भारत को और किन नामों से जाना जाता है
भारत में कौन सी विभिन्न भाषाएं और धर्म प्रकार हैं
भारत के कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों के प्रकार
भारत में मनाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के त्योहार कौन से हैं
भारत में महान पुरुष
हमारे देश भारत की स्वतंत्रता की अवधि
भारत को और किन नामों से जाना जाता है।.
दोस्तों भारत को आज भारत, हिंदुस्तान, आर्यव्रत और सोने की चिड़िया समेत कई नामों से जाना जाता है। दोस्तों, आप भारत के नाम के बारे में क्या सोचते हैं, हमें बताएं।
हमारे भारत देश में, विभिन्न धर्मों और विभिन्न जातियों के लोगों ने हमेशा एकता का आनंद लिया है। भारत में हिंदू, मुस्लिम, जैन, बौद्ध, फारसी, सिख जैसे कई धर्मों के लोग रहते हैं। हमारा देश भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है।
साथियों, हमारे देश भारत में बहुत बड़ी संख्या में किले हैं। हमारे भारत देश में लाल किला, स्वर्ण मंदिर, ताजमहल आदि दर्शनीय स्थल और आकर्षण हैं। साथ ही, दोस्तों, जम्मू और कश्मीर भारत के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थानों में से एक है।
अजंता की गुफाएं भी भारत के ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों में से एक हैं। कलसुबाई पठार भी भारत के सबसे बड़े पहाड़ों में से एक है। इसी तरह भारत का सबसे बड़ा पर्वत हिमालय भी बहुत बड़ा है।
भारत को सबसे महत्वपूर्ण देश माना जाता है। भारत में कई तरह के त्यौहार और उत्सव मनाये जाते हैं। भारत में कई त्यौहार जैसे होली, दीपावली, गणेशोत्सव, मकर संक्रांति, दशहरा आदि मनाए जाते हैं।
इस त्योहार को मनाते हुए कई जाति और धर्म के लोग एक साथ इस त्योहार को मना रहे हैं। इसलिए, भारत में त्योहार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण उद्देश्य है। भारत में नवरात्र बहुत ही उत्साह भरे माहौल में मनाया जाता है।
साथियों, भारत की इस धरती पर कई महापुरुषों का जन्म हुआ है। छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह ही भारत में महाराष्ट्र के महान राजाओं में से एक थे। उन्होंने हमेशा भारत के लोगों के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी भारत में विदेशियों के प्रभुत्व को समाप्त कर दिया है।
छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे राजाओं का भारत में पुनर्जन्म होना चाहिए। इसी तरह, भारत में कई महापुरुषों का जन्म हुआ है।
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का कार्य बहुत ही महान है। डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने भारत के लिए संविधान का मसौदा तैयार किया।
भारत का संविधान आज भारत को बाबासाहेब अम्बेडकर का एक महान उपहार है। बाबासाहेब अम्बेडकर को भारत रत्न डॉक्टर बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से भी जाना जाता है। इसी तरह, महात्मा गांधी भारत में एक बहुत ही महत्वपूर्ण नेता बन गए। भारत में, महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन को समाप्त किया और हमेशा भारत पर ब्रिटिश शासन को समाप्त किया।
महात्मा गांधी का मुख्य लक्ष्य भारत को स्वतंत्रता देना था। इसी तरह जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस आदि कई महान शख्सियतों ने भारत की इस धरती पर जन्म लिया है और भारत की इस धरती को बड़े पैमाने पर महान बनाया है।
भारत में कई क्रांतिकारियों ने भारत को आजादी दिलाने के लिए हमेशा अपने प्राणों की आहुति दी। साथियों हमारे देश भारत की आजादी के लिए कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी।
दोस्तों की तरह ही भगत सिंह राजगुरु सुखदेव चंद्रशेखर आजाद जैसे महान नेताओं ने हमारे देश को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए काफी प्रयास किए और 15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश सरकार की गुलामी से आजाद हुआ।
और 15 अगस्त 1947 को हमारे देश भारत को आजादी मिली। 15 अगस्त 1947 को भारत में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, हमारे राज्य को भारत में लोकतांत्रिक रूप से स्थापित किया गया था। साथ ही, हमारे देश, भारत पर लोकतांत्रिक तरीके से शासन किया गया था।
साथियों, हमारा देश भारत हमेशा विभिन्न कलात्मक प्रतिभाओं से अलंकृत रहा है। साथ ही, दोस्तों, भारत ने कई चुनौतियों का सामना करते हुए काफी प्रगति की है। साथ ही दोस्तों मुझे भी भारतीय होने पर गर्व है।
दोस्तों, आपको mera desh essay in hindi बारे में निबंध कैसा लगा मुझे उम्मीद है कि आपको मेरे देश पर निबंध पसंद आया होगा। साथ ही अगर mera desh essay in hindi पर निबंध पर आपका कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर पूछ सकते हैं।
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by Editor November 24, 2018, 3:52 PM 7 Comments
मेरा भारत महान हिन्दी निबंध | मेरा देश भारत हिन्दी निबंध |
स्कूल मे पढ़ने वाले विध्यार्थियों से अक्सर मेरा भारत पर निबंध पूछा जाता है है। यहाँ हम सभी कक्षाओ (Class 1, 2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12) के विध्यार्थियों के लेकर आए हैं भारत देश पर निबंध।
भारत मेरा देश है और यहाँ जन्म लेना मेरे लिए बड़े गर्व की बात है। मेरे देश भारत का नाम महान प्रतापी राजा “भरत” के नाम से पड़ा। भारत देश को विश्व में इंडिया के नाम से जाना जाता है और साथ-साथ सभी देशवासी हिंदुस्तान के नाम से भी पुकारते हैं।
मेरे भारत देश मे हिन्दू, मुस्लिम, सीख,ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी जैसे सभी धर्मों के लोग निवास करते हैं और आपसी भाई चारे के साथ रहते हैं, इसीलिए मेरे देश को बिनसांप्रदायिक देश के रूप मे पहचाना जाता हैं। यही नहीं यहाँ अनेकों जाति, भाषाएँ और संस्कृतियों का संगम देखने को मिलता है, एकता मे अनेकता देखने को मिलती है।
मेरे भारत देश की राजधानी का नाम दिल्ली है, राष्ट्रिय पक्षी मोर, राष्ट्रिय प्राणी बाघ, राष्ट्रिय खेल होकी, राष्ट्रिय गान जन-गण मन और राष्ट्रिय फल आम है। केसरी, सफ़ेद और हरे रंग से सजा मेरा ध्वज त्याग, बलिदान और समृद्धि का संदेश देता है। मुझे अपने देश और अपनी भारतीयता पर गौरव है। जय हिन्द, जय भारत
ये मेरे लिए बड़ा गर्व का विषय है की भारत जैसी पवित्र भूमि पर मेरा जन्म हुआ है। देवताओं और ऋषि मुनियों की इस भूमि पर जन्म लेना सौभाग्य की बात है। पूरी दुनिया में भारत देश ही एक ऐसा देश है जहां अलग-अलग धर्म, जाति, और संप्रदाय के लोग रहते हैं। इतनी भिन्नता होने के बाद भी सभी एकता और भाई चारे के साथ रहते हैं।
हमारा भारत देश 1947 में अंग्रेजों के शासन से आजाद हुआ था और इस आज़ादी के पीछे सेकड़ों महान सपूतों का बलिदान है। अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधीजी भी इसी भूमि पर जन्म लिए और क्रांतिकारी भगत सिंह जैसे वीरों ने भी यहाँ जन्म लिया।
भारत देश की कुल आबादी 125 करोड़ है और चीन के बाद भारत सबसे ज्यादा आबादी वाला दूसरा देश है। राम और कृष्ण की इस भूमि पर गंगा जैसी पवित्र नदी भी बहती है जिसे सभी माँ गंगा कहकर बुलाते हैं।
भारत भौगोलिक दृष्टि से भी सम्पन्न देश है इसीलिए यहाँ कभी भी प्राकृतिक संसाधनो की कमी नहीं होती। विशाल समुद्री किनारा, गंगा, यमुना, कावेरी, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, गोदावरी आदि नदियां इस देश की धरोहर हैं।
सांस्कृतिक दृष्टि से मेरा भारत देश अनेक संस्कृतियों का संगम है। यहाँ दिवाली, होली भी मनाई जाती है तो साथ में ईद, क्रिसमस भी मनाई जाती है।
आर्थिक दृष्टि से भी मेरा भारत देश सफलता के नए आयाम गाढ़ रहा है और विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति की ओर अग्रसर हो रहा है। हमारे देश के वैज्ञानिक अंतरिक्ष मे देश का परचम लहरा रहे हैं तो दूसरी तरफ हमारे देश की रक्षा करने वाले वीर सैनिक देश की रक्षा के लिए सीमा पर डटे हुये हैं।
आइये हम सब मिलकर अपने भारत देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रण करते हैं और देश को विश्वगुरु बनाने में सहयोग करें, जय भारत!
धरती सुनहरी, अंबर नीला,हर मौसम रंगीला, ऐसा देश है मेरा। जी हाँ, ऐसा ही मेरा देश भारत है जिसे हम हिंदुस्तान और इंडिया भी कहते हैं। मुझे इस बात का घमंड है की मैं इस देश का पुत्र हूँ।
उत्तर में हिमालय जैसा विशाल पर्वत इस देश की रक्षा कर रहा है तो वहीं दक्षिण मे महाकाय हिन्द महासागर इस पवित्र भूमि के पग-प्र्क्षालन कर रहा है।
भारत देश को अंग्रेजों की गुलामी से 1947 में आजादी मिली और इस आज़ादी के पीछे ना जाने कितने लोगों का बलिदान शामिल है। आज़ादी के पर्व को हम हर साल 15 अगस्त को मनाते हैं।
हमारे देश की आबादी 125 करोड़ है और चीन के बाद सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। देश की राजधानी दिल्ली है और तिरंगा जो की हमारा राष्ट्रिय ध्वज है उसमे तीन रंग हैं केसरी, सफ़ेद और हरा जो हमें शांति, समृद्धि और बलिदान का संदेश देता है।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहाँ प्रजा ही तय करती है की इस देश का शासक कौन होगा। पूरी दुनिया में भारत ही सबसे बड़ा लोकतंत्र है और सभी देश भारत को एक आदर्श के रूप मे मानते हैं।
मेरे भारत देश मे सभी धर्म, जाति और अलग अलग भाषाओं को बोलने वाले लोग आपसी प्रेम और भाई-चारे के साथ रहते हैं और यही महानता भारत को पूरी दुनिया से अलग करती है। सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से विभिन्नता होने के बाद भी इस देश की एकता और अखंडता अचल है।
हमारा भारत आर्थिक रूप से सम्पन्न देश है और आज विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अवकाश में भी देश के वैज्ञानिक देश को नयी बुलंदियों पर ले जा रहे हैं।
भारत देश का राष्ट्रिय गान जन-गण मन है और राष्ट्रिय गीत वंदे मातरम है साथ ही राष्ट्रिय पशु बाघ, राष्ट्रिय पक्षी मोर, राष्ट्रिय फल आम, राष्ट्रिय खेल होकी और राष्ट्रिय पेड़ बरगद है।
गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी, सिंधु, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा आदि प्रमुख नदियां इस देश में बहतीं हैं। ताज महल जो की विश्व के सातवें अजूबे में शुमार है वो भी भारत में स्थित है इसके अलावा कुतुब मीनार, लाल किला, चार मीनार, इंडिया गेट और विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा Statue of Unity भी इस देश की धरोहर हैं।
दीपावली, होली, दशहरा, ईद, क्रिसमस, महावीर जयंती, गुरु नानक जयंती आदि अलग – अलग धर्मों के पर्व यहाँ बड़ी खुशहाली के साथ मनाए जाते हैं।
ये भारत देश ही था जिसने पूरी दुनिया को जीरो दिया और तभी इस दुनिया को गिनती आई, शतरंज का खेल भी भारत की ही देंन है। ये भारत ही है जिसने पूरी दुनिया को आयुर्वेद और योग का उपहार दिया। आज जब पूरी दुनिया योगा करती है तो हर भारतवासी को गर्व होता है की यह भारत देश की ही देंन है।
एक भारतीय होने के नाते हम सबकी यह ज़िम्मेदारी बनती है की अपने देश को हम और आगे बढ़ाएँ और इसकी एकता, अखंडता को बनाए रखें। भारत जैसी भूमि पर जन्म लेना बड़े ही सौभाग्य की बात है और मैं इस भूमि को शत शत नमन करता हूँ। जय हिन्द!
सोने की चिड़िया कहा जाने वाला मेरा भारत देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतन्त्र है। इंडिया और हिंदुस्तान के नाम से भी हम अपने देश को पुकारते हैं। पूरी दुनिया में आज भारत देश का डंका बज रहा है और हर भारतवासी के लिए एक गर्व का विषय है। आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजकीय दृष्टि से भारत देश ने जो मुकाम हासिल किया है वो कोई और देश नहीं कर पाया है।
मेरा भारत देश एशिया महाद्वीप में स्थित है और चीन के बाद सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है। भौगोलिक दृष्टि से दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। हिंदुस्तान की कुल आबादी 125 करोड़ से ज्यादा है। उत्तर में हिमालय है तो दक्षिण मे हिन्द महासागर, पश्चिम में अरब सागर है तो पूर्व में बंगाल की खाड़ी। भारत देश का नाम महान राजा “भरत” के नाम से पड़ा है।
भारत देश को आज़ादी सन 1947 में मिली थी और हर 15 अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली है और 29 राज्यों का समावेश है। हमारा देश लोकतंत्र से चलने वाला देश है और यहाँ प्रजा को ही सर्वोपरि माना जाता है।
हमारे भारत में कई धर्मों के लोग निवास करते हैं जिनमें हिन्दू, मुस्लिम, सीख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी धर्म शामिल हैं। सभी धर्म आपसी भाईचारे और सौहार्द के साथ शांति के साथ रहते हैं, भारत में अनेक जाति, संप्रदाय, भाषा से जुड़े लोग हैं फिर भी सभी एक हैं और यही इस देश की सबसे बड़ी ताकत है। सभी धर्मों के लोग अपने – अपने त्योहार बड़ी धूम धाम के साथ मनाते हैं।
पूरी दुनिया में भारत देश अपनी एकता मे अनेकता और धार्मिक सौहार्द के लिए जाना जाता है। किसी भी अन्य देश में इतनी विभिन्नता देखने को नहीं मिलती। पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक अलग -अलग भाषाओं को बोलने वाले लोग रहते हैं, ऐसा कोई दूसरा देश नहीं जहां इतनी भाषाएँ बोली जातीं हों।
भारत में एक तरफ सर्वाधिक ठंडा प्रदेश भी है तो वहीं दूसरी तरफ सबसे गरम प्रदेश भी है। भौगोलिक भिन्नताएँ हमें देखने की मिलती हैं। गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी, गोदावरी, ब्रह्मपुत्र,सिंधु जैसी नदियां इस देश में बहतीं हैं तो वहीं दूसरी तरफ पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण में हिन्द महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी है।
कश्मीर जैसा स्वर्ग भी भारत में ही है तो वहीं दूसरी तरफ हिमालय पर्वत देश की रक्षा के लिए खड़ा है। देश का भूगोल इस तरह का है की हमें बार-बार प्राकृतिक आपदाओं का सामना नहीं करना पड़ता।
आर्थिक रूप से हमारा भारत देश पूरी तरह से सम्पन्न और आत्मनिर्भर है। किसी भी चीज के लिए हम किसी दूसरे देश के ऊपर निर्भर नहीं हैं। आज भारत देश विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनके उभर रहा है। आज हम कई तरह की चीजों का विदेशों में निर्यात करते हैं, आपदा के समय हम अन्य देशों की आर्थिक मदद भी करते हैं।
खेती और उद्योगों का विकास काफी बढ़ा है और आगे चलकर भारत देश निश्चित रूप से विश्व के विकसित देशों में अपनी जगह बनाने में सफल होगा।
अवकाश के क्षेत्र में भारत ने जो कामयाबी हासिल की है वो किसी और देश ने नहीं की। एक के बाद एक सफल अन्तरिक्ष परीक्षण करके हमारे वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया में भारत की ताकत का लोहा मनवाया है।
दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना जिन देशों के पास है उनमें एक नाम हमारे देश हिंदुस्तान का भी है। जल सेना, वायु सेना और थल सेना देश की रक्षा करने में सक्षम हैं। भारत एक परमाणु सम्पन्न देश है और हमारी सैन्य ताकत का किसी के पास कोई जवाब नहीं।
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा युवा अगर किसी देश मे हैं तो वो है भारत। हमारा देश युवाओं का देश है। आज हर क्षेत्र में हमारे युवा देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं। ये युवा शक्ति ही देश की असली ताकत है।
हर साल लाखों विदेशी पर्यटक भारत घूमने के लिए आते हैं क्यूंकी हमारे देश में प्रकृति और कला की खूबसूरती देखने को मिलती है। ताजमहल विश्व के सात अजूबों में शामिल है तो वहीं दूसरी तरफ गोवा विदेशी लोगों के आकर्षण के केंद्र है।
वाराणसी धर्म और आस्था का केंद्र है जहां विदेशी लोग भी आते हैं। राजस्थान के किले तो पूरी दुनिया में मशहूर हैं तो वहीं केरला में प्रकृति की सुंदरता देखते ही बनती है।
राम और कृष्ण की इस भूमि पर महात्मा गांधी जी ने जन्म लिया जिन्हें पूरी दुनिया अहिंसा के पुजारी के रूप में मानती है। स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुष इसी धरती पर जन्म लिए। सम्राट अशोक, महाराणा प्रताप, शिवाजी महाराज जैसे वीर योद्धाओं ने इस धरती पर जन्म लिया। अब्दुल कलाम, आर्य भट्ट, रामानुजन, विक्रम साराभाई जैसे वैज्ञानिकों ने यहाँ जन्म लिया है, ऐसे ना जाने कितने महान लोगों ने इस भूमि पर जन्म लिया है।
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Bharat Desh ke bare mein
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Mera Bharat Mahaan Essay in Hindi : मेरा भारत एक महान देश है क्योंकि इस देश में प्राचीन संस्कृति, समृद्ध इतिहास और अनेक विविधताएं हैं। भारत की संस्कृति हजारों साल पुरानी है, और इसमें अनेक विविधताएं देखने को मिलती है। भारत में विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं।
भारत का इतिहास भी दुनिया के सबसे पुराने इतिहासों में से एक है, जिसमें कई सभ्यताओं का उदय हुआ है, जैसे- सिंधु घाटी सभ्यता, मौर्य साम्राज्य, और गुप्त साम्राज्य। इसके अलावा भारत की प्राकृतिक सोदर्यता भी विश्व प्रसिद्ध हैं, जिसमें हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियां, हरे-भरे जंगल, और सुंदर समुद्री तट आदि।
भारत में और भी बहुत सारी खुबीयां हैं जिसकी वजह से भारत एक महान देश है। स्कूलों में अक्सर निबंध प्रतियोगिता और परीक्षा में Mera Bharat Mahan Par Nibandh लिखने के लिए कहा जाता है। आप इस आर्टिकल की मदद से एक अच्छा Mera Bharat Mahaan Essay in Hindi में लिख सकते है। इसके अलावा मेरा भारत महान पर निबंध इन हिंदी Class 6 , 7 , 8 , 10 के लिए भी यह आर्टिकल पढ़ सकते है।
प्रस्तावना.
मैं एक भारतीय नागरीक हूँ और मुझे अपने देश पर बहुत गर्व है। मेरा भारत एक महान देश है क्योंकि इस देश में अद्भुत संस्कृति, इतिहास, और विविधता देखने को मिलती हैं। भारत एक विशाल देश है जिसमें अनेक प्रकार की प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति और परंपराएं देखने को मिलती हैं। भारत की संस्कृति काफी समृ्द्ध है, जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, और जैन जैसे कई धर्मों का समावेश हैं।
भारत की संस्कृति दुनिया की सबसे पुरानी और समृद्ध संस्कृतियों में से एक है। हमारी संस्कृति में कई अलग-अलग तरह के धर्म हैं, जैसे- हिंदू, सिख, ईसाई, मुस्लिम, जैन, बैद्ध, और पारसी। प्रत्येक धर्म की अपनी अनूठी मान्यताएं और प्रथाएं भारतीय संस्कृति को और भी ज्यादा रौचक बनाती है।
भारत में 22 अलग-अलग तरह की आधिकारिक भाषाएँ हैं, जैसे- हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, बंगाली, मराठी, गुजराती, पंजाबी और असमिया आदि। इसके अलावा भारत में कई अलग-अलग प्रकार की कला और संगीत शैलियां मिलती हैं, जैसे- चित्रकला, नृत्य, संगीत और वास्तुकला।
भारतीय संस्कृति और भी काफी ज्यादा विस्तृत हैं।
भारत का इतिहास भी दुनिया के सबसे पुराने इतिहासों में से एक है। हमारा इतिहास विविध और जटिल प्रकार का है जिसमें कई अलग – अलग सभ्यताएं और साम्राज्य शामिल हैं, जैसे- सिंधु घाटी सभ्यता, मौर्य साम्राज्य, गुप्त साम्राज्य, मुगल साम्राज्य। इसके अलावा भारत के इतिहास में ब्रिटिश राज और स्वतंत्रता जैसी महत्वपूर्ण घटनाए भी शामिल है।
Mera Bharat Mahaan है और मुझे अपने देश पर बहुत गर्व है। भारत अपनी संस्कृति, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पूरी दुनिया में एक अनुठा देश है। इस देश का हर एक नागरीक एक सच्चा देशभक्त है। हमारा भारत महान था, महान है और हमेशा रहेगा, लेकिन इसके लिए हम सभी को अपने देश की संस्कृति को जिंदा रखना होगा और अपने देश प्रेम को बढ़ाना होगा।
भारत पूरे विश्व में एक अद्भुत और अद्वितीय देश है, क्योंकि यहां भारतीय संस्कृति, परंपराएं, और नैतिक मूल्यों का आदान-प्रदान होता है। हमारा देश खेती खलिहान से भरा एक सुंदर देश है, और इस देश में अपार संसाधन हैं। इस देश में अनेक धर्म और भाषा के लोग एक साथ मिलजुलकर रहते है।
मेरे देश की महान भूमि पर कई महापुरुषों ने जन्म लिया है, जिन्होने इस देश को महान बनाने में योगदान दिया है, जैसे- विवेकानंद, दयानंद सरस्वती, सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, अशफाख उल्लाह खान, भगत सिंह, रानी लक्ष्मीभाई, सुभाष चंद्र बोस आदि। इसलिए हमारा देश एक महान देश है।
भारत एक विविधता से भरा देश है क्योंकि इसमें अनेक धर्मों, भाषाओं संस्कृतियों और परंपराओं को एक साथ देखा जा सकता है। भारत अपनी विविधता की वजह से भी एक महान देश है।
भारत में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरह के धर्म, जाति, संस्कृति, भाषा, खान-पान, रहन-सहन, भोजन, कला और संगीत, पर्व और त्यौहार आदि देखने को मिलते हैं। भारत में अनेक भौगोलिक विविधाएं भी देखने को मिलती हैं।
भारत का तिरंगा भी तीन अलग-अलग रंगों से मिलकर बना हैं, जिसमें ऊपरी केसरी पट्टी शक्ति का प्रतीक है, बीच में सफेद पट्टी ईमानदारी और शांति का प्रतीक है, और अंत में हरी पट्टी हरियाली व संस्कृति का प्रतीक है। इसके अलावा इसके अलावा झंडे के बीच एक अशोक चक्र भी है।
भारत एक विशाल देश है जिसमें भौगोलिक विविधताएं भी देखने को मिलती है। भारत का उत्तरी भाग हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों से घिरा है, जिसे देखने के लिए दुनियाभर के लोग आते हैं। भारत के पश्चिमी भाग में एक बड़ा रेगिस्तान है, जहां मोहनजोदड़ो और हड़प्पा सभ्यता के अवशेष मिले हैं।
भारत के दक्षिणी भाग में एक बड़ा दक्कन पठार है, जो 1.3 मिलियन वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है। यह एक महत्वपूर्ण कृषि क्षैत्र हैं, और इसमें कई प्राचीन खंडहर भी है। भारत का पूर्व हिस्सा खेत-खलिहान से भरा हुआ है। इसके अलावा भारत में गंगा और यमुना जैसी महान नदिया भी हैं।
भारत एक लौकतांत्रिक देश है जहां लोगों का शासन चलता है। भारत का संविधा 1950 में लागू हुआ था, जिसके बाद भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, गणतंत्रात्मक और लोकतांत्रिक देश घोषित किया गया। भारत में प्रत्येक पांच सालों में जनता द्वारा एक नयी सरकार बनायी जाती है।
भारत की सरकार तीन शाखाओं में विभाजित हैं- कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका। भारत में, लोगों कई मौलिक अधिकार भी दिए गए हैं, जिनमें स्वतंत्रता का अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता और समानता का अधिकार शामिल है।
हमारा देश काफी अद्भुत है जिसका इतिहास और संस्कृति हमें काफी गौरव और गर्व की अनुभूति देता है। हमारे देश में अनेक महान लोगों ने जन्म लिया है, जिन्होने इस देश को महान बनाने में काफी योगदान दिया है। इसिलिए आज भारत पूरी दुनिया में एक प्रसिद्ध देश है। Mera Bharat Mahan Par Nibandh जितना लिखा जाए, उतना कम है।
‘ मेरा भारत महान ‘ यह एक प्रसिद्ध नारा है जो भारत की विविधता, संस्कृति और समृद्ध इतिहास को दर्शाता है। यह नारा भारत के लोगों में देशभक्ति की भावना को काफी बढ़ावा देता है। भारत एक विशाल देश है जहां सांस्कृतिक विविधता के साथ-साथ भौगोलिक विविधताएं भी देखने को मिलती हैं, जैसे- बर्फीले पहाड़, हरियाली, जंगल, मरुस्थल, नदियां, गुफाएं आदि।
भारत का इतिहास लगभग 5000 साल पुराना है। इस इतिहास में सिंधु घाटी सभ्यता, मौर्य साम्राज्य और गुप्त साम्राज्य जैसे हजारों साल पुराने इतिहास शामिल है। इसके अलावा भारत देश ने पूरी दुनिया को कई महान वैज्ञानिक, गणितज्ञ, दार्शनिक और लेखक दिए हैं। इसलिए भारत एक महान देश है, जिसने दुनिया को कई महान उपलब्धियां दी हैं।
भारत की संस्कृति बहुत ही पुरानी है, जिसका संबंध हमें सबसे पुरानी सिंधु घाटी सभ्यता से देखने को मिलता है। हमारी संस्कृति सिंधु घाटी ( Indus Valley Civilization ) से शुरू होकर भारत के दक्षिणी इलाकों में किसान समुदाय तक जाती है। हमारे देश की संस्कृति विविध संस्कृतियों से मिलकर बनी हैं। भारतीय संस्कृति में कई अलग-अलग धर्म और परथाएं हैं। हमारे देश में कई तरह की जीवनशैलीयां देखने को मिलती हैं।
संस्कृति किसी भी देश, जाति और समुदाय की आत्मा होती है, क्योंकि संस्कृति हमें जीवन जीना सिखाती है। हमारी संस्कृति का प्रधान गुण भौतिक और आध्यात्मिक तत्वों को एक साथ लेकर चलना है। भारत में अलग-अलग संस्कृति होने के बावजुद सभी लोग एक साथ मिलजुलकर रहते हैं।
भारत की संस्कृति कई अनूठी संस्कृतियों का संग्रह है, जिमें भारत के पहनावे, त्यौहार, भाषाएं, धर्म, वास्तुकला, नृत्य, संगीत, भोजन और कला शामिल हैं। हमारे देश की संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता अनेकता में एकता है।
भारत के इतिहास (History) को कई सहस्र वर्ष पुराना माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि 65,000 साल पहले, पहला आधुनिक मनुष्य या होमो सेपियन्स अफ्रीका से भारतीय उपमहाद्वीप में पहुंचे थे। दुनिया का सबसे पुराना ज्ञात आधुनिक मानव आज से 30,000 साल पहले दक्षिण एशिया में रहता था।
इसके बाद धीरे-धीरे सिंधु घाटी सभ्यता विकसित हुई। ऐसा माना जाता है कि लगभग 3300 ईसापूर्व संन्धु घाटी सभ्यता का विकास हुआ था। इसके बाद बौद्ध धर्म, मौर्य साम्राज्य और गुप्त साम्राज्य भी सामने आए। प्राचीन भारत के बाद मध्यकालीन भारत की शुरूआत हुई। इस शुरूआत में गुप्त साम्राज्य का पतन हुआ था और दिल्ली सल्तनत प्रारंभ हुई है, जिसके परिणाम स्वरूप भारतवर्ष कई छोटे राज्य में बट गया। इसके बाद मुस्लिमों का आक्रमण तेजी से होने लगा।
इसके बाद मुगल वंश आया जिसने दिल्ली सल्तनत का अंत कर दिया। और फिर 1857 की क्रांति के साथ ही मुग़ल वंश का भी पतन हो गया और ब्रिटिश शासन के साथ आधुनिक भारत की शुरूआत हुई।
इसके बाद कई स्वतंत्रता सैनानियों ने संघर्ष करके भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाई। और इस तरह भारत का एक अद्भुद इतिहास बना।
भारत की खुबसूरती का जितना ज्यादा वर्णन किया जाए, उतना कम है। भारत प्राकृतिक सुंदरताओं से पूर्ण है। भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां 70% किसान रहते हैं। भारत में अन्न की पैदावार सिंधु घाटी सभ्यता से ही की जा रही है।
भारत में प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाने के लिए कई नदियां हैं, जैसे- गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, ब्रह्मपुत्र आदि। इसके अलावा भारती में कई झरने और बर्फीली जगह भी है जो भारत की सुंदरता में चार-चांद लगा देती हैं। भारत में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कई आकर्षक दृश्य है।
भारत के वन प्रदेश में चारों ओर पेड़-पौधे दिखाई देते हैं जो भारत की खुबसुरती को कई गुना बढ़ा देते है। भारत देश में कुछ गुफाएं भी है, जो देखने योग्य है। इसके अलावा भारत के पश्चिमी भाग में मरुस्थल भी है।
भारत देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी, जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था। इस संविधान के तहत भारत को एक लोकतांत्रिक देश बनाया गया, जिसका मतलब है, लोगों का शासन। 26 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 21 तोपों की सलामी दी गयी, और भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया।
संविधान में भारत सरकार तीन शाखाओं में विभाजित हैं, कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका। अगर भारत के संविधान की बात करें तो भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित और लचीला संविधान है, जिसे 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन में तैयार किया गया था।
भारतीय संविधान नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रताओं की गारंटी देता है। भारत में लोकतांत्रिक शासन होने के बावजुद कुछ चुनौतियां हैं, जैसे राजनीतिक भ्रष्टाचार, धार्मिक असहिष्णुता और सामाजिक असमानता। हालांकि भारत लगातार विकसित हो रहा है और इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए लगातार कदम भी उठा रहा है।
भारत को महान देश बनाने में कुछ स्वतंत्रता सेनानीयों का भी अहम योगदान है, जैसे- महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखऱ आजाद, भगत सिंह, मंगल पांडे, जवाहरलाल नेहरू आदि। इन लोगों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफी आजादी लड़ाई लड़ी थी। इसके अलावा रानी लक्ष्मीबाई, सरदार पटेल, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक जैसे और भी कई स्वतंत्रता सेनानी थे।
भारत की स्वतंत्रता में महात्मा गांधी का काफी योगदान था, जिन्होने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ अहिंसक प्रतिरोध आंदोलन का नेतृत्व किया था।
मेरा भारत एक महान देश है क्योंकि इस देश ने हमें काफी कुछ दिया है। भारत का इतिहास और संस्कृति पूरी दुनिया में काफी अद्भुद है। हमारे देश में अनेक संतों, दार्शनिकों और वैज्ञानिकों ने जन्म लिया है, जिन्होने पूरी दुनिया को कुछ न कुछ अनमोल चीज़ दिया है।
भारत में अनेक तरह के धर्म और जाति होने के बावजुद सभी लोग एक साथ मिलजुलकर रहते हैं। और इसी वजह से भारत पूरी दुनिया में एक महान देश है। इसके अलावा आज आधुनिका भारत काफी तेजी से प्रगति हासिल कर रहा है। आज भारत में सभी सुविधाएं मौजुद हैं। इसलिए मेरा भारत महान है और हमेशा रहेगा।
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मुझे पूरी उम्मीद है कि इस आर्टिकल की मदद से आप एक अच्छा Mera Bharat Mahan Par Nibandh लिख सकते है। मैने इस आर्टिकल में मेरा भारत महान पर निबंध 300 , 500 और 1000 शब्दों में लिखा है। अगर आप Class 6 , 7 , 8 , 10 में पढ़ते है तो आप आसानी से इस आर्टिकल की मदद से मेरा भारत महान पर निबंध इन हिंदी में लिख सकते है।
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हमारा देश भारत पर निबंध / Essay on Our Country in Hindi!
भारत एक विशाल देश है । क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से यह दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश है । जनसंख्या के हिसाब से इसका स्थान संसार में दूसरा है । हमारा देश दुनिया के विकासशील देशों की श्रेणी में आता है । यह तीव्र गति से विकासमान है । इक्कीसवीं सदी में भारत विकसित राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा होने के लिए लालायित हो उठा है ।
हमारे देश का यह नाम सूर्यवंशी राजा ‘ भरत ‘ के नाम पर पड़ा । ‘ भरत ‘ दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र थे । उनके नाम पर यह देश भारत कहलाया । भारत के अतिरिक्त इसे हिन्दुस्तान, इंडिया, आर्यावर्त्त आदि नामों से भी जाना जाता है । यह वह देश है जहाँ सिंधु घाटी की नगरीय सभ्यता का विकास हुआ । यह वह पवित्र भूमि है जहाँ हिन्दू संस्कृति फली-फूली और वेदों की ऋचाएँ लिखी गई । कृष्ण, राम, गौतम बुद्ध, महावीर और नानक इसी भूमि पर अवतरित हुए । इसी धर्मभूमि पर कबीर, रविदास, तुलसीदास, गालिब, रहीम, सूरदास, गाँधी जैसे संत और कवि जन्मे । यहीं पर धर्म ने अपनी ऊँचाइयों को छूआ ।
भौगोलिक दृष्टि से भारत एशिया महाद्वीप में तीन तरफ से समुद्र से घिरा देश है । इसके उत्तर की ओर हिमालय की विश्वविख्यात शृंखला है । पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिन्द महासागर है । भारत में पठार, पर्वत, नदी, वन, झरने, झीलें आदि सब कुछ हैं । दक्षिण भारत का एक बड़ा भाग पठारी है । गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना कावेरी, सतलुज आदि यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं । यहाँ के लगभग 20 प्रतिशत भूभाग पर वन हैं । उत्तर में समतल मैदान हैं । यहाँ की जलवायु उष्ण है । समुद्र की दूरी और समुद्र तल से ऊँचाई के हिसाब से कहीं सम तो कहीं विषम जलवायु पाई जाती है । यहाँ मुख्य रूप से चार ऋतुएँ आती हैं-शीत, बसंत, ग्रीष्म और वर्षा ।
ADVERTISEMENTS:
प्राचीन भारत धन- धान्य से परिपूर्ण था । प्राकृतिक रूप से सब कुछ संतुलित था । लोग सुखी थे । फिर इस देश पर विदेशों से आए लोग राज करने लगे । लगभग हजार वर्ष तक देश गुलामी की स्थिति में रहा । अंत में 15 अगस्त, 1947 को देश स्वतंत्र हो गया । भारत पुन: शक्ति और सामर्थ्य अर्जित करने की राह पर चल पड़ा । संकीर्ण जातिगत मान्यताएँ मिटीं और जनता का शासन आरंभ हुआ । लोकतंत्र के इस युग में सभी भारतीयों को अपनी उन्नति के समान अवसर प्राप्त हैं । लोकतंत्र से भारत को बहुत लाभ हुआ है । बेरोजगारी मिटी है, निरक्षरता घटी है । यहाँ उद्योग-धंधों का प्रचुर विकास हुआ है । कृषि के क्षेत्र में भी आशातीत प्रगति हुई है । भारत की विकास दर तेज है । हमारी सेनाएँ देश की रक्षा में संलग्न हैं । भारत विश्व की एक बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है ।
भारत में धर्म ने ऊँचाइयों को छुआ है । इसने विश्व को शांति, सत्य और अहिंसा का उपदेश दिया । कृष्ण ने लोगों को कर्मयोग का पाठ पढ़ाया । राम ने मर्यादा का आचरण सिखलाया । गौतम बुद्ध और महावीर ने संसार को अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने की सीख दी । कबीर ने धार्मिक आडंबर की भर्त्सना की । गाँधी ने भारत की खोयी प्रतिष्ठा लौटाई । प्राचीन ऋषि-मुनियों ने अपने आचरण से तत्कालीन समाज को धर्म पर चलना सिखाया । शंकराचार्य ने भारत की सांस्कृतिक एकता की नींव मजबूत की ।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश का नवनिर्माण आरंभ हुआ । हिन्दी को देश की राष्ट्रभाषा बनाई गई । अन्य प्रमुख भाषाओं को भी संविधान में स्थान दिया गया । बाघ राष्ट्रीय पशु, कमल राष्ट्रीय पुष्प, तिरंगा राष्ट्रीय झंडा और सारनाथ के अशोक स्तंभ से लिया गया चिह्न राष्ट्रीय प्रतीक बना । मोर को राष्ट्रीय पशु बनाया गया । हॉकी को राष्ट्रीय खेल का दर्जा दिया गया ।
भारत की संस्कृति बहुरंगी है । यहाँ हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध आदि विभिन्न संप्रदायों के लोग रहते हैं । यहाँ विभिन्न प्रकार की बोलियों एवं भाषाएँ बोली जाती हैं । यहाँ आर्य, द्रविड़, आदिवासी आदि विभिन्न जातियों के लोग रहते हैं । फिर भी सब भारतीय हैं । रीति-रिवाज, पहनावा, खान-पान और मान्यताओं के अलग होने पर भी सभी एक राष्ट्र के संविधान में आस्था रखते हैं । भारतीयता सबमें विद्यमान है । कभी झगड़े और धार्मिक उन्माद भी होते हैं, पर भारतीयता का तत्व फिर से मजबूत हो जाता है ।
पूरी दुनिया में कई प्रकार की समस्याएँ हैं । भारत भी अपनी कुछ समस्याओं से घिरा हुआ है । जनाधिक्य, अशिक्षा, बेरोजगारी, आतंकवाद और राजनीतिक तुष्टिकरण भारत की प्रमुख समस्या है । कुछ लोग भारत के संविधान का गलत लाभ उठा रहे हैं । वे भारत की प्राचीन मान्यताओं और संस्कृति पर प्रहार किए जा रहे हैं । आतंकवादी मनोवृत्ति के लोगों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हो रहा है । लोगों को इन समस्याओं को समझना होगा । उन्हें राष्ट्र की रक्षा के लिए सदा तैयार रहना पड़ेगा |
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Mera Bharat Mahan Essay: मेरा भारत महान निबंध, भारत, जो एक दुनिया भर की विविधताओं और संस्कृतियों का गौरव रखता है, वह देश है जिसे हम सभी “मेरा भारत महान” कहते हैं। यहां का गर्वभाषी, समृद्ध, और संयमित जीवनशैली का एक दुरुस्त धरोहर है, जो दुनिया के अन्य देशों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनता है। भारतीय सभ्यता का निर्माण और विकास हमारे इतिहास में विचारशीलता, धार्मिकता और नैतिक मूल्यों के संगम के माध्यम से हुआ है।
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भारत एक बड़ा देश है जो मानवता के लिए मूल्यवान धरोहरों से भरपूर है। यहां की प्राचीनतम ग्रंथ, जैन और बौद्ध धर्म के तीर्थस्थल, पवित्र गंगा और यमुना नदियाँ, और विश्व धरोहर स्थलों की विविधता देश को एक आकर्षण केंद्र बनाती है। यहां की प्राकृतिक सौंदर्य, पहाड़, घाटियाँ, बाग-बगिचे, और वन्य जीवों की अद्वितीय विविधता ने लोगों को मोह लिया है।
हमारे देश में विज्ञान, गणित, चिकित्सा, और वाणिज्य क्षेत्र में हमारा योगदान वैश्विक दर्जे पर महत्वपूर्ण है। मेरे माता-पिता, गुरुजन, और हमारे देश के वीरों के प्रति मेरा आदर और सम्मान अत्यधिक है। मेरा भारत महान है और हम अपने भारतीय अस्मिता पर गर्व करते हैं। यहां विभिन्न धर्म, जाति, भाषा, रंग, और रूप के लोग एक साथ सौहार्दपूर्ण रूप से रहते हैं।
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मेरा भारत महान है और हमें अपने भारतीय होने पर गर्व है। यहाँ, अलग-अलग धर्म, जाति, भाषा, रंग, और रुप के लोग प्यार से साथ रहते हैं और सभी को समान विधान के तहत जाना जाता है। हर भारतीय नागरिक को बराबरी के साथ राजनीतिक अधिकार है।
भारत की संस्कृति वाकई अद्भुत है, और यहाँ के लोग विश्वभर से इसका अध्ययन करते हैं। हम अपने बड़ों का सम्मान करते हैं, छोटों के साथ विनम्रता से बर्ताव करते हैं, और परिवार का महत्व बचपन से ही सीखते हैं। इसके साथ ही हम सभी को एक साथ रहकर भाईचारे की भावना से गुजरने का अद्वितीय तरीका भी जानते हैं। भारत अपनी विभिन्न नृत्यकलाओं के लिए भी प्रसिद्ध है, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर को नया जीवन देते हैं।
मेरा भारत महान है। यहां प्राकृतिक सौंदर्य, विविधता, और संस्कृति का अद्वितीय मेल है। इस देश में अनेक भाषाएं और धर्म हैं, जो एकता और समरसता का प्रतीक हैं। हमारी संस्कृति में मानवीय मूल्यों की प्रमुखता है और हमारी परंपराएं उच्च मानविकी को प्रतिष्ठित करती हैं। हमारे देश का ऐतिहासिक महत्व विश्वभर में प्रसिद्ध है और हमारा योगदान विज्ञान, गणित, चिकित्सा, और वाणिज्य में यूनिवर्सल है।
मेरा भारत महान है और हमें अपने भारतीय होने पर गर्व है। यहां अलग-अलग धर्म, जाति, भाषा, रंग, रूप के लोग प्रेम से साथ रहते हैं। हमारी संस्कृति का एकता में बहुमति दिखाने वाला योगदान है, और हम हर त्योहार को खुशी-खुशी मनाते हैं। हमने विभिन्न शासकों का स्वागत किया, लेकिन अपनी अमूल्य विविधता को बनाए रखा। इसलिए हमारी संस्कृति और गरिमा में कभी भी कोई परिवर्तन नहीं आया।
मेरे भारत का नाम भारत राजा दुष्यंत के पुत्र भारत के नाम पर रखा गया है। भारत को अलग अलग नामों से जाना जाता है, जैसे हिन्दुस्तान, हिन्द, इंडिया आदि। पुरातात्विक काल में आर्यव्रत नाम से भी जाना जाता था। भारत ने कई बड़े आक्रमणों का सामना किया है, लेकिन अपनी शांत प्रिय छवि हमेशा बनी रही है। भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ अनाज की खेती बहुत महत्वपूर्ण है। सिंधु सभ्यता के समय से ही भारत में खेती का प्रारंभ हुआ था। भारत में 70% किसान रहते हैं और वे हमें खाने का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करते हैं। इसलिए हम उन्हें “अन्नदेवता” कहते हैं, क्योंकि वे हमें भूखा नहीं रहने देते, चाहे खुद वे भूखे रह जाएं। यह नहीं, भारत विश्व भर के लोगों को अन्न प्रदान करता है और कई विकसित देश भी भारत से अन्न का आयात करते हैं।
अन्नदेवता की बात करते समय हम अपने सैनिक भाइयों को कैसे भूल सकते हैं, जो हमारे प्यारे देश भारत की सुरक्षा के लिए दिन-रात काम करते हैं और इस पवित्र भूमि को हर बड़ी मुसीबत से बचाते हैं। भारत सिर्फ कृषि के क्षेत्र में ही आगे नहीं है, बल्कि विज्ञान में भी अपने बहुत तरक्की की है। भारत ने दुनिया भर में खोजों के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे वैज्ञानिकों ने भी जो अपने जीवन में महत्वपूर्ण काम किया है, जैसे आर्यभट्ट, रामानुजम, अब्दुल कलाम, जगदीश चंद्र बसु, और सी. वी. रमण जैसे वैज्ञानिक। इन सब ने विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा योगदान किया है।
भारत की वीर भूमि ने कई शूरवीरों को जन्म दिया है, जैसे छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, भगतसिंह, जैसे वीर जो भारत को कई आक्रमणों से बचाया। भारत ने सभी धर्मों को दिल से स्वीकार किया है, चाहे हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई हो, और ने असंभव दिखने वाले काम को संभव बनाया है।
मेरा भारत सच में महान है, और यह उसकी शान है कि वह इतनी विविधता के बावजूद एकता की अद्वितीय मिसाल है। यह नहीं, मेरा भारत आज ही इस अद्वितीय सफलता को प्राप्त किया है, यह सफलता लगभग 600 साल की लड़ाई के बावजूद हासिल की गई है, और यह सबकुछ हमारे देश के विविध और एकत्रित लोगों के प्यार और साझा इच्छा का परिणाम है।
भारत देश महान क्यों कहा जाता है.
भारत को महान कहा जाता है क्योंकि यह विविधता, संस्कृति, और एकता का प्रतीक है जो बड़ी चुनौतियों के बावजूद एकत्र रहता है।
देश एक भूपृष्ठ पर स्थित होता है जिस पर एक समृद्धि समुदाय बसता है और एक सरकार निर्धारित नियमों के तहत चलती है।
हमारा भारत महान उसके सामाजिक विविधता, महात्मा गांधी और भगतसिंह जैसे योद्धाओं के संघर्ष के माध्यम से महान बना है।
हमारे देश के बारे में निबंध लिखने के लिए हमें उसकी संस्कृति, इतिहास, और योगदान के बारे में विचार करने का प्रयास करना चाहिए।
भारत में सबसे महान उसकी विविधता और सामाजिक एकता है, जो लोगों को एक साथ आने के लिए बढ़ावा देती है।
हमारे देश की महानता उसके ऐतिहासिक विरासत, सांस्कृतिक धरोहर, और गरीबी के बावजूद विकास की राह में लोगों की दृढ़ संकल्पना में है।
इंडिया के बारे में लिखते समय हमें उसके सौंदर्य, विविधता, और विशेषता को बताने का प्रयास करना चाहिए।
मेरे देश भारत पर निबंध लिखने के लिए हमें उसके सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक पहलुओं को समझने का प्रयास करना चाहिए।
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Mera Bharat Mahan
हमें बचपन में स्कूल में बहुत बार निबंध लिखने को कहा गया हैं और आज भी हर स्कूल में बच्चों को अलग अलग विषय पर निबंध लिखने को कहते हैं उसमेसे एक विषय हैं “मेरा भारत महान” आज हम उसी विषय पर निबंध लिखने के लिए बच्चों की थोड़ी मदत कर रहे हैं।
भारत दुनिया के सबसे बड़े देशो में सातवे नंबर पर आता है। भारत जैसा देश केवल नाम से बड़ा नहीं हुआ लेकिन इस देश की मिट्टी की महानता ही कुछ अलग है। इस पवित्र देश का हर कोई इन्सान देश की मिट्टी को केवल मिट्टी नहीं समझता बल्की इसे अपनी मा मानता है।
यह एक ऐसा देश है जहा मारने वाले से बचाने वाले महान कहलाता है। यह ऐसे लोगों की मातृभूमि जहापर अगर कोई अपना कोई दुश्मन भी माफ़ी मांगे तो उसे माफ़ किया जाता है। यह ऐसा देश है जहापर देश के लिए जान देने वालो की कोई कमी नहीं। सबसे ज्यादा जनसंख्या में भारत दुसरे नंबर पर है। ऐसे महान देश को बहुत सारे नाम है जैसे की भारत, हिंदुस्तान और इंडिया।
एक भारतीय होने पर मुझे गर्व है और मै इसे बहुत प्यार करता हु। भारत में अलग अलग परंपरा और संस्कृति होने के बावजूद भी सभी लोग एक साथ ख़ुशी से रहते है।
मेरे देश की मातृभाषा हिंदी है लेकिन देश में विभिन्न धर्मो के लोग अलग अलग भाषा बोलते है। भारत एक महान और सुन्दर देश है जहापर समय समय पर महान लोगों ने जन्म लिया है और उन्होंने महान काम किए है। भारत के लोग दिल से बहुत अच्छे है और वो दुसरे देशो से आनेवाले लोगों का दिल से स्वागत करते है।
इस देश की महान हड़प्पा और सिंधु संस्कृति 4000 साल से भी ज्यादा पुराणी है। ऋग्वेदिक काल की शुरुवात ईसापूर्व 1700 में हुई थी और उस वक्त भारत समृद्ध देश था और करीब ईसापूर्व 500 के दौरान एक विकसित देश बन गया था। सन 320 और 500 के बिच में जब गुप्त का साम्राज्य था तब भारत में बहुत समृद्धि थी।
दिल्ली के सुलतानो ने देश में 1206 से 1526 के दौरान शासन किया था। देश में मुघलो का साम्राज्य 1526 से 1857 के बिच में था। बहादुर शाह 2 मुघलो का आखिरी बादशाह था। उसके बाद में देश में अंग्रेजो का शासन आया। भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली।
भारत एक महान नेता और वीर स्वतंत्रता सेनानियों का देश है। हमारे देश के नौजवान आतंकवादियो से हमें और हमारे देश को बचाने के लिए दिन रात बॉर्डर पर डटे रहते है।
छत्रपती शिवाजी महाराज , डॉ बाबासाहेब आंबेडकर , महात्मा गाँधी , जवाहरलाल नेहरु जैसे महान व्यक्ति इस भारत देश में हुए है। डॉ जगदीश चन्द्र बोस, डॉ सी. व्ही. रमण , डॉ होमी भाभा, डॉ नारलीकर जैसे महान वैज्ञानिक भी इसी देश में हुए है।
हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है। हमारे देश की जो संस्कृति है वो पूरी दुनिया में सबसे अलग है। और यहाँ का हर इंसान अपने अपने परंपरा और संस्कृति का पालन करता है।
भारत में सभी लोग सनातन धर्म की भारतीय दर्शन का पालन करते है और इसीके कारण ही हमारे देश में विविधता होने के बाद भी एकता नजर आती है। भारत एक गणतंत्र देश है जहापर लोग ख़ुद अपने देश के बारे में फ़ैसला लेते है।
भारत देश एक ऐसी जगह है जहा पर लाल किला , फतेहपुर सिकरी , सुवर्ण मंदिर , ताज महल , ऊटी, खजुराहो , निलगिरी, कश्मीर, अजंता और एल्लोरा की गुफा जैसे अद्भुत स्थल देखने को मिलते है। इस महान देश में पवित्र नदिया, पर्वत, घाटी, झीले देखने को मिलती है। हिंदी हमारे देश की राष्ट्रीय भाषा है।
हमारे देश में 29 राज्य और 7 केन्द्रशासित प्रदेश आते है। हमारे देश के 29 राज्यों में तो कई सारे गाव आते है। हमारा देश कृषिप्रधान देश है और कपास, गन्ना, जुट, चावल, गेहू, अनाज जैसी फसले यहाँ ली जाती है।
भारत जैसे पवित्र और पावन देश में नदिया भी कई सारी है। अगर उनकी गिनती करे तो वो गिनती करना मुश्किल हो जायेगा। हिमालय से आनेवाली गंगा जैसे पवित्र नदी इसी देश में बहती है और गोदावरी नदी देश के आधे से भी ज्यादा राज्यों से बहती है। पूरी तरह से पत्थर से बना हुआ कैलाश मंदिर केवल भारत में ही देखने को मिलता है।
इन सब बातो के अलावा भी बहुत सारी बाते है जिनके कारण मुझे अपने देश से इतना प्यार है और मुझे अपने देश पर गर्व है। मेरे देश की जो सुंदरता है उसकी जितनी भी तारीफ की जाये वो कम है।
और जिस देश की मिट्टी को मा कहनेवाले वाले लोग होते है, वो देश, वो मातृभूमि सच में महान होती है। इसलिए मेरा भारत महान था, महान हैं और हमेशा महान रहेंगा। जय हिंद
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The essay is fantastic….and the conclusion is very touching….. Great job
where is sardar patel? Is he not a great man?
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Gyan ki anmol dhara
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हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध (mera pyara bharat varsh essay in hindi) :.
भूमिका : भारत सिर्फ एक शब्द नहीं है यह हर भारतीय के दिल की आवाज है। भारत एक देश है जहाँ पर हम सभी इसकी छत्रछाया में रहते हैं। राष्ट्र ही मनुष्य की सबसे बड़ी संपत्ति होती है। भारत को हर भारतीय अपनी माँ मानता है। जिस भूमि के अन्न-जल से मनुष्य का शरीर बनता है, विकसित होता है, राष्ट्र के लिए उसका अनायास प्रेम और राष्ट्र के प्रति श्रद्धा और लगाव उत्पन्न हो जाता है।
सभी प्राणी अपनी जन्मभूमि से प्यार करते हैं और जिससे प्यार किया जाता है उसकी हर चीज में सौंदर्य दिखाई देता है। उसकी हर वस्तु प्रिय लगने लगती है। हमें भी अपने भारत से बहुत प्यार है और यहाँ की हर चीज में सुंदरता दिखाई देती है। हमारा भारत इतना पवित्र और गरिमामय है कि भगवान भी यहाँ पर जन्म लेने के लिए लालायित रहते हैं।
हमारी जन्म भूमि भारत स्वर्ग से भी बढकर है। यहाँ पर बहुत से ऐसे स्थल है जो भारत के सबसे अधिक सुंदर स्थलों में गिने जाते हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत ने सातवाँ स्थान प्राप्त किया है और जनसंख्या में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। हमारा भारत दुनिया के विकासशील देशों में से एक है। हमारा भारत बहुत ही तेज गति से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है।
देश का नामकरण : देश का नाम भारत या भारत वर्ष है। हमारे देश भारत का नाम सूर्यवंशी राजा भरत के नाम पर पड़ा था। प्राचीनकाल में भारत का नाम आर्यावर्त और जगतगुरु था। कुछ विद्वानों का मानना है कि दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत के नाम पर ही देश का नाम भारत पड़ा था। भारत को हिंदुस्तान भी कहा जाता है। अंग्रेजी में भारत को इंडिया कहा जाता है।
पहले इसे सोने की चिड़िया भी कहा जाता था। मेरा भारत सब देशों में शिरोमणि है। हमारा भारत उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक और पश्चिम में गुजरात से लेकर पूर्व में असम तक भारत फैला हुआ है। ये सब भारत को प्रभावशाली बनाते हैं। भारत की देह को प्रकृति ने एक दैवी का नाम दिया है। बर्फ से ढका हुआ हिमालय हमारे भारत के सिर पर मुकुट के बराबर है।
दक्षिण दिशा में इसके कदम हैं जिन्हें हिन्द महासागर हमेशा धोता रहता है। इसकी बाहें दूर-दूर तक फैली हुई हैं। भारत वह देश है जहाँ पर सिंधु घाटी की नगरीय सभ्यता का विकास हुआ था। भारत वह भूमि है जहाँ पर हिंदू संस्कृति फली-फूली और वेदों की रचनाएँ की गयीं हैं। इसी भूमि पर धर्म ने अपनी उंचाईयों को छुआ था।
देश का प्राचीन इतिहास : हमारा भारत बहुत प्राचीन देश है। हमारे भारत का इतिहास स्वर्णिम रहा है। ऐसा भी एक समय था जब इसे सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। भारत देश धन और सौंदर्य से वषिभुत हुआ करता था। भारत ने ही ज्ञान की किरण पूरे संसार में फैलाई थी। ज्ञान के क्षेत्र में पूरा विश्व भारत का ऋणी है। इसी पर तो विज्ञान का ढांचा टिका हुआ है।
ज्ञान का भंडार होने की वजह से ही भारत को सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। भारत पर मुगलों और अंग्रेजों ने अपना राज्य स्थापित किया था और इसे लूटा था। हमारे देश ने हजारों वर्षों तक गुलामी की थी। भारत में अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया था जिन्होंने देश को सत्य और अहिंसा से परिचित कराया था। लेकिन हमारे वीर योद्धा और क्रांतिकारियों ने मिलकर भारत को 15 अगस्त, 1947 को आजाद करा लिया था जिसकी वजह से आज के समय में हमारा देश उन्नत और शक्तिशाली बनता जा रहा है।
भारत ने कई आक्रमणों को झेला लेकिन भारत रहा है और आगे भी रहेगा। भारत की कहानी भावनाओं से ओत-प्रोत है। इस भारत ने केवल कृष्ण को ही जन्म नहीं दिया था बल्कि इसने ऐसे अनेक महापुरुषों को जन्म दिया था जो हमेशा के लिए अमर हो गये हैं। दक्षिण भारत का एक भाग पठारी है। संकीर्ण जातिगत भावनाएँ मिटा दी गई और जनता का शासन शुरू हो गया। लोकतंत्र से भारत को बहुत लाभ हुआ था।
भारत विविधताओं का देश : हमारा भारत विविधताओं का देश है। भारत में विभिन्नता में एकता दिखाई देती है। भारत में अनेक राज्य हैं और हर राज्यों से अलग-अलग संस्कृतियाँ जुडी हुई हैं। हमारे देश में पहाड़ियाँ हैं तो समुद्र भी हैं, हरियाली है तो रेगिस्तान भी हैं। हमारे भारत में गर्मी, सर्दी, बसंत, पतझड़ सभी ऋतुएं आती हैं।
यहाँ पर हर धर्म के लोग मिलजुलकर रहते हैं। हमारे भारत में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघर भी बने हुए हैं। हमारे भारत में अनेक भाषाएँ बोलने वाले लोग रहते हैं। यहाँ पर खान-पान, रहन-सहन, वेश-भूषा,धर्म और विचारों में विविधता है। हमारे भारत के लोग एक परिवार की तरह रहते हैं और ‘वसुधैव कटुम्बकम्’ की भावना में विश्वास रखते हैं।
भारत की यह विविधता ही हमारे देश की शान और उन्नति का कारण है। भारत में तरह-तरह के त्यौहार मनाये जाते हैं। यहं पर सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार प्राप्त हैं। सभी धर्मों को समान नजरों से देखा जाता है। यहाँ पर धर्मों के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है। हमारा भारत अन्न, फल, सब्जी, दालों से किसान ही देश के वासियों को पालता है।
इसे देश के किसानों की पूजा कर्म होता है। रत्न और हीरों की खाने, कोयले के भंडार, लोहा और युरेनियम धातुओं की गुफा हमारे भारत की मिटटी के नीचे छिपी हुई हैं। हमारे भारत देश से ही बहुत से देश कपड़ा, कल-पुर्जों का निर्यात करते हैं। हमारा भारत एशिया महाद्वीप में तीन ओर से पानी से घिरा हुआ है। भारत विश्व की बहुत बड़ी आर्थिक शक्ति बन गई है।
आज भारत की विकास दर तेजी से बढ़ रही है। हमारे देश की सेनाएँ देश की रक्षा करने में संगलन है। स्वतंत्रता मिलने के बाद हिंदी को देश की राष्ट्र भाषा बनाया गया है। आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया था और हमारा देश गणतंत्र हुआ था।
प्राकृतिक सौंदर्य : भारत का सौंदर्य ऐसा है जो सबको अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ पर कश्मीर का नजारा स्वर्ग की तरह का होता है और केरल की हरियाली मन को आनंद देती है और मन मोह लेती है। यहाँ पर सही ऋतुएँ समय पर आती हैं और धरती को अपनी अनूठी छटाओं से सजाती हैं।
भारत का स्वरूप जितना विशाल और भव्य है उसका मन उतना ही उन्नत और उदार है। भारत में कश्मीर स्वर्ग की तरह सुंदर लगता है। भारत में ऐसे दृश्यनीय स्थल हैं जिससे प्रकृति की सुंदरता में चार-चाँद लग जाते हैं। उनकी सुंदरता से प्रकृति बहुत ही सुंदर लगती है। भारत के राष्ट्रीय पक्षी और पशु भारत को बहुत ही सुंदर बनाते हैं। जब पक्षियों की आवाजें सुबह-सुबह सुनाई देती हैं तो ऐसा लगता है जैसे प्रकृति गा रही हो।
मिट्टी से बहुत ही अच्छी सुगंध आती है जो मन को मोह लेती है। हमारे देश की जन और देश की संस्कृति बहुत ही अनोखी है। भारत के अनेक प्रकार के फूलों से प्रकृति सुगंधित हो उठती है। भारत की जलवायु उष्ण है इसी वजह से प्रकृति में नमी छाई रहती है। प्राचीन समय में सब कुछ संतुलित था और लोग खुश थे। कृषि के क्षेत्र में प्रगति हो रही है।
उपसंहार : आज के समय में भारत हर क्षेत्र में आत्म-निर्भर हो गया है। देश के उद्योग धंधों में जाल सा बिछा हुआ है और भारत को विश्व में विकासशील देश में अग्रणी स्थान प्राप्त हैं। लेकिन दुर्भाग्य से हर क्षेत्र में संपन्नता होने के बाद भी भारत का वर्तमान बहुत निराशा से भरा हुआ है। आज के समय में भारत में धर्म, जाति के नाम पर झगड़े होते रहते हैं।
भ्रष्टाचार ने अपने चारों तरफ पाँव फैला लिए हैं। आज महंगाई आसमान को छू रही है। इस तरह मेरा भारत अनेक तरह की परेशानियों से घिरा हुआ है। भारत के प्रति हमारा कर्तव्य है कि इन परेशानियों को दूर करने में अपना योगदान दें। इससे देश अपना गौरव फिर से प्राप्त कर सकेगा।
“एक भारत श्रेष्ठ भारत”, एक ऐसी नयी और प्रभावशाली योजना है जो भारत सरकार द्वारा शुरु की गयी हैं। भारत के प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस (31 अक्टूबर 2015, सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म दिवस) पर इस नयी पहल को शुरु करने की घोषणा की थी। इस योजना का उद्देश्य मौजूदा सांस्कृतिक संबंधों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में एकता को बढ़ावा देना हैं। इसका उद्देश्य उन भारतीयों के बीच भी सम्बंधों को सुधारना है जो पूरे देश में अलग-अलग भागों में रह रहे हैं। ये पहल लोगों को लोगों से जोड़ेगी जो वास्तव में भारत में एकता को बढ़ायेगी।
एक भारत श्रेष्ठ भारत पर निबन्ध – 1 (300 शब्द).
“एक भारत श्रेष्ठ भारत” भारत सरकार द्वारा शुरु की जाने वाली नयी पहल है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल (31 अक्टूबर 2015) की 140वीं वर्षगाँठ के अवसर पर की थी। यह पहल सरकार द्वारा किया गया वो प्रयास है जिससे पूरे देश में लोगों को एक-दूसरे से जोड़कर एकता, शान्ति और सद्भावना को बढ़ावा दिया जा सकेगा।
योजना शुरू करने की प्रेरणा
“एक भारत श्रेष्ठ भारत” योजना महान व्यक्ति और स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन से प्रेरणा लेकर शुरु की गई है।बहुत शीघ्र इस योजना को लागू करने की योजना है जिसमें देश का कोई भी एक राज्य दूसरे राज्य से हर साल एक दूसरे की विरासत जैसे: संस्कृति, परम्परा, भाषा आदि को बढ़ावा देने के लिये जुड़ेगा।
योजना के उद्देश्य
योजना पर प्रभावशाली ढंग से कार्य करने के लिये समितियों का निर्माण किया गया है।इस योजना को एक वर्ष के लिये राज्यों की अनूठी साझेदारी के साथ शुरु करने का उद्देश्य रखा गया है, जिसमें संस्कृति और छात्रों का परस्पर आदान प्रदान किया जायेगा।ये देश के विकास को नयी ऊँचाईयों तक ले जाने के लिये किया गया महत्वपूर्ण कार्य है। इस योजना का उद्देश्य लोगों को एक दूसरे से जोड़ने के साथ ही साथ देश में शान्ति और सद्भावना को बढ़ावा देना हैं।दो राज्यों के छात्र एक दूसरे राज्य की संस्कृति, परम्परा और भाषा के बारे में ज्ञान प्राप्त करेंगे।
योजना को प्रभावशाली बनाने के लिये, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत प्रतियोगिता’ को 29 नवम्बर 2015 को शुरु किया गया। भारत सरकार को इस योजना पर आम जनता के दृष्टिकोण, विचारों और बेहतर सुझावों की आवश्यकता हैं ताकि इसे और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके। लोग अपने विचारों और सुझावों को “MYGOV.in” पर भेज सकते हैं।
भारतीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2015 (सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म दिन समारोह) पर दिये गये अपने भाषण में “एक भारत श्रेष्ठ भारत” योजना के बारे में बात की। ये वो पहल है जिसे निकट भविष्य में लागू किया जायेगा।
इस योजना को लागू करने का उद्देश्य पूरे देश के लोगों को एक दूसरे से जोड़ना हैं। प्रधानमंत्री ने इस योजना की घोषणा 31 अक्टूबर 2015 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की सालगिरह राष्ट्रीय एकता दिवस पर की थी। ये देश के विभिन्न भागों में सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की पहल है। इस योजना के माध्यम से एक राज्य दूसरे राज्य से जुड़कर एक दूसरे की विरासत और धरोहर को बढ़ावा देंगे।
इस योजना के माध्यम से, एक राज्य के लोग दूसरे राज्य की संस्कृति और परम्पराओं का सही ज्ञान प्राप्त करेंगे जो लोगों की पारस्परिक समझ को बढ़ावा देगा और इनके अपसी संबंधों को मजबूती प्रदान करेगा जिससे भारत की एकता और अखंडता मजबूत होगी। इस योजना को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये ‘“एक भारत श्रेष्ठ भारत”’ प्रतियोगिता को पूरे देश के विभिन्न लोगों के विचार और दृष्टिकोण जानने के लिये शुरु किया गया है। देश के नागरिक अपने दृष्टिकोण, विचारों और सुझावों को प्रस्तुत करने के लिये (सरकार की वेब साइट पर) आमंत्रित हैं जो इसे विभिन्न आयामों पर प्रभावशाली कार्यक्रम बना सके।
ये भारतीय सरकार द्वारा पूरे देश में एकता और सद्भाव को मजबूत करने के लिये किया गया प्रयास है। ये एक ऐसा कार्यक्रम हैं जिसमें पूरे देश के लोगों को आपस में एक दूसरे से जोड़ने का लक्ष्य बनाया गया हैं। भारत एक ऐसा देश है जो “विविधता में एकता” का श्रेष्ठ उदाहरण है। ये कार्यक्रम भी भारत की एकता की गुणवत्ता को सुधारने के लिये की गयी पहल है। इन्होंने “मन की बात” कार्यक्रम में कहा भी था कि “एक भारत श्रेष्ठ भारत” योजना भारत को “वन इंडिया सुप्रीम इंडिया” बनायेगा।
ये शान्ति और सद्भाव को बढ़ाने के लिये ठोस पहल है जिसके लिये नियम और कानून को एक जैसा बनाये रखने की जरुरत है। इस कार्यक्रम को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये, प्रधानमंत्री ने सामान्य जनता से सरकारी पोर्टल ‘MYGOV.in’ के माध्यम से अपने दृष्टिकोण, विचारों और सुझावों को देने का निवेदन किया है। उन्होंने इस कार्यक्रम की संरचना और जनता की भागीदीरी को बढ़ाने के लिये सुझाव देने के लिये भी निवेदन किया। भीड़ में छुपे हुये अनेक कलात्मक विचारों के लोग रहते हैं जो लोगों को जोड़ने और एकता और सद्भाव को बढ़ाने के लिये अच्छे सुझाव दे सकते हैं। इस योजना के माध्यम से लोगों को आसानी से जोड़ कर देश में एकता और सद्भाव की संस्कृति समृद्ध बनाने के मुख्य लक्ष्य को प्राप्त करना है।
राष्ट्रीय एकता दिवस, 31 अक्टूबर 2015 (सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मोत्सव) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक योजना के बारे में बात की। इस योजना का नाम “एक भारत श्रेष्ठ भारत” हैं जो निकट भविष्य में देश की संस्कृति और परम्परा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरु की जायेगी। प्रधानमंत्री ने ये भी घोषणा की कि भारत की सरकार देश के विभिन्न भागों में सांस्कृतिक सम्बंधों को बढ़ावा देने के लिये एक नयी पहल शुरु करेगा। ये विभिन्न राज्यों में रह रहे लोगों के बीच आपसी सम्बन्धों को बढ़ावा देने के लिये भी लोगों को लोगों से जोड़ेगा।
इस पहल के अन्तर्गत पारम्परिक आधार पर हर साल देश के एक राज्य को दूसरे राज्य से जोड़ने की योजना निश्चित की गयी है। जिसमें एक राज्य दूसरे राज्य की समृद्ध विरासत को लोकप्रिय कर सकते हैं जैसे हरियाणा राज्य को तमिलनाडू राज्य के साथ जोड़ा जा सकता हैं और इसकी समृद्ध विरासत को विभिन्न कार्यक्रमों जैसे अपने राज्य में साहित्यिक आयोजन, बुक फेस्टिवल, फूड फेस्टिवल, सॉन्ग फेस्टिवल्स, हरियाणा के लोगों का तमिलनाडू के लिये पर्यटन आदि के प्रयोग से प्रदर्शित किया जा सकेगा। इस तरह, हर साल देश का एक राज्य दूसरे राज्य से जुड़ेगा और अपने राज्य की धरोहर को बढ़ावा देगा।
इस योजना के अनुसार, देश का सालाना एक राज्य दूसरे राज्य से जुड़ेगा और दोनों ही एक दूसरे राज्य की समृद्ध विरासत को विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के द्वारा जैसे: संगीत कार्यक्रम, फूड फेस्टिवल, साहित्यिक कार्यक्रम, बुक फेस्टिवल, दौरे और यात्रा आदि के द्वारा लोकप्रिय करना हैं। अगले साल, वो दोनों राज्य अन्य दो राज्यों से उन्हीं उद्देश्यों के साथ जुड़ेंगे। इस तरह पूरे देश में लोग विभिन्न राज्यों की संस्कृति, परंपराओं और तौर-तरीकों के बारे में जानेंगे। ये लोगों के बीच आपसी समझ और संबंधों के साथ ही भारत में एकता और अखंडता को भी को बढ़ावा देगा।
भारत की सरकार ने इस योजना को लागू करने से पहले इस पर नागरिकों की राय लेने का निर्णय किया है। इस योजना पर लोगों के विचार और सुझावों को जानने के लिये “एक भारत और श्रेष्ठ भारत प्रतियोगता” को शुरु किया गया है। नागरिक अपने विचारों और सुझावों (कार्यक्रम की रुप रेखा तैयार करके इसे विभिन्न आयामों पर और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये) को सीधे सरकारी पोर्टल (MYGOV.in) पर प्रस्तुत कर सकते हैं। नागरिकों की मदद करने के लिये, भारत की सरकार ने कुछ विषय और उप-विषय प्रस्तुत किये हैं जिससे कि वो अपने विचारों और सुझावों को विस्तार से सही दिशा में दे सकें। देश के नागरिक अपने मूल विचारों और आविष्कारों को लिखकर प्रस्तुत करने से पहले इन विषयों और उप विषयों का अनुकरण कर सकते हैं:
प्रधानमंत्री के द्वारा ये कहा गया है कि वो मूल और नये विचार जिनकी विस्तार से व्याख्या की जायेगी ज्यादा पसंद किये जायेंगे और उन्हें ऊँचे स्कोर दिये जायेंगे। व्याख्या को पीडीएफ के रुप में प्रस्तुत किया जायेगा। इस प्रतियोगिता में अधिक से अधिक प्रतिभागियों को भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करने के लिये प्रथम (1,00,000/-), द्वितीय (75000/-) और तीसरे (50,000/-) को नगद रुपये पुरस्कार (एक प्रमाण पत्र के साथ) के रुप में देने की भी घोषणा की गयी है। देश के नागरिक अपने विचारों और सुझावों को 10 दिसम्बर 2015 की अन्तिम तिथि से पहले जमा कर सकते हैं।
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मेरे सपनों का भारत पर निबंध
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NCERT Solutions for Class 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12
April 26, 2019 by Rama Krishna
CBSE Class 7 Hindi निबंध-लेखन Pdf free download is part of NCERT Solutions for Class 7 Hindi . Here we have given NCERT Class 7 Hindi निबंध-लेखन.
निबंध गद्य की विशेष विधा है। नि + बंध अर्थात नियोजित रूप में बँधा होना। यह अपने विचारों को प्रकट करने का उत्तम माध्यम है। इसमें लेखक किसी विषय पर स्वतंत्र, मौलिक तथा सारगर्भित विचार क्रमबद्ध रूप में प्रस्तुत करता है। निबंध लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
निबंध चार प्रकार के होते हैं-
1. समाज, साहित्य, राजनीति, धर्म आदि विषयों पर जब अपने विचार रखे जाते हैं तो वे विचारात्मक निबंध कहलाते हैं। 2. जब व्यक्तिगत या सामाजिक अनुभवों को रोचक व भाव प्रधान ढंग से लिखा जाता है तो वे भावात्मक निबंध कहलाते हैं। 3. प्राकृतिक दृश्य, मेला, घटना आदि का वर्णन पर आधारित निबंध, वर्णनात्मक निबंध कहलाते हैं। 4. ऐतिहासिक स्थल, संस्मरण या काल्पनिक घटनाओं पर आधारित निबंध विवरणात्मक निबंध कहलाते हैं।
निबंध के अंग
1. भूमिका/प्रस्तावना – किसी विषय का प्रारंभिक परिचय देते हुए एक अनुच्छेद में जो पंक्तियाँ लिखी जाती हैं उन्हें भूमिका कहते हैं। इसे ही प्रस्तावना भी कहते हैं। भूमिका सारगर्भित होने के साथ-साथ कौतूहल और जिज्ञासा जगाने वाली होनी चाहिए। 2. विषय विस्तार/प्रतिपादन – इसमें विषय की पूरी तरह जाँच-पड़ताल की जाती है। उसमें कई अनुच्छेद होने चाहिए। 3. उपसंहार – निबंध में कही कई बातों को सार रूप में प्रस्तुत कर विषय का निष्कर्ष निकाला जा सकता है या पाठकों को एक संदेश दिया जा सकता है।
1. समय का सदुपयोग काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।। पल में परलै होयगी, बहुरि करोगे कब।
कबीर की उपर्युक्त पंक्तियों में समय के महत्त्व की चर्चा की गई है। इस संसार में प्रायः सभी चीजों को बढ़ाया-घटाया जा सकता है, पर समय का एक पल भी बढ़ा पाना मनुष्य के सामर्थ्य से बाहर है। इसलिए समय इस संसार की सबसे मूल्यवान वस्तु है। इसलिए मानव का कर्तव्य है कि वह समय के एक-एक क्षण का सदुपयोग करे। समय का सदुपयोग हमारे जीवन में सफलता की कुंजी है। यह जीवन तो नश्वर और अनिश्चित है। इसलिए प्रतिदिन समय का सही सदुपयोग करते हुए हमें जीवन को सफल बनाना चाहिए। जो समय बरबाद करता है, समय उसी को बरबाद कर देता है, जो इसका सम्मान करता है, इसके एक-एक पल का सदुपयोग करता है, समय उसे सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचा देता है। समय को बरबाद करने वाले मनुष्य सुअवसर हाथ से खो जाने पर सिर धुन कर पछताते रह जाते हैं।
समय के सदुपयोग के कारण ही अनेक वैज्ञानिक अनेक महत्त्वपूर्ण आविष्कार करने में समर्थ हुए। मानव सभ्यता के विकास की कहानी भी समय के सदुपयोग की कहानी कहती है।
विद्यार्थियों के लिए तो समय बहुत ही उपयोगी है। समय का सदुपयोग करने वाला विद्यार्थी ही ज्ञान प्राप्त करता है तथा इसी ज्ञान के बल पर जीवन में कुछ बन जाता है। इसके विपरीत जो विद्यार्थी अपने बहुमूल्य क्षणों को खेलकूद मौज मस्ती या आलस्य में नष्ट कर देता है, उसका भावी जीवन उतना ही अंधकारमय हो जाता है।
महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर, राजेंद्र प्रसाद, जगदीश चंद्र वसु, पंडित जवाहर लाल नेहरू आदि नेता समय का पूरी तरह से सदुपयोग किया करते थे और इसलिए इतने महान बन गए। समय के दुरुपयोग से व्यक्ति आलसी तथा निकम्मा बन जाता है। तथा पग-पग पर उसे असफलता तथा निराशा का मुँह देखना पड़ता है।
हमें ध्यान रखना चाहिए कि समय का प्रत्येक क्षण भविष्य का निर्माता है। समय का सदुपयोग करने वाला मनुष्य जीवन में दिन-प्रतिदिन उन्नति करता है और समय की उपेक्षा करने वाला मनुष्य कभी सफलता नहीं पाता। समय एक देवता है जो यदि प्रसन्न हो जाए, तो सिकंदर बना देता है पर यदि कुपित हो जाए तो समूल नाश कर देता है।
2. गणतंत्र दिवस भारत की पवित्र भूमि पर अनेक पर्व तथा उत्सव मनाए जाते हैं। इन पर्वो का अपना विशेष महत्त्व होता है। धार्मिक और सांस्कृतिक पर्वो के अतिरिक्त कुछ ऐसे पर्व हैं जिनका संबंध सारे राष्ट्र के जन-जीवन से होता है। इन्हें ‘राष्ट्रीय पर्व’ कहते हैं। 26 जनवरी इन्हीं में से एक है। यह भी एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय त्योहार है। इसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र का अर्थ है- जनता का राज्य। यह दिन हमारे लिए बड़ा शुभ है। इस दिन हमारा देश गणतंत्र बना था। भारत को स्वतंत्रता तो 15 अगस्त 1947 को ही मिल गई थी, परंतु जब सारे नियम बनाकर संविधान की पुस्तक तैयार कर दी गई तब 26 जनवरी 1950 के दिन भारत को पूरी तरह से स्वतंत्र गणतंत्र बना दिया गया। सारे संसार में इसकी घोषणा हो गई। भारत 26 जनवरी 1950 में पूरी तरह से स्वतंत्र है और यहाँ जनता का अपना राज्य है। कोई भी मनुष्य भारत का राष्ट्रपति बन सकता है। सबसे पहले राष्ट्रपति डॉ० राजेंद्र प्रसाद थे। वे बिहार के एक गाँव के किसान के लड़के थे, परंतु अपनी योग्यता के कारण राष्ट्रपति बने थे।
26 जनवरी के दिन दिल्ली शहर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। लोग सवेरे अंधेरे में ही उठकर इंडियागेट की ओर चल पड़ते हैं। नियत समय पर राष्ट्रपति महोदय विजय चौक पर झंडा फहराते हैं। तब तोपों की सलामी दी जाती हैं। राष्ट्रपति की सवारी इंडिया गेट की ओर चल पड़ती है। लाखों लोग इस जुलूस को देखते हैं। राष्ट्रपति की गाड़ी के पीछे जल सेना, वायु सेना और थल सेना के जवान होते हैं। हाथियों और हथियारों के जुलूस निकलते हैं। इनके पीछे प्रदेशों की कई तरह की झाँकियाँ होती हैं। इनमें उन प्रदेशों (राज्यों) की संस्कृति की झलक दिखाई जाती है।
झाँकियों के पीछे स्कूलों के बच्चों की कतारें होती हैं। ये कतारें परेड या नृत्य करती आती है। सब लोग अनुशासन में चलते हैं। इस जुलूस से सबके मन में खुशी की लहर दौड़ जाती है।
भारत के सभी प्रदेशों की राजधानियों में भी गणतंत्र दिवस बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। प्रदेशों में राज्यपालों के द्वारा झंडा फहराया जाता है। इसके बाद उनका भाषण होता है। फिर लोग खुशी-खुशी अपने-अपने घरों को लौटते हैं। गणतंत्र दिवस समारोह को देखकर भारतवासी गौरव का अनुभव करते हैं।
3. होली रंगों का त्योहार होली वसंत ऋतु के आगमन का संदेशवाहक है। इसे वसंत का यौवन कहा जाता है। हमारे पूर्वजों ने होली के उत्सव को आपसी प्रेम का प्रतीक माना है। इसमें छोटे-बड़े सभी मिलकर पुराने भेद-भाव को भुला देते हैं। होली हँसी-खुशी का त्योहार है। यह एकता, भाई-चारे, मिलन और खुशी का प्रतीक है।
यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णमासी को मनाया जाता है। इसमें एक-दूसरे पर रंग डालते हैं। रंग-गुलाल भी मलते हैं। रंग पानी में घोल पिचकारी चलाने से बड़ा आनंद आता है। सबके मन मस्त हो जाते हैं। लोग नाचते-गाते हैं और विभिन्न प्रकार का स्वांग रचते हैं। आपस में गले मिलते हैं।
इस त्योहार की धार्मिक कथा है कि प्राचीन समय में प्रहलाद नाम का एक ईश्वर भक्त था। उसके पिता हिरण्य कश्यप कहते थे मुझे ईश्वर मानो, लेकिन उसका पुत्र ईश्वर भक्त था। पिता के कहने पर भी प्रहलाद ने भगवान की भक्ति नहीं छोड़ी। हिरण्य कश्यप की बहन होलिका थी।
अत्याचारी हिरण्य कश्यप के कहने पर होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर चिता में बैठ गई थी। होलिका तो जल गई पर प्रहलाद बच गया। इसी घटना की याद में आज भी लोग लकड़ियों के ढेर को होली बनाकर जलाते हैं तथा उसकी परिक्रमा करते हैं। होली का त्योहार बुराई पर भलाई की विजय का प्रतीक है।
अगले दिन फाग खेला जाता है। सुबह से ही लोग टोलियाँ बनाकर एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं, रंग डालते हैं और गले मिलते हैं। लोग नाचते-गाते अपने घरों से निकलते हैं. और रंग का उत्सव दोपहर तक चलता रहता है। दोपहर के बाद लोग एक-दूसरे को मिठाइयाँ खिलाते हैं। होली का पर्व, प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश देता है।
4. हमारा देश-भारत वर्ष भारत एक अत्यंत प्राचीन देश है जो कभी ‘सोने की चिड़िया’ कहलाता था। यह देश ऋषि-मुनियों साधु-संतों, महापुरुषों आदि का देश है। स्वयं भगवान ने भी इसी देश में अवतार लिया। यह देश देवताओं का भी दुलारा है। राजा दुष्यंत के पुत्र के नाम पर इसका नाम ‘भारत’ पड़ा। यह एक विशाल देश है। जनसंख्या के आधार पर यह संसार में दूसरे नंबर पर है। यह हमारी प्रिय मातृ भूमि है। भारत की प्राकृतिक बनावट एवं इसकी संपदा अद्भुत है। भारत के उत्तर में हिमालय है और शेष तीन ओर समुद्र हैं। यहाँ पर अनेक पर्वत, नदियाँ, मैदान और मरुस्थल हैं।
भारत का क्षेत्रफल बहुत विशाल है। यह एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की लगभग 80 प्रतिशत जनता गाँवों में रहती है। यहाँ गेहूँ, मक्का, ज्वार, धान, गन्ना आदि की फ़सलें होती हैं। यहाँ की धरती बहुत उपजाऊ है। यहाँ के हरे-भरे वन इसकी शोभा बढ़ाते हैं। यहाँ गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियाँ बहती हैं।
यहाँ ताजमहल, लालकिला, कुतुब मीनार, स्वर्ण मंदिर, अजंता तथा एलोरा की गुफाएँ देखने योग्य हैं। यहाँ सारनाथ, शिमला, मंसूरी, श्रीनगर, नैनीताल, भ्रमण योग्य स्थान हैं। यहाँ श्रीराम, श्रीकृष्ण, गुरुनानक, बुद्ध, विवेकानंद, दयानंद, रामतीर्थ जैसे महापुरुष पैदा हुए हैं। भारत की भूमि में सोना, चांदी, तांबा, लोहा, कोयला आदि अनेक प्रकार के खनिज मिलते हैं।
यहाँ भिन्न-भिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। सभी लोग बड़े प्रेम से रहते हैं। सब अपने-अपने ढंग से ईश्वर की आराधना करते हैं। यहाँ पर अनेक तीर्थ-स्थल हैं। हमारा देश दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति करे। हम ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं। इसके अलावे प्रत्येक भारतवासी का भी कर्तव्य है कि वह देश की अखंडता और एकता के लिए कार्य करे तथा इसके सम्मान की रक्षा के लिए संकल्प ले।
5. विद्यार्थी जीवन भारतीय संस्कृति में मानव जीवन को चार अवस्थाओं या आश्रमों में विभक्त किया गया है- ब्रह्मचर्य आश्रम, गृहस्थ आश्रम, वानप्रस्थ आश्रम, तथा संन्यास आश्रम। जन्म से लेकर 25 वर्ष तक की आयु के काल को ब्रह्मचर्य आश्रम कहा जाता था। यही विद्यार्थी जीवन है। इस काल में विद्यार्थी को गुरुकुल में रहकर विद्याध्ययन करना पड़ता था। विद्यार्थी जीवन मनुष्य जीवन की सबसे अधिक मधुर तथा सुनहरी अवस्था है। विद्यार्थी जीवन सारे जीवन की नींव है। अतः मानव जीवन की सफलताअसफलता विद्यार्थी जीवन पर ही आश्रित है। इसी काल में भावी जीवन की भव्य इमारत की आधारशिला का निर्माण होता है। यह आधारशिला जितनी मजबूत होगी, भावी जीवन भी उतना ही सुदृढ़ होगा। इस काल में विद्याध्ययन तथा ज्ञान प्राप्ति पर ध्यान न देने वाले विद्यार्थी जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो पाते।
विद्यार्थी का पहला कर्तव्य विद्या ग्रहण करना है। इसी जीवन में विद्यार्थी अपने लिए अपने माता-पिता तथा परिवार के लिए और समाज और अपने राष्ट्र के लिए तैयार हो रहा होता है। विद्यार्थी का यह कर्तव्य है कि वह अपने शरीर, बुद्धि, मस्तिष्क, मन और आत्मा के विकास के लिए पूरा-पूरा यत्न करे। आलस्य विद्यार्थियों का सबसे बड़ा शत्रु है। जो विद्यार्थी निकम्मे रहकर समय आँवा देते हैं, उन्हें भली-भाँति अपने लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती। विद्यार्थी जीवन का एक-एक क्षण अमूल्य है।
विद्यार्थी को संयमी होना पड़ता है। व्यसनों में फँसने वाले विद्यार्थी कभी उन्नति नहीं कर सकते। शिक्षकों तथा माता-पिता के प्रति आदर और श्रद्धा भाव रखना विद्यार्थी के लिए नितांत आवश्यक है। अनुशासन प्रियता, नियमितता, समय पर काम करना, उदारता, दूसरों की सहायता, पुरुषार्थ, सत्यवादिता, देश-भक्ति आदि विद्यार्थी जीवन के आवश्यक गुण हैं। इन गुणों के विकास के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए। इसके लिए उन्हें कुसंगति से बचना चाहिए तथा आलस्य का परित्याग करके विद्यार्थी जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील होना चाहिए। आज के विद्यार्थी वर्ग की दुर्दशा के लिए वर्तमान शिक्षा पद्धति भी जिम्मेदार है। अतः उसमें परिवर्तन आवश्यक है।
शिक्षाविदों का यह दायित्व है कि वे देश की भावी पीढ़ी को अच्छे संस्कार देकर उन्हें प्रबुद्ध तथा कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनाएँ तो साथ ही विद्यार्थियों का भी कर्तव्य है कि भारतीय संस्कृति के उच्चादर्शों को अपने जीवन में उतारने के लिए कृतसंकल्प हो।
6. विज्ञान-वरदान या अभिशाप आधुनिक युग विज्ञान का युग कहलाता है। विज्ञान ने अनेक चमत्कारिक आविष्कार किए हैं। इसने मनुष्य के व्यक्तिगत, सामाजिक तथा आर्थिक जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन ला दिए हैं। आज मनुष्य चंद्रमा और अन्य ग्रहों-उपग्रहों तक पहुँचकर अपनी कीर्ति-पताका फहरा रहा है। यह सब विज्ञान की ही देन है।
आज विज्ञान ने यातायात के ऐसे द्रुतगामी साधन दिए हैं कि यह दुनिया के किसी भी कोने में थोड़े समय में पहुँच सकता है। टेलीफ़ोन, बेतार के तार, टेलीप्रिंटर सैल्यूलर फ़ोन, सेटलाइट फ़ोन जैसी अनेक सुविधाएँ प्रदान की हैं जिससे संचार माध्यमों में क्रांति आ गई है। मनोरंजन के क्षेत्र में दूरदर्शन, विडियो, चित्रपट जैसे साधन देकर विज्ञान ने मानव को उपकृत किया है।
चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान की उपलब्धियाँ अत्यंत चौका देने वाली हैं। कल तक जो बीमारियाँ असाध्य समझी जाती थीं, उनका उपचार आज संभव है। आज तो मानव शरीर के अंगों का प्रत्यारोपण, अल्ट्रासाउंड, शल्प चिकित्सा, टेस्ट ट्यूब बेबी, स्कैनिंग जैसे अत्याधुनिक सुविधाओं ने अनेक असाध्य रोगों पर विजय प्राप्त कर ली है। इसके अतिरिक्त कृषि, शिक्षा, आवास, उद्योग, मुद्रण कला जैसे अनेक क्षेत्रों में भी विज्ञानों के वरदानों ने चमत्कारिक प्रगति की है।
आज इतनी उपलब्धियों के बावजूद विज्ञान एक अभिशाप भी है। ऐसे-ऐसे अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण हुआ है जो एक ही प्रहार में पूरे शहर को नष्ट कर देने की क्षमता रखते हैं। न्यूट्रान बम सारे जीवित प्राणियों को मार डालता है और संपत्ति बच जाती है। आपसी होड़ के कारण, रूस, अमेरिका, फ्रांस, चीन, इंग्लैंड आदि देशों ने हथियारों का इतना भयानक भंडार बना लिया है कि यदि कभी विश्वयुद्ध छिड़ गया तो आधी दुनिया तत्काल समाप्त हो जाएगी।
सच तो यह है कि विज्ञान अपने आप में एक महान शक्ति है। मनुष्य इसका जैसा चाहे वैसा उपयोग कर सकता है। अणु-शक्ति के प्रयोग से बड़े-बड़े बिजली घर भी बन सकते हैं और पलक झपकते लाखों लोगों की जान भी ले सकते हैं। यह तो हमारी विवेक-बुद्धि पर निर्भर करता है कि इसका किस प्रकार उपयोग करें।
7. मित्रता मनुष्य सामाजिक प्राणी है। मनुष्य को जीवन में अनेक वस्तुओं की आवश्यकता होती है। वह अपनी आवश्यकताओं को स्वयं पूरा नहीं कर सकता है। अतः उसे दूसरे लोगों की सहायता की जरूरत पड़ती है। यही आवश्यकता मित्रता को जन्म देती है। मित्रता अनमोल धन है। इसकी तुलना हीरे-मोती या सोने-चाँदी से नहीं की जा सकती। एक सच्चा और प्रिय मित्र वही है जो सुख-दुख में साथ दे। सच्चे मित्रों के बीच किसी भी सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थिति के कारण व्यवधान नहीं हो सकता। मित्रता मनुष्य के हृदय को जोड़ती है, प्राणों के तार मिलाती है।
मित्रता से अनेक लाभ होते हैं। मित्र के समान समाज में सुख और आनंद देने वाला दूसरा कोई नहीं है। दुख के दिनों में मित्र को देखते ही हृदय में शक्ति आ जाती है। सच्चा मित्र संकट के समय में अपने मित्र को उबारता है और अपने मित्र की रक्षा के लिए सामने आकर डट जाता है। सच्चा मित्र एक शिक्षक की भाँति होता है। वह अपने मित्र का मार्गदर्शन करता है। सच्चा मित्र सुख और दुख में समान भाव से मित्रता को निभाता है, जो आनंद पाने के लिए मित्र बने हों, उन्हें सच्चा मित्र नहीं कहा जा सकता। सामने मीठी बाते करने वाले और पीठ पीछे कार्य बिगाड़ने वाले मित्र को विष के घड़े के समान त्याग देना चाहिए।
सच्ची मित्रता ईश्वर का वरदान है। वह आसानी से नहीं मिलती। सच्चा मित्र दुर्लभ होता है लेकिन जब वह मिल जाता है, तब अपने मित्र के सारे कार्यों को सुलभ बना देता है।
8. दशहरा (विजयादशमी) ‘दशहरा’ शब्द का शाब्दिक अर्थ है ‘दस सिरों का हारना’ क्योंकि श्रीराम ने रावण को जिसके दस सिर थे, हरा दिया था, इसलिए इसका नाम ‘दशहरा’ पड़ गया। इसके अतिरिक्त इस पर्व को ‘विजयदशमी’ भी कहा जाता है। यह त्योहार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। दशहरा धर्म की अधर्म पर तथा न्याय की अन्याय पर विजय का प्रतीक है। इस समय वर्षा की ऋतु के बाद शरद् ऋतु की शुरुआत होती है। इस दिन श्रीराम ने लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके विजय प्राप्त की थी। रावण पर विजय प्राप्त करने की स्मृति में यह त्योहार मनाया जाता है।
बंगाल में यह त्योहार ‘दुर्गा पूजा’ के रूप में अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों की कथा के अनुसार, महिषासुर नामक राक्षस के अत्याचारों से जब पृथ्वी त्राहि-त्राहि कर उठी, तो माँ दुर्गा ने उसके साथ नौ दिन तक घोर संग्राम किया। इसके बाद दसवें दिन उसे मार गिराया। इसलिए नौ दिन तक नवरात्र पूजा होती है और दसवें दिन दुर्गा की प्रतिमा को नदी या समुद्र में विसर्जित किया जाता है। दशहरे से पहले आठ दिन तक रामलीला होती है। रामलीला के दौरान कागज़ और बाँस आदि की सहायता से रामलीला मैदान में एक और लंकी बनाई जाती है। उसे बम, पटाखों और आतिशबाजी के अन्य वस्तुओं से सजाया जाता है। हनुमान जी के द्वारा उसमें आग लगा दी जाती है। दूसरी ओर से रावण और राक्षस आदि आते हैं। उनका युद्ध होता है। एक बड़े खुले मैदान में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के बड़े-बड़े पुतले बनाकर खड़े किए जाते हैं। गोले और आतिशबाजियाँ चलती हैं। इसके बाद राम और लक्ष्मण के बाणों से रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जल उठते हैं। दशहरा मनाने से श्रीरामचंद्र, लक्ष्मण, हनुमान आदि की वीरता और विजय का संस्कार बच्चों के हृदय पर बहुत पड़ता है। वे राम-लक्ष्मण की तरह धनुष-बाण लेकर खेल खेला करते हैं।
विजयदशमी का त्योहार अनेक दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है। यह त्योहार हमें यह प्रेरणा देता है कि धर्म की अधर्म पर सदा विजय होती है। श्रीराम ने रावण पर जो विजय प्राप्त की थी, वह धर्म की अधर्म पर, न्याय की अन्याय पर ही विजय थी। यह त्योहार हमें धर्म, मर्यादा तथा कर्तव्य-पालन की प्रेरणा देता है। श्रीराम के आदर्शों से जुड़ा यह त्योहार यह शिक्षा भी देता है कि हमें श्रीराम के समान बनने का प्रयास करना चाहिए और अन्याय के समझ कभी झुकना नहीं चाहिए। भारत की संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्त्व है। हमें चाहिए कि त्योहारों को हर्ष और उल्लाह से मनाएँ तथा उनसे प्रेरणा लें।
9. ‘प्रदूषण’ ‘प्रदूषण’ शब्द में दो शब्द मिले हैं-प्र + दूषण अर्थात दूषयुक्त। प्रदूषण का साधारण अर्थ है पर्यावरण के संतुलन का दोषपूर्ण हो जाना। प्रदूषण के कारण ही जल, थल और वायु दूषित हो गई है।
वर्तमान युग को मशीनी युग कहा जाता है। जहाँ मशीन का सहारा लेकर मानव ने अपने जीवन को सुख सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए अनेक आविष्कार कर डाले। वहीं दूसरी ओर अपने लिए नित नई समस्याओं को भी जन्म दे डाला। विज्ञान ने जहाँ हमारे जीवन में वरदान दिए, वहीं दूसरी ओर उसके वरदान अभिशाप भी बन गए। उन्हीं में से एक है-प्रदूषण। प्रदूषण की समस्या हमारे समक्ष सुरसा के समान मुँह बाए खड़ी है।
वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है। महानगर वायु प्रदूषण के प्रकोप से सर्वाधिक ग्रस्त हैं। इसका मुख्य कारण है नगरों का तीव्र गति से विकास व औद्योगीकरण। सड़कों पर दौड़ते वाहनों से निकलने वाले धुएँ व औद्योगिक चिमनियों से निकलने वाली जहरीली गैसों ने नगर के निवासियों का साँस लेना दूभर कर दिया है। लगातार बढ़ती जनसंख्या के कारण वाहनों व कारखानों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिससे वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है।
छोटे क्षेत्रों व महानगरों में जल-प्रदूषण के भिन्न-भिन्न कारण हैं। नदियों में पशुओं को नहलाना, नदी के पानी में स्वयं स्नान करना व कपड़े आदि धोना गाँवों में जल प्रदूषण के मुख्य कारण हैं। महानगरों के कारखानों के पाइपों से निकलता गंदा, रसायनयुक्त जल आस-पास की नदियों में मिल जाता है तथा उसे और दूषित कर देता है। गंगा नदी का जल भी आज प्रदूषित हो चुका है। प्रदूषित जल को पीने से अनेक जानलेवा बीमारियाँ हो जाती हैं।
जल प्रदूषण के कारण पेट के रोग हो जाते हैं। कारखानों से निकलने वाला कचरा नदियों, नालों में बहा दिया जाता है, जो जल को इतना प्रदूषित कर देता है कि उसे पीने से व्यक्ति हैजा, अजीर्ण, आंत्र शोध जैसे अनेक रोगों का शिकार हो जाता है।
बड़े-बड़े महानगरों में आवास की भारी समस्या है। इसीलिए वहाँ झुग्गी-झोपड़ियाँ बन जाती हैं जिनमें मज़दूर आदि रहते हैं। इनके कारण गंदगी होती है तथा भूमि पर प्रदूषण होता है। मुंबई की चालें, दिल्ली की झुग्गी झोपड़ियाँ, कानपुर, चेन्नई तथा कोलकाता के स्लम इसके उदाहरण हैं। साथ ही अधिक अन्न उगाने के लिए जिस प्रकार कीटनाशकों तथा रासायनिकों का प्रयोग किया जा रहा है, उससे भी भूमि प्रदूषित होती है। भूमि पर प्रदूषण के कारण अनेक बीमारियों का जन्म होता है।
महानगरों में वाहनों, लाउडस्पीकरों, मशीनों तथा कल कारखानों के बढ़ते शोर के कारण ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ गया है जिसके कारण रक्त-चाप, हृदय रोग, कान के रोग आदि जन्म लेते हैं।
आज प्रदूषण मानव स्वास्थ्य को धीरे-धीरे घुन की भाँति खाए जा रहा है। मलेरिया, हैजा, चिकनगुनिया कैंसर श्वास के रोग, उच्च रक्त चाप जैसी बीमारियाँ प्रदूषण के कारण बढ़ रही हैं। यद्यपि प्रदूषण एक विश्वव्यापी समस्या है तथापि इसका एकमात्र समाधान वृक्षारोपण है। वृक्ष वातावरण को शुद्ध वायु प्रदान करते हैं। औद्योगिक इकाइयों को यदि धनी आबादी वाले क्षेत्रों से हटकर नगरों से दूर स्थापित किया जाए, तो इससे प्रदूषण के विस्तार को रोका जा सकता है। वनों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाई जानी चाहिए।
10. वसंत ऋतु शीतल मंद सुगंध पवन हर लेता श्रम है। पेड़ ऋतुओं का विविध दृश्ययुक्त अद्भुत क्रम है। धन्य है भारतीय जो स्वर्ग से भी सुंदर धरा पर निवास करते हैं। भारत में छह ऋतुएँ पाई जाती हैं- वर्षा, शरद, शिशिर, हेमंत, वसंत और ग्रीष्म। सभी ऋतुओं की अपनी-अपनी विशेषताएँ हैं। अपनी-अपनी सुंदरता है। इन सभी ऋतुओं में वसंत ऋतु सबसे सुंदर मानी जाती है।
फाल्गुन और चैत्र – ये दो महीने वसंत के काल हैं। इस समय मौसम अत्यंत सुहावना होता है- न अधिक सरदी पड़ती है और न अधिक गरमी। अपने सुहावने मौसम के कारण ही वसंत को ऋतुराज कहा जाता है।
वसंत को प्रकृति का यौवन कहा जाता है। इस ऋतु में धरती एक नई नवेली दुल्हन की भाँति सजी-सँवरी दिखाई देती है। वसंत की शोभा वन-उपवन तथा सर्वत्र दिखाई देती है। ऐसा लगता है चारों ओर सौंदर्य का साम्राज्य छा गया हो। शीतल, मंद, सुगंधित , पवन बहने लगती है, फूलों पर तितलियाँ और भौरे मँडराते दिखते हैं, पीली-पीली सरसों देखकर ऐसा लगता है मानो धरती ने पीली चुनरिया ओढ़ ली हो। आम के वृक्ष बौर से लद जाते हैं तथा कोयल की गूंज सुनाई पड़ती है। प्रकृति के इस मादक रूप को देखकर मन मयूर नाच उठता है।
वसंत पंचमी से वसंत का आगमन होता है। वसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान की देवी सरस्वती का आविर्भाव हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजन का आयोजन किया जाता है। किंवदंती है कि इसी दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। लोग पीले वस्त्र पहनते हैं तथा स्थान-स्थान पर वसंत मेले का आयोजन होता है। हिंदी के महाकवि निराला जी का जन्म भी इसी दिन हुआ था। इसलिए साहित्य प्रेमी “निराला जयंती’ का आयोजन करते हैं। स्थान-स्थान पर रंग-बिरंगी पतंगें भी उड़ाई जाती हैं। वसंत ऋतु हमारे जीवन में नव स्फूर्ति, नव उल्लास तथा नव-शक्ति का संचार करती है। यह ऋतु जड़-चेतन सभी में एक नई उमंग भर देती है। इस ऋतु में शरीर में नए रक्त का संचार होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह ऋतु अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है।
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“मेरा भारत महान” हिंदी निबंध। mera desh bharat mahaan hindi essay..
प्रस्तावना :- मेरे देश “भारत” का नाम संपूर्ण विश्व में गर्व की बात है मेरा देश परंपरा वीरता संस्कृति या यू कहे भौगोलिक सभी परिस्थिति में महान है। जहाँ ऐसे पुरातन काल में आर्यवत नाम से पुकारा जाता था वही महाप्रतापी राजा दुष्यंत के पुत्र भारत के नाम पर ही मेरे देश का नाम भारत देश पड़ा है मेरा भारत देश ने भले ही कितने संकटो और युद्ध युद्ध को झेला हो परंतु हर क्षेत्र में मेरा भारत हर युग में अग्रणी रहा। और इन युद्धो का उसके गौरव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा . मेरे देश की महानता उसके इतिहास और पारंपरिक रीति रिवाजों की वजह से भी है।
मेरा भारत देश कृषि प्रधान देश :- मेरा भारत देश कृषि प्रधान देश है यहां पर हर तरह के अनाजौ की पैदावार होती है जेसे मक्का ,ज्वार ,गेंहू ,बाजरा ,इत्यादि ,मेरा भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही कि जा रही है मेरा भारत में लगभग 51% भाग पर कृषि की जाती है ,कुल 52 फ़ीसदी लोग कृषि से अपनी आजीविका चलाते हैं हरित क्रांति के बाद और अधिक अनाजों की पैदावार होने लगी है मेरा भारत देश कृषि प्रधान होने के साथ अन्य देशों में भी अग्रणी है.
मेरे भारत की संस्कृति :- मेरे भारत की संस्कृति अनेकता में एकता पर आधारित है यह अनेकता में एकता एक शब्द ही नहीं बल्कि यह भारत देश की संस्कृति और विरासत में पूरी तरह लागू होता है मेरा भारत देश विश्व के नक्शे में अपने रंगारंग और अनूठी संस्कृति की छाप छोड़े हुए हैं मेरा भारत देश मर्या ,चोल ,मुगलकाल और ब्रिटिश साम्राज्य तक मेरे भारत ने अपनी परंपरा और अतिथि के लिए मशहूर रहा मेरे भारत देश ने उन ब्रिटिशो का भी स्वागत किया जिन्होंने मेरे भारत पर कई सालो तक राज किया परंतु उसके कूटनीतिज्ञ की वजह से ही मेरे भारत अनेकता में एकता दिखाकर उनको मेरे देश से जाने के लिए मजबूर कर दिया। मेरे भारत की संस्कृति और उसकी कला शिल्प नृत्य और संगीत की वजह से भी है मेरे भारत की संस्कृति अन्य देशों की अपेक्षा अत्यंत आकर्षित है।
मेरे भारत का कानून: – मेरे भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों के लिए सामान्य आचरण का पालन करें इसके लिए कुछ नियम बनाए गए है ,जिसका पालन करना मेरे भारत के हर नागरिक को के लिए आवश्यक है जो इसका पालन नहीं करता उसके लिए मेरे भारत में न्यायपालिका द्वारा दंड निर्धारित किया गया है ,मेरे देश में लोकतंत्र है। मेरे देश में सभी के लिए समान कानून लागू होता है और उसका पालन करना मेरे देश के हर नागरिक को के लिए आवश्यक है।
मेरे भारत का विज्ञान और प्रौद्योगिकी में स्थान:- मेरे भारत का नाम विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बहुत विकसित हो चुका है सभी देशों में विज्ञान प्रौद्योगिकी में नई-नई खोजे हो रही है परंतु इस दौड में मेरा भारत भी पीछे नहीं है मेरे भारत में वैज्ञानिक खोजों के लिए कई वैज्ञानिक शामिल है जिसमें सी.वी. रमण ,जगदीश चंद्र बसु, श्रीनिवास रामानुजन ,और भी कई वैज्ञानिक हुए। इन्होने भौतिकी विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, खगोलीय विज्ञान ,सभी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है और मेरे देश का नाम रोशन किया है।
मेरा भारत कंप्यूटर युक्त भारत:- मेरा भारत एक ‘माइक्रोप्रोसेसर ,का ,युग है क्योंकि यह मनुष्य के मस्तिष्क का प्रतिरूप है इस मस्तिष्क रूपी माइक्रोप्रोसेसर में कुछ अंग जोड़े जाते हैं जिससे एक कंप्यूटर बनता है ,मेरा भारत में आज हर काम पहले की अपेक्षा और जल्दी होने लगा है हर क्षेत्र में चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो वह इस कंप्यूटर ने ले लिया है और इसकी वजह से मेरे भारत देश का नाम कई क्षेत्रो में अग्रणी हो रहा है और अपना नाम कमा रहा है।
मेरे भारत की नदियां और राज्य :- मेरे भारत में हिमालय से निकली शुद्ध निर्मल जल की धाराएं है , मेरा भारत में कई नदियां हैं जैसे गंगा ,यमुना ,सतलज,गोदावरी ,और अन्य कई है मेरे भारत की नदिया पूजनीय है , मेरे भारत में कुछ ऐसे राज्य हैं जिन्होंने कई खनिजों को अपनी गोद में समेटे हुए हैं, कश्मीर, नैनीताल, शिमला ,कुल्लू मनाली ,जैसे ऐसे राज्य जिनकी प्राकृतिक सुंदरता किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
मेरे भारत की कुछ खास बातें :- मेरे भारत में महात्मा गांधी जी जैसे राष्ट्रपिता ने जन्म लिया जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों के बलिदान दे दिया.मेरे भारत ने करोड़ों संतानों को अपने कलेजे से लगाया हुआ है मेरे भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है, वंदे मातरम राष्ट्रगीत है ,जन गण मन राष्ट्रीय गान है, मेरे भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है ,मेरे भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है, राष्ट्रीय चिन्ह तुला है ,जो न्याय का प्रतीक है और मेरे भारत का भविष्य और भी उज्जवल था और आगे भी उज्जवल रहेगा।
उपसंहार मेरे भारत के बारे में लिखना चाहे तो शब्द कम पड़ जाएंगे इसने ना जाने कितने दर्द और लहू सहकर स्वतंत्रता हासिल की है परंतु फिर भी इसने हार नहीं मानी आज मेरा भारत देश जिसे एक सोने की चिड़िया कहा जाता था उस सोने की चिड़िया को अंग्रेज चुरा कर ले गए थे ,परंतु आज मेरे भारत ने अपनी मेहनत, लगन और ईमानदारी से वही स्थान प्राप्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी मुझे मेरे देश पर गर्व है।
“जिसकी सुहानी सुबह और सुहानी शाम है . हर दर्द वो सह गया ,पर आज भी मेरा भारत महान है। “
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