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आइज़क न्यूटन का जीवन परिचय | Isaac Newton Biography In Hindi

Isaac Newton Biography In Hindi

आइज़क न्यूटन का जीवन परिचय Isaac Newton Biography, Wiki, Age, Birth, Death, Achievements, Family, Parents, Inventions In Hindi

सर आइज़क न्यूटन एक अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी और गणितज्ञ, खगोलशास्त्री, धर्मशास्त्री और लेखक थे जो 17वीं शताब्दी की वैज्ञानिक क्रांति की परिणति थे. न्यूटन गुरुत्वाकर्षण के नियम के बारे में अपने सिद्धांत के लिए सबसे अच्छी तरह से जानते हैं लेकिन उनके “प्रिंसिपिया मैथमैटिका” (1686) ने गति के तीन कानूनों के साथ यूरोप में ज्ञानोदय को बहुत प्रभावित किया. उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अवकाश के दौरान प्रकाश, कलन और आकाशीय यांत्रिकी पर अपने सिद्धांतों को विकसित करना शुरू किया. अनुसंधान के वर्षों का समापन 1687 में “प्रिंसिपिया” के प्रकाशन के साथ हुआ जो एक ऐतिहासिक कार्य है जिसने गति और गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियमों को स्थापित किया. साथ ही बाइबिल के इतिहास और कीमिया के छात्र प्रसिद्ध वैज्ञानिक ने लंदन की रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष और 1727 में अपनी मृत्यु तक इंग्लैंड के रॉयल मिंट के मास्टर के रूप में न्यूटन ने कार्य किया.

Isaac Newton Biography In Hindi

नाम (Name)अल्बर्ट आइंस्टीन
जन्म (Date of Birth)14 मार्च 1879
आयु76 वर्ष
जन्म स्थान (Birth Place)उल्म, जर्मनी
पिता का नाम (Father Name)हरमन आइंस्टीन
माता का नाम (Mother Name)पॉलीन कोच
पत्नी का नाम (Wife Name)मिलेवा मारिक (1903-1919)
एल्सा लोवेंथल (1919-1936)
पेशा (Occupation )वैज्ञानिक, भौतिक विज्ञानी
बच्चे (Children)2 बेटे
मृत्यु (Death)18 अप्रैल 1955
मृत्यु स्थान (Death Place)न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य अमेरिका
भाई-बहन (Siblings)एक बहन
अवार्ड (Award)नोबेल पुरस्कार

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा |Isaac Newton Education

आइज़क न्यूटन का जन्म 4 जनवरी 1643 को वूलस्टोर्प, लिंकनशायर, इंग्लैंड में हुआ था. उनके पिता, एक किसान थे जिनका नाम भी आइज़क न्यूटन था उनकी मृत्यु तीन महीने पहले हो गई थी. जब न्यूटन तीन वर्ष के थे, उनकी माँ ने पुनर्विवाह किया और अपने नए पति के साथ रहने चली गईं और अपने बेटे को उनकी नानी की देखभाल में छोड़ दिया.

एक किसान में बदलने के एक असफल प्रयास से उनकी शिक्षा बाधित हुई और उन्होंने 1661 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज में दाखिला लेने से पहले ग्रांथम में किंग्स स्कूल में पढ़ाई की.

न्यूटन ने कैम्ब्रिज में एक शास्त्रीय पाठ्यक्रम का अध्ययन किया लेकिन वे आधुनिक दार्शनिकों के कार्यों से मोहित हो गए जैसे कि रेने डेसकार्टेस, यहां तक कि अपने बाहरी पठन के लिए नोट्स (टिप्पणियाँ) के एक सेट को समर्पित करते हुए उन्होंने “क्यूएस्टियन्स क्वैडम फिलॉसॉफिका” शीर्षक दिया.

जब 1665 में ग्रेट प्लेग ने कैम्ब्रिज को बंद कर दिया, तो न्यूटन घर लौट आए और कलन, लाइट और कलर तथा उनका गिरते हुए सेब के लिए अस्त है जिसने गुरुत्वाकर्षण पर उनके काम को प्रेरित किया और उन्होंने अपने सिद्धांतों को तैयार करना शुरू कर दिया.

व्यवसाय, आविष्कार और खोजें | Isaac Newton Invention

1667 में विश्वविद्यालय के फिर से खुलने के बाद आइज़क न्यूटन को ट्रिनिटी कॉलेज में अध्येतावृत्ति के लिए चुना गया था. दो साल बाद आइज़क बैरो, गणित के लुकासियन प्रोफेसर जिन्होंने न्यूटन के डी एनालिसिस को लंदन में जॉन कॉलिन्स को प्रेषित किया था, ने खुद को देवत्व के लिए समर्पित करने के लिए कुर्सी से इस्तीफा दे दिया और न्यूटन को उनके उत्तराधिकारी की सिफारिश की.

1. टेलीस्कोप और प्रकाश पर अध्ययन

न्यूटन 1667 में कैम्ब्रिज लौट आए और उन्हें एक नाबालिग साथी चुना गया. उन्होंने 1668 में पहली परावर्तक दूरबीन का निर्माण किया और अगले वर्ष उन्होंने अपनी मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री प्राप्त की. 1671 में लंदन की रॉयल सोसाइटी को अपनी दूरबीन का प्रदर्शन देने के लिए कहा गया वह अगले वर्ष रॉयल सोसाइटी के लिए चुने गए और अपने साथियों के लिए प्रकाशिकी पर अपने नोट्स प्रकाशित किए.

अपवर्तन के साथ अपने प्रयोगों के माध्यम से न्यूटन ने निर्धारित किया कि सफेद प्रकाश स्पेक्ट्रम पर सभी रंगों का एक संयोजन था और उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रकाश तरंगों के बजाय कणों से बना था. अपने काम के प्रति अपने मनमौजी बचाव के लिए जाने जाने वाले न्यूटन ने 1678 में तंत्रिका अवरोध से पीड़ित होने और लोगों की नज़रों से हटने से पहले रॉबर्ट हुक के साथ गर्म पत्राचार में लगे रहे. बाद के वर्षों में वह गुरुत्वाकर्षण को नियंत्रित करने वाली ताकतों पर अपने पहले के अध्ययनों में लौट आया और कीमिया में दबोच लिया.

2. गुरुत्वाकर्षण का नियम

1684 में अंग्रेजी खगोलशास्त्री एडमंड हैली ने एकांत न्यूटन का दौरा किया. यह जानने पर कि न्यूटन ने खगोलीय पिंडों के अण्डाकार पथों को गणितीय रूप से तैयार किया था, हैली ने न्यूटन से अपने नोट्स व्यवस्थित करने का आग्रह किया. इसका परिणाम 1687 में “फिलोसोफी नेचुरलिस प्रिंसिपिया मैथेमेटिका” का प्रकाशन था जिसने गति के तीन नियम और सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण के नियम की स्थापना की. 1703 में हुक की मृत्यु ने न्यूटन को रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने की अनुमति दी और अगले वर्ष उन्होंने अपना दूसरा प्रमुख काम “ऑप्टिक्स” प्रकाशित किया. इस विषय पर उनके पहले के नोट्स से बड़े पैमाने पर रचित पुस्तक ने न्यूटन के अपवर्तन और रंग स्पेक्ट्रम के साथ श्रमसाध्य प्रयोगों को विस्तृत किया जो ऊर्जा जैसे मामलों पर उनकी अफवाहों के साथ बंद हुआ. 1705 में, उन्हें इंग्लैंड की रानी ऐनी ने नाइट की उपाधि दी थी.

मृत्यु और विरासत | Isaac Newton Death & Achievements

मार्च 1727 में न्यूटन ने अपने पेट में गंभीर दर्द का अनुभव किया और बेहोश हो गए फिर अगले दिन 31 मार्च 1727 को 84 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया.

न्यूटन की मृत्यु के बाद उनकी प्रसिद्धि और भी अधिक बढ़ गई क्योंकि उनके कई समकालीनों ने उन्हें सबसे महान प्रतिभाशाली घोषित किया जो कभी जीवित रहे. शायद थोड़ा अतिशयोक्ति लेकिन उनकी खोजों का पश्चिमी विचारों पर बड़ा प्रभाव पड़ा, जिससे प्लेटो, अरस्तू (Aristotle) और गैलीलियो की तुलना में उनकी तुलना हुई.

यद्यपि उनकी खोज वैज्ञानिक क्रांति के दौरान की गई कई खोजों में से थी लेकिन न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक सिद्धांतों को उस समय विज्ञान में कोई समानता नहीं मिली.

  • न्यूटन का स्मारक (1731) वेस्टमिंस्टर एब्बे में गाना बजाने वालों के प्रवेश द्वार के उत्तर में, गाना बजाने वालों की स्क्रीन के सामने उनकी कब्र के पास देखा जा सकता है.
  • 1978 से 1988 तक हैरी एक्लेस्टोन द्वारा डिजाइन की गई न्यूटन की एक छवि बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा जारी श्रृंखला डी 1 के बैंकनोटों पर दिखाई दी.
  • ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री में अपने पैरों पर सेब को देखते हुए आइज़क न्यूटन की एक मूर्ति देखी जा सकती है. एडुआर्डो पाओलोज़ी द्वारा लिखित विलियम ब्लेक के बाद, 1995 की एक बड़ी कांस्य प्रतिमा और ब्लेक की नक़्क़ाशी से प्रेरित लंदन में ब्रिटिश लाइब्रेरी के पियाजे (चौक) पर हावी है.

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आइज़ैक न्यूटन की जीवनी और उनके गति विषयक नियम | Sir Isaac Newton biography and inventions in hindi

Sir Isaac Newton biography and inventions in hindi   सर आइज़ैक न्यूटन को एक गणितज्ञ, भौतिक विज्ञानी होने के साथ ही अभी तक के सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिक में से एक माना जाता है. वैज्ञानिक योगदानो में 1685 में लिखी उनकी मुख्य कृति प्रिन्सिपिया मैथमेटीका है. 2005 में हुए रॉयल सोसायटी के एक सर्वेक्षण में वैज्ञानिको ने आइन्स्टीन की अपेक्षा न्यूटन को अधिक प्रभावशाली वैज्ञानिक बताया गया. इनके जीवन और नियमों को यहाँ दर्शाया गया है. एल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास यहाँ पढ़ें. 

isaac newton

      

Table of Contents

महान वैज्ञानिक आइज़ैक न्यूटन की जीवनी और उनके गति विषयक नियम

नामआइजैक न्यूटन
जन्म4 जनवरी 1643
जन्म स्थानवूल्स्थोर्प बाय कोलस्तेवर्थ, लिंकनशायर, इंग्लैंड
पिता का नामआइजैक न्यूटन
माता का नामहन्ना ऐस्क्फ
शिक्षाइंटरमीडिएट, बी.ए और एम.ए
खोजगुरूत्वाकर्षण का सिद्धांत, गति के नियमों का
नागरिकताब्रिटिश
पेशागणितिज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, खगोल वैज्ञानिक एव लेखक
मृत्यृ31 मार्च 1727

न्यूटन का जन्म और बचपन (Isaac Newton birth and childhood)

न्यूटन का जन्म क्रिसमस के दिन पश्चिम लिंकोल्न्शिरे के एक वूल्स्थोर्प गाँव, इंग्लैंड में 25 दिसम्बर 1642 को हुआ था. न्यूटन के पिता की मृत्यु उनके जन्म लेने के दो महिना पहले ही हो चुकी थी. जब वो मात्र 3 साल के थे तब उनकी माँ ने दूसरी शादी कर ली थी और उनको छोड़ के चली गयी थी. उसके बाद उनकी देख रेख उनकी दादी ने की थी, न्यूटन के सौतेले पिता की जब मृत्यु हो गयी, तब उनकी माँ वूल्स्थोर्पे लौट आई और उन्होंने पारिवारिक खेती में न्यूटन को मदद करने के लिए कहा, लेकिन न्यूटन को खेती की अपेक्षा पढना पसंद था.      

न्यूटन की शिक्षा (Isaac Newton education facts)

उनकी बुनियादी शिक्षा उनके गाँव के स्थानीय स्कूल में ही हुई थी. जब वो 12 साल के हुए तब वे इंग्लैंड के ग्रंथम में किंग स्कूल में पढने के लिए चले गए. वहाँ वे फार्मासिस्ट के घर में रहते थे जिसका नाम क्लार्क था. न्यूटन को क्लार्क की रासायनिक पुस्तकालय और प्रयोगशाला बहुत पसंद थी. उन्होंने क्लार्क की बेटी का मनोरंजन करने के लिए यांत्रिक उपकरणों का निर्माण किया था, जिसमे शामिल था एक लाईव माउस, फ्लोटिंग लालटेन और सन डायल्स द्वारा चलने वाली पवन चक्की आदि. पुस्तकालय के लाभ पर निबंध यहाँ पढ़ें.

19 वर्ष की अवस्था में उन्होंने इंग्लैण्ड के ट्रिनिटी कॉलेज में प्रवेश करके 1665 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. वे मास्टर डिग्री भी प्राप्त करना चाहते थे, लेकिन प्लेग बीमारी की वजह से उन्हें वूल्स्थोर्पे वापस लौटना पड़ा था. जहाँ पर वे 1666 से 1667 तक रहे. यहाँ वे अपने बुनियादी प्रयोगों का प्रदर्शन करते रहे, साथ ही गुरुत्वाकर्षण के बारे में और प्रकाश के अध्ययन के बारे अपनी सोच पर काम करते रहे. फिर कैम्ब्रिज लौट कर उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री को पूरा किया और उसके बाद अपनी खोज को विस्तृत करने में लग गए. उनके गणित के प्रोफेसर उनसे बहुत प्रभावित थे, 1669 में उनके प्रोफेसर ने किसी और नौकरी के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उन्होंने न्यूटन को अपनी जगह लेने को कहा, जिसके बाद न्यूटन गणित के प्रोफेसर बन गए. डेटा वैज्ञानिक की भारत में कमाई यहाँ पढ़ें.

न्यूटन का करियर (Isaac Newton career)

न्यूटन के ने अपने करियर में बहुत से प्रयोग किये जोकि इस प्रकार है –

न्यूटन का प्रकाशिकी में प्रयोग (Isaac N ewton optics theory )

1670 से 1672 तक न्यूटन ने प्रकाशिकी के विषय पर व्याख्यान दिया था. न्यूटन का मुख्य आकर्षण प्रकाशिकी था, जिसमे उन्होंने प्रकाश के अपवर्तक की प्रभावशीलता की खोज की. उन्होंने एक यंत्र प्रदर्शित किया, जोकि लैंस के द्वारा प्रकाश की किरणों के झुकने से दूरस्थ वस्तुओं को देखने में सक्षम बनाता है. प्रकाश की प्रकृति और उनके गुणों के बारे में खोज के आधार पर उन्होंने बताया की ‘श्वेत प्रकाश कई रंगों के प्रकाश का मिश्रण होता है’ . इसको न्यूटन के रंगीन सिद्धांत के रूप में जाना जाता है. कई भौतिकवादी ने उनके प्रकाश के विपर्तन के लिए शुद्ध तरंग जैसे स्पष्टीकरण का समर्थन किया है.

1704 में उन्होंने ऑप्टिक्स प्रकाश के अतिसूक्ष्म कणों के अपने सिद्धांत को विस्तृत रूप में व्यख्यायित किया, जिसमे उन्होंने बताया की प्रकाश अति सूक्ष्म कणों से बना होता है जबकि द्रव साधारण कणों से बना होता है.

न्यूटन का बल में प्रयोग (Isaac Newton contribution to force)

1675 में कण के बीच आकर्षण और प्रतिकर्षण के रसायनीय विचारों के आधार पर न्यूटन ने पाया कि किसी भी कण के बीच बलों को संचारित करने के लिए ईश्वर की उपस्थिति हो सकती है. ऐसा विचार उन्होंने इसलिए किया था क्योकिं वो धार्मिक विचारों और ईश्वर की दिव्य शक्ति में विश्वास करते थे, इस वजह से उन्होंने अपने विचारों में ईस्वर को भी अभिव्यक्त किया था. बाद में अपने इसी विचार को उन्होंने बल के क्रिया और प्रतिक्रिया के रूप में परिभाषित कर दिया.

न्यूटन का यांत्रिकी और गुरुत्वाकर्षण में प्रयोग (Isaac Newton mechanics and gravitation theory)    

1679 में न्यूटन ने यांत्रिकी पर दुबारा से अपने प्रिन्सिपिया की दुसरे संस्करण में कार्य करते हुए व्याख्या की. प्रिन्सिपिया के लिए न्यूटन को अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई. प्रिन्सिपिया को प्रकाशित करवाने में एडमंड हेली ने वित्तीय मदद की और प्रोत्साहित भी किया. एक दिन न्यूटन पेड़ के नीचे बैठे हुए थे तभी एक सेब पेड़ से उनके ऊपर गिरा और वो उसके बारे में सोचने लगे, कि यह नीचे ही क्यों गिरा ये ऊपर भी तो जा सकता है बस यही से उनके वैज्ञानिक खोज और गुरुत्वाकर्षण सोच का जन्म हुआ. न्यूटन ने गति के जो तीन नियम बताये वो इतना प्रासंगिक था की 200 से भी अधिक वर्ष में उसमे कोई सुधार करने की जरूरत नहीं पड़ी. 1704 में बाइबिल की एक पाण्डुलिपि में उन्होंने लिखा है कि दुनिया का अंत 2060 तक हो जायेगा लेकिन इससे पहले नहीं होगा.   

न्यूटन के अवार्ड और उपलब्धियां (Isaac Newton awards and accomplishments )  

न्यूटन ने अपने जीवन में निम्न उपलब्धियों को हासिल किया.

  • न्यूटन ने 1665 में बिनोमिअल थ्योरम अर्थात द्विपद प्रमेय जिसको कैलकुलस कहा जाता है और पाई का मान का नया फार्मूला दिया था. ये न्यूटन की गणित की उपलब्धियों में शामिल है इसके अलावा उन्होंने गणित में जिस विधि की खोज की, आज हम उसे न्यूटन की विधि के नाम से जानते है. साथ ही उन्होंने परिमित अंतर का सिद्धांत, वर्गीकरण और इंडेक्स का उपयोग, जोकि ज्यामिति में समीकरणों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है इनको परिभाषित किया था, इन सबकी खोज न्यूटन की उपलब्धियों में शुमार है.    
  • 1701 में न्यूटन इंग्लैंड के सांसद भी रहे. 1705 में संसदीय चुनाव के समय अपने राजनीतिक योगदान, टकसाल के मास्टर के रूप के लिए और उनके वैज्ञानिक कार्य के लिए क्वीन एनी ने न्यूटन को नाईट की उपाधि दी.  

न्यूटन का विवाद (Isaac Newton controversy)  

कैलकुलस विवाद जो कि न्यूटन और गोटफ्राइड के बीच हुआ था. इसमे न्यूटन ने कहा था कि उन्होंने 1666 में कैलकुलस के एक फॉर्म पर काम करना शुरू किया, लेकिन इसका कही भी उस वर्ष के प्रकाशन में जिक्र नहीं है. जबकि गोटफ़्राईड ने 1674 में कैलकुलस के अपने संस्करण पर काम करना शुरू किया था, इसलिए उन्हें लग रहा था कि उन्होंने पहले इस फार्मूला को दिया है. हालाँकि बाद में न्यूटन ने 1687 की अपनी पुस्तक प्रिन्सिपिया के आर्टिकल 1 में ज्यामिति संकलन के रूप में कैलकुलस की व्याख्या की. 

न्यूटन का व्यक्तिगत जीवन और मृत्यु (Isaac Newton death)

न्यूटन अधिक धार्मिक प्रवृत्ति के थे, उन्होंने बाईबिल में भी साहित्यिक व्याख्या से सम्बंधित शोध लिखे. उनकी मृत्यु 20 मार्च 1727 को हुई थी. उन्हें वेस्टमिन्स्टर एब्बे में दफनाया गया था. न्यूटन की मृत्यु के बाद भी उनकी प्रसिद्धी में कोई कमी नहीं आई है आज भी वह एक प्रासंगिक वैज्ञानिक है. न्यूटन ने कभी शादी नहीं की.      

न्यूटन के अनमोल वचन (Isaac Newton quotes)

  • यदि मै ये बोलू की मैंने दूसरों की अपेक्षा किसी भी चीज को अधिक देखा है तो इसका अर्थ होता है, कि मैंने उन लोगों के कंधे पर सवार होकर चीजो को ज्यादा देखा और समझा है.
  • मुझे नहीं पता कि दुनिया मुझे किस तरह या किस रूप में दिखेगी, लेकिन मैं अपने आप को एक ऐसे बच्चे की तरह देखते हुए महसूस करता हूँ, जो समुन्द्र के किनारे पर खेल रहा है और अपने आपको बदल रहा है और वह एक सुन्दर सा शक्ल धारण कर लेता है. लेकिन मै ऐसा सोचता हूँ कि अभी भी मुझसे महान सचाई कोसों दूर है.
  • हम अपने लिए बहुत अधिक दीवारों का निर्माण तो कर लेते है, लेकिन उन्हें मजबूत करने के लिए अभी भी पुल की संख्या बहुत कम है.
  • मेरे व्यवहार और किसी भी कार्य को करने के लिए मेरा आवेदन ही मेरी सफलता है, मेरे अन्दर कोई बड़ी शक्ति नहीं है शक्तिया मुझे समान्य ही मिली है.
  • चीजो की अधिक सुविधा या उसकी बहुलता में या अमीरी की विलासिता में सचाई कभी भी नहीं पाई जा सकती, सच्चाई हमेशा सादगी में ही पाई जा सकती है.      

न्यूटन के गति विषयक नियम (Newton’s laws of motion project)

न्यूटन का प्रथम नियम या जड़त्व का नियम या गैलेलियो नियम (newton’s first law of motion).

यदि कोई वस्तु विरामावस्था में या स्थिर है या फिर एक समान गति से चल रही है तो उसकी इस गति में या अवस्था में परिवर्तन तभी आयेगा, जब इस पर कोई बाह्य अर्थात बाहरी बल लगाया जायेगा. अगर बल ना लगाया जाये तो कोई परिवर्तन नहीं आएगा इस नियम को न्यूटन का प्रथम नियम कहा जाता है.

इसको उदाहरण के साथ निम्न रूप से वर्णित किया गया है –

  • अगर रुकी हुई गाड़ी अचानक से चलने लगे तो उसमे सवार यात्री पीछे की ओर झुक जाता है, तथा चलती हुई गाड़ी अचानक से रुक पड़े तो यात्री आगे की ओर झुक जाता है.
  • अगर पेड़ को जोर से हिलाएं तो उसके फल नीचे की तरफ गिरते है.

न्यूटन का दूसरा नियम (Newton’s second law of motion)

इस नियम के अनुसार किसी वस्तु पर कार्य करने वाले बल का मान वस्तु के द्रव्यमान और वस्तु में उत्पन्न त्वरण के गुणनफल के समानुपाती होता है. इस नियम को संवेग परिवर्तन का नियम कहते है.

इस नियम को निम्न उदाहरण के माध्यम से समझा जा सकता है जो निम्नलिखित है –

  • क्रिकेट खिलाडी गेंद को कैच करते वक्त हाथ को थोडा पीछे खीच लेते है जिस वजह से उन्हें चोट लगने की सम्भावना कम रहती है. अगर वो ऐसा न करे तो दुसरे नियम के अनुसार जितनी तेजी में गेंद आएगी अगर हाथ को आगे बढ़ा दे तो चोट दुगुनी लग सकती है.

न्यूटन का तीसरा नियम (Newton’s third law of motion)

इस नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया के विपरीत या बराबर एक प्रतिक्रिया होती है. अर्थात अगर कोई वस्तु जिस पर बल लगता है, तो उसके विपरीत वह वस्तु भी विपरीत बल लगाती है. इसी को क्रिया और प्रतिक्रिया कहा जाता है. तथा इस नियम को भी क्रिया प्रतिक्रिया का नियम कहा जाता है.

तृतीय नियम को समझने के लिए निम्नलिखित उदहारण दिए जा रहे है –

  • जब भी बन्दुक से गोली चलती है तो वो पीछे की तरफ धक्का देती है.
  • कुए से पानी को भरते वक्त व्यक्ति का पीछे की तरफ गिरना. 

Ans- 4 जनवरी 1643 को हुआ था जन्म।

Ans-आइजैक न्यूटन 31 मार्च 1727 को हुई।

Ans- गुरूत्वाकर्षण का सिद्धांत, गति के नियमों का

Ans- गणितिज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, खगोल वैज्ञानिक एव लेखक

Ans- आइजैक न्यूटन इंग्लैंड के रहने वाले थे।

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आइजैक न्यूटन की जीवनी | Isaac Newton biography in hindi

  • Post author: HariOm
  • Post published: March 25, 2021
  • Post category: Hindi Biographies

नमस्कार दोस्तों, इस लेख मे आप दुनिया के महानतम भौतिक विज्ञानी, गणितिज्ञ, ख़गोल-विज्ञानी, दार्शनिक, इतिहासकार एवं लेखक आइजैक न्यूटन की जीवनी | Isaac Newton biography in hindi को पढने वाले हैं।

एक छात्र के तौर पर हम सभी आइजैक न्यूटन (Isaac Newton) के बारे मे बचपन से ही सुनते या पढते आ रहे हैं, लेकिन आपको पता है कि न्यूटन को 400 साल बाद आज भी क्यों पढा जाता है और आगे भी अनगिनित सालों तक हम न्यूटन के सिद्दांतों के साथ क्यों जुड़े रहेंगे? तो इस आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहिये क्योंकि आप इस आर्टिकल में न्यूटन से जुड़े रोचक तथ्यों को सटीक रूप से जानने वाले हैं।

बता दें कि सर आइजैक न्यूटन ने अकेले अपने दम पर आधुनिक-विज्ञान (Modern science) की रूप-रेखा गडी थी। जिन्होंने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत (लॉ ऑफ़ ग्रेविटी) और गति के सिद्धांत (लॉ ऑफ़ मोशन) के साथ-साथ दुनिया को विज्ञान में बहुत ही अहम योगदान दिये थे। मतलब सर आइजैक न्यूटन के बिना विज्ञान के बारे में सोचना असंभव सा लगता है क्योंकि आज की मॉडर्न टेक्नोलॉजी इन्ही के विचारों (आइडियाज) पर आधारित है।  

आइजैक न्यूटन का जीवन परिचय – Isaac Newton hindi biography

आइजैक न्यूटन
4 जनवरी, 1643 (25 दिसम्बर, 1642 पुराना कैलेंडर)
वूल्स्थोर्प बाय कोलस्तेरवर्थ, लिंकनशायर, इंग्लैंड
आइजैक न्यूटन
हन्ना ऐस्क्फ
(दी किंग्स स्कूल, ग्रान्थम), . तथा (ट्रिनिटी कॉलेज,कैंब्रिज)
गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत, गति के नियमों में प्रयोग आदि
ब्रिटिश (इंग्लिश)
गणितिज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ख़गोल वैज्ञानिक एवं लेखक
31 मार्च, 1727 (20 मार्च, 1727 पुराना कैलेंडर)

आइजैक न्यूटन का प्रारंभिक जीवन – Isaac Newton early life in hindi

यदि आइजैक न्यूटन (Isaac Newton) के शुरूआती जीवन के बारे मे जाने तो इनका जीवन काफ़ी उथल-पुथल भरा रहा है क्योंकि इनके जन्म के महज तीन महीने पहले इनके पिता का निधन हो गया था। इसके अलावा न्यूटन के जन्म के समय आकार और बजन बहुत कम था; मतलब यह बहुत कमजोर शिशु पैदा हुए थे। न्यूटन की माँ के मुताबिक न्यूटन का आकार इतना कम था कि इन्हें एक छोटे से मग में रखा जा सकता था, इसी कारण डॉक्टर ने कहा कि यह एक सप्ताह भी मुश्किल से जीवित रह सकते हैं।

आइजैक न्यूटन का जन्म 04 जनवरी, 1943 (25 दिसम्बर, 1642 पुराने कैलेंडर के अनुसार)  को वूलस्थोर्पे बाय कोलस्तेरवर्थ, लिंकनशायर, इंग्लैंड  (Woolsthorpe by Colsterworth, Lincolnshire, England)  के एक किसान-परिवार मे हुआ था। न्यूटन का नाम इनके स्वर्ग-वाशी पिता के नाम पर ही रखा गया था, मतलब इनके पिता का नाम आइजैक न्यूटन (Isaac Newton) था तथा माँ का नाम हन्ना ऐस्क्फ (Hannah Ayscough) था।

न्यूटन जब तीन वर्ष के हुए तो इनकी माँ ने बर्नाबस स्मिथ (Barnabas Smith) से दूसरी शादी कर ली, लेकिन न्यूटन के सौतेले-पिता (Step father) न्यूटन को बिलकुल भी पसंद नहीं करते थे। इसी कारण न्यूटन कि माँ ने न्यूटन को नानी के साथ ही छोड़ दिया था। जिसके बाद वह अपने दूसरे पति के साथ रहने लगी थी।

अपनी माँ को दूसरे व्यक्ति के साथ रहते देख न्यूटन को अपनी माँ और सौतेले पिता से बहुत चिडते थे और यह भी एक कारण था कि न्यूटन बचपन में एक गुस्सेल, जिद्दी और चिडचिडे किस्म के बच्चे बन गए थे।

आगे चलकर न्यूटन के सौतेले पिता का भी देहांत हो गया। जिसके बाद न्यूटन की माँ तीन बच्चों के साथ वापिस न्यूटन के पास आ गईं। इसके बाद न्यूटन की माँ ने न्यूटन से कहा की आप पैत्रिक-कार्य मतलब खेती-बाड़ी (Farming) को आगे बढाओ, लेकिन न्यूटन ने खेती करने से साफ़ मना कर दिया और कहा कि मैं पढना चाहता हूँ और इसी में भविष्य बनाना चाहता हूँ।  

आइजैक न्यूटन की शिक्षा – Isaac Newton education in hindi

आइजैक न्यूटन (Isaac Newton) ने अपनी शुरूआती पढाई अपने घर के नजदीकी स्कूल से की। इसके बाद 12 वर्ष की आयु में ‘दी किंग्स स्कूल, ग्रान्थम’ (The King’s school, Grantham) में दाखिला हो गया। बता दें कि न्यूटन के स्कूली दिनों में अपने साथी-छात्रों से बिलकुल भी नहीं बनती थी।

इसके बाद जून 1661 में इन्होने ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज (University of Cambridge’s Trinity College) में दाखिला ले लिया और पूरी तरह से पढाई में जुट गए। जब न्यूटन ने अगस्त, 1665 में अपना ग्रेजुएशन पूरा कर लिया था, तब इन्होने मास्टर करने करने का सोचा था, लेकिन 1665 में इंग्लैंड के कैंब्रिज शहर में प्लेग-बीमारी (Plague disease) फ़ैल गई। जिस कारण शहर के साथ कॉलेज बंद भी हो गया और न्यूटन को मजबूरन अपने घर आना पडा था।   

न्यूटन के घर आने के बाद, वह समय उनके जीवन का सबसे अच्छा समय रहा क्योंकि उसी समय सर न्यूटन ने कैलकुलस की खोज की; जिसे न्यूटोनियन फिजिक्स भी कहा जाता है। इसके अलावा न्यूटन हमेशा ही कॉलेज से अलग खुद से बहुत ज्यादा पढाई करते थे।

इसके बाद वह वापिस ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज आये और 1668 मे सफलता पूर्वक अपनी मास्टर डिग्री हाशिल की थी।

आइजैक न्यूटन का कैरियर एवं उपलब्धियाँ – Isaac Newton career and achievement in hindi

सर आईजैक न्यूटन (Isaac Newton) की खोजों (सिद्धांतों) और उपलब्धियों को जानने से पहले यह जान ले कि सर न्यूटन के किस सिद्धांत को लेकर बहुत अधिक चर्चा की जाती है? इसके अलावा न्यूटन को ज्यादातर सेब (Apple) से क्यों जोड़ा जाता है?

जैसे कि हम सभी बचपन से ही गुरुत्वाकर्षण (Gravity) की ख़ोज के लिए एक कहानी सुनते आये हैं। जिसमे कि “जब एक दिन न्यूटन सेब के पेड के नीचे बैठे थे तो उसी दौरान उनके सिर पर उसी पेड के उपर से एक सेब आ गिरा। इसके बाद न्यूटन सोचने लगे कि यह सेब नीचे ही क्यों आया? इधर-उधर या फिर उपर क्यों नहीं चला गया?

इस घटना के ठीक बाद न्यूटन ने यह भी सोचा कि चंद्रमा (Moon) भी तो उपर दिखायी देता है, लेकिन वह क्यों नहीं नीचे प्रथ्वी पर आ गिरता? इसके बाद न्यूटन ने सोचा कि कहीं न कहीं धरती पर कोई ऐसा बल (Force) मौजूद है। जिस कारण से यह बल (Force) चीजों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। यह जान लेने के बाद ही न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण (ग्रेविटी) का विचार (आईडिया) आया था और इन्होने गुरुत्वाकर्षण पर काम करना प्रारम्भ कर दिया था।

उपर्युक्त कहानी के द्वारा ही न्यूटन की गुरुत्वाकर्षण की ख़ोज को सेब के द्वारा जोड़ा जाता है।

जैसे कि आप जानते हैं कि जब भी इतिहास के पन्नों की बात की जाती है तो उसमे अलग-अलग मत होते हैं। ठीक इसी प्रकार सेब गिरने की कहानी में इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं।

जिसमे कुछ इतिहासकार कहते हैं कि न्यूटन के द्वारा गुरुत्वाकर्षण की खोज करने के बाद न्यूटन ने पेड से सेब गिरने की कहानी ख़ुद से बनाई थी और इसे एक फ्रेंच लेखक वोल्टेअर (Voltaire) ने प्रसिद्ध किया है।

लेकिन कुछ इतिहासकार कहते हैं कि यह कहानी सच है लेकिन सेब न्यूटन के सिर पर नहीं वल्कि उनके आंगे गिरा था। और कुछ कहते हैं कि वह अपने घर की खिड़की से सेब के पेड को देख रहे थे और सेब को नीचे गिरता देख ही न्यूटन को ग्रेविटी का विचार आया था। 

बता दें कि न्यूटन की इस कहानी पर ज्यादा बात-विवाद नहीं होता है क्योंकि इतिहासकार पहले ही बता चुके हैं कि शायद न्यूटन ने यह सेब की यह कहानी आम लोगों को आसानी से ग्रेविटी समझाने के लिए बनाई होगी।

न्यूटन की खोजें – Newton’s inventions

सर आइजैक न्यूटन (Isaac Newton) के द्वारा की गई खोजों और सिद्धांतों की बात करें तो विज्ञान-जगत में न्यूटन का अमूल्य योगदान है। यदि न्यूटन के द्वारा की गई सभी सिद्धांत एवं खोजों की विस्तार से चर्चा करें तो यह आर्टिकल बहुत लम्बा हो जायेगा। इसलिए सर आइजैक न्यूटन की कुछ अहम खोजों के नामों की चर्चा करते हैं। 

  • न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण में प्रयोग – Newton’s law of universal gravitation
  • न्यूटन का गति के नियमों में प्रयोग – Newton’s laws of motion
  • प्रकाशिकी – Optics
  • कैलकुलस – Calculus
  • द्विपद प्रमेय – Binomial theorem
  • न्यूटोनियन यांत्रिकी – Newtonian mechanics
  • न्यूटन-विधि – Newton’s method आदि ।  

आइजैक न्यूटन की म्रत्यु कब हुई थी? – Isaac Newton death in hindi

दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक सर आईजैक न्यूटन की म्रत्यु की बात करें तो इनकी म्रत्यु 84 वर्ष की आयु में   31 मार्च, 1727 (20 मार्च, 1727 पुराने कैलेंडर के अनुसार) को केंसिंग्टन, मिडलसेक्स, इंग्लैंड मे हो गई थी। न्यूटन ने अपने आप में बहुत अधिक व्यस्त (Busy) होने के कारण कभी शादी नहीं की, लेकिन आज भी दुनिया-भर में आधुनिकरण की रूपरेखा न्यूटन के सिद्धांतों के कारण ही सफ़ल हो पा रहे हैं।   

इसे भी जाने: दुनिया की सबसे साहसी महिला वैज्ञानिक मैरी क्यूरी का जीवन परिचय?

आइजैक न्यूटन के बारे में रोचक बातें – Interesting facts about Isaac newton in hindi

  • सर आईजैक न्यूटन (Isaac Newton) ने जीवन में बहुत अधिक व्यस्त होने के कारण कभी शादी नहीं की।
  • सर न्यूटन के जन्म लेने के तीन महीने उनके पिता का निधन हो गया था।
  • सर आईजैक न्यूटन का नाम उनके पिता के नाम पर ही रखा गया था क्योंकि न्यूटन के पिता का नाम भी आईजैक न्यूटन था।
  • शायद आपको मालूम न हो लेकिन आज सब के दिलों पर राज करने वाली ‘ अमेरिकन एप्पल कम्पनी’ का सबसे पहला लोगो में न्यूटन की तस्वीर छपी हुई थी। जिसमे न्यूटन पेड के नीचे बैठे हुए हैं और पेड के उपर से सेब गिर रहा है। मतलब वह उस समय की तस्वीर है; जब सर आईजैक न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण (Gravity) का आईडिया आया था।
  • आपको जानकार हैरानी होगी कि सर आईजैक न्यूटन वैज्ञानिक होने के बाबजूद पक्के धार्मिक व्यक्ति थे। इसके बारे में न्यूटन ने खुद ही लिखा है कि गुरुत्वाकर्षण हमें ग्रहों की गति से वाकिव कराती है। लेकिन गुरुत्वाकर्षण यह नहीं बता सकता कि इन ग्रहों को गतिमान किसने बनाया है? वह कहते थे कि ईश्वर (भगवान) सभी चीजों को नियंत्रित करता है और सब-कुछ ईश्वर के हाथ में है।  
  • सर आईजैक न्यूटन को धार्मिक होने के कारण बाइबल से बहुत जुड़ाव था। इसी कारण वह बाइबल को अधिक गहराई से पढते थे। हैरानी वाली बात तो यह है कि न्यूटन ने विज्ञान से ज्यादा तो धर्म और इतिहास के प्रति लिखा है। वैसे तो सर न्यूटन एक महान वैज्ञानिक हैं लेकिन कहीं न कहीं न्यूटन ने अपनी जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा विज्ञान (Science) को देने के बजाय धार्मिक गुण-अर्थों को जानने और समझने में लगा दिया।
  • सर आइजैक न्यूटन ने सबसे पहले बताया था कि प्रथ्वी गोलाकार नहीं वल्कि अंडाकार स्थिति में बनी हुई है जोकि बाद में ग़लत अनुमान सिद्ध हो गया था।
  • सर आइजैक न्यूटन के सिद्धांत आज दुनिया-भर में साइकिल से लेकर हवाई-जाहज तक में इस्तेमाल किये जाते हैं।
  • सर न्यूटन ने सालों तक अपनी खोजों को दुनिया से इस कारण छुपा रखा था क्योंकि उन्हें लगता था कि अन्य वैज्ञानिक उनके द्वारा की गई खोजों को सही नहीं मानेंगे।  इसके अलावा न्यूटन को अपने विचारों (आइडियाज) को अन्य वैज्ञानिकों के सामने इसलिए भी नहीं रखते थे क्योंकि उन्हें आलोचनाओं (Criticism) से बहुत डर लगता था।
  • सर आइजैक न्यूटन ‘फेलो ऑफ़ ट्रिनिटी कॉलेज’ रहने के अलावा ‘ब्रिटिश रॉयल सोसाइटी’ के सदस्य और इसके अध्यक्ष भी रहे थे।  
  • न्यूटन ने अपनी किताब ‘दी प्रिन्सिपिया मैथमेटिका’ (The Principia Mathematica) में अपनी अहम खोजों को विस्तार से समझाया है।
  • जिस सेब के पेड (Apple’s tree) के द्वारा न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण (Gravity) के सिद्धांत का विचार (आईडिया) आया था। उसी पेड का वंशज (Descendant) आज भी यूनाइटेड किंगडम में मौजूद है। इस पेड के विज्ञान के प्रति महत्व को देख राष्ट्रीय ऐतिहासिक ट्रस्ट के द्वारा देखभाल कर सुरक्षित रखा जाता है।

आइजैक न्यूटन के अनमोल विचार – Isaac Newton quotes in hindi

इस आर्टिकल में आप आइजैक न्यूटन की जीवनी | Isaac Newton biography in hindi के द्वारा न्यूटन के बारे में अहम तथ्यों को पढ रहे हैं। तो चलिए इस लेख के अंत में न्यूटन के अनमोल विचारों (quotes) के बारे में भी जान लेते हैं, जो आज भी दुनिया-भर में प्रेरणा के श्रोत हैं।

“जो ऊपर जाता है, वह नीचे अवश्य आता है।”
“यदि मैंने दूसरों की तुलना में अधिक कार्य किये हैं, तो यह महान लोगों की प्रेरणा ही है।”
“हम हजारों दीवारें बना देते हैं बजाय एक पुल है।”
“प्रत्येक क्रिया के लिए सदैव समानतम प्रतिक्रिया का विरोध किया जाता है।”
“गलतियाँ कला में नहीं होती बल्कि कलाकृतियों में होती हैं।”
“जिसे हम जानते हैं वह एक बूंद के सामान है, जिसे हम नहीं जानते वह एक महासागर के सामान लगता है।”
“मैं खगोलीय पिंडों की गति की गणना तो कर सकता हूं, लेकिन लोगों के पागलपन की नहीं।”
“लगातार कोशिश और साहसिक अनुमान के बिना कोई भी महान ख़ोज नहीं की जा सकती है।”
“जीवित व्यक्ति उन सभी चीजों की कल्पना कर सकता है जो महज झूटी हैं, लेकिन वह केवल उन चीजों को समझ सकता है जो सच हैं।”
“गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत ग्रहों की गति की व्याख्या करता है, लेकिन यह नहीं बता सकता है कि ग्रहों गति कैसे निर्धारित होती है?”

हमें पूरी उम्मीद है कि यहाँ तक आपने आइजैक न्यूटन की जीवनी | Isaac Newton biography in hindi को पढकर इनके जीवन को बहुत ही सरलता से समझा होगा। हम जानते हैं कि हमने इस लेख मे न्यूटन की खोजों (सिद्धांतों) को विस्तार से नहीं समझाया है। लेकिन सर न्यूटन की जीवन की सरल रूप से व्याख्या की है तो हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में आपने सर आइजैक न्यूटन (Sir Isaac Newton) के जीवन को भली-भांति जाना होगा।  

निष्कर्ष: Conclusion

इस लेख में इतना ही जिसमे हमने आइजैक न्यूटन की जीवनी | Isaac Newton biography in hindi के अलावा Isaac Newton early life in hindi, Isaac Newton’s education in hindi, Newton’s hindi inventions और Isaac Newton hindi quotes को भी समझाया है। इस लेख से सम्बंधित आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट करके अवश्य बताएँ।

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आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi

आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi : संसार भर में विज्ञान के क्षेत्र में अहम योगदान दिया जिनमें आइजक न्यूटन का नाम सबसे पहले आता है.

हम सभी ने बचपन में उनके सिर पर सेब गिरने और उस घटना को आधार बनाकर की गई गुरुत्वाकर्षण बल की खोज को अवश्य ही पढ़ा हैं.

चलिए हम आइज़क न्यूटन की जीवनी इतिहास जीवन परिचय कार्य और आविष्कार यहाँ पढ़ेगे.

आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi

महान भौतिक विज्ञान गणित और दर्शन के ज्ञाता सर आइज़ैक न्यूटन ब्रिटेन के निवासी थी. उनके जीवन की सबसे बड़ी दें गुरुत्वाकर्षण बल की खोज एवं गुरुत्व नियम हैं.

वर्ष 1687 में उनके द्वारा प्रकाशित फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका पुस्तक विज्ञान की सबसे महत्वपूर्ण पुस्तकों में गिनी जाती हैं.

न्यूटन ने खगोल शास्त्र से जुड़े केपलर के नियमों के साथ गुरुत्वीय बल की निरन्तरता भी सिद्ध की. सर आइज़ैक न्यूटन की जीवनी में हम उनके इतिहास और सम्पूर्ण जीवन को शोर्ट में समझने का प्रयास करेंगे.

Isaac Newton का जीवन परिचय, जीवनी, बायोग्राफी

सर आइज़ैक न्यूटन
4 जनवरी 1643
लिंकनशायर, Germany
गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक
गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त, न्यूटन के गति नियम
फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका

जन्म और प्रारम्भिक जीवन Birth and Early life

न्यूटन के जीवन की शुरुआत से पूर्व ही इनके पिता की मृत्यु हो गयी थी. 4 जनवरी 1643 को इनका जन्म वूलस्ठोर्पे बाय कोलस्तेरवर्थ लिंकनशायर, जर्मनी में हुआ था. जन्म से 3 माह पूर्व पिताजी चल बसे थे. न्यूटन की माँ उन्हें छोड़कर चली गई तथा एक और शादी कर ली.

इन्होने अपनी दादी माँ के साथ शुरूआती जीवन बिताया, वह कई बार अपनी माँ के साथ सौतेले पति के घर भी जाता था. मगर अपनी माँ द्वारा दूसरी शादी करना कतई पसंद नही था.

एक बार गुस्सा होकर न्यूटन ने उसका घर तक जलाने की धमकी दे डाली. कुछ सालों बाद न्यूटन के सौतेले पिता की मृत्यु हो गई और वह अपनी माँ के साथ पैतृक गाँव लौट आए. न्यूटन की माँ चाहती थी कि वह खेती का काम करे मगर उन्हें यह पसंद नहीं था वह आगे पढ़ाई करना चाहता था.

आइज़क न्यूटन की शिक्षा Education of Isaac Newton

सर न्यूटन ने बेसिक स्कूली शिक्षा अपने गाँव में ही प्राप्त की थी. जब न्यूटन की उम्र बारह साल थी तो इन्हें क्लार्क के घर भेज दिया, जो ग्रंथन गाँव में रहते थे तथा पेशे से एक फार्मसिस्ट थे.

न्यूटन यहाँ रहकर ही किंग स्कूल जाया करते थे. क्लार्क के घर विज्ञान की पुस्तकों तथा प्रायोगिक उपकरण पर्याप्त थे. न्यूटन इन्ही समस्त पुस्तकों को पढ़ा करते थे तथा खाली समय में छोटे बड़े प्रयोग भी करते थे.

उस फार्मसिस्ट क्लार्क की बेटी न्यूटन की एक अच्छी बचपन की दोस्त थी. न्यूटन उनके खेलने के लिए कई यंत्र बनाया करते थे इन्होने फ्लोटिंग लालटेन, लाइव माउस और सूर्य डायल्स से चलने वाली पवन चक्की भी इन्होने वहां रहते हुए बनाई थी, यह उनकी विज्ञान के प्रति लग्न और विद्वता को दर्शाती हैं.

इस तरह न्यूटन वहां रहकर न केवल अध्ययन करते थे बल्कि अपने ज्ञान से वह प्रयोग करने में भी सफल हो चुके थे, क्लार्क के पास रहकर ही इन्होने इंटरमिडियट पास की. मात्र 19 वर्ष की अवस्था में ही इन्होने स्नातक के लिए ब्रिटेन के ट्रिनिटी कॉलेज में दाखिला लिया और 1665 में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली.

वे आगे की पढाई करके मास्टर की डिग्री पाना चाहते थे मगर उस समय प्लेग महामारी का शिकार बन जाने के कारण उन्हें जर्मनी स्थित अपने गाँव लौटना पड़ा. वर्ष 1666 से 1667 तक अपने घर पर ही रहे. यहाँ रहकर वे अपने कार्यों में निरंतर लगे रहे.

अगले साल ये मास्टर डिग्री के लिए केम्ब्रिज गये. यहाँ गणित के क्षेत्र में उनकी विद्वता से प्रभावित होकर गणित के प्रोफेसर ने अपना पद त्याग कर सर न्यूटन को दे दिया. इस तरह ये केम्ब्रिज में गणित के प्रोफेसर के रूप में अध्ययन कराने लगे.

आइज़क न्यूटन का करियर Career of Isaac Newton

गणित के प्रति इनकी अत्यधिक रूचि थी यह वजह थी कि केम्ब्रिज में गणित के प्रोफेसर के ये पसंदीदा शिष्य रहे.

एक बार किसी अन्य पद पर सेवा के लिए उन्हें त्याग पत्र देना था तो उन्होंने अपना पद सर न्यूटन को सौपा और चले गये. जिस कॉलेज में न्यूटन ने मास्टरी करी वही उनके शिक्षण करवाने का सौभाग्य भी मिला.

न्यूटन का प्रकाशिकी में प्रयोग (Isaac Newton optics theory)

सर न्यूटन ने प्रकाशिकी के क्षेत्रों में 1670 से 1672 तक निरंतर कार्य किया और कई महत्वपूर्ण यंत्र एवं नियमों को सत्यापित किया. यह उनका पसंदीदा विषय भी था इन्होने एक लेंस यंत्र बनाया जो प्रकाश के अपवर्तन तथा किरणों के अपवर्तित होने के बाद उन्हें देखने में सक्षम बनाता था.

अपने शोध में न्यूटन ने प्रकाश की प्रकृति रंग आदि पर कार्य किया. उन्होंने बताया कि सफेद प्रकाश कई रंगों से मिलकर बनता है उनके इस सिद्धांत को भौतिकी में कलर थ्योरी के रूप में जाना जाता हैं.

न्यूटन के बाद के कई भौतिकशास्त्रियों ने भी उनकी बातों का समर्थन किया. 1704 में उन्होंने ऑप्टिक्स प्रकाश के शोध में बताया कि प्रकाश बेहद छोटे छोटे कणों से मिलकर बना हैं मगर द्रव पदार्थ सामान्य आकार के कणों से बनते हैं.

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण में प्रयोग Newton’s law of universal gravitation

सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण के न्यूटन के नियम में कहा गया है कि प्रत्येक कण ब्रह्मांड में हर दूसरे कण को एक बल के साथ आकर्षित करता है जो सीधे उनके द्रव्यमान के उत्पाद के आनुपातिक है और उनके केंद्रों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमा नुपाती है।

न्यूटन की खोज : हम सभी ने न्यूटन के सेब गिरने की घटना और वहां से उत्पन्न हुए एक विचार की कहानी पढ़ी ही है, आज से साढ़े तीन सौ साल यानी 1660 के आसपास की यह घटना मानी जाती हैं, उस दौरान न्यूटन केम्ब्रिज युनिवर्सिटी में अध्ययन रत थे. प्लेग महामारी के कारण उत्तरी ब्रिटेन में स्थित अपने घर चले गये थे.

विलियम स्ट्यूक्ली, जिन्होंने सर आइजक न्यूटन की जीवनी लिखी है वे कहते थे बसंत के दिन थे हमेशा की तरह उस दिन भी न्यूटन किन्ही विचारों में उलझे सेब के पेड़ के नीचे बैठे थे.

अचानक उस पर सेब आ गिरा. बस इस घटना ने उनके जेहन में कई सवाल खड़े कर दिए, ये सेब सीधा ही क्यों आया, आडा तिरछा या उपर क्यों नहीं गया.

मतलब धरती में ही ऐसी कोई शक्ति है जो इसे अपनी ओर खीचती हैं. कुछ लोग मानते है कि यह महज एक कहानी भर हैं. न्यूटन ने लोगों को गुरुत्वाकर्षण बल आसानी से समझाने के लिए इसका सहारा लिया था.

सेब गिरने की इस घटना ने न्यूटन को एक नई वैज्ञानिक खोज एवं गुरुत्वाकर्षण बल की अवधारणा को विज्ञान के समक्ष रखा. उन्होंने गति के तीन नियम भी दिए, उनका महत्व कितना था इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि आगामी दो सदी तक विज्ञान ने इसमें कोई सुधार भी नहीं किया.

न्यूटन ने दुनिया के अंत को लेकर एक भविष्यवाणी भी की. 1704 में उन्होंने बाइबिल की एक पांडुलिपि में लिखा कि संसार का अंत 2060 में होगा न कि उससे पहले.

आइज़क न्यूटन का गति के नियम में प्रयोग Newton’s laws of motion

न्यूटन ने मोशन यानी गति के तीन नियम प्रस्तुत किये, उनके द्वारा बताएं ये निम्न इस प्रकार हैं.

  • गति के पहले नियम को जड़त्व का नियम कहा जाता हैं. इसके अनुसार कोई वस्तु तभी गति करेगी जब उस पर बल लगाया जाएगा, अन्यथा वह अपने स्थिर स्वरूप में ही रहेगी.
  • न्यूटन का दूसरा नियम संवेग का नियम हैं जिसके अनुसार किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उसके बल के अनुक्रमा नुपाती और संवेग का परिवर्तन वस्तु पर लगाए गये बल की दिशा में ही होता हैं.
  • गति का तीसरा नियम क्रिया प्रतिक्रिया का नियम कहा जाता हैं. इस नियम के मुताबिक जितना बल वस्तु पर आरोपित किया जाता हैं पुनः वस्तु भी विपरीत दिशा में उतना ही बल लगाएगी.

न्यूटन के अवार्ड और उपलब्धियां विवाद (Isaac Newton awards and accomplishments & controversy)

न्यूटन ने 1665 में बिनोमिअल थ्योरम अर्थात द्विपद प्रमेय प्रस्तुत किया जिन्हें कैलकुलस के नाम से जाना गया था, साथ ही न्यूटन ने पाई के मान को निकालने का सूत्र दिया था.

एक गणितज्ञ के रूप में एक नवीन विधि का इजाद किया जिन्हें न्यूटन विधि के नाम से जाता हैं. परिमित अंतर का सिद्धांत, क्लासिफिकेशन और अनुक्रमणिका का उपयोग तथा इनको अपने अनुसार डिफाइन भी किया.

आप शायद न जानते हो 1701 में न्यूटन ब्रिटेन से सांसद भी चुने गये थे. उन्होंने 1705 के संसदीय चुनाव में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था.

ये टकसाल के मास्टर भी रहे तथा एनी ने इन्हें नाईट की उपाधि से भी सम्मानित किया. न्यूटन के जीवन से जुड़े विवादों की बात की जाए तो कैलकुलस विवाद मुख्य है जो न्यूटन और गोटफ्राइड के मध्य हुआ था.

न्यूटन का व्यक्तिगत जीवन और मृत्यु (Isaac Newton death)

“मुझे नहीं पता कि दुनिया मुझे किस तरह या किस रूप में दिखेगी, लेकिन मैं अपने आप को एक ऐसे बच्चे की तरह देखते हुए महसूस करता हूँ, जो समुन्द्र के किनारे पर खेल रहा है और अपने आपको बदल रहा है और वह एक सुन्दर सा शक्ल धारण कर लेता है. लेकिन मै ऐसा सोचता हूँ कि अभी भी मुझसे महान सचाई कोसों दूर है.”

यह कोटेशन न्यूटन का है जो एक महान वैज्ञानिक थे. 20 मार्च 1727 को इनका देहांत वेस्टमिन्स्टर एब्बे में हो गया था. ये ईसाईयत में विश्वास करते थे. इन्होने बाइबिल के लिए कई शोध, व्याख्या और भविष्यवाणी भी लिखी.

भले ही इस इन्सान को बीते तीन सदिया बीत गई हो आज भी हम उसको उनके कार्यों के लिए याद करते हैं. न्यूटन के बारे में एक रोचक तथ्य यह भी है कि इन्होने आजीवन विवाह नहीं किया था.

न्यूटन के अनमोल वचन (Isaac Newton quotes)

मानव सभ्यता की प्रगति में जिन जिन विभूतियों ने अपना योगदान दिया, दुनिया उनकी मृत्यु के बाद सदियों तक उनके कार्यों के रूप में याद करती हैं. न्यूटन के योगदान को आज प्रत्येक विद्यालय की किताबों में पढ़ाया जाता हैं. उनके कुछ प्रसिद्ध कथन इस प्रकार हैं.

  • अगर मैं यह कहूँ कि मैंने लोगों की तुलना में अधिक देखा और जाना है तो इसका आशय यह है कि मैंने लोगों के कन्धो पर सवार होकर चीजो को समझा और देखा हैं.
  • मैं यह नहीं जानता कि मेरे मरने के बाद संसार मुझे किस तरह देखेगा मगर मैं स्वयं को समुद्र के किनारे खेलते एक बच्चे के रूप में स्वयं को पाता हूँ जो सुलभ मुस्कान लिए खेल रहा हैं, मैं अभी भी पूर्ण सत्य से कोसो दूर हूँ.
  • भले ही आज हम अपनी दीवारों को मजबूत बनाने में लगे हैं मगर अभी भी उन्हें मजबूत करने वाले पुल कम हैं.
  • किसी को करने के प्रति मेरी लग्न ही सफलता हैं मुझमें कोई बड़ी आंतरिक शक्ति नहीं हैं मुझे अन्यों की तरह सामान्य शक्तियाँ मिली हैं.
  • अधिक चीजों और सुविधाओं में सच्चाई नही पाई जाती हैं सच्चाई के दर्शन सादगी में ही मिलते हैं.
  • प्रत्येक क्रिया के विपरीत बराबर मात्रा में प्रतिक्रिया भी होती हैं.
  • मैं एक बेहद साधारण इन्सान हूँ मेरे प्रयोगों ने ही मुझे असाधारण बना दिया.
  • मैं खगोल के पिंड की गिनती तो कर सकता हूँ मगर लोगों के पागलपन की नहीं.
  • कोई वस्तु तभी तक एक सरल रेखा में गतिशील रहेगी जब तक उस पर की बाह्य बल का प्रयोग न किया जाए.
  • मेरे विचार में प्रतिभा को एक शब्द में परिभाषित करना पड़े तो वह शब्द धैर्य हैं.

सर आप बहुत अच्छा लिखते है मै आपकी Daily Reader हूँ आप हमेशा बहुत ही ज्ञान वर्धक जानकारिय शेयर करते है …सर आपका बहुत बहुत धन्यवाद !

Newton male tha or aap thi use kiye hai unke liye

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सर आइज़क न्यूटन की जीवनी | Biography Of Isaac Newton In Hindi

स्कूल की किताबो में आइज़क न्यूटन का जिक्र बहुत बार आया है। इस पोस्ट Information And Biography Of Isaac Newton In Hindi में आइज़क न्यूटन का जीवन परिचय और आविष्कार के बारे में जानने का प्रयास करेंगे। आप जानते हो की न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण बल को समझाया था। दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में न्यूटन पहले नंबर पर आते है। विज्ञान के क्षेत्र में न्यूटन का योगदान कभी भुलाया नही जा सकता है।

आइज़क न्यूटन का जीवन परिचय Biography Of Isaac Newton In Hindi

न्यूटन का जन्म महान वैज्ञानिक गैलेलियो की मृत्यु के वर्ष में हुआ था। 25 दिसम्बर 1642 को क्रिसमस के दिन Newton का जन्म लकाशयर इंगलेंड में हुआ था। न्यूटन का पूरा नाम सर आइज़क न्यूटन  (Sir Isaac Newton) था।

न्यूटन का मन हमेशा से ही गणित में लगता था। वे हमेशा ब्रह्माण्ड के अनसुलझे रहस्यो के बारे में सोचते रहते थे। न्यूटन धार्मिक प्रवृत्ति के इंसान थे और उनका विश्वास ईश्वर में था। न्यूटन के समय केप्लर और गैलेलियो के नियम पढ़ाये जाते थे।

जब तक दुनिया रहेगी न्यूटन को उनके गुरुत्वाकर्षण की खोज के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। न्यूटन की इस खोज ने उनका नाम विज्ञान जगत में हमेशा के लिए अमर कर दिया।

न्यूटन की खोज गुरुत्वाकर्षण बल

एक दिन न्यूटन एक सेब के पेड़ के नीचे बैठे हुए थे कि तभी उनके ऊपर एक सेब आकर गिरा, वेसे तो यह एक साधारण बात थी लेकिन इस धटना से न्यूटन गहन चिंतन में डूब गए और उन्होंने सोचा कि यह सेब नीचे ही क्यों गिरा? और ऊपर की तरफ क्यों नही गया?

धुन के पक्के न्यूटन इसके बाद इस पर रिसर्च करने में लग गए की ऐसी कोनसी शक्ति है जिसकी वजह से सेब धरती की तरफ नीचे आया ना कि आसमान की तरफ ऊपर गया।

कई साल न्यूटन ने इस पर गुरुत्वाकर्षण शोध किया और पता लगाया कि हमारी धरती में एक शक्ति है जो हर चीज को अपनी और खिंचती है। न्यूटन ने इस शक्ति को गुरुत्वाकर्षण बल का नाम दिया। यही एक बल है जिसके कारणवश पृथ्वी सूर्य के चारो तरफ चक्कर लगा रही है और चन्द्रमा अपनी धरती के चारो और चक्कर लगा रहा है।

न्यूटन ने अपने शोध में यह भी बताया कि यह बल दूरी बढ़ने के साथ घटता जाता है। गुरुत्वाकर्षण बल ही है जो ब्रह्माण्ड में स्थिरता प्रदान करता है। इसी बल की वजह ब्रह्माण्ड में तारों की उत्पत्ति हुई और आकाशगंगाऐ बनी। हर ग्रह अपने सूर्य की परिक्रमा इसी बल की वजह से करता है।

यह भी पढ़े – गुरुत्वाकर्षण बल क्या है?

सर आइज़क न्यूटन की खोज (Isaac Newton Discovery Information In Hindi)

1. गुरुत्वाकर्षण की महान खोज के अलावा भी कई ऐसी खोजे थी जिनका श्रेय न्यूटन को जाता है। इनमे से एक खोज प्रकाश के रंगों की थी। न्यूटन ने बताया कि प्रकाश कई रंगों से मिलकर बनता है।

2. न्यूटन के गति के सम्बंध में दिए गए तीन नियम को कौन नही जानता है। गति के यह तीन नियम आधुनिक भोतिकी के आधार स्तम्भ है।

यह भी पढ़े – न्यूटन के गति के नियम

3. आपने गणित में समाकलन और अवकलन तो पढे ही होंगे और आपकी जानकारी के लिये बता देता हु की इन कैलकुलस की खोज न्यूटन ने ही कि थी।

4. न्यूटन ने ही बताया था कि पृथ्वी गोल नही अंडाकार घूमती है और हाँ भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट ने भी यही बताया था।

5. Binomial Theorem तो आपने गणित के विषय मे जरूर पढ़ी होगी, यह प्रमेय न्यूटन की ही देन है।

दुनिया के इस महान वैज्ञानिक का निधन 20 मार्च 1727 को लन्दन में हुआ था।  न्यूटन की खोज आज भी प्रासंगिक है और उनका आज भी उतना ही महत्त्व है जितना उस समय था। गुरुत्वाकर्षण बल को जानने के बाद ही ब्रह्माण्ड को समझ पाए है।

दोस्तों, यह लेख आइज़क न्यूटन की जीवनी Biography Of Isaac Newton In Hindi  आपको कैसी लगी? अगर यह पोस्ट “Information About Isaac Newton In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरुर करना। “न्यूटन के आविष्कार और न्यूटन की जीवनी ” पर आपके विचारो का स्वागत है।

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1 thought on “सर आइज़क न्यूटन की जीवनी | Biography Of Isaac Newton In Hindi”

very inspiring and useful fact.????????

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ISAAC NEWTON by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaमैरी जोसफ़ -MARY JOSEPH

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