मिंग व्यवसाई को इसके लिए अपने आसपास के खेतों का भ्रमण करें और विभिन्न नस्ल की गायों का पता लगाएं जो व्यवसाय के हिसाब से उपयुक्त है और हमारे लिए लाभकारी हैं जिसे चुनकर हम अपने व्यवसाय में आगे लाभ कमा सकते हैं।

5 - प्रबंधन देखभाल -

दोस्तों कोई भी व्यवसाय को चलाने के लिए अच्छे प्रबंधन या फिर यूं कहें एक बेहतरीन मैनेजमेंट टीम का होना बहुत ही जरूरी होता है। इसलिए आपको अपने डेयरी फार्म के प्रबंधन और उसके देखभाल पर भी ध्यान देने की भी बहुत आवश्यकता है। आपको समय-समय पर अपने डेयरी फार्म का निरीक्षण करते रहने की आवश्यकता है और आपके डेयरी फार्म में किस प्रकार के सामान और किसी प्रकार क्षति हो तो उसकी मरम्मत करना आवश्यक होता है। इसके साथ ही आपको अपने पशुओं के रहने वाली जगह और डेयरी फार्म में प्रयुक्त हो रहे हैं मशीनों का समय-समय पर चेकिंग करना भी बहुत आवश्यक है। 

वही पशुओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को समय-समय पर इकट्ठा करते रहना और अपने डेयरी फार्म के आय-व्यय का प्रबंधन और देखरेख करना भी डेयरी फार्म व्यवसाय में आवश्यक होता है। अगर अपने व्यवसाय का प्रबंधन और मेंटेनेंस आप स्वयं कर रहे हैं तो यह आपके लिए और जिम्मेदारी भरा काम हो जाता है। इसके लिए आपको हमेशा तैयार रहने की आवश्यकता होती हैं कि हमारे डेयरी फार्म में कब किस तरीके की समस्या आए और उसे किस तरीके से उसका निदान करना है इन सब का ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है। हालांकि आप चाहे तो इसके लिए किसी अनुभवी व्यक्ति को नियुक्त कर सकते हैं।

6 - टिकाकरण कार्यक्रम -

दोस्तों डेयरी फार्म में आपको समय-समय पर अपने पशुओं के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है। क्योंकि आपके बिजनेस का आधार ही गाय -भैंस है अगर उनके स्वास्थ्य पर कोई असर होगा तो उसका सीधा प्रभाव आपके व्यवसाय पर पड़ेगा। इसलिए आपको अपने पशुओं की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियों को समय-समय पर एकत्रित करने और पशु चिकित्सक से परामर्श के साथ उनके टीकाकरण के कार्यक्रम को भी चलाना आवश्यक होता है। 

जिससे समय-समय पर उनके स्वास्थ्य की जानकारी हमें मिलती रहें और समय-समय पर उनके जरूरी टीकाकरण भी होते रहे जिससे कि ना पशुओं के स्वास्थ्य पर कोई हानि हो और ना ही आपके व्यवसाय पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव पड़े।

7 - गाय और भैंसों से दूध निकालना -

इन सभी बातों पर ध्यान देने के बाद आपको इस बात पर ध्यान देना है कि आप गाय भैसों का दूध कैसे निकालेंगे और उसे किस तरीके से स्टोर करेंगे। दोस्तों आप डेयरी फार्म का व्यवसाय ही दूध और उससे जुड़े उत्पादों को बेचने के लिए कर रहे हैं। इसलिए आपके लिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि गाय भैंस आपके लिए ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन करें। लेकिन पशुओं के दूध उत्पादन करने के बाद आप उसको किस तरीके से निकालेंगे और कैसे रखेंगे इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। 

अगर आप इस काम के लिए किसी व्यक्ति को रखते हैं तो वह लगभग एक गाय से दूध निकालने में 10 मिनट का समय लेगा और इसमें काफी वक्त लग जाएगा। लेकिन यही काम मशीनें बहुत ही कम समय में ज्यादा से ज्यादा दूध निकालकर एकत्रित कर देंगे जिसे आप बड़े बड़े टैंको में एकत्रित करके ज्यादा समय तक फ्रेश रखकर उसकी पैकेजिंग करके बाजार में बेचने के लिए उपलब्ध करा सकते हैं। इसलिए हमें गाय भैंसों से दूध निकालने की प्रक्रिया पर भी बारीकी से ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

डेयरी फार्म बिजनेस का मार्केट डिमांड -

दोस्तों जब भी कोई भी बिजनेस शुरू करते हैं तो उसकी मार्केट डिमांड का ध्यान हमें रखना बहुत जरूरी होता है। आज हम देख रहे होंगे कि हमारी बढ़ती आबादी है पूरी आबादी को दूध मिलना मुश्किल हो रहा है।ऐसे मे डेयरी उद्योग काफी तेजी से विकास कर रहा है और यह एक ऐसा उद्योग है जिसमें कभी मंदी नहीं आ सकती। क्योंकि इस दुनिया में दूध की मांग कभी कम नहीं होती। बल्कि आने वाले दिनों के साथ ही बढ़ती ही जा रही है। इसलिए की मार्केट डिमांड काफी अच्छी है और इसका बिजनेस करना भी अच्छा रहेगा।

डेयरी फार्म बिजनेस में लागत -

दोस्तों के साथ कोई भी हो उसमें हमें कम या ज्यादा निवेश तो करना ही होता है। डेयरी फार्म बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जिसे आप केवल एक पशु से भी शुरू कर सकते हैं। दोस्तों मान लेते हैं कि हम डेयरी उद्योग 10 पशुओं से शुरू कर रहे हैं। उसके लिए हमें इंफ्रास्ट्रक्चर भी बनाना होगा जगह का निर्माण छत का निर्माण यदि इन सभी को जोड़ा जाए तो 50 हजार रूपये तक खर्च होंगे। उसके बाद उनके चारा की व्यवस्था, दवाई चिकित्सक कर्मचारी का खर्च इन सभी को जोड़ा जाए तो 5 से 6 लाख तक का बजट आएगा।

डेयरी फार्म बिजनेस व्यापार का पंजीकरण -

दोस्तों जब भी हम कोई भी बिजनेस शुरू करते हैं। तो उसका पंजीकरण कराना बहुत जरूरी होता है बिना पंजीकरण के हम मार्केट में काम को शुरू नहीं कर पाते। हर चीज का अलग अलग तरीके से पंजीकरण होता है वैसे ही दूध या डेरी संबंधी प्रोडक्ट का बिजनेस का अगर पंजीकरण किया जाए तो वह भी अलग तरीके से होता है। इसलिए जब भी आप डेयरी स्टार्ट करें तो उसका नाम जरूर सोच ले। आप जहां पर भी यह डेयरी उद्योग शुरू करना चाहते हैं वहां के स्थानीय प्राधिकरण बोर्ड में जाकर पंजीकरण कराएं। FSSAI लाइसेंस और वैट पंजीकरण कराने की भी आवश्यकता पड़ती है। 

इसमें आपका जो भी खर्च आएगा वह खर्च आपको खुद ही वहन करना पड़ेगा। इसके अलावा आपको कुछ और लाइसेंस और टेक्स् के लिए भी आवेदन करना होता है। जो कि आपके बिजनेस आय और व्यय पर निर्भर करता है। निम्नलिखित दस्तावेजों के बिना आप डेयरी फार्म बिजनेस प्लान को शुरू नहीं कर सकते हैं इसलिए डेयरी व्यवसाय को शुरू करने से पहले इन सभी आवश्यक दस्तावेजों व्यापार लाइसेंस और टैक्स से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को जरूर प्राप्त कर लें।

डेयरी फार्म बिजनेस रिस्क -

दोस्तों कोई भी हो बिना जोखिम के हम उसमें आगे नहीं बढ़ सकते हैं। हालांकि यह अलग बात है की हर क्षेत्र में अपने अलग-अलग तरह के जोखिम होते हैं। जिनका हमे कभी ना कभी सामना करना ही पड़ता है। ठीक इसी तरह डेयरी फार्म बिजनेस में भी कुछ जोखिम है। अगर आप निम्नलिखित बातों का अच्छे से ध्यान रखेंगे तो आपको नुकसान होने की गुंजाइश बहुत ही कम हो जाएगी।

1. अच्छी नस्ल की गाय और भैंस की खरीदी इससे आपका बिजनेस अच्छा चलेगा अगर गाय और भैंस अच्छी नहीं रही तो डेरी बिजनेस डूब भी सकता है।

2. पशुओं की अच्छी देखभाल करें जिससे वह स्वस्थ रहें और अच्छा दूध दे अगर पशु बीमार रहा तो दूध भी बीमार ही रहेगा। समय-समय पर उनकी जांच करवाएं और उनकी वैक्सीनेशन भी करवाते रहें ताकि वह बीमार ना पड़े।

3. पशुओं को कभी भी इंजेक्शन से दूध ना पैदा करें उन्हें चारा पानी और भूसे से ही दूध की मात्रा बढ़ाएं। इसके अलावा उन्हें ताजा और हरा भरा भोजन उपलब्ध कराएं बांसी और दूषित भोजन से वह बीमार पड़ सकते हैं।

4. अगर इसके बिजनेस की बात करें तो सभी कागजी कार्रवाई को दुरुस्त रखें। ताकि भविष्य में आप लोन हेतु भी आवेदन कर सकें।

5. गाय और भैंस की स्वास्थ्य के साथ साथ आसपास के वातावरण पानी इत्यादि के साफ सफाई  का भी ध्यान रखें।

6. इन सबके साथ डेयरी फार्म बिजनेस में प्रबंधन का भी अपना अलग महत्व है इसलिए एक दुरुस्त प्रबंधन टीम को तैयार करें जिससे आपको बिजनेस में ना हो और आप हमेशा इस क्षेत्र में बने रहे।

डेयरी बिजनेस हेतु लोन -

दोस्तों अगर आप भी डेयरी फार्म बिजनेस प्लान शुरू करने या फिर उसे आगे बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं और अगर आपके पास वित्त व्यवस्था की कमी है तो आप सरकार के द्वारा इस व्यवसाय के लिए प्रदान की जाने वाली लोन हेतु आवेदन कर सकते हैं। निम्नलिखित बैंकों में लोन हेतु आवेदन करने के लिए प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज अलग अलग हो सकते हैं। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार नीचे दिए गए किसी भी बैंक में लोन हेतु आवेदन कर इस व्यवसाय को शुरू अथवा आगे बढ़ा सकते हैं।

1 - NABARD डेयरी योजना -

दोस्तों नाबार्ड डेयरी योजना के बारे में जानने से पहले आपको यह जानना आवश्यक है कि नाबार्ड क्या होता है। दोस्तों ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसाई और उसके उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा एक बैंक का निर्माण किया गया। जिसे नेशनल बैंक ऑफ एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट यानी नाबार्ड कहा जाता है। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के व्यवसायियों को उनके व्यवसाय में आर्थिक रूप से मदद करने के लिए इस बैंक द्वारा लोन दिया जाता है। 

इसी के तहत डेयरी फार्म के व्यवसाय के लिए भी लोन देने के लिए एक योजना चलाई जाती है।‌ जिसे डेयरी उद्धम विकास योजना कहते हैं जो नाबार्ड के तहत चलाई गई योजना है। इसके अंतर्गत आप ऐसे व्यवसायी जो डेयरी फार्म का व्यवसाय करना चाहते हैं या फिर डेयरी फार्म का व्यवसाय कर रहे हैं और अपने व्यवसाय में और विकास चाहते हैं तो इसके लिए वह नाबार्ड के इस डेयरी उद्धम विकास योजना के तहत अपने डेयरी फार्म बिजनेस के लिए लोन ले सकते हैं। 

हालांकि इस योजना के अंतर्गत आपको लोन आपके गायों की संख्या पर निर्भर करता है जैसे कि अगर आप 10 गायों के साथ अपना यह व्यवसाय शुरू कर रहे हैं तो आपको 7.5 लाख तक का लोन मिल सकता हैं।जिसमें आपको 25- 33 के अनुपात में सब्सिडी भी दी जाती है और मतलब कि यदि आप ओबीसी जाति वर्ग में आते हैं तो आपको 25% की सब्सिडी लोन प्रदान कि जाएगी। वहीं यदि आप महिला या SC-ST जाति वर्ग के अंतर्गत आते हैं तो आपको 33.33% की सब्सिडी दी जाएगी। 

तो यदि आप बैंक से 7.5 लाख का लोन लेते हैं तो आपको 1.75 लाख की सब्सिडी दी जाएगी। मतलब कि आप को बैंक को सिर्फ 5.25 लाख ही बैंक को चुकाने होंगे। इस लिहाज से हम यह कह सकते हैं कि यह आपके लिए बहुत ही बेहतरीन सौदा साबित हो सकता है।

2 - SBI डेयरी फार्म बिज़नेस लोन –

दोस्तों आप अपने डेयरी फार्म बिजनेस के लिए एसबीआई से भी डेयरी फार्म बिजनेस लोन ले सकते हैं। दोस्तों एसबीआई इंडिया का सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर बैंक है जिसके बारे में हर कोई जानता है। इस बैंक द्वारा वर्षों से ही हर किसी को उसके जरूरतों के लिए लोन मुहैया कराया जाता है तो और अब अगर आप अपने डेयरी फार्म बिजनेस के लिए भी एसबीआई से लोन ले सकते हैं। एसबीआई कोई भी सिंगल व्यक्ति या फिर पार्टनरशिप में काम कर रहे व्यक्तियों, ट्रस्ट, कंपनी ऐसे लोग एसबीआई से डेयरी फार्म बिजनेस प्लान के लिए लोन प्राप्त करने के लिए एलिजिबल होते हैं। 

एसबीआई डेयरी फार्म के लिए लोन कम से कम इस बात पर देता है कि आपके यहां 1000 लीटर दूध की उत्पादन होती हो। वही आप एसबीआई से डेयरी फार्म हेतु लिए गए लोन को 7 वर्ष तक के न्यूनतम अवधि तक लोन चुका सकते हैं। इस लोन को लेने के लिए आपको अपने कुछ पर्सनल डॉक्यूमेंट को एसबीआई बैंक में जमा करना होता है। जिसमें आपके आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और कुछ बिजनेस डाक्यूमेंट्स जमा किए जा सकते हैं। दोस्तों आप एसबीआई डेयरी लोन के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए एसबीआई की ऑफिशियल साइट पर भी लॉगइन कर सकते हैं।

3 - PMMY के तहत मुद्रा लोन : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया -

दोस्तों देश में युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक योजना लाई गई जिसका नाम है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना। इसके तहत ग्रामीण व शहरी इलाकों में अपने व्यवसाय को शुरू करने के लिए बैंकों द्वारा कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान किया जाता है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से आप 3 तरीके के लोन के द्वारा अपने डेयरी फार्म उद्योग के लिए लोन प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत आपको  50 हजार से 10 लाख तक का लोन मिल सकता है लेकिन यह लोन तीन श्रेणियों में बांटा गया है। 

यह श्रेणीयों हैं शिशु, किशोर और तरुण जहां शिशु कैटेगरी के अंतर्गत आपको 50 हजार तक का लोन मिल सकता है, वहीं किशोर कैटेगरी के लिए आपको 50 हजार से 5 लाख तक का लोन दिया जाता है और आखिरी मे वही तरुण कैटेगरी में आपको 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक का लोन बिना किसी गारंटी के पीएम मुद्रा योजना के तहत आपको लोन दिया जाता है। यही नहीं अगर आप समय से बैंक द्वारा ली गई राशि का भुगतान कर देते हैं तो आपको ब्याज दरों में माफी भी मिल जाती हैं।

4 - पीएनबी डेयरी फार्म लोन – पंजाब नैशनल बैंक

दोस्तों डेयरी फार्म व्यवसाय शुरू करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक भी व्यवसायी को लोने देता है। पंजाब नेशनल बैंक तीन कारणों के लिए आपको डेयरी फार्म व्यवसाय के लिए लोन देता है। जिसमें पहला पशु पालन करके पैसे कमाना, वहीं किसी बछड़े को खरीद कर उसे बड़ा करके दूध देने से पहले उसे बाजार में बेचने में, वहीं तीसरा किसी इनोवेटिव आइडियाज के साथ जैसे गाय ब्रीडिंग सेंटर या फिर मिल्क प्रोड्यूसर सेंटर आदि जैसे डेयरी फार्म के व्यवसाय के लिए पंजाब नेशनल बैंक व्यवसाई को लोन देता है। 

लेकिन पंजाब नेशनल बैंक लोन देने से पहले व्यवसाय से उसके प्रोजेक्ट रिपोर्ट की डिमांड करता है। यह उसकी एक शर्त है और जिसको पुरा करने के बाद ही आपको लोन मिल पाता है। पंजाब नेशनल बैंक से लिए गए लोन को आप 5 साल तक की अवधि तक जमा कर सकते हैं। पंजाब नेशनल बैंक एक शर्त के साथ में डेयरी व्यवसाय को लोन देता है कि उसके डेरी फार्म में एक गाय कम से कम 6.5 लीटर दूध प्रतिदिन देती हो।

5 - फेडरल बैंक डेयरी फार्म योजना -

दोस्तों डेयरी फार्म बिजनेस प्लान के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया भी व्यवसायियों को लोन उपलब्ध कराता है। इसमें फेडरल बैंक ऑफ इंडिया एक नया डेयरी फार्म शुरू करने या मौजूदा डेयरी फार्म के विस्तार के लिए लोन देता हैं। इस सुविधा का लाभ सावधि ऋण दुधारू पशुओं/उपकरणों/बर्तनों/वाहनों/चारा/दूध वैन/रेफ्रिजरेटर आदि की खरीद के लिए और पशु शेड के निर्माण/नवीनीकरण/विस्तार के लिए या नकद ऋण हरा चारा उगाने के लिए कार्यशील पूंजी के लिए के रूप में लिया जा सकता है।व्यवसाई को बैंक द्वारा लिए गए ऋण को निश्चित अवधि में ब्याज के साथ लौटना जरूरी होता है। आप अपने व्यवसाय को शुरू करने अथवा उसे आगे बढ़ाने के लिए यहां पर लोन हेतु आवेदन कर सकते हैं।

6 - बैंक ऑफ इंडिया डेयरी फार्म योजना -

दोस्तों अपना डेयरी फार्म बिजनेस शुरू करने या अपने डेयरी फार्म के विकास के लिए आप बैंक ऑफ इंडिया से भी लोन ले सकते हैं। बैंक ऑफ इंडिया से लोन लेने के लिए आपको अपने कुछ डॉक्यूमेंट वहां जमा करने होते हैं। वही अगर आप 1 से 5 लाख तक का लोन लेते हैं तो आपको बिना गारंटी के यह लोन मिल जाता है। बस आपको उनकी मार्जिन को देना पड़ता है जो 15 से 25 तक का होता है।

वही बैंक से लोन ली गई धनराशि पर आपको 12 से 13% तक का ब्याज भी देना पड़ता है। आप बैंक ऑफ इंडिया से अपने डेयरी फार्म के लिए प्राप्त लोन को 5 से 6 साल तक की अवधि के अंदर जमा कर सकते हैं। बैंक ऑफ इंडिया से डेयरी फार्म हेतु प्राप्त लोन को आप नाबार्ड के तहत भी सैंक्शन करा सकते हैं।

7 - केनरा बैंक डेयरी फार्म योजना -

दोस्तों आप अपने डेयरी फार्म के लिए केनरा बैंक से भी लोन ले सकते हैं। केनरा बैंक का एक अलग भी लोन लेने की सुविधा उपलब्ध कराता है जो कि जिसमें केनरा बैंक किसान क्रेडिट कार्ड्स उपलब्ध करता है और इस कार्ड के अंदर कुछ क्रेडिट की लिमिट होती है। जहाँ 50,000 रुपए लिमिट तक कोई मार्जिन नही होता है लेकिन 50,000 रुपए से  अधिक की राशि पर 15% - 20% मार्जिन होता है और इस कार्ड से किसान या डेयरी फार्म व्यवसायी एक लिमिट तक जरुरत के हिसाब से कोई चीज खरीद सकता है।

8 - बैंक ऑफ बड़ौदा डेयरी फार्म योजना -

दोस्तो डेयरी फार्म व्यवसाय के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा भी व्यवसाई को लोन देती है बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा डेयरी फार्म खोलने के लिए आपको कम से कम 60 हजार से 6 लाख तक का लोन देती है और जिसमें मार्जिन 10% होता है। आपको बता दें कि इस लोन को लेने के लिए किसान, कोई आम व्यक्ति, गैर सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह जैसे लोग इस लोन को लेने के लिए पात्र होंगे। वहीं इस लोन को आप 3 महीने की अवधि से लेकर 5 साल तक की अवधि तक इस लोन की रकम को झुका सकते हैं। 

वह इस लोन को लेने के लिए आपके पास कम से कम 2-6 दुधारू गाय होने चाहिए। जिसकी रिक्वायरमेंट बैंक ऑफ बड़ौदा आप से लोन लेते वक्त कहता है। वही लोन की ब्याज दर आपके द्वारा लोन लेने की आवश्यकता के अनुरूप देना पड़ता है।

9 - HDFC बैंक डेयरी फार्म योजना -

दोस्तों एचडीएफसी बैंक भारत ही नही दुनिया के टॉप 10 बैंकों में गिना जाता है। क्योंकि यह एक प्राइवेट बैंक है लेकिन प्राइवेट बैंक होने के बाद भी यह अपने ग्राहकों को अच्छी सुविधा देता है। आप अपने डेयरी फार्म बिजनेस प्लान के लिए एचडीएफसी बैंक के बिजनेस ग्रोथ लोन को प्राप्त कर सकते हैं जो आपके लिए लाभदाई हो सकता है। इस लोन को आप कम डॉक्यूमेंट और कम ब्याज दर के साथ प्राप्त कर सकते हैं

एचडीएफसी बैंक से डेयरी फार्म बिजनेस को शुरू करने हेतु लिए जाने वाले लोन के लिए आप उसके ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और लोन के लिए इसकी ऑफिशियल साइट पर ऑनलाइन अप्लाई भी कर सकते हैं।

10 - ICICI बैंक डेयरी फार्म योजना -

दोस्तो आईसीआईसीआई बैंक द्वारा व्यवसायी 40 लाख तक का लोन आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। आईसीआईसीआई बैंक द्वारा लोन और उसका ब्याज पूरी तरीके से आपके बिजनेस के प्रकार और आकार पर निर्भर करता है। डेयरी फार्म उद्योग के लिए इस बैंक से लोन लेने के लिए आपके पास कम से कम 2 से 4 दुधारू गाय होना आवश्यक है। 

डेयरी फार्म व्यवसाय के लिए आईसीआईसीआई बैंक से लोन लेने के लिए कोई भी किसान, आम व्यक्ति, संगठन या एनजीओ लोन प्राप्त कर सकते हैं। आईसीआईसीआई बैंक से डेयरी फार्म बिजनेस के लिए लोन लेने के लिए अधिक जानकारी आप बैंक के ऑफिशियल वेबसाइट और टोल फ्री नंबर पर कॉल करके प्राप्त कर सकते हैं।

दोस्तों वर्तमान समय में भारत में डेयरी फार्म बिजनेस प्लान बहुत ही तेजी से ग्रो कर रहा है। इसके साथ इसको और बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा तरह-तरह के लोन और अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं।दोस्तों डेयरी फार्म बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जो बहुत ही निम्न स्तर से शुरू किया जा सकता है और शुरुआत में इसमें बहुत ज्यादा लागल लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन धीरे-धीरे जब आपका बिजनेस बड़े स्तर पर पहुंच जाएं तो आप दूध के अलावा अन्य दूध से बने अन्य उत्पादों को अपने डेयरी बिज़नेस में शामिल कर सकते हैं।

हालांकि इसके लिए आपको अलग-अलग तरह के विभिन्न प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता होती है। जो सरकार के द्वारा आपको प्रदान करती हैं। जिसके लिए आपको एक निश्चित समय अवधि काल के बाद आवेदन करना होता है इन सभी लाइसेंस को प्राप्त करने के बाद आप अपने बिजनेस को न सिर्फ रजिस्टर्ड करा सकते हैं बल्कि बड़े पैमाने पर अपने शहर के बाहर भी बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही आप चाहे तो वित्तीय सहायता हेतु हमारे द्वारा प्रदान की गई ऊपर लोन की जानकारी को प्राप्त कर लोन हेतु आवेदन कर सकते हैं। 

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको डेरी फ्रॉम बिजनेस से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदान करने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हमारा आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा ऐसे ही ज्ञानवर्धक आर्टिकल को पढ़ने हेतु जुड़े रहिए हमारे साथ धन्यवाद।

दूध डेयरी खोलने में कितना पैसा लगता है?

दोस्तों अगर आप निम्न स्तर पर एक दूध डेयरी खोलने के बारे में सोच रहे हैं तो आप को कम से कम 1 लाख से 2 लाख रुपए तक इन्वेस्टमेंट करना पड़ता है। इसके साथ ही अगर हम बड़े स्तर पर दूध डेयरी खोलने की बात करें तो यह लागत बढ़कर 10 लाख से 12 लाख रुपए तक भी हो सकती है।

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय कैसे शुरू करें?

दोस्तों पर हमने डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को शुरू करने से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदान किया है आप चाहे तो उसका अनुसरण कर सकते हैं।

एक भैंस पालने में कितना खर्चा आता है?

दोस्तों यह पूर्ण रूप से आप पर निर्भर करता है कि आप किस नस्ल की गाय और भैंसों को पालना चाहते हैं। जहां कुछ गाय और भैंस 1 लाख से 2 लाख रुपए में मिल जाती हैं तो वहीं कुछ गाय और भैंस की नस्लें 40 लाख से 50 लाख रुपए तक के आसपास मिलती है।

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बकरी पालन का व्यवसाय कैसे शुरू करे ? Goat Farming Business Plan

Goat Farming Business Plan

बकरी पालन का व्यवसाय कैसे शुरू करे ? पूरी जानकरी – Goat Farming Business Plan In Hindi / How to Start Goat Farming Business In Hindi

बकरी पालन व्यवसाय एक ऐसा बिज़नेस आईडिया है जिसे कृषि के साथ आसानी से शुरू किया जा सकता है ! भारत में बहुत से किसान ऐसे है जो कृषि के साथ – साथ बकरी पालन व्यवसाय को अच्छी तरह से कर रहे है और अपनी आय को बढ़ाने में सफल रहे है ! इस व्यवसाय को करने के लिए किसी विशेष योग्यता और ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती है ! इसे कोई भी व्यक्ति आसानी से बहुत ही कम लागत के साथ शुरू कर सकते है और अच्छा पैसा कमा सकता है ! दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम बकरी पालन व्यवसाय ( Goat Farming Business ) की पूरी जानकरी आपको प्रदान करने वाले है ! उम्मीद करते है यह जानकरी आपको जरुर पसंद आयेगी ! तो आइये शुरू करते है Goat Farming Business Plan In Hindi

बकरी पालन का व्यवसाय कैसे शुरू करे ? पूरी जानकरी – Goat Farming Business Plan In Hindi

  • 1.0.1 बकरियों की नस्ल
  • 1.0.2 बकरी पालन की मुख्य बाते
  • 1.0.3 स्थान की आवश्यकता
  • 1.0.4 बकरी फार्म की लागत
  • 1.0.5 बकरी पालन से लाभ
  • 1.0.6 बकरी पालन के लिए ट्रेनिंग
  • 1.0.7 रोग निवारण और वैक्सीनेशन
  • 1.0.8 बकरियों को कहाँ व् कैसे बेचे
  • 1.0.9 सरकारी सहयोग

बकरियों की नस्ल

हमारे देश में विभिन्न प्रकार की बकरियों की नस्ल पाई जाती है ! सबसे पहले आपको यह तय करना है कि आप किस उद्देश्य के लिए बकरी पालन करना चाहते है , फिर उस हिसाब से बकरियों की नस्ल का चयन करना चाहिए ! यहाँ हम कुछ बकरियों की नस्ल की जानकरी दे रहे है –

  • जमुनापरी बकरी : यदि आप दूध बेचने के उद्देश्य से बकरी पालन कर रहे है तो जमुनापरी बकरी की नस्ल काफी अच्छी मानी जाती है ! क्योंकि इस नस्ल की बकरी अन्य नस्ल की बकरियों की तुलना में अधिक दूध देती है ! इसके अलावा इनका दूध काफी स्वादिष्ट भी होता है ! इस नस्ल की बकरी अधिकतर उतरप्रदेश में पाई जाती है ! इस नस्ल की बकरी का प्रजनन साल में एक ही बार होता है ! अधिकतर यह बकरी एक बार में एक बच्चा ही पैदा करती है ! परिपक्वता के समय इस नस्ल के बकरे का वजन लगभग 50 से 60 किलो तथा बकरी का वजन 40 से 50 किलो के बिच होता है !
  • सिरोही बकरी : बकरी की यह नस्ल राजस्थान में अधिक पायी जाती है ! यही कारण है कि इसका नाम राजस्थान के सिरोही जिले के नाम पर रखा गया है ! इस नस्ल की बकरी का पालन आमतौर पर मांस और दूध दोनों प्राप्त करने के लिए किया जाता है ! यह बकरी साल में दो बार प्रजनन करती है तथा अधिकतर एक बार में यह एक बच्चा ही पैदा करती है ! परिपक्वता के समय इस नस्ल की बकरी का वजन लगभग 35 किलो तथा बकरे का वजन 30 किलो के आसपास होता है !
  • बीटल बकरी : जमुनापरी के बाद इस नस्ल की बकरी दूध देने में अच्छी है ! इस नस्ल की बकरी का पालन अधिकतर दूध के लिए किया जाता है ! पंजाब और हरियाणा में इस नस्ल का पालन अधिक किया जाता है ! परिपक्वता के समय इस नस्ल के बकरे का वजन 50 से 60 किलो तथा बकरी का वजन 40 से 45 किलो के आसपास होता है ! इस नस्ल की बकरी साल में दो बार प्रजनन करती है तथा अधिकतर यह जुड़वाँ बच्चो को जन्म देती है !
  • अफ्रीकन बोर बकरी : इस नस्ल की बकरी का पालन खास तौर पर मांस प्राप्त करने के लिए किया जाता है ! इस नस्ल की बकरी की खास विशेषता यह होती है कि बहुत ही कम समय में इसका वजन काफी ज्यादा बढ़ जाता है जिससे इसके पालन से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है ! अधिकतर मामले में यह बकरियां जुड़वाँ बच्चो को ही जन्म देती है ! यह बकरी अफ्रीका की नस्ल है इसलिए इसे अफ्रीकन नस्ल के नाम से जाना जाता है ! परिपक्वता के समय इस नस्ल के बकरे का वजन लगभग 70 से 90 किलो तथा बकरी का वजन 40 से 50 किलो के बिच रहता है !
  • ब्लैक बंगाल बकरी : इस नस्ल की बकरी अधिकतर बांग्ला देश में पायी जाती है ! परन्तु भारत में पश्चमी बंगाल , बिहार तथा उड़ीसा में भी इस नस्ल का पालन किया जाता है ! इस नस्ल की बकरी का पालन मुख्य रूप से मांस प्राप्त करने के लिए किया जाता है ! यह बकरियां साल में दो बार प्रजनन करती है तथा एक साथ दो या तीन बच्चे पैदा करने की क्षमता रखती है ! परिपक्वता के समय इस नस्ल के बकरे का वजन 25 से 30 किलो तथा बकरी का वजन 20 से 25 किलो के आसपास रहता है !

बकरी पालन की मुख्य बाते

  • स्थान का चयन : बकरी पालन के लिए आपको ऐसे स्थान का चयन करना चाहिए जहाँ आबादी क्षेत्र न हो , हो सके तो इनके पालन के लिए ग्रामीण इलाके का चयन करे !
  • शेड का निर्माण : बकरी पालन के लिए एक सही जगह का चयन कर लेने के पश्चात् आपको उसके रहने के लिए एक अच्छे शेड का निर्माण करना चाहिए ! यह शेड ऐसा होना चहिये जहाँ हवा आसानी से आ – जा सके !
  • पेयजल और साफ – सफाई : बकरी पालन के लिए आपको उनके लिए स्वच्छ पेयजल और अच्छी साफ – सफाई की व्यवस्था का भी ध्यान रखना चाहिए !
  • बकरियों की संख्या : बकरियों की संख्या उस हिसाब से रखे , जितना बड़ा आपका शेड हो ! अनावश्यक रूप से इनकी भीड़ को नहीं बढ़ाना चाहिए !
  • समान नस्ल : आपको बकरी पालन के लिए एक साथ अलग – अलग नस्ल को नहीं पालना चाहिए ! एक साथ एक ही प्रकार की नस्ल का पालन करना चाहिए !

स्थान की आवश्यकता

बकरी पालन के लिए जितनी आपकी बकरियों की संख्या रहेगी , उस हिसाब से स्थान की आवश्यकता होती है ! अमूमन यदि आप 100 बकरियों का पालन कर रहे है तो इसके लिए आपको 1000 से 1200 वर्ग फिट जगह की आवश्कता पड़ती है ! आप अपने हिसाब से जगह को थोडा कम या अधिक भी कर सकते है !

बकरी फार्म की लागत

बकरी फार्म की लागत इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितनी बकरियों का पालन कर रहे है ! अगर शुरुआती निवेश की बात करे तो आपको इसके लिए 3 से 4 लाख रूपये का निवेश करना होता है ! इसमें आपको बकरियों के लिए टिन शेड की व्यवस्था , चारा , दानी – पानी तथा शुरुआती बकरियां खरीदने आदि लागत शामिल है !

बकरी पालन से लाभ

बकरी पालन में अगर मुनाफे की बात करे तो यह साल दर साल बढ़ता जाता है ! इसमें आपको महीने के हिसाब से बंधा – बंधाया लाभ नहीं मिलता है ! अगर शुरुआती लाभ की बात करे तो यह 1.5 से 2 लाख रूपये सालाना हो सकता है ! आपको मिलने वाला यह लाभ फिक्स नहीं रहता है बल्कि यह साल दर साल बढ़ता जाता है ! क्योंकि की समय के हिसाब से बकरियां बच्चे पैदा करेगी जिससे आपको होने वाली आय भी बढ़ेगी !

बकरी पालन के लिए ट्रेनिंग

आजकल ग्रामीण लोगो के साथ – साथ शहरी लोग भी बकरी पालन की और बढ़ रहे है , ऐसे में बकरी पालन के लिए ट्रेनिंग की आवश्यकता हो जाती है ! बकरी पालन की ट्रेनिंग में आपको बकरी की नस्ल , उनके खान – पान , वैक्सीनेशन , रहने का स्थान तथा बेचने आदि के बारे विस्तार से जानकरी दी जाती है ! भारत में बकरी पालन के प्रशिक्षण का सबसे अच्छा संस्थान केन्द्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र है जो कि उतरप्रदेश के मथुरा में है ! आपको इस प्रशिक्षण के लिए 8 से 10 हजार रूपये खर्च करने होते है !

रोग निवारण और वैक्सीनेशन

यदि आप बकरी पालन का व्यवसाय कर रहे है या फिर करने की सोच रहे है तो आपको उनके होने वाले रोगों के बारे में भी जानकारी होना बहुत जरुरी है ताकि आप समय पर उनके रोग का निवारण कर सके ! आपको समय – समय पर उनके वैक्सीनेशन का भी ध्यान रखना चाहिए ताकि बकरियों को भावी बीमारियों से बचाया जा सके !

बकरियों को कहाँ व् कैसे बेचे

यदि आपको बकरियों को अच्छी जगह बेचने की जानकरी है तो आप इससे अच्छा पैसा कमा सकते है ! आपको बकरियों के खरीददार को बकरी की नस्ल , गुण आकार , वजन आदि के बारे में जरुर बताना चाहिय ताकि आपको अच्छा पैसा मिले ! आप चाहे तो बकरियों को कसाइयो को बेच सकते है या फिर बकरा मंडी में जाकर भी बेच सकते है ! बकरा मंडी में बेचने से आपको इससे अधिक मुनाफा प्राप्त हो सकता है क्योंकि वहां इनके खरीददार अधिक होते है ! बकरा ईद आदि के अवसर पर इनकी डिमांड काफी ज्यादा रहती है अतः ऐसे मौके पर आप इन्हें बेचकर अच्छा पैसा कमा सकते है !

सरकारी सहयोग

वर्तमान में कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरह की योजनाये चला रही है ! हर राज्य में यह योजनाये अलग – अलग हो सकती है अतः आपको अपने राज्य में चल रही योजना का पता लगाकर  इन  पर मिलने वाले सहयोग का लाभ उठाना चाहिए ! आप चाहे तो नावार्ड से भी आर्थिक सहयोग प्राप्त कर सकते है !

दोस्तों उम्मीद करता हूँ Goat Farming Business Plan In Hindi आपको जरुर अच्छा लगा होगा ! अगर How to Start Goat Farming Business In Hindi आपको अच्छा लगा है तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे !

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[5 कारण] डेयरी फार्म मे असफल [Management, Cow] | Dairy Farm Business Plan Hindi Milk Farming

Dairy Farm Business Plan Hindi management farming pdf डेरी डेयरी फार्म बिज़नेस प्लान milk ka farm shop project cow फार्म मैनेजमेंट cattle dudh क्या है भैंस की small डेअरी

हमारे देश में डेयरी फार्म का बिजनेस सबसे अच्छा और कम बजट का बिजनेस माना जाता है और इसमें कम समय में भी अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है।

लेकिन बहुत सारे किसान ऐसे होते हैं जो dairy farm तो Start कर लेते हैं लेकिन कुछ कारणवश असफल हो जाते हैं या तो कर्जा ज्यादा ले लेते हैं या मार्केटिंग का सही जानकारी नहीं हो पाने के कारण डूबते चले जाते हैं या फिर कर्जे में भी दब जाते हैं।

तो अभी हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे कि क्यों किसान डेयरी फार्म में असफल हो जाते हैं।

Table of Contents

बिजनेस में इंटरेस्टिंग ना होना ( Dairy Farm Business )

अगर आपको dairy farm लंबे समय तक चलाना है और अच्छी खासी कमाई करनी है तो सबसे पहली बात आपको इस बिजनेस के प्रति लगाव होना चाहिए या यूं कहें तो पशुओं के प्रति भी आपको लगाव होना चाहिए।

तभी आप dairy farm business को लंबे समय तक चला सकते हैं क्योंकि अगर आप बिना इंटरेस्ट के डेरी फार्मिंग करते हैं तो एक-दो वर्षों के बाद आपको इसमें बोर लगने लग जाएगा इस बिजनेस में आपको मजा नहीं आएगा इसीलिए इंटरेस्टिंग का होना बहुत जरूरी है।

ब्रीड का अच्छा ना होना

आप सबसे मुख्य बात है डेरी फॉर्म में पशुओं का ब्रीड क्योंकि dairy farm start करने से पहले आपको पशुओं की अच्छी ब्रीड़ की जानकारी होना बहुत जरूरी है।

क्योंकि अगर आपका ब्रीड अच्छा नहीं होगा तो आपको प्रोडक्शन अच्छा नहीं मिलेगा इसके लिए आप पुराने फार्मर से जरूर पता करें और अच्छी ब्रीड का ही चुनाव करें सस्ती ब्रीड के चक्कर में बिल्कुल भी ना फंसे तभी आप डेरी फॉर्म में सफल हो सकते हैं।

खुद का फार्म में ना जाना

मैंने आपको सबसे पहला पॉइंट डेयरी फार्म के प्रति इंटरेस्टिंग का होना बताया था तो अगर आपको इंटरेस्टिंग होगा तभी आप खुद फॉर्म में जाकर रखरखाव करेंगे और अगर इंटरेस्टिंग नहीं होगा तो आप पूरा काम वर्कर के भरोसे छोड़ देंगे।

तो ऐसे में बहुत ज्यादा नुकसान होगा और आप असफल हो सकते हैं तो अगर आप dairy farm business कर रहे हैं तो समय-समय पर आपको खुद फार्म में जाकर हर चीज management करना होगा या अपने लेबर को समझाते रहना होगा तभी सही से चल पाएगा।

बच्चों की तरह देखरेख जरूरी ( Dairy Farm Business Plan In Hindi )

डेयरी फार्म ऐसा बिजनेस है जिसमें आपको हर समय निगरानी रखनी पड़ती है क्योंकि हर समय कोई ना कोई परेशानी आती रहती है जैसे बिजली की समस्या, पानी की समस्या, चारे की समस्या या और भी बहुत सारी समस्याएं आती रहती है इसीलिए आपको अपने डेयरी फार्म को एकदम बच्चों की तरह देखरेख करना बहुत जरूरी है तभी आपका डेरी फॉर्म लंबे समय तक चल सकता है ।

डायरेक्ट मार्केटिंग (Direct Marketing)

कई किसान ऐसे होते हैं जो अपने दूध को सिर्फ बड़े-बड़े dairy farm में बेचते हैं या फिर किसी कंपनी के पास एक साथ sell करते हैं तो इसमें कीमत कम मिलता है।

तो ऐसे में कई किसान सारे दूध को कंपनी को ही बेच देते हैं जिससे सही कीमत नहीं मिल पाता तो अगर आपको डेयरी फार्म अच्छे से चलाना है तो डायरेक्ट मार्केटिंग करना बहुत जरूरी है।

मतलब यह हुआ कि आपको गांव गांव जाकर या व्यक्ति को दूध बेचना ही पड़ेगा तभी आपको सही कीमत मिल पाएगा या यूं कहें तो आपको खुद जाकर भी दूध बेचना पड़ेगा तभी आपको सही मुनाफा मिल पाएगा जिससे नुकसान का खतरा बिल्कुल नहीं होगा।

ज्यादा लोन के चक्कर में पड़ना (Dairy Farm Loan)

अब dairy farm business start करने में सबसे बड़ी मुख्य बात आती है की डेयरी फार्म बनाने का बजट , तो ऐसे में किसान यहां पर अपने डेरी फार्म को अच्छे से सजाने सवारने में लग जाते हैं और इसी कारण इधर उधर से ज्यादा लोन भी ले लेते हैं।

और अपने बिजनेस को काफी महंगी बना लेते हैं जिसके चलते अगर मैंने जितना भी बताया है वह गुण में से एक भी गुण की कमी होती है तो किसान सीधा-सीधा कर्जे में डूब जाता है।

और असफल हो जाता है क्योंकि कर्जे के चक्कर में ऐसी ही डेयरी फार्म बिजनेस को काफी महंगी बना लेते हैं और वसूली नहीं कर पाते क्योंकि इसमें पूरा वसूली होने में दो-तीन साल लग जाते हैं।

तो किसान वीरों यह रही डेयरी फार्म में असफल होने के कारण जिसमें मैंने आपको एकदम सरल तरीके से बताने का प्रयास किया है तो आपको डेरी फॉर्म में सफल होना है तो इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही dairy farm business start करना है तभी आप लंबे समय तक चला सकते हैं और अच्छी खासी मुनाफा कमा सकते हैं अगर आपको जानकारी (Dairy Farm Business Plan Hindi) पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और अपनी राय कमेंट में बताना बिल्कुल भी ना भूले।

आपका प्रेम पूर्वक धन्यवाद,

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डेयरी फार्मिंग बिजनेस कैसे शुरू करें? How to Start Dairy Farming in India.

Dairy Farming अर्थात दुग्ध उत्पादन करने का काम भारत में बहुत लाभकारी बिजनेस हो सकता है। यदि इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसायी अपने व्यवसाय का संचालन पेशेवर तरीके से करें । लेकिन अभी भारत के ग्रामीण इलाको में इस काम को सिर्फ सहायक आय की कमाई करने हेतु किया जाता है।

जबकि हमारा मानना है की यदि कृषि से जुड़े इस व्यवसाय को थोडा सा बड़े स्तर पर और अच्छे ढंग से संचालित किया जाय तो यह business आपको full income दिलाने का सामर्थ्य रखता है।

डेयरी फार्मिंग क्या है:

डेयरी फार्मिंग से हमारा आशय दुग्ध उत्पादन करने की क्रिया से है। और आप सबको विदित है की दुग्ध उत्पादन करने की क्रिया गाय पाल के, भैंस पाल के या फिर बकरी पाल के की जा सकती है। इसलिए पालतू जानवरों को पाल के, दुग्ध उत्पादन करने की क्रिया ही डेयरी फार्मिंग कहलाती है।

Dairy-farming-business-in-india-hindi-

डेयरी फार्मिंग के लाभ (Benefits of Dairy Farming in Hindi) :

  • इससे उत्पादित दूध को बेचकर आपकी kamai होती है।
  • अगर आप के पास 8-10 पशु पालने के लिए संसाधनों की कमी है। तो आप 1-2 पशु पालकर भी इस बिजनेस को अपनी सहायक Kamai का जरिया बना सकते हैं।
  • पशुओं से उत्पादित खाद का उपयोग खेतों में किया जा सकता है। इस खाद से भूमि की उर्वरता और उत्पादन करने की क्षमता दोनों बढेंगी।
  • गोबर से उत्पादित गोबर गैस का उपयोग ईधन के रूप में किया जा सकता है।
  • यह Business करने के लिए आपको Bank से NABRAD Scheme के तहत आसानी से Loan मिल सकता है।
  • पशुओं से उत्पादित खाद का उपयोग खेतों में पशुओं के लिए चारा उत्पादन करने में हो सकता है।
  • कृषि करना एक मौसमी प्रक्रिया होती है। जबकि डेयरी फार्मिंग को आप पूरे साल कर सकते हैं।
  • इस Business का सबसे बड़ा फायदा यह है की यह किसानो से जुड़ा हुआ business है । इसलिए अधिकतर छोटे बड़े किसान ही इससे लाभान्वित होते हैं।
  • Indian जलवायु में बहुत ही अच्छी नस्ल के विदेशी पशुओं को भी आप अपनी डेयरी फार्मिंग का हिस्सा बना सकते हैं।
  • चूँकि यह व्यापार पर्यावरण के अनुकूल होता है। इसलिए यह पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करता है।
  • यह बेरोजगार शिक्षित युवाओं के लिए एक बहुत अच्छे अवसर के रूप में सामने आ सकता है। क्योकि व्यवस्थित business plan लाभ सुनिश्चित करता है।
  • इस business का फायदा यह भी है, की इसके लिए आपको highly skill labor की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसलिए आप अपने परिवार के सदस्यों की मदद इस काम के लिए ले सकते हैं।

डेयरी फार्मिंग में स्कोप :

पशुधन की आबादी में India विश्व में सबसे अधिक संपन्न देश है। सम्पूर्ण विश्व की लगभग 57.3% भेंसो का पालन इस देश में किया जाता है। वर्ष 2011-12 आंकड़ो के अनुसार तीन लाख पांच हज़ार करोड़ से भी अधिक का व्यापार सिर्फ दूध का था। भारतवर्ष में प्रतिवर्ष लगभग 12 करोड़ 7 लाख 90 हज़ार टन दूध का उत्पादन किया जाता है।

जबकि 2020 तक India में ही दूध की मांग प्रति वर्ष लगभग 18 करोड़ टन हो गई थी । इन्ही आंकड़ो से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की India में इस तरह के बिजनेस में अपार संभावनाएं अर्थात scope है।

डेयरी फार्मिंग कैसे शुरू करें? (How to Start Dairy Farming in India).

भारत में डेयरी फार्मिंग बिजनेस शुरू करना एक जटिल प्रक्रिया है। इसलिए यह business करने से पहले आपको पशुओं की नस्ल, पशुओं के रहने का इंतजाम, पशुओं के खाने का इंतजाम, देखभाल और प्रबंधन इत्यादि का विश्लेषण कर उचित व्यवस्था करनी होगी।

1 पशु की नस्ल का चुनाव करें (Cattle breed selection) :

चूँकि गाय और भैंस की अनेको राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय नस्ल बाज़ार में उपलब्ध हैं। इसलिए इस व्यवसाय के लिए आपको पशुओं की नस्ल पर Market Research करके अधिक उत्पादन करने वाली नस्ल का चुनाव करना होगा।

गाय के दूध में भैंस के दूध के मुकाबले में कम बसा होता है। इसलिए गाय के दूध की कीमत भैंस की दूध की कीमत से कुछ अधिक हो सकती है। आप चाहें तो गाय और भैंस दोनों का पालन एक ही छप्पर के नीचे कर सकते हैं।

India में अच्छी भैंसों की नस्ल Murrah, Bhadwari, Surti, Jaffarabadi, Mehsana, Nili Ravi, Nagpuri इत्यादि हैं। वही गाय की अच्छी नस्लों में Sahiwal, Gir, Red Sindhi इत्यादि आते हैं। Jersey, Brown swiss, Holstein Friesian अन्तराष्ट्रीय गाय की नस्लों को भी आप चाहें तो अपने बिजनेस का हिस्सा बना सकते हैं।

2 पशुओं के लिए आवास बनाएँ (Housing for Cattle):

Housing से हमारा आशय पशुओं के लिए बनाया जाने वाला छप्पर से है। अत्यधिक उत्पादन हेतु एक अच्छे ढंग से व्यवस्थित छप्पर का होना जरुरी हो जाता है। एक व्यवस्थित Farm में एक पशु को लगभग 50 वर्ग फीट जगह छप्पर के अन्दर और लगभग 85 वर्ग फीट खुली जगह की आवश्यकता होती है।

अपने पशुओं के लिए Housing करते समय आपको यह सुनिश्चित करना होगा की छप्पर के अन्दर वे सारी सेवाएँ हैं जो एक पशु को चाहिए होती हैं। जैसे शुद्ध हवा का आवागमन, पूरी जगह, इत्यादि।

3 पशुओं के लिए खाने का प्रबंध करें (Feeding).

ध्यान रहे पोषण युक्त और उच्च गुणवत्ता खाना पशुओं में उनकी दूध देने की क्षमता को बढाता है । इसलिए आप हमेशा कोशिश कीजिये की आपके पशुओं को उचित मात्रा में उच्च गुणवत्ता व पोषण युक्त खाना मिले।

Green Food यानिकी हरी घास जहाँ एक तरफ जानवरों को अधिक दूध देने के लिए प्रेरित करती है, वही जानवरों के खाने पर आने वाले खर्चे को भी कम करती है। इसलिए अपने जानवरों को अधिक से अधिक Green food देने की कोशिश कीजिये।

यदि आपके पास कोई खाली जमीन पड़ी है, तो आप अपने पशुओं के लिए Green food का आसानी से उत्पादन कर सकते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक एक दूध देने वाले जानवर को 1 लीटर दूध देने के लिए लगभग 6-7 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए जानवरों को हमेशा शुद्ध और उचित मात्रा में पानी का सेवन अवश्य कराएँ ।

4 पशुओं की देखभाल करें (Livestock Care):

जानवरों अर्थात पशुधन की अच्छी तरह देखभाल करना dairy farming business की सफलता की कुंजी है। आपको कोशिश करनी है की आप अपने पशुधन को पशुओं की हर बीमारी से दूर रखें।

उनको बीमारीमुक्त रखने के लिए उनका समय समय पर टीकाकरण करवाते रहें। और अच्छी उत्पादकता और सेहत के लिए उन्हें उच्च गुणवत्ता और पोषण युक्त भोजन का सेवन करवाते रहें।

डेयरी फार्मिंग में कठिनाइयाँ (Difficulties in Dairy Farming) :

  • इस Business की जो सबसे बड़ी कठिनाई है, वह यह है की भारतीय पढ़े लिखे युवा का ध्यान ऐसे business की तरफ कभी नहीं जाता। यदि कोई युवा मज़बूरी में यह कदम उठा भी लेता है, तो वह इस व्यापार में अपना पूरा ध्यान दे नहीं पाता। जिससे सकारात्मक परिणाम नहीं आते। और समाज की भी सोच इस व्यवसाय के प्रति ऐसी ही है, की यह व्यापार तो कम पढ़े लिखे अनपढ़ व्यक्तियों के लिए है। इसलिए हो सकता है जब कोई पढ़ा लिखा युवा व्यक्ति डेयरी फार्मिंग का बिज़नेस शुरू करे, तो उसको समाज की  Positive बातें सुनने को न मिले। लेकिन आप अपनी Kamai करके इस बिज़नेस के प्रति समाज का नजरिया बदल सकते हैं।
  • उच्च बुनियादी ढांचा और जानवरों को खाना खिलाने का खर्चा इस व्यवसाय की विवशता है।
  • अधिकतर किसान जो यह व्यापार कर रहे होते हैं, वे अपने से उत्पादित Green Food को खर्चे में शामिल नहीं करते। इस प्रकार का behavior यह बताता है की वो अपने डेयरी फार्मिंग से होने वाली Kamai और खर्चे को लेकर गंभीर नहीं हैं।
  • चूँकि प्रजनन प्रक्रिया एक जैविक घटना होती है। लेकिन India में इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगो का मानना है की अधिकतर पशुओं में समय के अनुसार गर्भ धारण नहीं हो पाता है।
  • India में दूध के wholesale price और retail price में बहुत अधिक अंतर है। जिससे इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगो को और अधिक लाभ नहीं हो पाता।

डेयरी फार्मिंग बिजनेस को सफल कैसे बनाएँ

इसमें कोई दो राय नहीं की दूध और दूध से उत्पादित अन्य उत्पादों की बाज़ार में भारी माँग है। लेकिन इसके बावजूद कई ऐसे उद्यमी हैं जो अपने डेयरी फार्मिंग बिजनेस को सफलतापूर्वक नहीं चला पाते हैं।

यदि आप भी उनमें से एक हैं जो अपने डेयरी फार्म को ढंग से नहीं चला पा रहे हैं तो आप इस बिजनेस में सफलता प्राप्त करने के लिए निम्न बातों का अनुसरण कर सकते हैं।

  • अपने डेयरी फार्म के लिए पशुओं की अच्छी दूध देने वाली नस्ल का चुनाव करें।
  • डेयरी फार्म को ऐसी लोकेशन पर शुरू करें जहाँ से शहरी आबादी बहुत ज्यादा दूर न हो क्योंकि शहरी आबादी के बीच दूध और दूध के सहउत्पादों की भारी खपत होती है।  
  • बिजनेस की चुनौती को पहचानें, यदि आप डेयरी फार्म को चलाने में असहजता महसूस कर रहे हैं तो स्वभाविक है की इसमें कोई न कोई चुनौती अवश्य होगी। इसलिए सबसे पहले आपको उस कारण को खोजना होगा जो आपके बिजनेस में बाधक साबित हो रहा है।
  • यह कारण कुछ भी जैसे पशुओं का दूध कम देना, पशुओं को प्रबंधित करने में कठिनाई, उत्पादित दूध को उचित दामों में बेच न पाना इत्यादि कुछ भी हो सकते हैं।
  • जब आपको आपके बिजनेस में बाधक कारण का पता चल जाता है तो फिर आप उसके निवारण के लिए उपाय कर सकते हैं। मान लीजिये की पशुओं के कम दूध देने की वजह से आप बिजनेस से लाभ नहीं कमा पा रहे हैं। तो आपको इस समस्या से निजात पाने के लिए पशुओं के खान पान पर ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है।
  • समय समय पर पशुओं का टीकाकरण कराते रहें और डेयरी फार्म में शामिल सभी पशुओं का बीमा भी अवश्य कराएँ।

डेयरी फार्मिंग की सफलता के लिए कुछ अतिरिक्त टिप्स :

  • यह business करने से पहले कोशिश करें की इस व्यवसाय से जुड़े लोगो से इस व्यवसाय को लेकर बात करें । और उनसे डेयरी फार्मिंग व्यापार के secret tips लें इसके लिए हो सके तो कुछ व्यवसायिक Farms का भ्रमण अवश्य करें।
  • जब आप किसी व्यवसायिक Farm का भ्रमण कर रहे होते हैं। तो उस Farm का अच्छे से विश्लेषण करें।
  • अपने नजदीकी पशु चिकत्सको से मिलकर अपने क्षेत्र में इस व्यवसाय की संभावनाओ पर बात करें, और उनका आकलन करें।
  • जानवरों के खाने की उपलब्धता और इसमें लगने वाली लागत के बारे में पहले से जाग्रत रहें । और प्रतिकूल मौसम में भी पशुओं के खाने की उपलब्धता का Plan करके रखें।
  • अपने डेयरी फार्म के लिए, जिस जमीन पर आप Green Food का उत्पादन करने वाले हैं। उस मिटटी की जांच करवा लें।
  • अगर हो सके तो कृषि विज्ञानं केंद्र से Dairy Farming की Training अवश्य लें। क्योकि इस training के दौरान आपको इस व्यापार की बारीकियां। जैसे खर्चे कम करना, उत्पादकता बढ़ाना, कम खर्च करके पोषण युक्त खाने की व्यवस्था इत्यादि विषयों पर जानकारी दी जाएगी।

डेयरी फार्म व्यवसाय को शुरू करने के प्रति गंभीर व्यक्तियों को पशु पालन और उनकी चिकित्सा से सम्बंधित और जानकारी की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए इच्छुक व्यक्ति चाहें तो, अपने ज्ञानवर्धन के लिए किसी स्थानीय पुस्तकालय या ऑनलाइन पशु पालन और पशु चिकित्सा पर लिखी पुस्तक भी खरीद सकते हैं।  

अन्य सम्बंधित लेख  :

  • डेयरी फार्मिंग के लिए नाबार्ड से मिलने वाला सब्सिडी लोन .
  • 10 भैंसों को पालने में आने वाला खर्चा और कमाई .
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Goat Farming Business Plan Guide: वैज्ञानिक तरीके से करें बकरी पालन, लागत से 3 से 4 गुना होगी कमाई

Mukesh Kumar Singh

वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन करके पशुपालक किसान अपनी कमाई को दोगुनी से तिगुनी तक बढ़ा सकते हैं। इसके लिए बकरी की उन्नत नस्ल का चयन करना, उन्हें सही समय पर गर्भित कराना और स्टॉल फीडिंग विधि को अपनाकर चारे-पानी का इन्तज़ाम करना बेहद फ़ायदेमन्द साबित होता है।

बकरी पालन से कमाई (goat farming profit)

Table of Contents

बकरी पालन , हर लिहाज़ से किफ़ायती और मुनाफ़े का काम है। फिर चाहे इन्हें दो-चार बकरियों के घरेलू स्तर पर पाला जाए या छोटे-बड़े व्यावसायिक फॉर्म के तहत दर्ज़नों, सैकड़ों या हज़ारों की तादाद में। बकरी पालन में न सिर्फ़ शुरुआती निवेश बहुत कम होता है, बल्कि बकरियों की देखरेख और उनके चारे-पानी का खर्च भी बहुत कम होता है। लागत के मुकाबले बकरी पालन से होने वाली कमाई का अनुपात 3 से 4 गुना तक हो सकता है, बशर्ते इसे वैज्ञानिक तरीके से किया जाए। इस लेख में हम आपको विस्तार से बकरी पालन व्यवसाय शुरू (Goat Farming Business Plan In Hindi) करने से जुड़ी अहम जानकारियां दे रहे हैं। 

भारत में बकरी पालन का व्यवसाय (Goat Farming Business Plan In India)

दुनिया में बकरी की कम से कम 103 नस्लें हैं। इनमें से 21 नस्लें भारत में पायी जाती हैं। इनमें प्रमुख हैं – बरबरी, जमुनापारी, जखराना, बीटल, ब्लैक बंगाल, सिरोही, कच्छी, मारवारी, गद्दी, ओस्मानाबादी और सुरती। इन नस्लों की बकरियों की बहुतायत देश के अलग-अलग इलाकों में मिलती है। 2019 की पशु जनगणना के अनुसार, देश में करीब 14.9 करोड़ बकरियाँ हैं। देश के कुल पशुधन में गाय-भैंस का बाद बकरियों और भेड़ों का ही स्थान है।

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बकरी की नस्ल कैसे चुनें? (How To Choose A Goat Breed?)

बकरी की ज़्यादातर नस्लों को घूमते-फिरते हुए चरना पसन्द होता है। इसीलिए इनके साथ चरवाहों का रहना ज़रूरी होता है। लेकिन उत्तर प्रदेश और गंगा के मैदानी इलाकों में बहुतायत से पायी जाने वाली बरबरी नस्ल की बकरियों को कम जगह में खूँटों से बाँधकर भी पाला जा सकता है। इसी विशेषता की वजह से वैज्ञानिकों की सलाह होती है कि यदि किसी किसान या पशुपालक के पास बकरियों को चराने का सही इन्तज़ाम नहीं हो तो उसे बरबरी नस्ल की बकरियाँ पालनी चाहिए और यदि चराने की व्यवस्था हो तो सिरोही नस्ल की बकरियाँ पालने से बढ़िया कमाई होती है।

बरबरी नस्ल की विशेषताएं (Barbari Breed Goat Characteristics)

बरबरी एक ऐसी नस्ल है, जिसे चराने का झंझट नहीं होता। ये एक बार में तीन से पाँच बच्चे देने की क्षमता रखती हैं। इनका क़द छोटा लेकिन शरीर काफी गठीला होता है। ये अन्य नस्लों के मुकाबले ज़्यादा फुर्तीली होती हैं। बरबरी नस्ल तेज़ी से विकासित होती है, इसीलिए इसके मेमने साल भर बाद ही बिकने लायक हो जाते हैं।

बकरी पालन से कमाई (goat farming profit)

बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण (Goat Farming Training Centres)

मथुरा स्थित केन्द्रीय बकरी अनुसन्धान संस्थान [फ़ोन: (0565) 2763320, 2741991, 2741992, 1800-180-5141 (टोल फ्री)] और लखनऊ स्थित द गोट ट्रस्ट (Mobile – 08601873052 to 63) की ओर से बकरी पालन के लिए साल में चार बार प्रशिक्षण कोर्स चलाता है। इसमें व्यावयासिक रूप से बकरी पालन करने वालों का मार्गदर्शन भी किया जाता है। इसके अलावा कृषि विज्ञान केन्द्र से भी बकरी पालन से सम्बन्धित प्रशिक्षण लिया जा सकता है।

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बकरी पालन में वैज्ञानिक तरीका अपनाएं (Adopt Scientific Methods In Goat Farming)

केन्द्रीय बकरी अनुसन्धान संस्थान के पशु आनुवांशिकी और उत्पाद प्रबन्धन विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ एम के सिंह के अनुसार, ‘वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन करके पशुपालक किसान अपनी कमाई को दोगुनी से तिगुनी तक बढ़ा सकते हैं। इसके लिए बकरी की उन्नत नस्ल का चयन करना, उन्हें सही समय पर गर्भित कराना और स्टॉल फीडिंग विधि को अपनाकर चारे-पानी का इन्तज़ाम करना बेहद फ़ायदेमन्द साबित होता है। उत्तर भारत में बकरियों को सितम्बर से नवम्बर और अप्रैल से जून के दौरान गाभिन कराना चाहिए। सही वक़्त पर गाभिन हुई बकरियों में नवजात मेमनों की मृत्युदर कम होती है।’

बाड़े की साफ़-सफ़ाई है ज़रूरी (Goat Shed Cleanliness)

ज़्यादातर किसान बकरियों के बाड़े की साफ़-सफ़ाई के प्रति उदासीन रहते हैं। इससे बकरियों में होने वाली बीमारियों का खतरा बहुत बढ़ जाता है। इसीलिए यदि बाड़े की फर्श मिट्टी की हो तो समय-समय पर उसकी एक से दो इंच की परत को पलटते रहना चाहिए क्योंकि इससे वहाँ पल रहे परजीवी नष्ट हो जाते हैं। बाड़े की मिट्टी जितनी सूखी रहेगी, बकरियों को बीमारियाँ उतनी कम होंगी।

माँ का पहला दूध (Feeding Of Baby Goat)

बकरी पालकों की अक्सर शिकायत होती है कि बकरी के तीन बच्चे हुए, लेकिन उनमें से बचा एक ही। आमतौर पर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बकरी का दूध नहीं बचता। इसलिए जब बकरी गाभिन हो तो उसे ख़ूब हरा चारा और खनिज लवण देना चाहिए। पशुपालक जेर गिरने तक बच्चे को दूध नहीं पीने देते, जबकि बच्चे जितना जल्दी माँ का पहला दूध (खीस) पीएँगे, उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता उतनी तेज़ी से बढ़ेगी और मृत्युदर में कमी आएगी।

चारा और दाना (Healthy Feed For Goats)

ज़्यादातर बकरी पालक बकरियों के आहार प्रबन्धन पर ध्यान नहीं देते। उन्हें चराने के बाद खूँटे से बाँधकर छोड़ देते हैं। जबकि चराने के बाद भी बकरियों को उचित चारा देना चाहिए, ताकि उनके माँस और दूध में वृद्धि हो सके। तीन से पाँच महीने के बच्चों को चारे में दाने के साथ-साथ हरी पत्तियाँ खिलाना चाहिए।

स्लॉटर ऐज (slaughter age) यानी माँस के लिए इस्तेमाल होने वाले 11 से 12 महीने के बच्चों के चारे में 40 प्रतिशत दाना और 60 प्रतिशत सूखा चारा होना चाहिए। दूध देने वाली बकरियों को रोज़ाना चारे के साथ करीब 400 ग्राम अनाज देना चाहिए। प्रजनन करने वाले वयस्क बकरों को प्रतिदिन सूखे चारे के साथ हरा चारा और 500 ग्राम अनाज देना चाहिए।

बकरियों के पोषण के लिए प्रतिदिन दाने के साथ सूखा चारा होना चाहिए। दाने में 57 प्रतिशत मक्का, 20 प्रतिशत मूँगफली की खली, 20 प्रतिशत चोकर, 2 प्रतिशत मिनरल मिक्चर और 1 प्रतिशत नमक होना चाहिए। सूखे चारे में सूखी पत्तियाँ, गेहूँ, धान, उरद और अरहर का भूसा होना चाहिए। ठंड के दिनों में बकरियों को गन्ने का सीरा भी ज़रूर दें। यदि ऐसा पोषक खाना बकरियों को मिले तो उसके माँस और दूध में बढ़ियाँ इज़ाफ़ा होगा और अन्ततः किसानों की आमदनी दोगुनी से तीन गुनी हो जाएगी।

बकरी पालन बिज़नेस में आवास और उपकरण (Essential Housing And Equipment For Goat Farming)

बकरी पालन में सफल होने के लिए, बकरियों के रहने की जगह बहुत महत्वपूर्ण है। अच्छी बात ये है कि बकरियों को बहुत महंगी जगह की ज़रूरत नहीं होती। पर कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए:

1. फ़र्श सूखा होना चाहिए।

2. हवा आने-जाने की अच्छी व्यवस्था हो।

3. धूप और बारिश से बचाव हो।

4. जगह साफ़ करने में आसान हो।

याद रखें, अगर हवा ठीक से नहीं आएगी या बहुत गर्मी होगी, तो बकरियां बीमार हो सकती हैं या कम दूध दे सकती हैं। इसलिए अच्छी हवा का इंतजाम ज़रूरी है। बकरियों के घर को मिट्टी की ईंट, लकड़ी या सीमेंट से बना सकते हैं। बस ध्यान रखें कि जगह काफी हो और हवा अच्छी आए।

आपको कुछ और सामान भी चाहिए होगा, जैसे:

– खाना देने के बर्तन

– पानी पीने के बर्तन

अपने  बकरी पालन  व्यवसाय योजना में इन सब चीजों का ख़र्चा भी लिखें। ये आपके बिजनेस का एक ज़रूरी हिस्सा है। इससे आपको पता चलेगा कि शुरू करने के लिए कितने पैसे की ज़रूरत होगी। याद रखें, अच्छी जगह और सही सामान से आपकी बकरियां स्वस्थ रहेंगी और अच्छा उत्पादन देंगी। इससे आपका व्यवसाय फले-फूलेगा।

ये भी पढ़ें- बकरी पालन (Goat Farming): इन दो युवकों ने अपने दम पर खड़ा किया बकरियों का ब्रीडिंग फ़ार्म, कभी हंसते थे पड़ोसी और आज देते हैं मिसाल

प्रजनन प्रबन्धन कैसे करें? (How To Manage Breeding In Goat?)

समान नस्ल की मादा और नर में ही प्रजनन करवाएँ। प्रजनन करने वाले परिपक्व नर बकरों की उम्र डेड़ से दो साल होनी चाहिए। ध्यान रहे कि एक बकरे से प्रजनित सन्तान को उसी से गाभिन नहीं करवाएँ। यानी, बाप-बेटी का अन्तः प्रजनन नहीं होने दें। इससे आनुवांशिक विकृतियाँ पैदा हो सकती हैं। 20 से 30 बकरियों से प्रजनन के लिए एक बकरा पर्याप्त होता है। मादाओं में गर्मी चढ़ने के 12 घंटे बाद ही उसका नर से मिलन करवाएँ। प्रसव से पहले बकरियों के खाने में दाने का मात्रा बढ़ा दें।

मेमने का प्रबन्धन कैसे करें? (Handling Of Newborn Baby Goat)

प्रसव के बाद मेमने को साफ़ कपड़े से पोछें। गर्भनाल को साफ़ और नये ब्लेड से काटें और उस पर आयोडीन टिंचर लगाएँ। जन्म के फ़ौरन बाद मेमनों को माँ का पहला दूध पीने दें। जब मेमने 15 दिन के हो जाएँ तो उन्हें हरा चारा और दाना देना शुरू करें तथा धीरे-धीरे दूध की मात्रा घटाते रहें। तीन महीने की उम्र के बाद मेमनों को टीके लगवाएँ। इसके लिए पशु चिकित्सालय से सम्पर्क करें। वहाँ सभी टीके मुफ़्त लगाये जाते हैं।

बकरी पालन से कमाई (goat farming profit)

वज़न करके ही बेचें बकरियां (Weighing Goats Prior To Sale)

बकरियों को नौ महीने के बाद ही बेचना फ़ायदेमन्द होता है, क्योंकि तब तक वो पर्याप्त विकसित हो जाते हैं। बेचने के लिए घूमन्तू व्यापारियों से बचना चाहिए क्योंकि अक्सर वो बकरी पालक किसानों को कम दाम देते हैं। इसीलिए बकरियों को पशु बाज़ार या कसाई या बूचड़खाने को सीधे बेचने की कोशिश करनी चाहिए और बेचते वक़्त बकरी के वजन के हिसाब से ही उसका भाव तय किया जाना चाहिए। बकरी पालकों में इन बातों को लेकर जागरूकता बेहद ज़रूरी है, वर्ना उनका मुनाफ़ा काफ़ी कम हो सकता है।

बकरी पालन व्यवसाय में बाज़ार की अच्छी संभावनाएं (Market Potential In Goat Farming Business)

बकरी का मीट दुनिया भर में बहुत पसंद किया जाता है। हर साल क़रीब 50 लाख टन बकरी के मांस की मांग होती है और ये मांग लगातार बढ़ रही है। आप अपना बकरी का मांस कई जगह बेच सकते हैं। जैसे कि कसाई की दुकानों पर, बाज़ार में, बड़े स्टोर्स में, होटल और रेस्तरां में। कुछ लोग सीधे आपसे भी खरीद सकते हैं। याद रखें, बकरी का मांस ताजा होना चाहिए। इसलिए अपना फ़ार्म ऐसी जगह बनाएं जहां से बाज़ार पास हो। अपने बकरी पालन व्यवसाय योजना में ये भी सोचें कि आप अपने काम का प्रचार कैसे करेंगे।

बकरियों से सिर्फ़ मांस ही नहीं, बाल, दूध और फाइबर भी मिलता है। बकरी के मांस का विदेशी बाज़ार भी बहुत बड़ा है। जब आपका काम बढ़ेगा, तो आप दूसरे देशों में भी बकरी का मांस भेज सकते हैं। कई देश जैसे अरब देश, अमेरिका, इंडोनेशिया, कोरिया, और यूरोप के देश बकरी का मांस खरीदते हैं।

बकरी पालन व्यवसाय योजना में स्वास्थ्य देखभाल का महत्व (Importance Of Health Care In Goat Farming Business Plan)

बकरियों को स्वस्थ रखना बहुत ज़रूरी है। वे कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हो सकती हैं, जैसे खुरपका-मुंहपका रोग (FMD), एंथ्रेक्स, और निमोनिया। इसलिए, टीकाकरण आपकी  बकरी पालन  व्यवसाय योजना का एक अहम हिस्सा है।

यहां कुछ ज़रूरी टीके और उनका समय बताया गया है:

1. FMD टीका: साल में एक बार (फरवरी या दिसंबर में)

2. एंथ्रेक्स टीका: साल में एक बार (मई या जून में)

3. IVRI/CCPP टीका: साल में एक बार

4.  एंटीजेनिक टॉक्सिमिया  टीका: साल में एक बार (मई या जून में)

5. PPR टीका: हर तीन साल में एक बार

अपने Goat farming business plan में इन टीकों का ख़र्च और समय शामिल करें। याद रखें, स्वस्थ बकरियां ही अच्छा उत्पादन देंगी और आपका मुनाफ़ा बढ़ाएंगी।

बकरी पालन व्यवसाय में निवेश और लाभ (Investment And Profit In Goat Farming Business)

अगर  वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन  किया जाए तो ये मुनाफ़ा देने वाला व्यवसाय बन सकता है। दीपक पाटीदार की सफलता की कहानी एक प्रेरणादायक  बकरी पालन व्यवसाय  योजना का उदाहरण है। मध्य प्रदेश के धार ज़िले के सुंदरैल गांव के निवासी पाटीदार ने 2000 में CIRG से 10 दिन का प्रशिक्षण लिया और 2001 में 60 स्थानीय बकरियों के साथ अपना फ़ार्म शुरू किया। शुरुआत में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन CIRG के वैज्ञानिकों की सलाह पर उन्होंने सिरोही नस्ल अपनाई और नियमित रूप से नई जानकारी का इस्तेमाल किया।

इस रणनीति के परिणामस्वरूप, उनके फ़ार्म की मृत्यु दर 40% से घटकर 8% हो गई। वर्तमान में उनके पास 180 बकरियां हैं, जिनमें मुख्य रूप से सिरोही नस्ल की शुद्ध बकरियां हैं, साथ ही कुछ बारबरी, जखराना और जमुनापारी नस्ल की बकरियां भी हैं। वे अपनी बकरियों को 120-200 रुपये प्रति किलो जीवित वजन पर बेचते हैं।

आर्थिक दृष्टि से, पाटीदार का फ़ार्म अब सालाना 4-5 लाख रुपये का कुल राजस्व कमाता है, जिसमें से 1.5-2 लाख रुपये ख़र्च होते हैं, जिससे उन्हें 2-3 लाख रुपये का शुद्ध लाभ मिलता है। ये सफलता की कहानी दर्शाती है कि एक अच्छी बकरी पालन व्यवसाय योजना में प्रशिक्षण, विशेषज्ञों की सलाह, अच्छी नस्ल का चयन, नई जानकारी का लगातार उपयोग और गुणवत्ता पर ध्यान देना शामिल होना चाहिए। पाटीदार की कहानी से पता चलता है कि धैर्य और सही मार्गदर्शन से  बकरी पालन  एक लाभदायक व्यवसाय बन सकता है, जो एक आदर्श goat farming business plan का उदाहरण है।

बकरी पालन के लिए प्रोत्साहन योजना (Several Schemes For Goat Farming)

ज़्यादातर राज्य सरकारें बकरी पालकों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें रियायती दरों पर बैंकों से कर्ज़ लेने की योजनाएँ चलाती हैं। इसके बारे में किसानों को नज़दीकी बैंक, कृषि विज्ञान केन्द्र या पशु चिकित्सालयों से सम्पर्क करना चाहिए।

भारत में बकरी पालन परियोजना के लिए लाइसेंस और अनुमतियां (Licenses and Permissions for Goat Farming Project in India)

बकरी पालन भी एक व्यापार है, इसलिए इसके लिए भी कुछ सरकारी मंजूरियां लेनी पड़ती हैं। सबसे पहले, आपको अपने राज्य या शहर के पशुपालन विभाग से लाइसेंस लेना होगा। ये लाइसेंस आपको कानूनी तौर पर बकरी पालन करने की इजाजत देता है। इसके अलावा, अगर आप बड़े पैमाने पर बकरी पालन करना चाहते हैं, तो आपको एक और कागज लेना पड़ सकता है। इसे NOC यानी ‘No Objection Certificate’ कहते हैं। ये इसलिए ज़रूरी है ताकि आस-पास के लोगों को कोई परेशानी न हो।

बकरी पालन  व्यवसाय योजना बनाते वक्त टैक्स के बारे में भी सोचना ज़रूरी है। इसके लिए किसी टैक्स जानकार से बात करना अच्छा रहेगा। वे आपको बताएंगे कि आपको कितना और कैसे टैक्स देना है। याद रखें, ये सब कागजात और मंजूरियां लेना थोड़ा मुश्किल लग सकता है। लेकिन ये आपके बकरी पालन व्यवसाय योजना का एक ज़रूरी हिस्सा हैं। इनसे आपका काम कानूनी तौर पर सही रहेगा और आप बिना किसी टेंशन के अपना कारोबार चला सकेंगे। अगर कहीं समझ न आए तो स्थानीय अधिकारियों या अनुभवी बकरी पालकों से मदद ले सकते हैं।

बकरी पालन में अन्य सावधानियां (Other Precautions In Goat Rearing)

बकरी पालन से जुड़े उपकरणों की सफ़ाई के लिए पशु चिकित्सक की सलाह लेकर ही कीटाणु नाशक दवाओं का उपयोग करें। बकरियों को पौष्टिक आहार दें, उन्हें सड़ा-गला और बासी खाना नहीं खिलाएँ, वर्ना वो बीमार पड़ सकती हैं। बकरियाँ खरीदने से पहले उन्हें पशुओं के डॉक्टर को ज़रूर दिखाएँ, क्योंकि बकरियों में कुछ ऐसी भी बीमारी होती हैं जिनके सम्पर्क और संक्रमण से स्वस्थ बकरियाँ भी मर सकती हैं। बीमारी से मरने वाली बकरी को जला या दफ़ना दें।

भारत में बकरी पालन का व्यवसाय (Goat Farming Business Plan In India) तेज़ी से विकासशील है। बढ़ती जनसंख्या, दूध और मांस की बढ़ती मांग इस व्यवसाय को स्थिरता और लाभकारी बना रहे हैं। सरकार की ओर से दी जा रहीं सब्सिडी और योजनाएं, जैसे कि बकरी पालन पर विशेष ध्यान और तकनीकी समर्थन, किसानों को प्रेरित कर रही हैं। इसके अलावा, बेहतर नस्लों की उपलब्धता और आधुनिक प्रबंधन विधियों के कारण उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो रही है। कुल मिलाकर, बकरी पालन भारत में एक स्थिर और आकर्षक निवेश अवसर के रूप में उभर रहा है।

बकरी पालन व्यवसाय योजना (Goat Farming Business Plan) पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सवाल 1: क्या बकरी पालन से पैसा कमाया जा सकता है.

जवाब:  हां, बकरी पालन से अच्छी कमाई हो सकती है। आजकल बकरी का मांस, दूध और ऊन की मांग बढ़ रही है। अगर आप ठीक से योजना बनाएं, अच्छे से देखभाल करें और सही जगह बेचें, तो  बकरी पालन  से अच्छा मुनाफ़ा हो सकता है।

सवाल 2: बकरी पालन में सफल होने के लिए क्या करना चाहिए?

जवाब:   – अच्छी नस्ल की बकरियां चुनें

– बकरियों को सही खाना दें

– समय-समय पर डॉक्टर को दिखाएं और टीके लगवाएं

– बकरियों को साफ़-सुथरी जगह पर रखें

– बाज़ार में बकरियों के दाम की जानकारी रखें।

सवाल 3: बकरियों को क्या खिलाना चाहिए?

जवाब:  बकरियों को अच्छी घास, हरी पत्तियां, अनाज, और विटामिन की गोलियां दें। सही खाना तय करने के लिए किसी जानकार से सलाह लें।

सवाल 4: बकरी पालन शुरू करने में कितना ख़र्च आएगा?

जवाब:  अगर आप 10-15 बकरियों से शुरुआत करना चाहते हैं, तो आपको कम से कम 50,000 से 1 लाख रुपये लगाने होंगे। बड़े फ़ार्म के लिए और ज़्यादा पैसे लगेंगे। इसके अलावा, पहले साल बकरियों के खाने और दूसरे ख़र्चों के लिए भी पैसे रखने होंगे।

ये भी पढ़ें: बकरी पालन में मुनाफ़ा कमाना है तो ‘गोटवाला फ़ार्म’ से लीजिये ट्रेनिंग, ‘बकरी पंडित पुरस्कार’ से सम्मानित दीपक पाटीदार को बनाइये गुरू

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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बकरी पालन की जानकारी | Goat Farming Business Plan In Hindi

बकरी पालन की जानकारी Goat Farming Business Plan In Hindi : कई सारे बिजनेस प्लान ऐसे होते हैं जिसमें बेहद अल्प पूंजी के साथ बिजनेस शुरू कर अच्छा लाभ कमाया जा सकता हैं, बकरी पालन Goat Farming भी एक ऐसा ही क्षेत्र हैं.

खासकर किसान या मजदूर वर्ग के लिए यह बेहतरीन रोजगार क्रियाकलाप हो सकता हैं. आज के आर्टिकल में हम बकरी पालन के व्यवसाय के बारे में विस्तार से जानेगे.

बकरी पालन की जानकारी | Goat Farming Business Plan In Hindi

बकरी को गरीब की गाय भी कहा जाता है. क्युकि इसे गरीब लोग पालकर अपना जीवन निर्वाह कर सकता है. बकरी के पालने और रखरखाव में बहुत कम खर्चा आता है.

भारत में उन्नत किस्म की बकरियां 2-3 लीटर दूध प्रतिदिन देती है. बकरी फूलों फलो और सब्जियों के बगीचे से प्राप्त घास और खरपतवार, जंगली पौधों के पत्ते, सब्जियों के छिलके आदि खाती है.

बकरी पालन के प्रमुख विशेषताएं

भारत में बकरियों की संख्या 1200 लाख है तथा अकेले राजस्थान में लगभग 135 लाख बकरियां पाली जाती है. राजस्थान के कई क्षेत्रों में बकरियां मांस के लिए बड़े शहरों में भेजी जाती है. बकरियों को पालने ( goat palan ) की दो विधियाँ प्रचलन में है.

  • बकरी को बाड़े में रखकर खूटे से बांधकर पालना.
  • खुले क्षेत्र में झुण्ड के रूप में खुला छोड़कर

बकरी पालन कैसे करे (How to follow the goat)

  • जो बकरियां बाहर चरने जाती है वे भली प्रकार से पेड़ो की पतियाँ खाकर जीवन निर्वाह करती है. दिन में बाहर 8-9 घंटे चरने से उनके पालन पोषण पर कम खर्च आता है. तथा स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है.
  • जिन बकरियों को बाहर चरने नही भेजा जाता है, उन्हें घर पर ही दिन में दो तीन बार दाना चारा देते है. इस चारे में 1 से डेढ़ किलो सुखी घास 2-4 किलो सुखा चारा खिलाते है. तथा साथ में दिन में 3-5 लीटर पानी भी पिलाते है.
  • चारे के साथ साथ बकरी को दाने का मिश्रण भी आवश्यक है एक वर्ष से कम उम्र के बकरी के बच्चो को प्रतिदिन 250 ग्राम दाने का मिश्रण देते है. एक वर्ष से अधिक उम्र की बकरियों को 500 ग्राम दाना प्रतिदिन देना चाहिए. गर्भित बकरी को ब्याने के दो माह पूर्व से ही 1 किलो दाना देना चाहिए.

Goat Farming In Hindi (आहार मात्रा)

  • चने का दलिया-50 प्रतिशत
  • गेहू की चापट-50 प्रतिशत
  • जौ का दलिया-17 प्रतिशत
  • मक्का का दलिया-33 प्रतिशत
  • मूंगफली की खली-33 प्रतिशत
  • गेहू की चापट-17 प्रतिशत

बकरियों की आवास व्यवस्था के लिए शुद्ध हवा और शुष्क वातावरण चाहिए, ग्रामीण क्षेत्र की बकरियों की कोई आवास व्यवस्था नही होती है. फार्म और शहरी क्षेत्रों में उन्हें एक विशेष प्रकार के आवास में रखा जाना चाहिए.

प्रत्येक बकरी के लिए 5 फीट लम्बा, 2.5 फीट चौड़ा तथा 6 फिट ऊँचा बाड़ा होना चाहिए.इस बाड़े में सुविधानुसार एक या दो बकरियां बाँधी जा सकती है.

इस प्रकार बकरियों की संख्या देखते हुए बाड़े में कई विभाजक बनाएं जा सकते है. बकरी के बच्चो के लिए माँ के पास ही एक छोटा सा बाड़ा बना लिया जाना चाहिए.

बकरी के माँस को चेवणी कहा जाता है. आमतौर पर भारत में अच्छी बकरियों की कीमत 3 से 5 हजार होती है.

  • रिंडरपेस्ट या पशुमाता
  • फैसियोलियोसिस
  • प्लीहा ज्वर

प्रमुख नस्ले

  • मारवाड़ी व लोही (मॉस के लिए प्रसिद्ध)
  • बारबरी (दूध के लिए प्रसिद्ध बकरी की नस्ल)
  • जखराना या अलवरी
  • सिरोही (मॉस के लिए प्रसिद्ध)
  • शेखावटी (बिना सींग वाली अधिक मात्रा में दूध)
  • राजस्थान के नागौर जिले के वरुण गाँव की बकरियां प्रसिद्ध है.

बकरी पालन लोन

यह वर्ष 2013 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है. केन्द्रीय पशुपालन विभाग द्वारा बकरी पालन व्यवसाय कर रहे किसानों तथा पशुपालको को इसमे बैंक द्वारा लोन दिया जाता है. जिसमे पशुपालन विभाग 25 प्रतिशत सब्सिडी देता है. शेष लाभाश को निकालकर राशि बैंक में जमा करवानी पडती है.

बकरी पालन व्यवसाय (Goat farming business plan)

बकरी पालन उन व्यवसायों में गिना जाता हैं जहाँ कम इन्वेस्टमेंट से अधिकतम लाभ कमाया जा सकता हैं. ये जन्तुओं को एक अच्छा वातावरण भी प्रदान करते हैं, मानव सदा से पशु प्रेमी रहा हैं व बहुत से जानवरों को अपने साथ पालता आ रहा हैं.

बकरी के पालन के लिए उन्हें रखने, दाना पानी देखभाल आदि में बेहद कम खर्च आता हैं, तथा उनकी ब्रिक्री भी उच्च दामों में की बेच सकते हैं. बकरी व्यवसाय में निम्न तरीके से लाभ कमाया जा सकता हैं.

  • बकरी या उसके मेमने को बेचकर
  • बकरी के मीट की बिक्री द्वारा
  • उसकी खाल अथवा दूध व ऊन से कमाई
  • बकरी की उर्वरक खाद बेचकर

बकरी पालन व्यवसाय लागत (Goat farming investment)

ग्रामीण परिवेश से सम्बन्ध रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति बकरी तथा उसकी कीमत के बारे में अच्छी तरह जानता हैं. यदि आप इससे अनजान तो बता दे एक अच्छी दुधारी बकरी की औसतन कीमत पांच से छः हजार तक होती हैं.

यदि आप बकरी पालन की एक फर्म खोलना चाहते हैं तो दो से तीन लाख या इससे कम धन इन्वेस्ट करके भी इस बिजनेस को स्टार्ट कर सकते हैं.

इस व्यवसाय में आपकों अधिकतर खर्च बकरियों की खरीद, उनको रखने की जगह, चारा आदि खरीदने में आएगी. मगर एक बार व्यवस्थित रूप से यह व्यवसाय आरम्भ होने के बाद आप मासिक लाखों रूपये का मुनाफा कमा सकते हैं.

गोट फार्मिंग ट्रेनिंग (Goat farming training)

मानव हमेशा से अपने संग विभिन्न पशुओं का पालन करता आया हैं और आज भी कई सारे लोग बिल्ली, कुत्ते, गाय, बकरी आदि का पालन करते हैं.

जिस तरह से अन्य पशुओं के पालन के लिए उचित देखभाल की आवश्यकता पडती हैं, ठीक उसी तरह बकरी पालन के लिए  उनकी देखभाल करना बहुत जरूरी हैं. पहले बकरी पालन आदि का व्यवसाय केवल गाँवों तक ही सिमित था.

मगर जिस तरह दूध तथा उसके उत्पादों के दाम आसमान छूने लगे हैं शहरों में भी बकरी पालन का प्रचलन तेजी से बढ़ा हैं तथा इस व्यवसाय के लिए प्रशिक्षण की मांग भी तेजी से बढ़ी हैं ताकि कम से कम जोखिम और खर्च से बकरी पालन के व्यवसाय में सफलता पाई जा सके.

देश में कई गोट फार्मिंग ट्रेनिंग सेंटर खुले हुए हैं, जहाँ आप रहकर बकरी पालन व्यवसाय की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. सही गाइड जैसे बकरी की अच्छी नस्लें उनका खानपान, देखभाल, प्रजनन आदि के बारे में सम्पूर्ण प्रशिक्षण दिया जाता हैं.

बकरी एवं पशु विशेष्यज्ञों द्वारा प्राप्त दिशानिर्देशों का पालन करके आप अपने व्यवसाय को अधिक प्रोफेसनल तरीके से करके कई गुणा लाभ अर्जित कर सकते हैं. इस तरह के ट्रेनिंग सेंटर में आपको 5 से दस हजार रूपये व्यय करने पड़ सकते हैं.

बकरी पालन में कितना फायदा है?

बकरी पालन के व्यवसाय में सबसे बड़ा लाभ यह हैं कि बेहद कम पूंजी के साथ इस व्यवसाय को शुरू किया जा सकता हैं, साथ ही इसके बाजार को लेकर भी कोई समस्या नहीं रहती हैं. बकरी को गरीब की गाय कहा जाता हैं.

भारतीय ग्रामीण परिवेश में बड़े स्तर पर बकरी पालन का व्यवसाय किया जाता हैं. सबसे कम रिस्क और अधिक फायदे का व्यवसाय कहलाता हैं, इसमें जन्तु के रखरखाव में भी बेहद कम खर्च आता हैं.

बकरी पालन कैसे करते हैं?

एक प्रोफेशनल गोट फार्मर के लिए बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए यह आवश्यक हैं कि वह अच्छी नस्ल की बकरी के साथ ही कारोबार की शुरुआत करे.

सिरोही, बरबरी आदि अच्छे नस्लें हैं, किसान मित्र को बकरी पालन शुरू करने से पूर्व इसकी बेसिक जानकारी होनी चाहिए ताकि वह नुकसान से बच सके.

बकरी पालन से कितनी कमाई होती है?

यदि बकरी को किसान का एटीएम कहा जाए तो गलत नहीं हैं, क्योंकि वह जब चाहे इसे बेचकर आसानी से पैसे कम सकता हैं. एक अच्छी नस्ल की दुधारू बकरी को बेचकर दस हजार रूपये तक कमाए जा सकते हैं. वैज्ञानिक तरीके से यदि बकरी पालन किया जाए तो यह अधिक फायदेमंद होता हैं.

मार्केटिंग (Marketing)

अगर आप अपने बकरी पालन उद्योग को बड़े स्तर पर ले जाना चाहते है तो इसके लिए मार्केटिंग की भी जरूरत पड़ेगी. आपकी पहुँच डेयरी तथा मीट की शॉप तक होना जरुरी हो जाता हैं.

साथ ही अगर अच्छी नस्ल की बकरियां पाल रहे है तो अपने बिजनैस को ऊपर उठाने के लिए आप मार्केटिंग का सहारा भी ले सकते हैं.

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Poultry farming in hindi | सफल मुर्गी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें – स्टेप्स | A Comprehensive Guide on How to Start a Poultry Farming Business in Hindi

               भारत में कुक्कुट पालन (Poultry farming in hindi)  देश के कृषि परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा है। कुक्कुट पालन की समृद्ध परंपरा और कुक्कुट उत्पादों की बढ़ती मांग के साथ, भारत ने इस उद्योग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। पोल्ट्री फार्मिंग में मांस और अंडे के उत्पादन के लिए मुर्गियों, बत्तखों, टर्की और अन्य पक्षियों को पालना शामिल है। उद्योग ने प्रजनन तकनीकों, फ़ीड गुणवत्ता और रोग नियंत्रण उपायों के मामले में पर्याप्त प्रगति का अनुभव किया है। 

How to start poultry farming in hindi

पोल्ट्री फार्मिंग इन हिंदी (Poultry farming in hindi) कई किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। कुक्कुट पालन न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करता है बल्कि लगातार बढ़ती आबादी को प्रोटीन युक्त मांस और अंडों की सस्ती आपूर्ति सुनिश्चित करके खाद्य सुरक्षा में भी योगदान देता है। सरकार और विभिन्न संगठनों ने सब्सिडी, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अनुसंधान पहलों के माध्यम से पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने और समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे देश भर में इसके विस्तार को बढ़ावा मिला है। 

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पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming in hindi) एक आकर्षक और फायदेमंद उद्यम है जो कृषि उद्योग में उद्यमियों के लिए काफी संभावनाएं प्रदान करता है। पोल्ट्री उत्पादों जैसे अंडे और मांस की लगातार बढ़ती मांग के साथ, पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय शुरू करना एक लाभदायक प्रयास हो सकता है। हालाँकि, किसी भी व्यवसाय की तरह, इसमें सफल होने के लिए सावधानीपूर्वक योजना, ज्ञान और समर्पण की आवश्यकता होती है। इस लेख में, हम आपको पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय सफलतापूर्वक शुरू करने के बारे में एक व्यापक जानकारी देने वाले हैं।

मुर्गी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें | How to Start a Poultry Farming in Hindi

यहाँ कुछ स्टेप्स दिये गए हैं जो कि आपको कुक्कुट व्यवसाय सफलतापूर्वक शुरु करने में आपकी काफी मदद कर सकते हैं –

1. रिसर्च और योजना

पोल्ट्री फार्मिंग की बिजनेस में उतरने से पहले से पहले, गहन शोध करना और एक विस्तृत व्यवसाय योजना बनाना महत्वपूर्ण है। इससे आपको उद्योग, बाजार की मांग, प्रतिस्पर्धा और वित्तीय आवश्यकताओं को समझने में मदद मिलेगी। पता लगाएं कि आप किस प्रकार की कुक्कुट पालन करना चाहते हैं, जैसे ब्रॉयलर (मांस उत्पादन) या लेयर्स (अंडा उत्पादन)। इसके साथ ही उपलब्ध भूमि, पूंजी और बाजार मांग जैसे कारकों पर विचार करें।

2. आवश्यक परमिट और लाइसेंस प्राप्त करें

अपने क्षेत्र में पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक परमिट और लाइसेंस को समझने के लिए अपने स्थानीय कृषि विभाग या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें। इसमें कृषि पंजीकरण, पर्यावरण मंजूरी और स्वास्थ्य परमिट प्राप्त करना शामिल हो सकता है। विनियमों का अनुपालन सुनिश्चित करता है कि आपका व्यवसाय कानूनी रूप से संचालित होता है और अच्छे मानकों को बनाए रखता है। 

3. सही स्थान का चुनाव

अपने पोल्ट्री फार्म के लिए एक उपयुक्त स्थान का चयन करना इसकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। पर्याप्त भूमि उपलब्धता, अच्छी परिवहन सुविधा और अपने लक्षित बाजार से निकटता वाले क्षेत्र की तलाश करें। सुनिश्चित करें कि स्थान पर्याप्त धूप, वेंटिलेशन और प्रिडिटर्स से सुरक्षा के साथ कुक्कुट के स्वास्थ्य और विकास के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है

4. उपयुक्त आवास का निर्माण

अपने कुक्कुट के लिए उचित आवास सुविधाओं का डिजाइन और निर्माण करें। आवास को एक आरामदायक और स्वच्छ वातावरण, पर्याप्त जगह, उचित वेंटिलेशन और मौसम की स्थिति से सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, चूजों, वयस्क पक्षियों और प्रजनन स्टॉक के लिए अलग-अलग खंड का निर्माण करें।

5. गुणवत्तापूर्ण नस्लों और उपकरणों की खरीद

अपने पोल्ट्री फार्म के लिए उपयुक्त मुर्गियों या कुक्कुट की उच्च गुणवत्ता वाली नस्लें चुनें, जो स्वस्थ और आनुवंशिक रूप से बेहतर हो। स्वस्थ और अनुवांशिक रूप से उत्कृष्ट चूजों या अंडे प्राप्त करने के लिए प्रतिष्ठित आपूर्तिकर्ताओं या हैचरी से जुड़ें। इसके अतिरिक्त, फीडर, ड्रिंकर्स, हीटिंग सिस्टम, लाइटिंग और वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम जैसे आवश्यक उपकरणों में निवेश करें। ये आइटम कुशल संचालन और आपके पक्षियों के समग्र कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

6.उचित आहार और पोषण

कुक्कुट पोषण विशेषज्ञ या पशु चिकित्सक के परामर्श से एक संतुलित आहार प्रोग्राम विकसित कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि आपके पक्षियों को पोषक रूप से संतुलित आहार मिले जो विकास के प्रत्येक चरण में उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करता हो। उचित पोषण पक्षियों के समग्र स्वास्थ्य, विकास और उत्पादकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। और यह आपकी फार्म की आय का प्रत्यक्ष रूप से निर्धारण करते हैं।

7. जैव सुरक्षा उपायों को लागू करें

पोल्ट्री फार्म में रोग के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए जैव सुरक्षा आवश्यक है। फार्म में सख्त जैव सुरक्षा उपायों को लागू करें, जिसमें खेत तक सीमित पहुंच, नए पक्षियों के लिए संगरोध प्रोटोकॉल, नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण कार्यक्रम शामिल हैं। एक मजबूत रोग निवारण और नियंत्रण योजना बनाने के लिए एक पशु चिकित्सक से समय समय पर परामर्श जरूर लें।

8. विपणन और बिक्री रणनीति

अपने पोल्ट्री उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी विपणन और बिक्री रणनीति विकसित करना बहुत आवश्यक है। अपने लक्षित बाजार की पहचान करें, चाहे वह स्थानीय उपभोक्ता, थोक व्यापारी, रेस्तरां या सुपरमार्केट हों। मजबूत वितरण चैनल स्थापित करें और संभावित खरीदारों के साथ संबंध बनाएं। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और स्थानीय विज्ञापन का उपयोग करें।

9. निरंतर सीख और सुधार

कुक्कुट पालन एक गतिशील उद्योग है जिसमें निरंतर सीखने और सुधार की आवश्यकता होती है। पोल्ट्री क्षेत्र में नवीनतम ट्रेंड्स, प्रगति और सर्वोत्तम प्रथाओं से अवगत रहें। पोल्ट्री से सम्बंधित कार्यशालाओं, सेमिनारों और सम्मेलनों में भाग लें और उद्योग के विशेषज्ञों से जुड़ें। दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपनी फार्म की तकनीकों, प्रक्रियाओं और प्रबंधन प्रथाओं का लगातार मूल्यांकन और अनुकूलन करें।

10. वित्तीय प्रबंधन और रिकॉर्ड कीपिंग

अपने पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय के लिए उचित वित्तीय प्रबंधन और रिकॉर्ड-कीपिंग सिस्टम बनाए रखें। फ़ीड लागत, पशु चिकित्सा सेवाओं, उपकरण खरीद और श्रम लागत सहित सभी खर्चों पर नज़र रखें। पोल्ट्री उत्पाद की बिक्री से अपने राजस्व (रेवेन्यू) की मॉनिटर करें और नियमित रूप से अपनी लाभप्रदता का मूल्यांकन करें। प्रभावी वित्तीय प्रबंधन आपको सूचित निर्णय लेने, लागत में कमी के लिए क्षेत्रों की पहचान करने और आपके व्यवसाय की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

11. पेशेवर सलाह और नेटवर्किंग

अन्य पोल्ट्री किसानों और उद्योग के पेशेवरों के साथ नेटवर्किंग करना आपके व्यवसाय के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। समान विचारधारा वाले व्यक्तियों से जुड़ने के लिए स्थानीय या क्षेत्रीय पोल्ट्री फार्मिंग संघों, मंचों या ऑनलाइन समुदायों से जुड़ें। अपने ज्ञान को बढ़ाने, चुनौतियों का निवारण करने और मूल्यवान अंतर्दृष्टि इकट्ठा करने के लिए अनुभवी किसानों, सलाहकारों या पशु चिकित्सकों से सलाह लेते रहें।

12. विस्तार और विविधता

एक बार जब आपका पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय स्थापित हो जाए और सुचारू रूप से चलने लगे, तो विस्तार और विविधीकरण के अवसरों पर विचार करें। इसमें आपके फार्म का आकार बढ़ाना, अतिरिक्त पोल्ट्री उत्पाद लाइनों की खोज करना, या प्रसंस्कृत मांस या विशेष अंडे जैसे मूल्य वर्धित उत्पादों में उद्यम करना शामिल हो सकता है। अपने कार्यों का विस्तार करने से पहले बाजार की मांग का सावधानीपूर्वक आकलन व अध्ययन करें।

पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय शुरू करना एक पूर्ण और लाभदायक उपक्रम हो सकता है, बशर्ते आप इसे सावधानीपूर्वक योजना, ज्ञान और समर्पण के साथ करें। पूरी तरह से अनुसंधान करके, एक ठोस व्यवसाय योजना बनाकर, और इस गाइड में बताए गए चरणों का पालन करके, आप एक सफल पोल्ट्री फार्म स्थापित कर सकते हैं।

तो आपने इस लेख के पढ़ा कि आप पोल्ट्री फार्म व्यवसाय कैसे शुरू कर सकते हैं, (मुर्गी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें | A Comprehensive Guide on How to Start a Poultry Farming in Hindi) इसके लिए आपने क्रमवार 12 स्टेप्स पढ़े। हमे पूरा उम्मीद है कि यह लेख आपको जरूर पसंद आई हो । धन्यवाद!

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Business Ideas in Hindi

How to start goat farming Business 2023: बकरी पालन का व्यापार, Profit

बकरी पालन का व्यापार कैसे शुरू करें (How to start goat farming Business Plan in hindi)

बकरी पालन व्यापार एक लाभदायक व्यापार है. इस व्यापार के माध्यम से अच्छा खासा लाभ कमाया जा सकता है. कृषि के साथ भी बकरी पालन बहुत आसानी से किया जा सकता है . कई किसान ऐसे हैं, जो कृषि कार्य के साथ साथ पशुपालन करते हैं. यह फार्म कोई भी व्यक्ति कुछ सरल प्रक्रियाओं की सहायता से शुरू कर सकता है और पैसे कमा सकता है. यहाँ पर बकरी पालन सम्बंधित आवश्यक जानकारियों का वर्णन किया जा रहा है.

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बकरियों की नस्ल (List of goat breeds): goat farming Business

हमारे देश में विभिन्न नस्लों की बकरियां पायी जाती हैं, इनके नाम नीचे दिए जा रहे हैं. आप इनमे से किसी भी बकरी की नस्ल की सहायता से अपना बकरी पालन व्यापार आरम्भ कर सकते हैं.

  • ओस्मानाबादी (Osmanabadi Goat): बकरी के इस नस्ल का प्रयोग दूध और मांस दोनो के लिए किया जाता है. इस नस्ल की बकरी महाराष्ट्र में पायी जाती है. आम तौर पर इस नस्ल की बकरी वर्ष में दो बार प्रजनन क्रिया करती है. इस प्रजनन क्रिया के दौरान ट्विन्स अथवा ट्रिप्लेट (एक साथ तीन) बच्चे भी प्राप्त हो सकते हैं. तात्कालिक समय में ओस्मानाबादी बकरे की कीमत रू 260 प्रति किलोग्राम और बकरी की कीमत रू 300 प्रति किलोग्राम है.
  • जमुनापारी बकरी : जमुनापारी नस्ल की बकरियां दूध के मामले में काफी बेहतर होती हैं. इस नस्ल की बकरी अन्य नस्ल की बकरियों की अपेक्षा अच्छा दूध देती है. यह उत्तर प्रदेश की नस्ल है. इस नस्ल की बकरी का प्रजनन वर्ष में एक ही बार होता है. साथ ही इस बकरी से जुड़वाँ बच्चे पैदा होने के संयोग काफी कम होते हैं. इस नस्ल के बकरे की कीमत रू 300 प्रति किलोग्राम और बकरी की कीमत  रू 400 प्रति किलोग्राम है.
  • बीटल बकरी: इस नस्ल की बकरी पंजाब और हरियाणा में पायी जाती है. जमुनापारी के बाद दूध देने के मामले में यह बकरी काफी अच्छी है. अतः इसका प्रयोग दूध के लिए किया जाता है. इस नस्ल की बकरी से हालाँकि जुड़वाँ बच्चे पैदा होने संयोग अपेक्षाकृत अधिक होते हैं. इस नस्ल के बकरे की कीमत रू 200 प्रति किलोग्राम और बकरी की कीमत  रू 250 प्रतिकिलोग्राम है.
  • शिरोई बकरी : बकरी की इस नस्ल का प्रयोग दूध और मांस दोनों प्राप्त करने के लिए किया जाता है. यह राजस्थानी नस्ल है. आम तौर पर इस नस्ल की बकरियां वर्ष में दो बार प्रजनन क्रिया करती है. इस नस्ल की बकरी में जुडवाँ बच्चों की उम्मीद कम होती है. इस नस्ल के बकरे का मूल्य रू 325 प्रति किलोग्राम तथा बकरी का मूल्य रू 400 प्रति किलोग्राम होता है.  
  • अफ्रीकन बोर: इस तरह की नस्ल की बकरी मांस प्राप्त करने के लिए उपयोग में लाई जाती है. इस नस्ल की बकरी की ख़ास विशेषता यह है कि इसका वजन कम समय में काफी अधिक बढ़ जाता है, अतः इससे अधिक लाभ प्राप्त होता है. साथ ही इस नस्ल की बकरियां अक्सर जुडवाँ बच्चे पैदा करती हैं. इसी वजह से बाजार  में अफ्रीकन बोर नस्ल की बकरियों की मांग काफी अधिक होती है. इस नस्ल के बकरे की कीमत  रू 350 प्रति किलोग्राम से रू 1,500 प्रति किलोग्राम तथा बकरियों की कीमत  रू 700 प्रति किलोग्राम से रू 3,500 प्रति किलोग्राम तक की होती है.

बकरी पालन के लिए स्थान (Place Required):

बकरी पालन के लिए एक व्यवस्थित स्थान की आवश्यकता होती है. इस कार्य के लिए स्थान का चयन करते हुए निम्न बातों पर ध्यान दें.

  • स्थान का चयन : सर्वप्रथम बकरी पालन के लिए ऐसे स्थान का चयन करें, जो शहर क्षेत्र से बाहर अर्थात किसी ग्रामीण इलाके में हो. ऐसे स्थानों पर बकरियां शहर के प्रदूषण तथा अनावश्यक शोर से सुरक्षित रहेंगी.
  • शेड का निर्माण : आपको बकरी पालन के लिए चयनित स्थान पर शेड का निर्माण कराना होगा. शेड निर्माण करते समय इसकी ऊंचाई न्यूनतम 10 फीट की रखें. शेड का निर्माण इस तरह से कराएं कि हवा आसानी से आ जा सके.
  • बकरियों की संख्या : बकरी पालन के लिए न्यूनतम एक यूनिट बकरियाँ होनी चाहिए. ध्यान रहे कि पाली गयी सभी बकरियाँ एक ही नस्ल की हो.
  • पेयजल: बकरियों को शीतल पेयजल मुहैया कराएं. इसकी सुविधा शेड के अन्दर स्थायी रूप से कराई जा सकती है.
  • साफ सफाई: बकरियों के आस पास के स्थानों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. इनके मल- मूत्र की साफ सफाई का ध्यान रखना आवश्यक है.
  • बकरियों की संख्या का नियंत्रण: शेड में उतनी ही बकरियाँ पालें, जितनी आसानी से पाली जा सकती हैं. यहाँ बकरियों की भीड़ न बढाएं.

स्थान की आवश्यकता:

यदि एक बकरी के लिए कुल 20 वर्ग फीट का स्थान चयन किया जाये, तो कुल 50 बकरियों के लिए आवश्यक स्थान1000 वर्ग फीट 
दो बकरे के लिए आवश्यक स्थान 40 वर्ग फीट 
100 मेमनों (बकरियों के बच्चे) के लिए आवश्यक स्थान 500 वर्ग फीट 
कुल स्थान की आवश्यकता 1540 वर्ग फीट 

रोग निवारण और वैक्सीनेशन (Common goat diseases and treatments):

पाली गयी बकरियों को विभिन्न तरह के रोग हो सकते हैं. इन्हें होने वाले मुख्य रोगों का वर्णन नीचे किया जा रहा है, जिससे इन बकरियों को बचाने की आवश्यकता होती है. इन रोगों के रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन का प्रयोग किया जाता है.   

  • पाँव और मुँह के रोग (एफएमडी) : बकरियों में अक्सर पाँव और मुँह सम्बंधित रोग मिलते हैं. इस रोग की रोकथाम वैक्सीन की सहायता से की जा सकती है. इस रोग का वैक्सीन बकरियों को 3 से 4 माह की आयु के दौरान दिया जाता है. इस वैक्सीन के चार माह के बाद बूस्टर देने की आवश्यकता होती है. प्रति छः महीने के अंतराल पर इस वैक्सीन को दोहराया जाता है.
  • गोट प्लेग ( पीपीआर) : बकरियों के लिए प्लेग एक बेहद खतरनाक रोग है. इस रोग की वजह से एक बड़ी संख्या में बकरियां मर सकती हैं. इस रोग की रोकथाम हालाँकि वैक्सीन की सहायता से किया जा सकता है. इस रोग से बकरियों को बचाने के लिए पहला वैक्सीन चार महीने की उम्र में दिया जाता है. इसके बाद चार चार वर्षों के अंतराल पर यह वैक्सीन बकरियों को देने की आवश्यकता होती है.
  • गोट पॉक्स : गोट पॉक्स भी एक बेहद खतरनाक रोग है. इस रोग से बकरियों के बचाव के लिए पहली बार बकरियों को तीन से पाँच महीने की आयु में वैक्सीन देने की आवश्यकता होती है. यह वैक्सीन बकरियों को प्रति वर्ष देने की आवश्यकता होती है.
  • हेमोरेगिक सेप्टिसेमिया (एचएस): यह हालाँकि एक बड़ा रोग नहीं है किन्तु फिर भी बकरियों को काफी हानि पहुंचाता है. इस रोग के रोकथाम का पहला वैक्सीन बकरी के जन्म के 3 से 6 महीने के बीच दिलाना होता है. इसके उपरान्त प्रति वर्ष यह वैक्सीन देना होता है. इस वैक्सीन को मानसून से पहले देना उचित है.
  • एंथ्रेक्स : यह एक घातक रोग है, जो जानवर से व्यक्तियों के बीच भी फ़ैल सकता है. अतः इस रोग की रोकथाम अनिवार्य है. इस रोग के रोकथाम के लिए पहला वैक्सीनेशन बकरी के 4 से 6 महीने के बीच की आयु में किया जाता है. इसके बाद यह वैक्सीन प्रत्येक वर्ष देने की आवश्यकता होती है.

फार्म स्थापित करने में लागत (goat farming cost in India ) :

फार्म स्थापित करने की लागत इस बात पर निर्भर करती है, कि आप कितने बकरियों की संख्या के साथ फ़ार्म शुरू करना चाहते हैं. यहाँ पर एक यूनिट बकरियों की कुल लागत का विवरण दिया जा रहा है.

  • आम तौर पर एक बकरी का वजन 25 किलो का होता है. अतः 300 रूपए प्रति किलोग्राम के दर से एक बकरी की कीमत रू 7,500 होती है.
  • इसी तरह से 30 किलोग्राम के एक बकरे की कुल कीमत रू 250 प्रति किलोग्राम के दर से रू 7,500 होती है.
  • एक यूनिट में कुल 50 बकरियाँ और 2 बकरे आते हैं. अतः एक यूनिट बकरी खरीदने की कुल लागत होगी,
      50 बकरियों की कुल कीमत  रू3,75,000 
      2 बकरे की कुल कीमत   रू 15,000
      एक यूनिट की कुल कीमत  रू 3,90,000 

इसी तरह आप  मुर्गी पालन का काम शुरू कर  एवं  खरगोश पालन व्यापार आरम्भ   कर अच्छा मुनाफा कम सकते है.

अन्य आवश्यक खर्च (Other goat farming expenses):

  • आम तौर पर शेड के निर्माण में रू 100 प्रति वर्ग फीट का खर्च आता है. वार्षिक तौर पर जल, विद्युत् आदि के लिए रू 3000 तक का खर्च होता है. एक यूनिट बकरियों को खिलाने के लिए प्रत्येक वर्ष रू 20,000 की आवश्यकता होती है.
  • यदि आप बकरियों का बीमा कराना चाहते है, तो इसके लिए कुल लागत का 5% खर्च करना होता है. उदाहरण के तौर पर यदि एक यूनिट बकरियों की कुल कीमत रू 3,90,000 है, तो बीमा के लिए इसका 5% यानि कुल 1,9500 रूपए खर्च करनी होती है.
  • एक यूनिट बकरियों पर कुल वैक्सीन और मेडिकल कास्ट रू 1,300 खर्च होता है.
  • इसके अलावा आप यदि कार्य करने के लिए मजदूरों की नियुक्ति करते हैं, तो आपको अलग से पैसे देने की होंगे.

1 वर्ष का कुल खर्च: उपरोक्त सभी खर्चों को जोड़ कर एक वर्ष में बकरी पालन के लिए कुल 8 लाख रूपये तक की आती है.

बकरी पालन में होने वाले लाभ (goat farming profit or loss):

इस व्यापार में प्रति महीने बंधा बँधाया लाभ प्राप्त नहीं हो सकता है. हालाँकि कई त्यौहारों जैसे बकरीद, ईद आदि के मौके पर इन बकरियों की मांग काफी अधिक बढ़ जाती है. शुरूआती दौर में यह लाभ प्रतिवर्ष लगभग 1.5 से 2 लाख रूपए का होता है. यह लाभ प्रति वर्ष बढ़ता जाता है. बकरियाँ जितनी अधिक बच्चे पैदा करती हैं, उतना अधिक लाभ प्राप्त होता है.

सरकार की तरफ से सहायता:

सरकार की तरफ से कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएँ चलाई जाती हैं. हरियाणा सरकार ने भी मुख्यमंत्री भेड़ पालक उत्थान योजना को शुरू किया है, अतः आप अपने राज्य में चल रहे ऐसी योजनाओं का पता लगा कर लाभ उठा सकते है. इसके अलावा आपको नाबार्ड (NABARD) की तरफ से भी आर्थिक सहायता प्राप्त हो सकती है. अतः नाबार्ड में आवेदन देकर ऋण और सब्सिडी प्राप्त किया जा सकता है.

पंजीकरण ( Registration) :

आप अपने फर्म का पंजीकरण एमएसएमई अथवा उद्योग आधार की सहायता से कर सकते हैं. यहाँ पर उद्योग आधार द्वारा फर्म के पंजीकरण की जानकारी दी जा रही है.

  • आप उद्योग आधार के अंतर्गत ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं. इसके लिए ऑनलाइन वेबसाइट udyogaadhar.gov.in  है.
  • यहाँ पर आपको अपनी आधार नंबर और नाम देने की आवश्यकता होती है.
  • नाम और आधार संख्या दे देने के बाद आप ‘वैलिडेट आधार’ पर क्लिक करें. इस प्रक्रिया से आपका आधार वैलिडेट हो जाता है.
  • इसके उपरान्त आपको अपना नाम, कंपनी का नाम, कंपनी का पता, राज्य, ज़िला, पिन संख्या, मोबाइल संख्या, व्यावसायिक ई मेल, बैंक डिटेल, एनआईसी कोड आदि देने की आवश्यकता होती है.
  • इसके उपरांत कैपचा कोड डाल कर सबमिट बटन पर क्लिक करें.
  • इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद आपको एमएसएमई की तरफ से एक सर्टिफिकेट तैयार हो जाता है. आप इस सर्टिफिकेट का प्रिंट लेकर अपने ऑफिस में लगा सकते हैं.

मार्केटिंग (Marketing):

इस व्यापार को चलाने के लिए मार्केटिंग की आवश्यकता बहुत अधिक होती है. अतः आपको डेयरी फार्म से लेकर माँस के दुकानों तक अपना व्यापार पहुंचाना होता है. आप अपने बकरियों से प्राप्त दूध को विभिन्न डेयरी फार्म तक पहुँचा सकते हैं. इसके अलावा मांस की दुकानों में इन बकरियों को बेच कर अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है. भारत में एक बड़ी संख्या की आबादी मांस खाती है. अतः माँस के बाजार  में इसका व्यापार आसानी से हो सकता है.    

  • चिक्की और लड्डू बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें
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  • आलू चिप्स बनाने का व्यापार कैसे करें

3 thoughts on “How to start goat farming Business 2023: बकरी पालन का व्यापार, Profit”

i like this ye kaafi achi site hai aur puri jankari bistar k sath deti hai so thanks for

Mai Bakra, bakri farming ka vyapar start karna chahta Hoon kripya mujhko vistaar me iski jaankari dijiye, aur government sector kis Tarah ki sahayta mil Sakti hai iski jankari bhi dijiye, JAISE loan kis Tarah prapt Kiya ja sakta hai us par subsidi kitni milegi,aur Kya government ki taraf SE chikitsak bhi milega ya NAHI.etc kripya uchit Salah dekar mere manobal ko badhayen…..DHANYAWAD

I want to start the goat farming Please tell me details

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डेयरी फार्मिंग व्यवसाय कैसे शुरू करें? How to Start Dairy Farming Business in Hindi?

इस लेख में आप डेयरी फार्मिंग व्यवसाय कैसे शुरू करें? How to Start Dairy Farming Business in Hindi? की जानकारी प्राप्त करेंगे। इसमे आप इसके फायदे, इससे जुड़े अन्य व्यवसाय, ट्रेनिंग, निवेश और मार्केटिंग की पूरी जानकारी जन पाएंगे।

Table of Content

डेयरी फार्मिंग कैसे शुरू करें? How to Start Dairy Farming in Hindi?

आज के समय में डेयरी फार्मिंग एक ऐसा व्यवसाय बन गया है जिससे लाखों लोगों को रोज़गार मिल रहा है। यह एक ऐसा फलता-फूलता व्यवसाय है जिसे हर जगह सफलतापूर्वक स्थापित किया जा सकता है। इसलिए आजकल इंजीनियर, डॉक्टर आदि कई प्रोफेशनल लोग भी इससे जुड़ते जा रहे है और लाखों की कमाई कर रहे है।

पढ़ें: गाय पालन के फायदे

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय की जानकारी Full Information on Dairy Farming in Hindi

एक बेहतर डेयरी फार्म खोलते समय हमें निम्न जानकारियाँ होना आवश्यक है-

1. मवेशियों की जानकारी Cattle Information

2. मवेशियों के रोगों की जानकारी about complete information of cattle diseases.

अगर आप डेयरी फार्म खोलना चाहते हैं तो आपको गाय और भैंस के मुख्य रोगों की जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि अगर आपको गाय, भैंस के रोगों की जानकारी नहीं है तब आपको आपकी गाय, भैस के कई घातक रोगों के बारे में पता ही नहीं चलेगा और  वह कम दूध देगी अंततः उसकी मृत्यु भी हो सकती है और आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

3. मवेशियों के खान-पान Proper Feeding to Cattles

4. दूध निकालने की जानकारी how to collect milk from cattles.

डेयरी फार्मिंग में आपको दूध निकालने की जानकारी भी होनी चाहिए यदि आपका डेयरी फॉर्म बड़ा है तो आप दूध निकालने की मशीन भी खरीद सकते हैं।

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय के फायदे Advantages of Dairy Farming Business in India

डेयरी फार्मिंग से जुड़े अन्य व्यवसाय other connected business with dairy farming in india.

दूध या डेयरी फार्मिंग से मुख्य दो प्रकार के व्यवसाय जुड़े हुए हैं जो निम्न प्रकार हैं-

1. दुग्ध व्यवसाय Milk Business

2. पशु प्रजनन cattle breeding, 3. अन्य व्यवसाय other business, डेयरी फार्मिंग की ट्रेनिंग training for dairy farming business.

बहुत से लोग ऐसे है, जो डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय शुरू तो कर देते हैं लेकिन उन्हें पर्याप्त जानकारी ना होने के कारण नुकसान का सामना करना पड़ता है। इसलिए डेयरी फार्मिंग शुरू करने से पहले हमें इसकी ट्रेनिंग या जानकारी होना आवश्यक है।

डेयरी फार्मिंग ट्रेनिंग के लिए भारत में कई प्रकार के संस्थान खुले हुए हैं जहां से आप डेयरी फार्मिंग से संबंधित जानकारीयां और ट्रेनिंग प्राप्त करके डेयरी फार्मिंग  व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं।

करनाल (हरियाणा) स्थित राष्ट्रीय डेयरी संस्थान( NDRI) हर महीने डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण देती है जिसमें यह संस्थान 6 दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती है, जिसमें पशुओं के चयन से लेकर उनका रख-रखाव पशुओं के आहार से लेकर दूध और दूध उत्पादों की मार्केटिंग के बारे में जानकारियाँ दी जाती है।

इस डेयरी उद्योग का प्रशिक्षण कार्यक्रम क़ृषि विद्यालयों तथा सरकारी पशुपालन केंद्रों पर भी समय-समय पर आयोजित किया जाता है। जहाँ से कोई भी व्यक्ति प्रशिक्षण प्राप्त करके डेयरी फार्मिंग में अपना कैरियर बना सकता है।

डेयरी फार्मिंग में निवेश Investment in Dairy Farming Business Plan in Hindi

यह एक सरल व्यवसाय है जिसे आसानी से स्थापित किया जा सकता है। लेकिन उससे पहले आपको डेयरी उद्योग पर निवेश के बारे में योजना बना लेना चाहिए की आप किस आकार का डेयरी फार्म खोलना चाहते है। डेयरी फार्म सामान्यतः तीन प्रारूपों में खोला जा सकता है।

1. छोटे पैमाने पर डेयरी फार्मिंग Small Project Dairy Farming

छोटे पैमाने पर आप डेयरी फार्म को आसानी से स्थापित कर सकते हैं। अगर आप आत्मनिर्भर हैं और आपके पास पैसे कम है तो लघु पैमाने पर डेयरी फार्म आपके लिए सही रहेगा तथा इसे आप घर पर भी स्थापित कर सकते है।

एक दुधारू नस्ल की भैंस की कीमत कम से कम 50000 के लगभग होती है। अतः इसमें आपको कम से कम एक से 2 से 4 लाख तक का निवेश करना पड़ सकता है। 

आप इस व्यवसाय को स्थापित करने के लिए बैंक से लोन भी ले सकते हैं तथा डेयरी फार्मिंग विकसित करने हेतु सरकार द्वारा कई स्कीमें भी समय-समय पर चलाई जाती है जिसका लाभ भी आप उठा सकते है।

2. मध्यम पैमाने पर डेयरी फार्मिंग Medium Project Dairy Farming

मध्यम पैमाने पर  डेयरी फार्मिंग के लिए आपके पास 1500 वर्ग फुट ज़मीन होना चाहिए तथा उनके खान-पान पर भी सही ध्यान देना पड़ेगा। इसमें आपको 25 से 30 लाख रु निवेश करना पड़ सकता है।

3. बड़े पैमाने पर डेयरी फार्मिंग Big Project Dairy Farming Business

बड़े पैमाने पर डेयरी फार्मिंग में हम कम से कम 30 से 50 पशुओं को पालते हैं। इसमें कम से कम खर्चा 50  से 75 लाख के आसपास आ जाता है। जो हम स्वयं के द्वारा या फिर बैंक से लोन लेकर भी स्थापित कर सकते हैं।

डेयरी फार्मिंग के लिए मार्केटिंग How to Do Marketing for Dairy Farm in Hindi?

इनकी माँग आज इतनी है, कि हम अपने डेयरी उत्पादों को अपने घर से ही बेच सकते हैं। अगर आप 500 लीटर से अधिक दूध उत्पादित करते है तो आप दुग्ध फ़ैक्टरियों से कॉन्टेक्ट करके उन्हें सप्लाई कर सकते है।

डेयरी उद्योग की निम्न प्रकार से मार्केटिंग की जा सकती है (Dairy Farming Marketing Guide in Hindi) –

1. आस पास के गाँवों में पेम्पलेट बंटवाकर By Distributing Pamphlets in Nearby Villages

आप अपने अगल बगल के गाँवों-नगरों में पेम्पलेट छपवाकर बाँट सकते हैं। जिससे लोगों के आपके डेयरी व्यवसाय का पता व सेवाओं की सटीक जानकारी हो जाए।

2. अखबार में इश्तिहार देकर Advertisement in Newspapers

आज भी कई ऐसे जगह हैं जहाँ लोग समाचार पत्र ही पढ़ना पसंद करते हैं। ऐसे घरों में आप अपने डेयरी व्यवसाय को अखबार के इश्तिहारों के माध्यम से खुद की जानकारी मुहैया करा सकते हैं।

3. चौराहों पर बैनर व पोस्टर लगवाकर Using Banners in Your City and Village

बड़े व आकर्षक पोस्टर्स को पर आज भी हमारी नजर जरुर जाती है इसलिए अगर आपका बजट हो तो कुछ बड़े बैनर भीड़-भाड़ वाले चौराहों पर जरुर लगवाएं।

4. मिलते जुलते व्यवसायियों से टाई-अप कर के By Tying up With Similar Business Partners

इस प्रक्रिया को क्रॉस एडवरटाइजमेंट कहते हैं, जिसमें डेयरी व्यवसाय से अलग लेकिन मिलते-जुलते अन्य व्यवसायों से टाई-अप करके एक दुसरे की एडवरटाइजिंग कर सकते हैं। क्रोस एडवरटाइजमेंट का सबसे अच्छा उदाहरण डोमिनोस और पेप्सी को ले सकते हैं।

5. सोशल मीडिया पर आर्गेनिक प्रोडक्ट्स का प्रचार कर Advertise your Organic Milk Business on Social Media

आज का समय डिजिटल मार्केटिंग हो चुका है अर्थात जो डिजिटल को अनदेखा कर रहा है वह पीछे रह जा रहा है। आप भी अपने डेयरी व्यवसाय को डिजिटली मार्केट कर सकते हैं। जिसमें आर्गेनिक प्रोडक्ट्स को केंद्र के रूप में रख सकते हैं क्योंकि इस समय बाज़ार में आर्गेनिक प्रोडक्ट्स की डिमांड बहुत ही ज्यादा है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने डेयरी फार्म के व्यवसाय की जानकारी विस्तार से प्राप्त की। आशा है आपको अपने डेयरी उद्योग को कैसे शुरू करें? (how to start dairy farming in hindi) इसकी जानकारी आपूर्ति हुई होगी। अगर यह लेख आपको सहायक लगा हो तो इसे सजरे जरुर करें।

farming business plan hindi

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KAMAO AUR KAMANE DO

Dairy farming business plan in hindi (लाखो कमाओ).

दोस्तों आज हम Dairy Farming Business Plan in Hindi की इस लेख में Dairy Farming की कंप्लीट जानकारी देंगे। इस लेख के आखिर तक आपको Dairy Farming कैसे सुरू करना है और इससे जुड़े सभी जानकारी पता चलेगी।

दोस्तो इस बिजनेस को सुरू करने के लिए आपको ना ज्यादा स्किल जरूरत है और नहीं ज्यादा इनवेस्टमेंट की जरूरत है आप के पास कितनिभी इनवेस्टमेंट हो आप उससे इस बिजनेस को सुरू कर सकते हो इसीलिए आज भारत में करोड़ो किसान खेती का साथ यह बिजनेस करते है और अच्छा मुनाफा कमाते है।

लेकिन ज़्यादातर किसान इस बिजनेस को स्केल नहीं कर पाते। लेकिन आज नए बच्चे इस बिजनेस में आना चाहते है और इसे सही तरीके से करके स्केल भी करना चाहते है बिलकुल आपकी तरह।

आप भी कहिना कही इस बिजनेस को करना चाहते हो इसीलिए आप यहापर आये है। तो मैं आपको यही कहना चाहूँगा की Dairy Farming Business Plan in Hindi इस पोस्ट को आखिर तक जरूर पढ़िये।

Dairy Farming Business Plan in Hindi

Table of Content

डेयरी फार्म क्या होता है?

डेयरी फार्मिंग पशुपालन का एक लाभदायक व्यवसाय है जिसका मुख्य फोकस दूध उत्पादन और बिक्री पर होता है। गाय, भैंस और बकरी जैसे दूध देने वाले पशुओं को पाला जाता है, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है और उनसे प्राप्त दूध को बेचा जाता है या उससे अन्य डेयरी उत्पाद बनाए जाते हैं। यह व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्रों में आय का एक स्थिर स्रोत माना जाता है, और भारत जैसे देश में डेयरी उत्पादों की निरंतर मांग के कारण इसकी लोकप्रियता बनी हुई है।

हालांकि, सफल डेयरी फार्म चलाने के लिए सावधानीपूर्वक योजना और कुशल प्रबंधन की आवश्यकता होती है। पशुओं की नस्ल, उनकी देखभाल, आहार और आवास पर ध्यान देना जरूरी है। साथ ही, दूध दुहने की उचित तकनीक और स्वच्छता का पालन करना दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करता है। मार्केटिंग रणनीति और प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण भी सफलता के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं। कुल मिलाकर, डेयरी फार्मिंग मेहनत और समर्पण मांगता है, लेकिन यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और उपभोक्ताओं को ताजा और स्वस्थ डेयरी उत्पाद उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Dairy Farming Business के स्तर

दोस्तों डेयरी फार्म के बिजनेस को आप अलग अलग स्तर पर सुरू कर सकते हो। और हर स्तर पर आपको इसे सुरू करने के लिए अलग अलग जरूरते पड़ेंगी। हमने 3 स्तर पर आपको बताया है।

दोस्त यदि आपके पास निवेश करने के लिए बजेट बहुत ही कम है तो आप छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग कर सकते हो। यहापर आप 2-5 गाय या भैस से सुरू कर सकते हो इस स्तर में आपका मूल निवेश गाय या भैस को खरीदने का ही ज्यादा होगा। आपको बड़े टेक्निकल चीजो में निवेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी जैसे की दूध दुहाने की मशीन, बहुत बड़ा शेड, ठंडा कमरा। हमने आपको नीचे एक पूर्वानुमानित मॉडल बताया है जिससे आप समज सकते हो की आपको क्या क्या जरूरी है जिस में आपको निवेश करना ही पड़ेगा।

  • आवास:  साधारण शेड या छप्पर
  • चारा:  हरा चारा, दानेदार चारा
  • दूध दुहाने के उपकरण :  मैनुअल दूध दुहनेवाला
  • भण्डारण:  दूध के लिए ठण्डा कंटेनर
  • परिवहन:  साइकिल या मोटरसाइकिल
  • उत्पादन:  20-50 लीटर दूध प्रति दिन
  • मुनाफ़ा: ₹10,000-₹20,000 प्रति माह

यदि आप 10-20 गाय या भैस से डेयरी फार्म सुरू करना चाहते है तो आपको बहुत ही कम निवेश की जरूरत होगी और इसमे आपको बड़े टेक्निकल छीजो में निवेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी जैसे की दूध दुहाने की मशीन, बहुत बड़ा शेड, ठंडा कमरा। हमने आपको नीचे एक पूर्वानुमानित मॉडल बताया है जिससे आप समज सकते हो की आपको क्या क्या जरूरी है जिस में आपको निवेश करना ही पड़ेगा।

ज़्यादातर लोग मध्यम स्तर का ही डेयरी फ़ार्मिंग का बिजनेस करते है। इस स्तर का डेयरी बिजनेस सुरू करने के लिए आपके पास 8 से 10 लाख तर का बजेट होना जरूरी होगा। इस स्तर पर डेयरी फार्म का बिजनेस करने के लिए आपको सभी जरूरी उपकरणो में निवेश करना ही होगा। जिसे हमने नीचे बताया है।

  • निवेश: 10-20 गाय या भैंस
  • आवास: पक्का शेड
  • उपकरण: खिला उपकरण, हरा चारा कटर, भूसा काटने वाली मशीन, दुध दुहने कि मशीन, पाश्चराइज्ड उपकरण, दुध कि टंकियां
  • उपचार: टीकाकरण
  • चारा: हरा चारा, दनादर चारा,
  • भंडारन: ठंडा कमरा
  • परिवाहन: गाड़ी या ट्रैक्टर
  • उत्पादन: 100-200 लीटर दूध प्रति दिन
  • लाभ: ₹50,000-₹1,00,000 प्रति महिना

दोस्तों इस स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग का बिजनेस करने के लिए आपको बड़े निवेश के अलावा अच्छे प्लानिंग की भी जरूरत होती है। आप मध्यम स्तर से सुरू करके बाद में जाकर इस बिजनेस को बड़े स्तर में भी तकदिल कर सकते हो। और जिससे आपके फ़ेल होने के चांसेस कम होते है। दोस्तों आपको मध्यम स्तर का डेयरी फार्म बिजनेस सुरू करने में जो कुछ छीजे लगेंगी वही सब आपको बड़े स्तर के लिए भी लगेंगी बस आपको मात्रा बढ़नी होगी।

  • निवेश: 50 या अधिक
  • आवास: हाईटेक शेड
  • चारा: साबुत चारा, दानेदार चारा और अनाज
  • परिवाहन: टैंकर ट्रक
  • उत्पादन: प्रति दिन 500 या अधिक लीटर दूध
  • मुनाफ़ा: ₹2,00,000 या अधिक प्रति माह

Dairy Farming Business Plan in Hindi (Step by Step)

1. योजना बनाना.

योजना बनाना डेयरी फार्म बिजनेस शुरू करने का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है। इसमें आपके लक्ष्यों, बजट और बाजार का अध्ययन शामिल है।

लक्ष्य निर्धारण: आपको यह तय करना होगा कि आप कितना दूध उत्पादन करना चाहते हैं और किस प्रकार का दूध (गाय, भैंस, आदि) आप बेचना चाहते हैं।

बजट का निर्धारण: आपको भूमि, पशुधन, उपकरण, भोजन, कर्मचारियों, और अन्य खर्चों के लिए पैसे की आवश्यकता होगी।

बाजार का अध्ययन: आपको यह जानना होगा कि आप अपने दूध को किसे बेचेंगे और आपके प्रतिस्पर्धी कौन हैं।

योजना बनाते समय, आपको अपने लक्ष्यों, बजट और बाजार के बीच संतुलन बनाना होगा। आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास पर्याप्त संसाधन हैं (जैसे भूमि, पानी, चारा) अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए।

यहां कुछ अन्य महत्वपूर्ण कारक हैं जिन पर आपको योजना बनाते समय विचार करना चाहिए:

सरकारी नियम और कानून:  आपको डेयरी फार्मिंग शुरू करने के लिए आवश्यक लाइसेंस और परमिट प्राप्त करने होंगे। पर्यावरणीय प्रभाव:  आपको अपने डेयरी फार्म के पर्यावरणीय प्रभाव पर विचार करना होगा और इसे कम करने के लिए उपाय करना होगा। जोखिम प्रबंधन:  आपको बीमारी, मौसम, और अन्य जोखिमों के लिए योजना बनानी होगी।

2. भूमि का चयन करें 

आपके पास पर्याप्त भूमि होनी चाहिए ताकि आपके पशुओं के लिए चारागाह और भोजन का भंडारण हो सके। भूमि का आकार आपके पशुओं की संख्या और आपके द्वारा उगाए जाने वाले चारे के प्रकार पर निर्भर करेगा। भूमि उपजाऊ होनी चाहिए ताकि आप चारा उगा सकें। यदि भूमि उपजाऊ नहीं है, तो आपको चारा खरीदना होगा, जिससे आपकी लागत बढ़ जाएगी।

शेड का चयन:

आकार:  शेड का आकार आपके पशुओं की संख्या पर निर्भर करेगा। वेंटिलेशन:  शेड में उचित वेंटिलेशन होना चाहिए ताकि पशुओं को स्वच्छ हवा मिल सके। प्रकाश व्यवस्था:  शेड में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था होनी चाहिए ताकि पशुओं को देखभाल करना आसान हो सके। पानी की व्यवस्था:  शेड में पशुओं के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। नाली व्यवस्था:  शेड में उचित नाली व्यवस्था होनी चाहिए ताकि गंदा पानी जमा न हो सके। भूमि और शेड का चयन करते समय, आपको अपनी आवश्यकताओं और बजट को ध्यान में रखना होगा.

3. योग्य पशुधन का चयन करें

पशुधन का चयन डेयरी फार्म बिजनेस का एक महत्वपूर्ण निर्णय है। आपके द्वारा चुनी गई नस्ल, संख्या और स्वास्थ्य आपके दूध उत्पादन और व्यवसाय की सफलता को प्रभावित करेगा।

पशुओं की नस्ल:

गाय:  विभिन्न नस्लों की गायें हैं, जैसे कि होल्स्टीन, जर्सी, और साहीवाल। प्रत्येक नस्ल की अपनी विशेषताएं हैं, जैसे कि दूध उत्पादन, दूध की गुणवत्ता, और जलवायु अनुकूलन क्षमता। आपको अपनी आवश्यकताओं के अनुसार नस्ल का चयन करना चाहिए।

भैंस:  भैंस का दूध गाय के दूध की तुलना में अधिक पौष्टिक होता है। भैंस की कुछ लोकप्रिय नस्लों में मुर्रा, सुरती, और मेहसाना शामिल हैं।

पशुओं की संख्या:

आपके पास पर्याप्त पशुधन होना चाहिए ताकि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। यदि आपके पास बहुत कम पशुधन हैं, तो आप अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। यदि आपके पास बहुत अधिक पशुधन हैं, तो आपकी लागत बढ़ जाएगी। आपको अपनी भूमि की क्षमता और चारा उत्पादन क्षमता को भी ध्यान में रखना होगा।

पशुओं का स्वास्थ्य:

पशुओं का स्वस्थ होना महत्वपूर्ण है ताकि वे अधिक दूध उत्पादन कर सकें। बीमार पशु कम दूध उत्पादन करते हैं और आपके व्यवसाय के लिए खतरा बन सकते हैं। आपको नियमित रूप से पशुओं का स्वास्थ्य जांच करवाना चाहिए और उन्हें टीकाकरण करवाना चाहिए। पशुधन का चयन करते समय, आपको अपनी आवश्यकताओं, बजट, और उपलब्ध संसाधनों को ध्यान में रखना होगा।

3.1 जर्सी गाय

जर्सी गाय एक छोटी नस्ल है जो हल्के पीले रंग की होती है। यह गाय अपनी समृद्ध दूध उत्पादन क्षमता के लिए जाना जाता है, जो प्रति दिन 12-15 लीटर तक हो सकता है। जर्सी गाय के दूध में वसा और प्रोटीन की मात्रा भी अधिक होती है, जो इसे डेयरी व्यवसाय के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाता है।

इसके अलावा, जर्सी गाय को कम चराई की आवश्यकता होती है और इसकी रखरखाव भी कम होती है। यह गाय उष्णकटिबंधीय जलवायु के लिए भी उपयुक्त है, जो इसे भारत में डेयरी व्यवसाय के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनाता है।

मुर्रा भैंस भारत की एक प्रमुख डेयरी पशु नस्ल है, जिसे “दूध की रानी” के रूप में जाना जाता है। यह नस्ल उच्च दूध उत्पादन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है और डेयरी व्यवसाय के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

3.3 बुधवारी

बुधवारी भारत की एक देसी गाय की नस्ल है जो डेयरी फार्मिंग के लिए बेहतरीन मानी जाती है। यह नस्ल उच्च दूध उत्पादन, कम रखरखाव, और रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता के लिए प्रसिद्ध है।

बुधवारी गाय का रंग भूरा या काला होता है और इनके सींग छोटे होते हैं। यह गाय चरने में भी अच्छी होती है और कम चराई में भी अच्छा दूध उत्पादन देती है।

3.4 जफरवादी

जफरवादी भारत की एक देसी गाय की नस्ल है जो डेयरी फार्मिंग के लिए बेहतरीन मानी जाती है। यह नस्ल उच्च दूध उत्पादन (10-15 लीटर/दिन), कम रखरखाव, और रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। जफरवादी गाय उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु के लिए उपयुक्त होती है, जिससे इसे भारत के विभिन्न भागों में पाला जा सकता है।

सुराती भारत की एक देसी गाय की नस्ल है। यह नस्ल मुख्य रूप से सौराष्ट्र क्षेत्र, गुजरात में पाई जाती है। जो डेयरी फार्मिंग के लिए बेहतरीन मानी जाती है। यह नस्ल उच्च दूध उत्पादन (12-15 लीटर/दिन), कम रखरखाव, और रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता के लिए प्रसिद्ध है।

सुराती गाय उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु के लिए उपयुक्त होती है, जिससे इसे भारत के विभिन्न भागों में पाला जा सकता है।

3.6 मेहसाना

मेहसाना भारत की एक देसी भैंस की नस्ल है जो डेयरी फार्मिंग के लिए बेहतरीन मानी जाती है। यह नस्ल मुख्य रूप से मेहसाना, बनासकांठा, अहमदाबाद और गांधीनगर जिलों में पाई जाती है, जो गुजरात राज्य में स्थित हैं।  यह नस्ल उच्च दूध उत्पादन (10-15 लीटर/दिन), कम रखरखाव, और रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता के लिए प्रसिद्ध है।

3.7 नागपुरी

नागपुरी गाय भारत की एक देसी गाय की नस्ल है जो डेयरी फार्मिंग के लिए बेहतरीन मानी जाती है। यह नस्ल उच्च दूध उत्पादन (10-15 लीटर/दिन), कम रखरखाव, रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता, और उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु के लिए अनुकूलता के लिए प्रसिद्ध है।

नागपुरी गाय मुख्य रूप से महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में पाई जाती है। यह नस्ल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी पाई जाती है।

डेयरी फार्मिंग के लिए गाय और भैंस कहां से खरीदें ?

डेयरी फार्मिंग के लिए पशु खरीदने के कई स्थान हैं। आप पशु मेले में जा सकते हैं, जहां आपको विभिन्न नस्लों के पशु मिलेंगे और आप कीमतों पर बातचीत भी कर सकते हैं। आप सीधे पशु पालकों से भी संपर्क कर सकते हैं, जो आपको पशु के स्वास्थ्य और इतिहास के बारे में जानकारी दे सकते हैं।

कुछ डेयरी फार्म भी अपने पशुओं को बेचते हैं, जो उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो पहले से ही डेयरी फार्मिंग में अनुभवी हैं।

आजकल ऑनलाइन भी गाय और भैंस खरीदना संभव है, जहाँ आपको विभिन्न विक्रेताओं से तुलना करने और घर बैठे खरीददारी करने की सुविधा मिलती है।

पशु खरीदते समय नस्ल, स्वास्थ्य, उम्र, और कीमत का ध्यान रखें। पशु चिकित्सक या डेयरी विशेषज्ञ से सलाह लेने से आपको बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

4. उपकरण खरीदें

डेयरी फार्म बिजनेस में काम आने वाले मुख्य उपकरण

4.1 डेयरी फार्मिंग में खिला उपकरण

डेयरी फार्मिंग में पशुओं को खिलाने के लिए विभिन्न उपकरणों का उपयोग किया जाता है। ये उपकरण पशुओं को पौष्टिक और संतुलित आहार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य, उत्पादकता और खुशी में वृद्धि होती है।

4.2 हरा चारा कटर

हरा चारा कटर डेयरी फार्म बिजनेस में एक महत्वपूर्ण उपकरण है। हरा चारा कटर हाथ से चारा काटने की तुलना में बहुत तेज़ और आसान है, जिससे समय और श्रम की बचत होती है। यह हरा चारा को बारीक काटने में मदद करता है, जो पशुओं को खिलाने के लिए उपयोगी है। बारीक कटा हुआ चारा पशुओं को पचाने में आसानी होती है, जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है।

4.3 चारा ग्राइंडर

चारा ग्राइंडर डेयरी फार्मिंग बिजनेस में एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह विभिन्न प्रकार के चारे, जैसे कि हरा चारा, सूखा चारा, और दाना, को बारीक पीसने में मदद करता है। बारीक पिसा हुआ चारा पशुओं को पचाने में आसानी होती है, जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है।

दुध दुहने की मशीन डेयरी फार्मिंग बिजनेस में क्रांति ला रही है। यह मशीन हाथ से दुध दुहने की तुलना में बहुत तेज़ और आसान है, जिससे डेयरी किसानों का समय और श्रम बचता है। यह मशीन स्वच्छ और सुरक्षित भी है, और यह दूध की गुणवत्ता में सुधार करती है।

दुध दुहने की मशीन के लाभ:

  • समय और श्रम की बचत: दुध दुहने की मशीन हाथ से दुध दुहने की तुलना में बहुत तेज़ और आसान है, जिससे डेयरी किसानों का समय और श्रम बचता है।
  • स्वच्छता और सुरक्षा: दुध दुहने की मशीन स्वच्छ और सुरक्षित है, और यह दूध की गुणवत्ता में सुधार करती है।
  • दूध उत्पादन में वृद्धि: स्वस्थ और खुश पशु अधिक दूध देते हैं।
  • लागत में कमी: मशीन द्वारा दुध दुहने से श्रमिकों की संख्या कम हो जाती है, जिससे लागत में कमी होती है।

4.4 पाश्चराइजेशन उपकरण

पाश्चराइजेशन उपकरण डेयरी फार्म में सबसे महत्वपूर्ण मशीनों में से एक है। यह उपकरण गाय के दूध को शुद्ध और सुरक्षित बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

पाश्चराइजेशन एक प्रक्रिया है जिसमें दूध को उचित तापमान पर गर्म किया जाता है और फिर हिलाते हुए ठंडा किया जाता है। यह प्रक्रिया दूध में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट कर देती है, जो दूध को खराब कर सकते हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

पाश्चराइजेशन के लाभ:

  • दूध को शुद्ध और सुरक्षित बनाता है: यह दूध में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट कर देता है, जो दूध को खराब कर सकते हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  • दूध की शेल्फ लाइफ को बढ़ाता है: पाश्चराइजेशन दूध को लंबे समय तक ताजा रखने में मदद करता है।
  • दूध को पोषक तत्वों से भरपूर बनाता है: पाश्चराइजेशन प्रक्रिया दूध में मौजूद पोषक तत्वों को नष्ट नहीं करती है।

4.5 दुध की टंकियां

दुध की टंकियां डेयरी फार्मिंग बिजनेस में महत्वपूर्ण उपकरण हैं। ये टंकियां ताजा दूध को ठंडा और सुरक्षित रखने में मदद करती हैं। दूध की टंकियां विभिन्न आकारों और क्षमताओं में उपलब्ध हैं, और डेयरी किसान अपनी आवश्यकताओं के अनुसार टैंक का चयन कर सकते हैं।

दुध की टंकियों के लाभ:

  • दूध की टंकियां दूध को ठंडा रखने में मदद करती हैं, जो दूध को खराब होने से बचाता है।
  • दूध की टंकियां दूध को दूषित होने से बचाती हैं।
  • दूध की टंकियां दूध को ताजा रखने में मदद करती हैं।
  • दूध की टंकियां दूध की गुणवत्ता में सुधार करती हैं।

4. कर्मचारियों को नियुक्त करें

डेयरी फार्म चलाने के लिए कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। पशुओं की देखभाल, दूध दुहने और अन्य कार्यों को कुशलता से करने के लिए अनुभवी और योग्य कर्मचारियों को नियुक्त करें। उन्हें उचित वेतन और लाभ प्रदान करना न भूलें। इसके अलावा, पशुओं के स्वास्थ्य, दूध उत्पादन, स्वच्छता और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर उन्हें प्रशिक्षण दें। अपने कर्मचारियों के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखें और उन्हें प्रेरित करें। एक खुश और कुशल कार्यबल आपके डेयरी फार्म की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

5. दूध का उत्पादन करें

उच्च गुणवत्ता वाला दूध उत्पादन करने के लिए तीन मुख्य कारक हैं। सबसे पहले, पशुओं को पौष्टिक आहार खिलाना महत्वपूर्ण है, जिसमें हरा चारा, सूखा चारा और दाना शामिल है। दूसरा, पशुओं का नियमित रूप से ध्यान रखना जरूरी है, जिसका अर्थ है उन्हें स्वच्छ पानी, आश्रय और व्यायाम देना। अंत में, दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लैक्टोमीटर या अन्य तरीकों से उसका परीक्षण करें। इनका पालन करके आप सुरक्षित और स्वादिष्ट दूध का उत्पादन कर सकते हैं।

6. दूध का विपणन करें

डेयरी फार्म का दूध बेचना ही मुनाफे का असली रास्ता है। इसके लिए एक मजबूत मार्केटिंग योजना बनाएं जिसमें आपके लक्षित ग्राहक, बिक्री रणनीति और सप्लाई चैन शामिल हों। याद रखें, ग्राहकों को लुभाने के लिए दूध की गुणवत्ता और स्वाद सबसे अहम हैं। इसलिए पशुओं की देखभाल और स्वच्छ दूध दुहने पर ध्यान दें। आप चाहें तो स्वाद बढ़ाने के लिए चारे में बदलाव या फ्लेवरिंग भी कर सकते हैं। अंत में, प्रतिस्पर्धियों को ध्यान में रखते हुए अपनी दूध की कीमत तय करें। थोक विक्री या ब्रांडिंग जैसी रणनीतियां लागत वसूलने में मदद करेंगी। मार्केटिंग के साथ ग्राहकों से जुड़ाव और नई रणनीतियां अपनाना आपके डेयरी फार्म बिजनेस को सफल बनाएंगे।

7. अपने व्यवसाय का प्रबंधन करें

डेयरी फार्म चलाने के लिए कुशल प्रबंधन भी जरूरी है। अपने खर्चों का रिकॉर्ड रखें, जैसे पशुओं का चारा, दवाएं वगैरह। इससे आप लाभ का पता लगा सकते हैं। सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी मददगार हो सकता है। यदि व्यवसाय अच्छा चल रहा है, तो आप विस्तार की योजना बना सकते हैं। अधिक पशु खरीदना, दूध उत्पादन बढ़ाना या नए डेयरी उत्पाद बनाना विकल्प हो सकते हैं, लेकिन सावधानीपूर्वक सोच-विचार जरूरी है।

यह भी पढ़ो –

  • 15 Online Business Ideas in Hindi (घर से सुरू कर सकते हो)
  • Cloud Kitchen Business Model (2024) कैसे स्टार्ट करे

Dairy Business Loans (Dairy Farming Business Plan in hindi)

1. nabard डेयरी योजना.

NABARD डेयरी योजना, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक द्वारा संचालित एक योजना है। इसका उद्देश्य डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। योजना के तहत, किसानों को डेयरी फार्म स्थापित करने और संचालित करने के लिए ऋण प्रदान किया जाता है। ऋण की राशि 10 लाख रुपये तक हो सकती है। योजना के तहत, किसानों को डेयरी फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।

2. SBI डेयरी फार्म बिज़नेस लोन

एसबीआई डेयरी फार्म बिज़नेस लोन, भारतीय स्टेट बैंक द्वारा डेयरी उद्योग में लगे किसानों और उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक योजना है। यह लोन डेयरी फार्म स्थापित करने, विस्तार करने और आधुनिकीकरण करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

एसबीआई डेयरी फार्म बिज़नेस लोन के तहत मिलने वाले लाभ:

  • ऋण की राशि ₹10 लाख तक है।
  • ब्याज दरें प्रतिस्पर्धी हैं और बाजार दरों से कम हैं।
  • ऋण को 7 साल तक की अवधि में चुकाया जा सकता है।
  • ऋण आवेदन प्रक्रिया सरल और आसान है।

3. PMMY के तहत मुद्रा लोन : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसके तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को आसान ऋण प्रदान किया जाता है। SBI, PMMY के तहत ऋण प्रदान करने वाले प्रमुख बैंकों में से एक है।

SBI द्वारा PMMY के तहत मुद्रा लोन के लाभ:

  • ऋण को 5 साल तक की अवधि में चुकाया जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए:

SBI की वेबसाइट: https://www.onlinesbi.sbi/

4. पीएनबी डेयरी फार्म लोन – पंजाब नैशनल बैंक

पीएनबी डेयरी फार्म लोन पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) द्वारा डेयरी उद्योग में लगे किसानों और उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक योजना है। यह लोन डेयरी फार्म स्थापित करने, विस्तार करने और आधुनिकीकरण करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

पीएनबी डेयरी फार्म लोन के तहत मिलने वाले लाभ:

  • ऋण की राशि ₹2 करोड़ तक है।

पीएनबी की वेबसाइट: https://www.pnbindia.in/

5. फेडरल बैंक डेयरी फार्म योजना

फेडरल बैंक डेयरी फार्म योजना, फेडरल बैंक द्वारा डेयरी उद्योग में लगे किसानों और उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक योजना है। यह लोन डेयरी फार्म स्थापित करने, विस्तार करने और आधुनिकीकरण करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

फेडरल बैंक डेयरी फार्म योजना के तहत मिलने वाले लाभ:

  • ऋण की राशि ₹50 लाख तक है।

फेडरल बैंक की वेबसाइट:   https://www.federalbank.co.in/

6. बैंक ऑफ इंडिया डेयरी फार्म योजना

बैंक ऑफ इंडिया डेयरी फार्म योजना, बैंक ऑफ इंडिया द्वारा डेयरी उद्योग में लगे किसानों और उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक योजना है। यह लोन डेयरी फार्म स्थापित करने, विस्तार करने और आधुनिकीकरण करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

बैंक ऑफ इंडिया डेयरी फार्म योजना के तहत मिलने वाले लाभ:

  • ऋण आवेदन प्रक्रिया सरल और आसान

Conclusion – Dairy Farming Business Plan in Hindi

दोस्तों Dairy Farming Business Plan in Hindi इस पोस्ट में हमने आपको एक कंप्लीट जानकारी दी है। डेयरी फार्मिंग व्यवसाय लाभ कमाने का एक अच्छा जरिया हो सकता है, लेकिन इसके लिए मेहनत और लगन की जरूरत होती है। सफलता प्राप्त करने के लिए अच्छी योजना, उचित ज्ञान व अनुभव और कुशल प्रबंधन आवश्यक हैं। बाजार का अध्ययन करें, योजना बनाएं, प्रशिक्षण लें और अपने व्यवसाय को कुशलतापूर्वक चलाएं। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं, नई तकनीक अपनाएं, ग्राहकों से अच्छे संबंध बनाएं और धीरे-धीरे विस्तार करें। डेयरी फार्मिंग चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यदि आप समर्पित हैं तो सफलता प्राप्त कर सकते हैं। शुभकामनाएं!

QnA – Dairy Farming Business Plan in Hindi

1. दूध डेयरी खोलने में कितना पैसा लगता है.

आमतौर पर, दूध डेयरी खोलने में ₹10,000 से लेकर ₹10 लाख तक का खर्च आ सकता है।

छोटी डेयरी (2-3 पशु): ₹10,000 – ₹50,000 मध्यम डेयरी (5-10 पशु): ₹50,000 – ₹2 लाख बड़ी डेयरी (10 से अधिक पशु): ₹2 लाख – ₹10 लाख

2. डेयरी फार्मिंग व्यवसाय कैसे शुरू करें?

बाजार का अध्ययन करें, योजना बनाएं, ज्ञान और अनुभव प्राप्त करें। फार्म स्थापित करें, पशु खरीदें, उपकरण और सामग्री खरीदें। पशुओं की देखभाल करें, दूध इकट्ठा और बेचें, धीरे-धीरे विस्तार करें।

3. एक भैंस पालने में कितना खर्चा आता है?

आमतौर पर, एक भैंस पालने में ₹50,000 से लेकर ₹2 लाख तक का खर्च आ सकता है।

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How To Start Farming? Get Agriculture Business Plan

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There are many reasons why agriculture deeply supports the Indian economy. Still, the most prominent among them is because food is a necessity, and agriculture or farming is a way of producing food. The agriculture sector greatly supports the economy not only in India but also the world over. So, you can say that agriculture is one of the most volatile businesses that thrive on the seasons or weather conditions.

Table of Contents

Agriculture Business

Today, with the rise of various online platforms, agriculture has become a revolutionary sector. Such platforms cater to every farmer’s needs, including the equipment or machinery required to grow crops. The platforms also let farmers market or sell their produce at competitive prices. So, in a way, technology has played a prominent role in marketing crops or other such agricultural products.

The modern-day agriculture business caters to the requirements of both farmers and consumers without the need for mediators. However, it would help if you still had a solid roadmap to take your Agribusiness from establishment to fame.  

Also Read: How To Register Your Food Business With FSSAI

Agriculture Business & Developments

The steady ascent of e-commerce has paved the way for the emergence of home delivery grocery stores, presenting a golden opportunity for agriculture enthusiasts to embark on their own farming ventures. Collaborating with agriculture experts, individuals can now leverage this platform to cultivate a variety of crops and supply them directly to consumers.
The ever-expanding world population has led to a significant surge in the demand for food produce. This escalating need for sustenance has driven agribusiness to new heights, encouraging farmers to explore innovative methods and technologies to meet the growing requirements of a larger population.
Startups have introduced a groundbreaking concept by promoting the cultivation of organic produce in urban spaces, such as terraces and balconies of residential homes. This innovative approach not only addresses space constraints but also fosters a sense of community involvement in agriculture, contributing to the overall expansion of the agribusiness sector.
The escalating awareness and popularity of high-quality organic farm produce have played a pivotal role in the agribusiness surge. Consumers are now more discerning, seeking healthier and sustainably produced food options. The market demand for organic products, known for their premium quality, has created a lucrative niche within agribusiness, enticing farmers to adopt organic farming practices.

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These multifaceted factors collectively contribute to the flourishing landscape of agribusiness, providing both traditional and innovative opportunities for individuals to thrive in the agriculture sector.

Types of Agriculture Businesses  

Various factors fuel a successful agriculture venture, including land size, soil fertility, weather conditions, and irrigation facilities. Depending on these factors, you can do several types of businesses in the agriculture sector.

Some of the agriculture business ideas are mentioned below.

Horticulture Animal husbandry Aquaculture Herb farming Floriculture Vegetable farming Fruit farming Organic gardening Fertilizer distribution business Greenhouse farming Dairy farming Poultry farming Fish farming Oyster farming Mushroom farming

For instance, you could start a horticulture business, or you could even do aquaculture. Similarly, you could do animal husbandry, floriculture, fruit, or vegetable farming.

Likewise, many other business sectors in agriculture that you could try doing, including poultry farming, oyster farming, fish farming, and mushroom farming.

So, the agriculture sector is vast and varied and offers a host of business opportunities. 

Agriculture Business Plan  

Chalking out a good plan can help your agriculture business succeed. So, when coming up with an agriculture business plan, be sure to keep in mind all the elements that go into making it work. Also, look at some other such business plans so that you know what to incorporate. Alternatively, you could be looking at farm business plans and those of food production facilities and other such agriculture-based businesses. However, you should ensure that your plan gives you a direction for your agriculture business.

Most agriculture business plans serve two primary purposes: 

a.      They help you understand the teams you will be working with to make those vital business decisions that allow you to meet specific goals.

b.      Second, they also help you get investors for your business. Investors could be bankers or any other venture capitalists who would be willing to raise funds for your agribusiness. 

An agriculture business plan can be beneficial in many ways. For instance, it helps you determine if you can get the business going in a set direction. Furthermore, your agriculture business plan also allows you to estimate the costs required for founding the business.

A good business plan, especially one that clearly defines your corporate objectives and how you plan to achieve them, can convince potential investors to put their money into your agriculture start-up.  

Also Read: How To Start An Organic Food Store Business On India?

Elements of an Agriculture Business Plan

When developing a plan for your agriculture business, you should make sure that you adopt a step-by-step approach and state all the components. The business plan also depends on whether you are starting out or already established. In any case, you should make sure that your business plan is simple yet realistic and specific yet, complete.

If you are looking to write a plan for your agriculture business, then here’s what you should include:

1.     Mission Statement and Goals

The mission statement is the purpose of the business. That is why you want to start an agriculture business and what you hope to achieve. Besides this, it also states what your business will do and other companies or entities to which you will cater.

So, your mission statement should comprise your business’s identity and core values. 

2.     Business Details  

Outline all the crucial details of your business, including the location, area of the land, the commencement of business operations, current situation, and the type of business. You could also include other things like marketing and environmental impact in this section.

3.     Market Analysis

Most businesses begin with analyzing the markets. So, it would help if you did the same for your agriculture business. To study the needs, you can start by researching them and gathering as much information about different things as supply and demand, industry trends, competitors, and buyers.

You can then conduct a SWOT analysis. SWOT is an analytical tool that stands for Strengths, Weaknesses, Opportunities, and Threats. By conducting a SWOT analysis, you can know the strengths and weaknesses of your agribusiness on the inside. Besides strengths and weaknesses, you can also learn about opportunities and threats from the outside. Opportunities and threats could include new markets and competitors, government regulations and restrictions, and prevailing economic conditions.

Also Read:  Many Benefits Of Online Food Delivery Platforms For Restaurateurs

Once you analyze your strengths, weaknesses, opportunities, and threats, you can then look at the information you have gathered and strategize accordingly. When doing this, make sure that you rely on other factors rather than the price alone. Also, spend some time crafting your strategy and revamp it several times without immediately jumping to finalization.

Consider the merits and demerits of all the strategies you come up with, depending on your information. Also, make sure that your marketing strategies align with your goals and mission statement.

Finally, think about how you plan to implement your marketing strategy by considering all the factors that come into play in crafting your agriculture business plan.

4.     Business Strategy

Develop a marketing strategy, one that aligns with your mission statement and goals. Think about your target customers and the products and services you want to offer to them, and design a marketing plan. For this, you can take cues from the information you gathered in the research and analysis stages.

When designing a marketing plan, consider all aspects, including pricing, placement, and promotion. Moreover, think about how your products or services can be valuable to your customers. Let customers know about your offerings and what they are worth. Only then will your business thrive in today’s competitive environment.

5.     Finances

The finances section is one of the most crucial elements of your agriculture business plan. Here, you should assess not only your current financial standing but also future projections. Finances also let you decide if you need to take out a business loan for your agriculture business plan. So, assess how much money you have and how much you will need to carry your agriculture business forward.

Also, think about any investment opportunities you may have for your agribusiness. If you don’t have enough to begin with, you can always take out a loan from a bank or ask for financial help from other such private lenders.

Additionally, it would also help if you thought about the expenses that you may incur. Thus, by estimating your costs and projecting your finances, you can ensure that you don’t overspend and jeopardize sustenance.

The management summary is the last part of your agriculture business plan, where you highlight your achievements and show them to potential investors. So, when writing the executive summary, don’t forget to explain how you set up your agriculture business and to what extent it has grown. Convince those entrepreneurs, vendors, or distribution partners that your agribusiness has been successful and will continue to grow in the coming years.

Show your financial projections and let them know that investing in your business is worth every penny. That way, you can get more potential investors for your agriculture business.

So, don’t forget to include these crucial elements when writing an agriculture business plan.

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Some Tips for Writing an Agriculture Business Plan  

Coming up with and implementing an agribusiness planning is easier said than done. So, follow these tips to craft yours and take your agriculture business to new heights. 

1.      When writing the plan, be sure to consider the downsides, such as crop failure due to quality or natural calamities like heavy rainfall or pests.

2.      Estimate the risks and try and avoid them as much as possible by taking all the necessary precautions to protect your agribusiness.

3.      Leverage the power of the Internet to plan your agriculture business to compete in today’s ever-changing business scenario.

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How important is agriculture in India?

Agriculture is the main job for many people in the country. Since India depends a lot on farming, a big part of the annual budget is set aside for agriculture and improvements in farming methods.

What are some of the Types of Agricultures?

Here are some types of agriculture explained simply:

  • Commercial subsistence farming : Farming to produce food just for the farmer’s family and a little extra to sell.
  • Commercial grain farming : Growing large amounts of grains like wheat or corn to sell.
  • Livestock ranching : Raising animals like cows or sheep for meat, milk, or wool.
  • Shifting cultivation : Moving to a new area of land to farm every few years after the soil loses its nutrients.
  • Dairy farming : Raising cows or other animals to produce milk and dairy products.
  • Mixed crop and livestock farming : Growing crops and raising animals on the same farm.

Is Agriculture business profitable In India?

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  • Agriculture

Livestock Farming

Aquaculture

Poultry Farming

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Donkey Farming Business in India

Understanding donkey breeds.

  • Indian Wild Ass: As one of the Indian donkey breeds, found primarily in the arid regions of Gujarat, the Indian Wild Ass is known for its endurance and resilience.
  • Kutchi: Originating from the Kutch region of Gujarat, the Kutchi donkey is well-adapted to semi-arid environments and is commonly used for agricultural work.
  • Sindhi: Indigenous to the Sindh region of Pakistan and parts of western India, Sindhi donkeys are known for their strength and hardiness.
  • Marwari: Native to the Marwar region of Rajasthan, Marwari donkeys are prized for their robust build and ability to withstand harsh climates.

When starting a donkey farm, choose a donkey breed for your farm by considering factors such as climate suitability, intended use (agricultural work, transportation, or milk production), and availability of veterinary services. Consult with your local experts or agricultural extension officers to get information about the most suitable breed for your specific needs and circumstances.

Setting Up Your Donkey Farm

Select a suitable location for the success of your donkey farming venture. Ideally, choose a site with access to ample grazing land, clean water sources, and suitable shelter facilities. Consider factors such as climate, terrain, and proximity to markets or transportation hubs when deciding on the location of your farm.

  • Fencing: Construct sturdy fencing to enclose grazing areas and protect donkeys from predators or wandering into neighboring properties.
  • Shelter: Provide adequate shelter, such as simple sheds or barns, to protect donkeys from extreme weather conditions, including heat, cold, and rain.
  • Water Facilities: Install troughs or water tanks to ensure a supply of fresh and clean drinking water for your donkeys.
  • Feeding Stations: Set up feeding stations with hay racks or troughs to provide nutritious feed for your donkeys.

Donkey Care and Management

Maintaining proper nutrition is essential donkey husbandry practices for the health and productivity of your donkeys. Provide a balanced diet consisting of high-quality forage, such as grass hay or alfalfa, supplemented with grains or commercial donkey feed as needed. Ensure access to clean water at all times, especially during hot weather (like summer) or periods of heavy work.

Donkey Health and Veterinary Care  

Regular health checks and preventive care are vital for keeping your donkeys healthy and disease-free. Schedule vaccinations, deworming, and dental exams as recommended by a qualified veterinarian. Monitor your donkeys for signs of illness or injury and seek prompt veterinary attention when necessary.

Provide comfortable shelter and bedding for your donkeys to rest and seek refuge from adverse weather conditions. Clean and maintain shelter facilities regularly to ensure hygiene and prevent the spread of diseases. Allow ample space for donkeys to move around freely and socialize with each other.

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Three Donkeys

Breeding and Reproduction

Breeding donkeys requires careful planning and management to ensure healthy offspring and maintain the genetic diversity of the population. Select breeding pairs based on desirable traits like strength, temperament, and conformation. Consider factors like age, health status, and reproductive history when breeding donkeys.

Provide proper care and nutrition to pregnant donkeys to support their health and ensure successful foaling. Monitor pregnant donkeys closely for signs of labor and assist with the birthing process if necessary. Provide appropriate care and nutrition to newborn foals, including colostrum intake, vaccinations, and regular veterinary checks.

Training and Behavior

Training working donkeys requires patience, consistency, and positive reinforcement techniques. Begin training at a young age and gradually introduce them to various tasks such as plowing, hauling, or carrying loads. Use gentle handling methods and reward desired behaviors to encourage learning and cooperation.

Donkeys are social animals with distinct behavioral patterns and social hierarchies. Understand their natural behavior and communication cues to foster positive interactions and minimize stress. Provide opportunities for socialization and companionship to prevent loneliness and boredom.

Products and By-Products of Donkey Farming

While donkeys are not traditionally raised for milk production in India, donkey milk is gaining recognition for its nutritional value and health benefits. Donkey milk is rich in vitamins, minerals, and antibodies, making it suitable for consumption by humans, particularly infants, and individuals with allergies or lactose intolerance. Explore the potential for donkey milk production as a niche market opportunity for your farm.

In addition to milk, donkey hides, and other by-products can be utilized for various purposes, including leather production, traditional medicine, and cosmetic ingredients. Explore value-added opportunities for processing and marketing donkey by-products to maximize the economic potential of your farm.

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Herd of Donkeys

Marketing and Sales

Research market demand and consumer preferences for donkey-related products, including milk, hides, and other by-products. Identify potential buyers, such as local markets, dairy companies, health food stores, and cosmetic manufacturers. Develop marketing strategies to promote your donkey’s products and differentiate them from competitors in the market.

Implement effective sales and distribution channels to reach your target customers and maximize sales opportunities. Consider selling directly to consumers through farm stands, farmers’ markets, or online platforms. Collaborate with local retailers or wholesalers to distribute your products to a wider audience. Offer educational workshops or tastings to raise awareness and generate interest in donkey milk and other farm products.

Donkey farming training in India involves learning about the care, feeding, and management of donkeys for various purposes such as transportation, agriculture, and tourism. Training programs cover topics like donkey behavior, health care, grooming, and harnessing techniques. These programs for donkey farming in India may be offered by agricultural extension services, vocational training institutes, or animal husbandry departments, providing practical skills and knowledge to farmers and enthusiasts interested in donkey husbandry.

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Donkeys

Careful planning and executing each step of your donkey farming business and obeying donkey farming regulations in India, you can establish a successful venture that provides a valuable product to consumers while also contributing to the development of rural communities in India.

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‘I don’t plan it…’: Rahul Gandhi says he has faced marriage pressure for 20-30 yrs now

Rahul gandhi met kashmiri women to discuss a range of issues faced by them including discrimination, education, harassment etc..

Business Today Desk

  • Updated Aug 27, 2024, 3:15 PM IST

Rahul Gandhi meets Kashmiri women; discusses range of issues

Congress leader Rahul Gandhi discussed several issues including safety and security of women, marriage, education and more with young Kashmiri women. In one such video shared by Gandhi on social media, he can be seen discussing marriage – and the pressures and expectations attached with it – with these women. 

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In the fun banter, he asks the women about “marriage pressure”. One of the women says she does not plan to marry anytime soon and asks him his opinion about marriage pressure in return. Gandhi laughed the question off and said, “I have outlasted that pressure for 20-30 years.”

The woman asks him if he plans to get married. “Yeah I don’t plan it…but if it happens…” he said, till one of the women said “do invite us that day”. 

They also discuss the pressure they face from society and family to get married soon. One of them says that as soon as the woman finishes Class 12 or is a graduate, she faces immense pressure to get married.

        View this post on Instagram                       A post shared by Rahul Gandhi (@rahulgandhi)

Another one says that the rate of divorce is gradually increasing and if that’s how marriages are supposed to end then there is perhaps no need to get married. 

The video was liked over 332k times, and shared 11.8k times till this story was published. Most of the comments also lauded Gandhi for such informative interactions. 

In yet another video from the interaction, the women and Gandhi can be seen discussing harassment and discrimination. One of the women says that the harassment women faces at their workplaces are not all reported. Another one asks how Gandhi and the party expects to rectify it. He can be seen saying that he has discussed the issue with his mother – Sonia Gandhi – and said that social change is of utmost importance, and the attitude of men towards women needs to be changed. 

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Mushroom Farming Business Plan: Investment, Profit, and Cultivation Steps

Table of contents, what is a mushroom, demand and market for mushroom , why mushroom farming business, different varieties of mushrooms available in the market, mushroom cultivation processes, button mushrooms, oyster mushrooms, paddy straw mushrooms, tips for cultivation of mushroom farming business, developing a mushroom farming business plan, the complete start-up resource for the mushroom farming business, investment/ what is the cost of mushroom cultivation, profits for mushroom farming business.

Welcome to our blog post about the business plan for mushroom farming! If you want to start a mushroom farming business, you have come to the correct place. The mushroom farming industry is quickly expanding and offers entrepreneurs profitable business opportunities. With mushroom consumption rising in the food industry, there has been a better opportunity to invest in this profitable sector.

Mushroom Farming Business Plan

This article will discuss the investment required to establish a mushroom farm, the potential profits, and the cultivation procedures. We will also advise you on successfully marketing your mushroom products in a competitive market. This article will provide information on launching and expanding a successful mushroom farming enterprise. So, let’s get Started.

Mushroom Farming Business Plan

Mushrooms are fungi with a cap and stem that grows from the soil or other substrate. Mushrooms come in many colors and sizes, from small to large. Fungi include yeasts, molds, and mushrooms. They decompose dead organic debris and recycle nutrients in many ecosystems. Some fungi grow in symbiosis with plants, supplying them with nutrients.

Mushrooms have been used medicinally and culinary for centuries. Some species contain anti-inflammatory, anti-cancer, anti-viral compounds and other health effects. They are used in many international dishes for their unique flavors and textures.

The global mushroom market is expected to grow at a CAGR of 10% from 2022 to 2030, reaching a value of USD 50 billion in 2021. Mushrooms are becoming more popular because there are more vegans, and they are high in nutrients like selenium, vitamin D, glutathione, and ergothioneine. Mushrooms also offer a natural umami flavor that can reduce salt intake, benefiting health.

The US is the second-largest producer, but its production has declined while demand increases. Mushrooms have a limited shelf life, which presents challenges for storage and transportation. The most common variety is button mushrooms, then shiitake and oyster mushrooms. Due to their soft texture, mildly savory flavor, and natural antibacterial compound, oyster mushrooms are expected to have the highest revenue-based CAGR.

In case you missed it: How this Farmer Earning 60 Thousand Rupees from Milky Mushroom Farm at Home

Indoor Mushroom Farming

  • Mushroom cultivation needs few resources and can be done in places with less fertile soil. Mushrooms, unlike other crops, do not require sunlight to develop because they get their nutrition from organic matter. Furthermore, mushroom farming is a space-efficient activity because mushrooms can grow on shelves and use vertical and floor space, resulting in greater productivity.
  • One of the most significant benefits of mushroom cultivation is converting nutritionally worthless materials, such as agro-waste, into nutritious and delicious food. 
  • This practice aids in the recycling of agricultural wastes such as chicken manure, straw, and dung, thereby decreasing the environmental pollution. 
  • Mushrooms are also highly nutritious and high in proteins, minerals, vitamins, and antioxidants. They’re also low in calories and fat, making them nutritious. 
  • Starting a mushroom farming business with low investment and high-profit potential is an appealing income-generating option for farmers.
  • Button mushrooms: Also known as white mushrooms, these are the most common type. They have a mild flavor and are popular in pizzas, salads, and stews.
  • Shiitake mushrooms: Shiitake mushrooms are native to East Asia and are renowned for their rich, savory flavor and meaty texture. They’re frequently found in stir-fries, stews, and sauces.
  • Portobello mushrooms: With a robust flavor and dense texture, these large, meaty mushrooms are perfect for grilling or roasting. They are frequently used in vegetarian recipes as a meat substitute.
  • Oyster mushrooms: Oyster mushrooms are popular in Asian cuisines due to their delicate texture and mild, savory taste. Because of their antibacterial properties, they are also used for medical uses.
  • Enoki mushrooms: These delicately flavored white mushrooms have a crunchy feel. They’re frequently used in stews and salads.
  • Chanterelle mushrooms: These golden, trumpet-shaped mushrooms with a nutty, earthy flavor are popular in French cooking.
  • Morel mushrooms: These cone-shaped mushrooms are regarded as a delicacy due to their rich, meaty flavor. They’re frequently used in stews and soups.

The first step is making compost. Natural compost, such as wheat straw, horse dunk, gypsum, poultry manure, or synthetic compost consisting of urea, gypsum, bran, wheat straw, and ammonium nitrate/ammonium sulfate, can be used. The compost is then spread on a tray and spawned with mycelium. Casing soil, which is a blend of garden soil and rotten cow dung, is then applied on top. After 15 to 20 days of the casing and 35 to 40 days of spawning, the mushrooms start to appear, and they can be harvested by twisting them softly from the soil.

Oyster mushrooms are easy and profitable to grow and do not require specific conditions. Banana tree waste, paper waste, cotton waste, and paddy straw are used to produce rectangular blocks or polythene bags. Paddy straw is cut into tiny pieces and blended with spawn in a 0.2:6 ratio. After 10 to 12 days, the buds appear, and the polythene is removed. The mushrooms are watered twice a day and harvested in the same way as button mushrooms.

Growing paddy straw mushrooms, paddy straws are soaked and spawned to create a straw spawn. The base of the mushroom bed material is made of bricks and soil strong enough to hold the weight. The spawn is then placed on the edges of the straws, and the process is repeated continuously. After 15 to 16 days, the mushrooms start appearing, and they can be harvested and stored like the other mushrooms. Paddy straw mushrooms require less investment and are the most profitable mushroom to grow.

In case you missed it: How to Grow Mushrooms in Coffee Grounds at Home: Steps, Ideas, and Tips for Beginners

Mushroom Farming Business

  • Materials required : You will need grass or bushels of wheat, pesticide, carbonic and nitrogen nutrients, and a moisture-rich environment for cultivating mushrooms.
  • Commercial mushroom growing systems : For large-scale mushroom farming, you will need a larger space, a higher number of seeds, and more raw materials.
  • Mushroom farming process : The process is the same whether you are farming mushrooms at home or on a larger scale. You will need a room or shed; the other steps are similar.
  • How to make mushroom compost at hom e: Use wheat husk to make it germ-free. Mix 1.5 kg formalin and 150 gms baebistin into 1500 liters of water, and mix the pesticide well. Mix one quintal of 50 kg wheat husk and keep it covered for some time.
  • Mushroom plantation : Spread the husk mixture in an open space, capsize it repeatedly, and punch two holes at the bottom of the polythene bag for drainage. Tie it tightly so that no air remains in it. The ratio of seed to fodder should be equal.
  • Mushroom cultivation precautions : Save the crop from the air for 15 days by packing the room. After 15 days, open the room and arrange a fan. Till this stage, the mushroom crop appears white.
  • How to maintain humidity in mushroom cultivation : Sprinkle water on walls to maintain humidity. The humidity level should be up to 70 degrees, and you should also check the room temperature.
  • Ways to keep mushroom bags : Hang the mushroom bags with the help of wood or rope, or create a netted bed-like structure on which you can place the bags.
  • When and how to cut the crop: After 30-40 days, the crops are ready to be cut. You can see the mushrooms easily and pluck them with your hands.
  • You need a good business plan to start a mushroom farming business that does well. Market research is the basis of any business plan. 
  • It helps you determine your target customer and learn more about the industry. 
  • Before working on the business plan, you must study the market, get training and register the business. Finding a good piece of land or property to grow mushrooms on is important. 
  • Mushrooms do best in damp, dark places and need less growing space. Building a shelter over an open area may cost more than growing plants. 
  • Equipment and people to work with are also important things to think about. To grow mushrooms, you need a Trade License, GST Registration, and FSSAI registration and license. 
  • Creating a business plan is important, and it should include important parts like market research, possible clients, your target audience, and ways to sell your business. 

In case you missed it: Top 22 Steps/Ways to Boost Mushroom Yield: How to Increase Production, Quality, and Size

Mushrooms

The mushroom farming business is gaining popularity among people who want to start agriculture-based businesses. Here are the steps to get started:

Step 1: Decide on the mushroom variety you want to cultivate. There are different types of mushrooms, such as Button, Portobello, Oyster, Paddy Straw, Shiitake, Lions Mane, White Button, etc. Button mushrooms are cheap and popular worldwide, while Oyster mushrooms are costlier but can bring in more profit.

Step 2: Get ready with your spawn and substrate. Spawn is needed to seed the mushroom farming process, which can be bought from the market or produced at home using sterile culture. The substrate is where the mushrooms will grow. Straw is the most used substrate, which can be chopped into small pieces.

Step 3: Prepare the substrate by chopping the straw into small pieces, wetting it, and heating it in boiling water for half an hour. Drain the straw and spread it on a large surface to cool it down.

Step 4: Prepare plastic bags by putting the straws inside and sprinkling the spawn. Fill the bags and tie them. Make several holes in the bag for air passage.

Step 5: The incubation period requires keeping the temperature at 78 degrees Fahrenheit and placing the bags on shelves without natural light. Use a red “darkroom” light whenever you visit the room. You will see tiny mushroom pinheads popping out from the air holes in the plastic bag, and then move to the next step.

Step 6: Fruiting requires a high temperature of 60-75 degrees Fahrenheit and high humidity. Keep the bags in a cool place for a day, bring them to the fruiting room, cut open the plastic bags, and let the mushrooms grow.

Step 7: Harvesting requires twisting the mushroom from the stem before it uncurls completely. Then, sell the harvested mushrooms to mushroom sellers in your local market or directly talk to restaurants and grocery stores. You can also contact online sellers and start your online sale.

For starting a wholesale mushroom plantation, you need a minimum of 500 sq ft area to produce around 700-800 kg mushrooms, which can earn you a huge profit. The favorable temperature for growing Oyster mushrooms is 15 to 16 degrees Celsius with 80% to 90% humidity.

The cost of mushroom cultivation can depend on factors such as the type of mushroom being cultivated, the size of the farm, and the equipment being used. Equipment needed for mushroom cultivation includes a hand chopper, drums for boiling straw, coconut rope, jute rope, plastic ropes, bags, and a sprayer.

In case you missed it: Hydroponic Mushroom Farming – Production, Cultivation

Harvesting Mushrooms

  • Equipment cost : The cost of equipment for mushroom cultivation can range from Rs. 10,000 to Rs. 30,000, depending on the size of the farm and the type of equipment being used. The necessary equipment includes a hand chopper, drums for boiling straw, ropes, bags, and a sprayer.
  • Spawn cost : Spawn costs vary depending on the type of mushroom being cultivated. The spawn cost can range from Rs—50 to Rs. 100 per kg.
  • Substrate cost : The substrate cost mainly depends on the substrate used for cultivation. The most commonly used substrate is straw, and straw costs around Rs. 5 to Rs. 10 per kg.
  • Labour cost : The labor cost for mushroom cultivation depends on the size of the farm and the number of workers required. The labor cost for a small-scale mushroom farm can range from Rs. 5,000 to Rs. 10,000 per month.
  • Miscellaneous costs : Miscellaneous costs such as electricity, water, and rent can also add to the total cost of mushroom cultivation. The cost of electricity and water can range from Rs. 2,000 to Rs. 5,000 per month, and rent can range from Rs. 5,000 to Rs. 10,000 per month.

Overall, the total cost of mushroom cultivation for a small-scale mushroom farm can range from Rs. 25,000 to Rs. 60,000 per month.

The profit margins for mushroom farming can be quite lucrative. On average, cultivating 1kg of mushrooms costs around Rs. 100-120. However, the market price of 1kg of mushrooms varies depending on the variety and the region, with prices ranging from Rs. 150-300 per kg. The yield of mushrooms per bag depends on the type of mushroom and the cultivation method used. On average, each bag can yield anywhere from 500-800 grams of mushrooms, and farmers can expect to harvest multiple crops per year.

With proper management and marketing, a farmer can generate a profit of Rs. 50,000-1,00,000 per 1000 bags annually. This Will vary according to Mushroom type and material used for production. If you start growing it in 100-500 square feet, you can make between Rs 1 lakh and Rs 5 lakh annually. Everything is dependent on the equipment used.

In case you missed it: Organic Mushroom Farming, Cultivation Practices

Mushroom Farming

The startup costs for a mushroom farm are cheaper than the potential profit they provide. The cultivation process needs forethought, substrate preparation, and ideal environmental circumstances to succeed. This venture’s potential for huge gains depends on how well it is carried out.

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10 COMMENTS

Can you guide me on how to start a small farm in my store room of 200 sq feet

Good knawledge of Mashroom farming

Greetings from here. Please I have got a good quantity of mushrooms ready for the market. Are you ready to buy some? I really want to extend my production but I lack the market. Waiting to hear from you please

i am planning to start Mushroom farming in 800 sqft land in bangalore. i need the guidance to start. KIndly advise.

Sir I want to start business kindly help with process

Where I can get workshop for full knowledge in mushroom production?

Sir I want to get training for mushroom farming

It is very each to grow mushroom . One should KNOW THE DO and Donts

Interested in mushroom farming business. Please give complete project guidance with training.

I have a 300 sq feet Godown space in Mumbai and want to use it for mushroom production Can u guide me how to move ahead and future prospects of the same

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LG Electronics considers IPO in India amid stock market boom: Report

The company's indian unit has been performing well, with revenue rising 14% to a record 2.87 trillion won in the first half of this year and net income climbing 27% to 198.2 billion won..

Listen to Story

Logo of LG Group

  • LG explores IPO in India to boost revenue goals
  • CEO William Cho considers IPO as part of LG’s strategy
  • Aims for $75 billion annual revenue by 2030

LG Electronics is exploring the possibility of an initial public offering (IPO) for its Indian operations, aiming to capitalise on India’s vibrant stock market to support its ambitious revenue goals.

The South Korean electronics giant seeks to achieve $75 billion in annual revenue by 2030, which is a big leap from its current revenue of approximately $65 billion, reported Bloomberg.

CEO William Cho, who took on the role in 2021 after a long tenure with LG Group, highlights the IPO as one potential strategy to rejuvenate the company’s consumer electronics segment.

“It is one of many options we can consider,” Cho told Bloomberg Television. “I understand there’s increased interest among global investors,” he added.

It’s worth noting that this is LG’s first public discussion about an Indian market debut, amid ongoing speculation and interest. “As of now, nothing is confirmed,” he added.

Cho’s vision includes growing LG’s electronics business to 100 trillion won ($75 billion) annually by the end of the decade.

A key component of this plan is increasing revenue from enterprise clients, aiming for 45% of sales to come from business customers, up from the current 35%.

Booming Indian stock market

The performance highlights LG’s desire to leverage the booming Indian stock market, which is currently experiencing a surge in IPO activity.

India’s capital markets are bustling, with 189 companies expected to raise $5.6 billion through IPOs this year alone.

The market’s dynamism is drawing interest from other major players, such as Hyundai Motor Co., which is preparing its own significant IPO in India.

Cho noted that LG is closely observing the Indian IPO landscape and evaluating similar industry cases.

Opinion: Dairy farming - doubling down on data in the new DNA age

Genomics, or DNA data, is important for building and managing a successful herd. Photo / LIC

THREE KEY FACTS:

  • New Zealand’s dairy sector contributes billions of dollars to the economy .
  • Challenges in the dairy sector have led Kiwi farmers to breed better herds that produce more for less.
  • On-farm data can help breed better dairy cows and create a more efficient national herd.

Richard Spelman is the chief scientist at the Livestock Improvement Corporation (LIC).

Recently, I was asked how DNA data can impact farming .

Genomics , or DNA data, is central to building and managing a successful herd. It takes the guesswork out of matching calves to their parents while also confidently selecting the most productive animals with the best genetics to join milking herds.

It’s not the only thing, but it’s an important thing.

Just imagine what we can do if farmers nationwide use this level of data to identify high-performing cows and select them to breed from, rather than from low-performing ones.

More on-farm data means better decisions. Better decisions across every farm in New Zealand means a higher-performing national herd.

I’m a scientist by trade, and for 25 years I’ve been researching how we use information to refine our approach to farming, specifically how we use this information to breed the very best dairy cows and create a more efficient national herd.

The herd improvement movement

New Zealand’s agriculture sector is a cornerstone of the country’s economy . It’s also part of our culture and identity.

We’ve done a good job at innovating to ensure we stay at the cutting edge of the global industry - and data has played a key role in that.

Since the early 1900s, data has revolutionised traditional agricultural practices.

Farmers have been able to harness data to gain insights on everything from soil quality to animal health to optimise operations.

Throughout the last century, the key goal for farmers was to maximise the profitability of animal production, with data informing every step of the way.

LIC chief scientist Richard Spelman says genomic data is central to unlocking a more efficient national herd. Photo / LIC / Stephen Barker

By the 1980s, almost half the country’s cows were tested under the national Herd Improvement Plan - recognised as the best scheme of its kind in the world.

As we moved into the 21st century, the pressures on farmers mounted.

National cow numbers peaked and farmers no longer wanted bigger herds - they wanted better herds that produced more for less.

This was largely driven by external factors such as finite land, a warming climate, varying milk prices, high on-farm costs and inflationary pressures.

Farmers across New Zealand - and internationally - had to show huge resilience and adaptability to navigate these mounting challenges.

Today, farmers still face these issues and more.

Herd improvement, and using data to produce better and more efficient cows, are critical to overcoming significant challenges.

Farmers need to make informed decisions, at the right time, and to do that they need good data - and lots of it.

A new age of data at scale

We are at the precipice of our data revolution.

Observing traits, health testing and assuming parentage can only take us so far.

Genomic evaluation drills down into the cellular level to map lineage and determine the value or “genetic merit” of an animal’s physical traits.

Think fertility scores, protein and fat production, and udder characteristics.

Earlier this year, the Livestock Improvement Corporation (LIC) announced the next generation of DNA testing: GeneMark Genomics, which gives farmers cellular-level data on their herds.

The product combines DNA parentage testing with genomic evaluation to help farmers identify their animals with the best genetics to breed from, in order to improve their herd faster.

GeneMark Genomics utilises the extensive pedigree of over 30 million animals, current and historical bulls and cows, combining that with the millions of animals that have had their parentage DNA verified and the hundreds of thousands of animals that have had detailed DNA profiling.

It is the culmination of 30 years of research, and an investment of nearly $100 million.

So, what we’re dealing with is data at scale.

Investing in data and providing solutions to farmers is also critical to our emission reduction efforts.

Last year, Fonterra announced its Scope 3 target of a 30% intensity reduction in on-farm emissions by 2030 .

Herd improvement and cow efficiency play a pivotal role in achieving that target.

LIC’s genetic research is leading to cows that are more efficient, produce less methane, are more heat-resilient and produce more milk solids per kilogram of liveweight.

For example, today’s cows produce twice as much milk as those in 1950, thanks largely to advances in genetics.

Many farmers are investing in these improved genetics, which will put them in good stead to reduce their emissions intensity.

So back to that question I was recently asked.

DNA data has a huge on-farm impact - you could even say it’s the key to unlocking an efficient national herd.

Natural selection has been evolving DNA and genetics since the beginning of time.

Decoding DNA and putting it in the hands of farmers allows us to drastically speed up this process to produce the best-performing animals in the shortest amount of time.

Achieving this requires both high-quality and vast amounts of data.

This is why we’re doubling down on our data capabilities and making significant leaps forward to harness it for good.

By collaborating with farmers on this front, we can help New Zealand’s agriculture sector keep innovating to stay ahead of the curve.

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    भारत में कुक्कुट पालन (Poultry farming in hindi) देश के कृषि परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा है। कुक्कुट पालन की समृद्ध परंपरा और कुक्कुट उत्पादों ...

  14. How to start goat farming Business 2023: बकरी पालन का व्यापार, Profit

    बकरी पालन में होने वाले लाभ (goat farming profit or loss): इस व्यापार में प्रति महीने बंधा बँधाया लाभ प्राप्त नहीं हो सकता है. हालाँकि कई त्यौहारों ...

  15. Dairy Farming Business Plan Guide

    Dairy Farming Business Plan #1- However as a beginner, you should definitely get some professional training from Agriculture Universities or Training centers of the Animal Husbandry Department or Krishi Vigyan Kendras or any private training dairy consultancies. Dairy Farming Business Plan #2 - Visit local dairy farms and talk to the ...

  16. डेयरी फार्मिंग व्यवसाय कैसे शुरू करें? Dairy Farming Business

    डेयरी फार्मिंग में निवेश Investment in Dairy Farming Business Plan in Hindi. यह एक सरल व्यवसाय है जिसे आसानी से स्थापित किया जा सकता है। लेकिन उससे पहले आपको डेयरी ...

  17. Dairy Farming Business Plan in Hindi (लाखो कमाओ)

    Dairy Business Loans (Dairy Farming Business Plan in hindi) 1. NABARD डेयरी योजना. NABARD डेयरी योजना, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक द्वारा संचालित एक योजना है। इसका ...

  18. How To Start Farming? Get Agriculture Business Plan

    2. Estimate the risks and try and avoid them as much as possible by taking all the necessary precautions to protect your agribusiness. 3. Leverage the power of the Internet to plan your agriculture business to compete in today's ever-changing business scenario. Also Read: Best Practices For An Online Food Business.

  19. Agri Farming Business Plan

    The Agribusiness plan is a road map for a business. It describes the main functions of business operations, finance, management, and marketing. It must support the mission statement, objectives and goals set by the owners. A step by step guide to Agri farming business plan. A good business plan will help farm or food production businesses succeed.

  20. Best Business Ideas in Agriculture Sector With Full Case Study

    #BestBusinessIdeasinAgricultureSector #Education #CareerBest Business Ideas in Agriculture Sector With Full Case Study - [Hindi] - Quick Support. अगर आप ...

  21. Profitable Donkey Farming Business in India: How to Plan for Rearing

    Consider selling directly to consumers through farm stands, farmers' markets, or online platforms. Collaborate with local retailers or wholesalers to distribute your products to a wider audience. Offer educational workshops or tastings to raise awareness and generate interest in donkey milk and other farm products.

  22. 'I don't plan it…': Rahul Gandhi says he has ...

    "Yeah I don't plan it…but if it happens…" he said, till one of the women said "do invite us that day". They also discuss the pressure they face from society and family to get married ...

  23. What is PM GatiShakti National Master Plan? Everything you need to know

    The Pradhan Mantri Gati Shakti National Master Plan is a monumental Rs. 100 lakh crore investment initiative set to reshape India's infrastructure over the next five years.

  24. Mushroom Farming Business Plan: Investment, Profit, and Cultivation Steps

    Step 6: Fruiting requires a high temperature of 60-75 degrees Fahrenheit and high humidity. Keep the bags in a cool place for a day, bring them to the fruiting room, cut open the plastic bags, and let the mushrooms grow. Step 7: Harvesting requires twisting the mushroom from the stem before it uncurls completely.

  25. Poultry Farm Business Plan

    Poultry Farm vs Contract Poultry farm Business Plan | कमाए 1 लाख सिर्फ 40 दिनों में contract poultry farming kaise kare contract poultry farming in india p...

  26. LG Electronics considers IPO in India amid stock market boom: Report

    A key component of this plan is increasing revenue from enterprise clients, aiming for 45% of sales to come from business customers, up from the current 35%. The company's Indian unit has been performing well, with revenue rising 14% to a record 2.87 trillion won in the first half of this year and net income climbing 27% to 198.2 billion won.

  27. Opinion: Dairy farming

    On-farm data can help breed better dairy cows and create a more efficient national herd. Richard Spelman is the chief scientist at the Livestock Improvement Corporation (LIC). OPINION