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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teacher’s Day Essay in Hindi)

शिक्षक दिवस

जीवन में शिक्षक का किरदार बहुत खास होता है, वे किसी के जीवन में उस बैकग्राउंड म्यूज़िक कि तरह होते हैं, जिसकी उपस्थिति मंच पर तो नहीं दिखती, परंतु उसके होने से नाटक में जान आजाती है। ठीक इसी प्रकार हमारे जीवन मे एक शिक्षक की भी भूमिका होती है। चाहें आप जीवन के किसी भी पड़ाव पर हों, शिक्षक की आवश्यकता सबको पड़ती है। भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन है। वे भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे जो इन पदों पर आसीन होने से पहले एक शिक्षक थे।

शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य | शिक्षक दिवस पर भाषण

शिक्षक दिवस पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Teacher’s Day in Hindi, Shikshak Diwas par Nibandh Hindi mein)

शिक्षक दिवस पर निबंध (250 – 300 शब्द).

ज्ञान, जानकारी और समृद्धि के वास्तविक धारक शिक्षक ही होते है जिसका इस्तेमाल कर वह हमारे उज्जवल जीवन के लिये हमें विकसित और तैयार करते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का हाथ होता है। हमारे माता-पिता की तरह ही हमारे शिक्षक के पास भी ढ़ेर सारी व्यक्तिगत समस्याएँ होती हैं लेकिन फिर भी वह इन सब को दरकिनार कर रोज स्कूल और कॉलेज आते हैं तथा अपनी जिम्मेदारी का अच्छे से निर्वाह करते हैं। कोई भी उनके बेसकीमती कार्य के लिये उन्हें धन्यवाद नहीं देता इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद दें।

शिक्षक दिवस

हर वर्ष 5 सितंबर को हमारे निस्स्वार्थ शिक्षकों को उनके बहुमूल्य कार्य को सम्मान देने के लिये शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधकृष्णन का जन्मदिन है जिन्होंने पूरे भारत में शिक्षकों को सम्मान देने के लिये शिक्षक दिवस के रुप में उनके जन्मदिन को मनाने का आग्रह किया था। उन्हें अध्यापन पेशे से बहुत प्यार था।

हमें शिक्षक दिवस क्यों मनाना चाहिए

हमारे शिक्षक हमें शैक्षणिक दृष्टी से तो बेहतर बनाते ही हैं साथ ही हमारे ज्ञान व विश्वास स्तर को बढ़ाकर नैतिक रुप से भी हमें अच्छा बनाते है। जीवन में अच्छा करने के लिये वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। विद्यार्थियों के द्वारा इस दिन को बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाना चाहिए। विद्यार्थियों को अपने शिक्षकों को उपहार व ग्रीटिंग कार्ड देकर बधाई देना चाहिए।

ये सर्वविदित है कि हमारे जीवन को सँवारने में शिक्षक एक बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। सफलता प्राप्ति के लिये वो हमें कई प्रकार से मदद करते है जैसे हमारे ज्ञान, कौशल के स्तर, विश्वास आदि को बढ़ाते है तथा हमारे जीवन को सही आकार में ढ़ालते है। अत: अपने निष्ठावान शिक्षक के लिये हमारी भी कुछ जिम्मेदारी बनती है।

हम सभी को एक आज्ञाकारी विद्यार्थी के रुप में अपने शिक्षक का दिल से अभिनंदन करने की जरुरत है और जीवनभर अध्यापन के अपने निस्स्वार्थ सेवा के लिये साथ ही अपने अनगिनत विद्यार्थीयों के जीवन को सही आकार देने के लिये उन्हें धन्यवाद देना चाहिये। शिक्षक दिवस हम सभी के लिये उन्हें धन्यवाद देने और अपना एक दिन उनके साथ बिताने के लिये ये एक महान अवसर है।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 2 (400 शब्द)

सभी के लिये शिक्षक दिवस बहुत ही खास अवसर होता है खासतौर से एक शिक्षक और विद्यार्थी के लिये। अपने शिक्षकों को सम्मान देने के लिये विद्यार्थियों द्वारा ये हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रुप में घोषित किया गया है। हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था इसलिये अध्यापन पेशे के प्रति उनके प्यार और लगाव के कारण उनके जन्मदिन पर पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उनका शिक्षा में बहुत भरोसा था साथ ही वह अध्येता, राजनयिक, शिक्षक और भारत के राष्ट्रपति के रुप में भी प्रसिद्ध थे।

शिक्षक और विद्यार्थी के बीच के रिश्तों की खुशी को मनाने के लिये शिक्षक दिवस एक बड़ा अवसर है। आज के दिनों में इसे स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक और विद्यार्थियों के द्वारा बहुत ही खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। अपने विद्यार्थियों से शिक्षकों को ढ़ेर सारी बधाईयाँ मिलती है। आधुनिक समय में शिक्षक दिवस को अलग तरीके से मनाया जाता है। इस दिन विद्यार्थी बहुत खुश होते हैं और अपने तरीके से अपने पसंदीदा शिक्षक को बधाई देते है। कुछ विद्यार्थी पेन, डॉयरी, कार्ड आदि देकर बधाई देते हैं तो कुछ सोशल नेटवर्किंग साईट जैसे फेसबुक, ट्वीटर, या विडीयो ऑडियो संदेश, ई-मेल, लिखित संदेश या ऑनलाइन बातचीत के द्वारा अपने शिक्षक को बधाई देते हैं।

हमारे जीवन में अपने शिक्षकों की अहमियत और जरुरत को हमें महसूस करना चाहिये और उनके कार्यों को सम्मान देने के लिये हमें हर वर्ष शिक्षक दिवस मनाना चाहिये। हमारे जीवन में माता-पिता से ज्यादा शिक्षक की भूमिका होती है क्योंकि वो हमें सफलता की ओर मोढ़ते हैं। शिक्षक अपने जीवन में खुशी और सफल तभी होते हैं जब उनका विद्यार्थी अपने कार्यों से पूरे विश्वभर में नाम कमाता है। हमें अपने जीवन में शिक्षक के द्वारा पढ़ाये गये सभी पाठ का अनुसरण करना चाहिये।

देश में रहने वाले नागरिकों के भविष्य निर्माण के द्वारा शिक्षक राष्ट्र-निर्माण का कार्य करते है। लेकिन समाज में कोई भी शिक्षकों और उनके योगदान के बारे में नहीं सोचता था। लेकिन ये सारा श्रेय भारत के एक महान नेता डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जाता है जिन्होंने अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाने की सलाह दी। 1962 से हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। शिक्षक हमें सिर्फ पढ़ाते ही नहीं है बल्कि वो हमारे व्यक्तित्व, विश्वास और कौशल स्तर को भी सुधारते हैं। वो हमें इस काबिल बनाते हैं कि हम किसी भी कठिनाई और परेशानियों का सामना कर सकें।

Shikshak Diwas par Nibandh – निबंध 3 (500 शब्द)

हमारे जीवन, समाज और देश में शिक्षकों के योगदान को सम्मान देने के लिये हर वर्ष 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाने के पीछे एक बड़ा कारण है। 5 सितंबर को ही भारत के एक महान व्यक्ति, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन था। वो शिक्षा के प्रति अत्यधिक समर्पित थे और एक अध्येता, राजनयिक, भारत के राष्ट्रपति और खासतौर से एक शिक्षक के रुप में जाने जाते थे। एक बार, 1962 में वह भारत के राष्ट्रपति बने तो कुछ विद्यार्थियों ने 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को मेरा जन्म दिन मनाने के बजाय क्यों नहीं इस दिन को अध्यापन के प्रति मेरे समर्पण के लिये शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाये। उनके इस कथन के बाद पूरे भारत भर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।

ये कहा जाता है कि किसी भी पेशे की तुलना अध्यापन से नहीं की जा सकती। ये दुनिया का सबसे नेक कार्य है। पूरे भारत में शिक्षक दिवस के रुप में इस दिन को मनाने के द्वारा 5 सितंबर को अध्यापन पेशे को समर्पित किया गया है। शिक्षकों को सम्मान देने और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को याद करने के लिये हर साल इसे मनाया जाता है। देश के विकास और समाज में हमारे शिक्षकों के योगदान के साथ ही अध्यापन पेशे की महानता को उल्लेखित करने के लिये हमारे पूर्व राष्ट्रपति के जन्मदिवस को समर्पित किया गया है।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को दिया है। वो विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षकों के योगदान और भूमिका के लिये प्रसिद्ध थे। इसलिये वो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने शिक्षकों के बारे में सोचा और हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाने का अनुरोध किया। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था और 1909 में चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में अध्यापन पेशे में प्रवेश करने के द्वारा दर्शनशास्त्र शिक्षक के रुप में अपने करियर की शुरुआत की।

उन्होंने देश में बनारस, चेन्नई, कोलकाता, मैसूर जैसे कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों तथा विदेशों में लंदन के ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में दर्शनशास्त्र पढ़ाया है। अध्यापन पेशे के प्रति अपने समर्पण की वजह से उन्हें अपने बहुमूल्य सेवा की पहचान के लिये 1949 में विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति कमीशन के अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किया गया। 1962 से शिक्षक दिवस के रुप में 5 सितंबर को मनाने की शुरुआत हुई। अपने महान कार्यों से देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को इनका निधन हो गया।

शिक्षक विद्यार्थियो के जीवन के वास्तविक कुम्हार होते हैं जो न सिर्फ हमारे जीवन को आकार देते हैं बल्कि हमें इस काबिल बनाते हैं कि हम पूरी दुनिया में अंधकार होने के बाद भी प्रकाश की तरह जलते रहें। इस वजह से हमारा राष्ट्र ढ़ेर सारे प्रकाश के साथ प्रबुद्ध हो सकता है। इसलिये, देश में सभी शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है। अपने शिक्षकों के महान कार्यों के बराबर हम उन्हें कुछ भी नहीं लौटा सकते हालाँकि, हम उन्हें सम्मान और धन्यावाद दे सकते हैं। हमें पूरे दिल से ये प्रतिज्ञा करनी चाहिये कि हम अपने शिक्षक का सम्मान करेंगे क्योंकि बिना शिक्षक के इस दुनिया में हम सभी अधूरे हैं।

Shikshak Diwas par Nibandh -निबंध – 4 (600 शब्द)

शिक्षक दिवस भारत में प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। पूरे देशभर में इस दिन विद्यालयो को सजाया जाता है और विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। विद्यार्थियों के साथ-साथ ही शिक्षक भी इन कार्यक्रमों में पूरे उमंग के साथ भाग लेते है। यह वह दिन होता है जब हमें अपने स्कूली गतिविधियों से छुट्टी मिलती है, ताकि हम अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा ले सके।

शिक्षक दिवस 5 सितंबर को क्यो मानाया जाता है ?

5 सितंबर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन की जयंती है, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन स्वतंत्र भारत के पहले उप-राष्ट्रपति थे, उन्होंने सन् 1952 ले लेकर 1962 तक उप-राष्ट्रपति के रुप में देश की सेवा की इसके अलावा 1962 से 1967 तक उन्होंने देश के दूसरे राष्ट्रपति के रुप में भी कार्य किया।

डॉ राधाकृष्णनन शिक्षको का काफी सम्मान करते थे। राजनीती में आने से पहले उन्होंने खुद कलकत्ता विश्वविद्यालय, मैसूर विश्वविद्यालय और आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे कई सारे संस्थानो में पढ़ाया था। उन्हे उनके काम के लिए काफी सराहा जाता था और उन्हे उनके छात्रों द्वारा भी काफी पसंद किया जाता था। उनका मानना था कि शिक्षक वह व्यक्ति होता है, जो युवाओ को देश के भविष्य के रुप में तैयार करता है। यही कारण था कि उन्होंने प्रोफेसर का यह दायित्व इतने लगन से निभाया और अपने छात्रों को सदैव अच्छे संस्कार देने का प्रयास किया।

जब वह हमारे देश के राष्ट्रपति बने तब उनके छात्रों नें हर वर्ष उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जताई। इसके जवाब में डॉ राधाकृष्णनन ने कहा कि उन्हे इस बात की अधिक प्रसन्नता होगी यदि उनके छात्र 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाये, तब से लेकर आज तक उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व

शिक्षक दिवस एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है, यह वह दिन है जिसे हम अपने शिक्षको के प्रयासो और कार्यो के सम्मान के रुप में मनाते हैं। शिक्षण का कार्य विश्व के सबसे कठिन कार्यो में से एक है क्योंकि उनके उपर नौजवानो को शिक्षा देने की जिम्मेदारी होती है। उनके कार्यभार में एक पूरी कक्षा के बच्चे होते है और क्योंकि हर विद्यार्थी दूसरे से अलग होता है और उसकी अपनी क्षमता होती है इसलिए यह कार्य और भी कठिन हो जाता है, कुछ विद्यार्थी खेल-कूद में अच्छे होते है तो कुछ गणित में तो वही कुछ का अंग्रेजी में दिलचस्पी होती है। एक अच्छा शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थियों के रुचि को ध्यान में रखता है और उनकी क्षमताओं को पहचानता है। उन्हे उनके विषय या कार्यो के कौशल को निखारने की शिक्षा देता है ओर इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखता है कि उनकी दूसरी गतिविधियां या विषय ना प्रभावित हो।

यही कारण है कि यह दिन शिक्षको को सम्मान और आभार प्रकट करने के लिए समर्पित किया गया है।

विद्यालयों में शिक्षक दिवस का उत्सव

पूरे भारत भर के स्कूलो में शिक्षक दिवस का कार्यक्रम काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन विद्यार्थियों द्वारा अपने पसंदीदा शिक्षको की वेषभूषा धारण करके अपने से निचले कक्षाओं में जाया जाता हैं। इस दिन उन्हे अलग-अलग कक्षाएं दी जाती है जहा वह जाकर पढ़ा सकते है। यह छोटे तथा बड़े सभी तरह के विद्यार्थियों के लिए काफी मजेदार दिन होता है। वह पढ़ाने के साथ ही कई सारी दूसरी गतिविधियों में हिस्सा लेते है। इस दौरान सीनियर छात्र इस बात का ध्यान रखते है कि विद्यालय का अनुशासन बना रहे और इसके लिए जूनियर छात्र उनका सहयोग करते हैं।

कई सारे विद्यालयों में जूनियर छात्रों द्वारा भी शिक्षको का वेष धारण करके उनकी भूमिका निभायी जाती है। इस दौरान बेस्ट ड्रेस और रोल प्ले जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, इसके अलावा अन्य कई तरह के कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं (नृत्य, नाटको का मंचन, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता और भाषण) का आयोजन किया जाता है। सामान्यतः इन कार्यक्रमों का आयोजन दिन के दूसरे पहर में किया जाता है, वही पहले पहर यानी लंच के पहले तक सीनियर छात्रों द्वारा कक्षाए ली जाती है और शिक्षक कक्षाओ में आराम करते है तथा इन सभी गतिविधियों का आनंद लेते है।

इस विशेष दिन छात्र-छात्राएं अपने शिक्षको के लिए ग्रीटिंग कार्ड, फूल और तमाम तरह के कई उपहार लाते है, अपने विद्यार्थीयो से इस तरह के तमाम उपहार पाकर शिक्षक भी काफी प्रसन्नता महसूस करते है।

भारत में शिक्षक दिवस शिक्षको के सम्मान में मनाया जाता है, क्योंकि वह पूरे वर्ष मेहनत करते है और चाहते है कि उनके छात्र विद्यालय और अन्य गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करें। इस दिन पूरे देश भर विद्यालयों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों और शिक्षको के रीश्तों को मजबूत बनाते है। वाकई में यह छात्रों और शिक्षको दोनो के लिए ही एक विशेष दिन होता है।

Essay on Teacher's Day in Hindi

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शिक्षक पर निबंध

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – पहला शिक्षक दिवस भारत में 1962 में मनाया गया था।

उत्तर – नेशनल अवॉर्ड फॉर टीचर्स (National Teachers Award) मेधावी शिक्षकों को दिया जाने वाला राष्ट्रीय पुरस्कार है।

उत्तर – भारत के राष्ट्रपति हर साल 5 सितंबर को शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार वितरित करते हैं।

उत्तर – विश्व शिक्षक दिवस हर साल 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

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Updated On: July 18, 2024 12:10 pm IST

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi)

शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Teachers Day Essay in Hindi in 200 words)

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  • भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।
  • वह एक दार्शनिक, शिक्षक और भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे।
  • एक छात्र के जीवन में शिक्षक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • शिक्षक समाज की रीढ़ हैं।
  • शिक्षक दिवस पर हम अपने शिक्षकों को पुरस्कृत करके या उनके बारे में दो शब्द कहकर उन्हें सम्मान देते हैं।
  • स्कूल और कॉलेजों में शिक्षक दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
  • इस दिन छात्र विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
  • छात्र शिक्षकों के प्रति अपना प्यार व्यक्त करने के लिए शुभकामनाएं और उपहार देते हैं।
  • शिक्षक दिवस शिक्षक और छात्र के बीच विशेष बंधन का उत्सव है।

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डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन (5 सितंबर, 1888) को पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

देश में पहली बार 1962 को शिक्षक दिवस मनाया गया था और तभी से पुरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। इसी साल मई में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने देश के दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाला था। 

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन और शिक्षकों के समाज के प्रति योगदान को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है

हर साल, भारत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को उनके योगदान और उपलब्धियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाता है। 5 सितंबर, 1888 को जन्मे डॉ. राधाकृष्णन ने न केवल भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, बल्कि एक विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित भी थे।

शिक्षक दिवस पर निबंध लिखने की सरल प्रक्रिया इस लेख में बताई गई है, छात्र यहां दिए गए सैंपल का उपयोग करके शिक्षक दिवस पर हिंदी में निबंध लिखना सिख सकते हैं। 

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शिक्षक दिवस पर निबंध 10 lines (Teachers Day Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे

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Teachers Day Essay in Hindi – भारत में शिक्षक शब्द पेशेवर पहचान की अवधि से अधिक है। एक शिक्षक के साथ की भावना बहुत गहरी होती है। यदि हम प्राचीन भारत में झाँकें, तो हम अपने शिष्यों की मान्यताओं को आकार देने में गुरुओं ( शिक्षकों ) की व्यापक भूमिका पा सकते हैं। समय की प्रचंड लहरों से टकराकर भले ही यह परम्परा थोड़ी सी क्षीण हो गयी हो, फिर भी यह परम्परा आज भी विद्यमान है। भारत में, शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का उत्सव पूरे भारत में स्कूलों और कॉलेजों में एक उत्सव का माहौल भर देता है। गतिविधियों में हमारे पसंदीदा शिक्षकों के रूप में भूमिका निभाना, हमारे शिक्षकों को उपहार देना और उनका आभार व्यक्त करना, और हमारे शिक्षकों को सम्मान देने के लिए पार्टियों और भाषणों का आयोजन करना शामिल है।

यदि आप एक छात्र हैं और आने वाले अवसर के लिए शिक्षक दिवस पर निबंध लिखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो आप सही जगह पर आए हैं। इस लेख में उदाहरण के साथ शिक्षक दिवस पर निबंध का उचित प्रारूप और स्वयं निबंध लिखने के टिप्स शामिल हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (Teachers Day Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार और सम्मान दिखाने के लिए शिक्षक दिवस मनाते हैं।
  • 2) यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को एक वार्षिक उत्सव है।
  • 3) जून-जुलाई में हिंदू कैलेंडर में गुरु पूर्णिमा शिक्षक दिवस उत्सव का एक रूप है।
  • 4) दुनिया के हर देश का अपना शिक्षक दिवस होता है।
  • 5) विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को पड़ता है।
  • 6) भारत 1962 से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मना रहा है।
  • 7) इस अवसर पर लोग डॉ राधाकृष्णन और अन्य उल्लेखनीय विद्वानों की मूर्तियों को सजाते हैं।
  • 8) शिक्षक अपने नियमित कार्य से एक दिन की छुट्टी लेते हैं।
  • 9) पूरे भारत के छात्र इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।
  • 10) छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं और सम्मान के प्रतीक के रूप में उन्हें उपहार देते हैं।

इनके बारे मे जाने

शिक्षक दिवस निबंध का प्रारूप (Format of Teachers Day Essay in Hindi)

किसी भी विशिष्ट निबंध विषय की तरह, शिक्षक दिवस निबंध प्रारूप में निम्नलिखित भाग होते हैं:

  • परिचयात्मक भाग : इस भाग को विषय का मूल सार प्रदान करना चाहिए, यहाँ विषय पर तथ्यात्मक जानकारी प्रदान करने की सिफारिश की गई है।
  • निबंध का मुख्य भाग : यहाँ, आपको निबंध विषय के बारे में विवरण देना है। निबंध विषय ‘शिक्षक दिवस’ के मामले में आप एक शिक्षक का महत्व, देश में शिक्षक दिवस क्यों और कैसे मनाया जाता है, और अपने स्वयं के अनुभवों का उल्लेख करें।
  • निष्कर्ष : अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए निबंध का अंत करें।

शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्द (Teachers Day Essay 100 words in Hindi)

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे शिक्षक हमारे जीवन में एक महान और सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमारे ज्ञान, कौशल स्तर, आत्मविश्वास में सुधार करने में हमारी मदद करते हैं और साथ ही सफलता पाने के लिए हमें सही आकार में आकार देते हैं। इसलिए, हमारी भी अपने निष्ठावान शिक्षकों के प्रति कुछ जिम्मेदारियां हैं। हम सभी को एक आज्ञाकारी छात्र के रूप में दिल से स्वागत करने की जरूरत है और जीवन भर शिक्षाओं की उनकी निस्वार्थ सेवा के साथ-साथ विभिन्न छात्रों के जीवन को आकार देने के लिए उन्हें इच्छापूर्ण धन्यवाद देना चाहिए। शिक्षक दिवस (जो साल में एक बार 5 सितंबर को मनाया जाता है) हमारे लिए उनके साथ एक दिन बिताने और धन्यवाद कहने का एक शानदार मौका है।

शिक्षक दिवस पर निबंध 150 शब्द (Teachers Day Essay 150 words in Hindi)

हमारे अध्ययन, समाज और देश में शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण है। 5 सितंबर को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन नाम के एक महान व्यक्ति की जयंती है। वह शिक्षा के प्रति अत्यधिक समर्पित थे और विद्वान, राजनयिक, भारत के राष्ट्रपति और सबसे महत्वपूर्ण रूप से एक शिक्षक के रूप में जाने जाते थे।

एक बार, जब वे 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने, तो कुछ छात्रों ने उनसे 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से मेरे जन्मदिन के रूप में मनाने के बजाय क्यों न इसे शिक्षक दिवस के रूप में अध्यापन पेशे के प्रति मेरे समर्पण के रूप में मनाया जाए। उनके इस बयान के बाद से पूरे भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हो गई है.

शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्द (Teachers Day Essay 200 words in Hindi)

शिक्षक दिवस हर साल एक महान व्यक्ति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। वे अध्यापन के पेशे के प्रति अत्यधिक समर्पित थे। ऐसा कहा जाता है कि, एक बार कुछ छात्रों ने उनसे संपर्क किया और 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया। और उन्होंने जवाब दिया कि इसे केवल मेरे जन्मदिन के रूप में मनाने के बजाय, आपको सभी शिक्षकों को उनके महान कार्यों और योगदान के लिए सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस के रूप में मनाना चाहिए। शिक्षक देश के भविष्य के निर्माण के वास्तविक निर्माता हैं अर्थात वे छात्रों के जीवन को आकार देते हैं जो अंततः देश का भविष्य हैं।

शिक्षक देश में रहने वाले नागरिकों के भविष्य का निर्माण कर राष्ट्र निर्माता हैं। लेकिन शिक्षकों और उनके योगदान के बारे में सोचने वाला समाज में कोई नहीं था। इसका पूरा श्रेय भारत के केवल एक नेता राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जाता है जिन्होंने हमें उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की सलाह दी। 1962 से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे शिक्षक न केवल हमें विषयों के बारे में पढ़ाते हैं, बल्कि वे हमारे व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और कौशल स्तर में भी सुधार करते हैं। वे हमें जीवन भर किसी भी समस्या या कठिनाई से उबरने में सक्षम बनाते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध 250 शब्द (Teachers Day Essay 250 words in Hindi)

शिक्षक ज्ञान, ज्ञान और समृद्धि के वास्तविक धारक होते हैं जिनका उपयोग करके वे हमें हमारे जीवन के लिए पोषण और तैयार करते हैं। वे हमारे जीवन में दीपक जलाने के स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। यह हमारे शिक्षक हैं जो हमारी सफलता के पीछे खड़े हैं। बाहर के शिक्षकों को भी हमारी और हमारे माता-पिता की तरह ही दैनिक दिनचर्या की बहुत सारी समस्याएं होती हैं लेकिन वे हमेशा अपने शिक्षण पेशे को शीर्ष पर रखते हैं और अपनी नौकरी की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए स्कूलों या कॉलेजों में जाते हैं। कोई भी उन्हें उनके अमूल्य काम के लिए धन्यवाद नहीं कहता। इसलिए, छात्रों के रूप में हमारे शिक्षकों के प्रति हमारी कुछ जिम्मेदारी है कि हम कम से कम साल में एक बार उन्हें धन्यवाद कह सकें।

हमारे निस्वार्थ शिक्षकों और उनके अमूल्य कार्य को सम्मान देने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है जिन्होंने पूरे भारत में शिक्षकों का सम्मान करने के लिए अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया था। उन्हें अध्यापन के पेशे से बड़ा लगाव था। हमारे शिक्षक हमारे ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ाकर हमें अकादमिक रूप से अद्भुत और नैतिक रूप से अच्छा बनाते हैं। वे हमेशा हमें जीवन में बेहतर करने के लिए हर संभव असंभव कार्य को करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। शिक्षक दिवस छात्रों द्वारा बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। वे कहते हैं कि उन्हें मौखिक रूप से या ग्रीटिंग कार्ड के माध्यम से ढेर सारी शुभकामनाएं दें।

शिक्षक दिवस पर निबंध 300 शब्द

शिक्षक दिवस सभी के लिए विशेष रूप से शिक्षकों और छात्रों के लिए एक बहुत ही खास अवसर होता है। यह हर साल 5 सितंबर को छात्रों द्वारा अपने शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया गया है। हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर को हुआ था, इसलिए भारत में शिक्षक दिवस उनके जन्मदिन पर मनाया जाता है क्योंकि शिक्षण पेशे के प्रति उनके प्यार और स्नेह के कारण। वह शिक्षा में बहुत विश्वास करते थे और विद्वान, राजनयिक, शिक्षक और भारत के राष्ट्रपति के रूप में अत्यधिक प्रसिद्ध थे।

शिक्षक दिवस शिक्षकों और छात्रों के बीच के रिश्ते को मनाने और आनंद लेने का एक शानदार अवसर है। अब एक दिन, यह छात्रों और शिक्षकों दोनों द्वारा स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बड़े उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है। शिक्षकों को अपने छात्रों की ओर से लंबी उम्र की ढेर सारी शुभकामनाएं दी जाती हैं। आधुनिक समय में शिक्षक दिवस मनाने की रणनीति मानक रही है।

छात्र इस दिन बहुत खुश होते हैं और अपने पसंदीदा शिक्षकों को बधाई देने के तरीके की योजना बनाते हैं। कुछ छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को उपहार, ग्रीटिंग कार्ड, पेन, डायरी आदि देकर शुभकामनाएं देते हैं। कुछ छात्र अपने शिक्षकों को ऑडियो संदेश, ईमेल, वीडियो संदेश, लिखित संदेश, ऑनलाइन चैट, फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया वेबसाइटों के माध्यम से भेजकर शुभकामनाएं देते हैं। , आदि। कोई सिर्फ “हैप्पी टीचर्स डे” कहे मौखिक रूप से।

हमें अपने जीवन में अपने शिक्षकों की आवश्यकता और मूल्य का एहसास करना चाहिए और महान कार्य के लिए उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल शिक्षक दिवस मनाना चाहिए। शिक्षक हमारे माता-पिता से बढ़कर हैं जो हमारे मन को सफलता की ओर ढालते हैं। वे खुश रहते हैं और जीवन में अपनी सफलता तभी प्राप्त करते हैं जब उनके समर्पित छात्र आगे बढ़ते हैं और अपनी गतिविधियों के माध्यम से दुनिया भर में शिक्षकों का नाम फैलाते हैं। हमें अपने जीवन में अपने शिक्षकों द्वारा सिखाए गए सभी अच्छे पाठों का पालन करना चाहिए।

शिक्षक दिवस के लिए लघु निबंध (Short Essay on Teacher’s Day)

हर साल पांच सितंबर को देश भर के स्कूल और कॉलेज भारत में शिक्षक दिवस समारोह आयोजित करते हैं। यह हमारे जीवन में शिक्षकों की कड़ी मेहनत और प्रभाव की सराहना करने का दिन है।

शिक्षक वे हैं जो अपने छात्रों के लिए ज्ञान और सहानुभूति रखते हैं। एक छात्र की सफलता के पीछे सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति उसका शिक्षक होता है। शिक्षकों की मदद और मार्गदर्शन के बिना, छात्र अपने जीवन के बारे में जाने और समझ नहीं पाएंगे। हम पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं क्योंकि यह भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन का जन्मदिन है। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो बच्चों से प्यार करते थे और उन्हें प्यार करते थे। डॉ. राधाकृष्णन एक शिक्षक के रूप में काम करेंगे, और छात्र उन्हें प्यार करते थे। शिक्षक प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव छोड़ते हैं। वे आपकी मदद करते हैं, आपको प्रेरित करते हैं, और आपको अपना सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

शिक्षक दिवस शिक्षक और छात्र के जीवन में सबसे यादगार दिनों में से एक है। यह एक ऐसा दिन है जब शिक्षक आराम कर सकते हैं और अपने साथी शिक्षकों से बात कर सकते हैं, पूरे वर्ष के विपरीत जब वे हर दिन कई घंटे कड़ी मेहनत करते हैं। वे स्कूल के समय के दौरान और स्कूल का समय समाप्त होने के बाद भी काम करते हैं। अलग-अलग स्कूल अलग-अलग तरीके से शिक्षक दिवस मनाते हैं। बच्चे इस दिन अपने शिक्षकों को मनाने और उनकी सराहना करने के लिए कई तरह के काम करते हैं।

अपने शिक्षकों की सराहना करने का दिन है

प्रत्येक छात्र को अपने गुरु की कद्र और कद्र करनी चाहिए। प्रत्येक शिक्षक आपकी मदद करने के लिए हर दिन कई त्याग करता है। शिक्षक आपके जीवन के उन लोगों में से एक हैं जो हमेशा आपको किसी और चीज से पहले रखेंगे।

टीचर्स की तरह ड्रेसअप हुए स्टूडेंट्स

हर स्कूल में शिक्षक समारोह आयोजित करने का एक अलग तरीका होता है। छात्रों द्वारा दिवस मनाने के तरीकों में से एक तरीका शिक्षकों का प्रतिरूपण करना है। हाई स्कूल के छात्र अपने शिक्षकों की तरह तैयार होते हैं।

वे अपने शिक्षकों के लिए नाटक प्रस्तुत करते हैं और साथ ही अन्य विषयों को पढ़ाने के लिए विभिन्न कक्षाओं में जाते हैं। यह शिक्षक दिवस समारोह के सबसे अच्छे हिस्सों में से एक है। छात्र अपने शिक्षकों का प्रतिरूपण करने के लिए उत्सुक हैं, और शिक्षक इन नाटकों को देखने के लिए उत्सुक हैं।

प्रत्येक छात्र एक विशेष शिक्षक की तरह तैयार होते हैं, कुछ साड़ी पहनते हैं, और कुछ औपचारिक पैंट और शर्ट पहनते हैं। छात्र जिस शिक्षक का प्रतिरूपण कर रहे हैं, उसके कपड़ों से मेल खाने की पूरी कोशिश करते हैं। कनिष्ठ कक्षाओं को वरिष्ठ छात्रों द्वारा लिए गए कक्षा सत्रों के लिए बैठना पड़ता है। यह नियमित शिक्षण से अलग है। कक्षा में अन्य छात्र अतिरिक्त गतिविधियाँ करते हैं।

शिक्षक दिवस मनाने के अलग-अलग तरीके हैं। आमतौर पर, हाई स्कूल के छात्र शिक्षक दिवस के लिए विभिन्न कार्य करने की पहल करते हैं।

  • My Teacher Essay
  • Myself Essay
  • Water Pollution Essay

शिक्षक दिवस पर निबंध 500 शब्द

सबसे पहले तो सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के शुभ अवसर पर मनाया जाता है। वे एक महान नेता, विद्वान और शिक्षक थे। हम इस दिन को हर दिन डॉ. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देने और अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और प्यार दिखाने के लिए मनाते हैं। इस दिन छात्र शिक्षकों के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। सबसे आम घटनाएं भाषण, नृत्य और गायन प्रतियोगिताएं और संबंधित शिक्षकों की मिमिक्री हैं। कुछ छात्र शिक्षकों का मनोरंजन करने के लिए अपने शिक्षकों की तरह कपड़े भी पहनते हैं। यह दिन प्यार और हंसी के साथ मनाया जाता है। यह बच्चों के लिए शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करने का एक तरीका है। छात्र अपने पसंदीदा शिक्षक के लिए उपहार भी लाते हैं। इस दिन शिक्षकों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया जाता है।

शिक्षक हर व्यक्ति के जीवन की रीढ़ होते हैं। शिक्षक ही है जो छात्रों को जीवन का नया अर्थ सिखाता है। वे हमें सही रास्ता दिखाते हैं और कुछ भी गलत करने से रोकते हैं। वे बाहर से देख सकते हैं लेकिन वे प्रत्येक छात्र की देखभाल करते हैं और उनके विकास की कामना करते हैं। उस छात्र को मत भूलो जो अपने शिक्षकों का सम्मान नहीं करता, जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ता। शिक्षक छात्र के व्यक्तित्व को ढालते हैं। वे एकमात्र निःस्वार्थ व्यक्ति हैं जो खुशी-खुशी बच्चों को अपना सारा ज्ञान देते हैं।

डॉ. राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे जिन्हें हर कोई प्यार करता था। उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने कॉलेज पूरा किया और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में प्रोफेसर बन गए। वह हैरिस मैनचेस्टर कॉलेज में प्राचार्य और आंध्र विश्वविद्यालय में कुलपति बने। वह भारत के पहले दार्शनिक और उपराष्ट्रपति भी थे। वह 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति बने। उन्होंने लगभग 16 वर्षों तक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में नैतिकता की शिक्षा दी। उनका मानना ​​था कि शिक्षा केवल किताबों से नहीं आती। ज्ञान प्राप्त करना पेशेवर और अकादमिक से बहुत दूर है।

दुनिया के अन्य महान शिक्षकों ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। अरस्तू का जीवन हमें अच्छे शिक्षार्थी बनना और कभी भी सीखना बंद नहीं करना सिखाता है। गौतम बुद्ध एक राजकुमार के रूप में पैदा हुए थे लेकिन उन्होंने ज्ञान के जीवन के लिए सभी विलासिता को छोड़ दिया। एम्मा विलार्ड जो एक महिला अधिकार कार्यकर्ता थीं, हमें अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना और उससे कभी डरना नहीं सिखाती हैं। सावित्रीबाई फुले एक कवियित्री और भारतीय समाज सुधारक थीं। उसने हमें सभी के साथ समान और सम्मान के साथ व्यवहार करना सिखाया।

शिक्षक के मार्गदर्शन के बिना हम अपने भविष्य की कल्पना नहीं कर सकते। वे हमारे भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए खुद को जलाते हैं। इस दिन आइए हम दुनिया के सभी महान शिक्षकों को याद करें और उनसे कुछ सीखें। हम प्रत्येक छात्र के साथ धैर्य रखने और प्रत्येक छात्र की कमजोरियों पर काम करने के लिए शिक्षकों को धन्यवाद देते हैं। आपके मार्गदर्शन के बिना हम अधूरे हैं। आपके समर्थन और प्यार के लिए धन्यवाद।

शिक्षक दिवस पर निबंध- क्या करें और क्या न करें

  • परिचय खंड में बहुत अधिक न लिखें।
  • निबंध को सभी के लिए पठनीय बनाएं।
  • लंबी कहानियों को नजरअंदाज करने की कोशिश करें।
  • निबंध में प्रश्न न पूछें।
  • जीवंत उदाहरण देने का प्रयास करें।
  • ऐसा कुछ भी न लिखें जो विषय से संबंधित न हो।
  • ऊपर बताए गए उचित प्रारूप में एक निबंध लिखें।
  • ट्रांज़िशन शब्दों का प्रयोग करने की कोशिश करें जैसे इसलिए, तथापि, सब से ऊपर आदि।

हमने आपको एक अच्छा, आसान और पठनीय निबंध देने की कोशिश की है। यदि आप हमारे निबंधों को रोचक पाते हैं या शिक्षक दिवस निबंध के बारे में कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो हमें कमेंट सेक्शन में बताएं।

शिक्षक दिवस पर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है.

भारत में, शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है जबकि शेष विश्व के लिए यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस घोषित किया है।

शिक्षक दिवस पर अपने शिक्षक को देने के लिए उपयुक्त उपहार क्या है?

एक लंबी सूची है जो आपके शिक्षक के लिए एक अच्छे उपहार के रूप में काम करेगी। किताबें, डायरी, कलम, हस्तनिर्मित ग्रीटिंग कार्ड, डेस्क आयोजक, एक छोटे पौधे (अधिमानतः इनडोर पौधे), फूल और चॉकलेट अच्छे शिक्षक दिवस के उपहार होंगे।

शिक्षक दिवस पर हम अपने शिक्षकों के लिए कौन सी विशेष गतिविधि की योजना बना सकते हैं?

शिक्षक दिवस पर, आप अपने शिक्षकों के लिए विभिन्न विशेष गतिविधियों की योजना बना सकते हैं जैसे कि एक कार्यक्रम आयोजित करना, क्लास पार्टी करना, आभार व्यक्त करने वाला एक व्यक्तिगत वीडियो बनाना, उपहार देना और ग्रीटिंग कार्ड देना आदि।

भारत 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाता है?

भारत 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाता है जो डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन भी है। इस दिन, भारत का पूरा देश डॉ. एस राधाकृष्णन को याद करता है और हमारे सभी शिक्षकों का सम्मान करता है।

शिक्षक हमारे जीवन में इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं?

शिक्षक हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों में से एक हैं क्योंकि वे हमारी वास्तविक क्षमता को सामने लाने में मदद करते हैं। शिक्षक हमारे ज्ञान, दावे, व्यक्तित्व और मानसिकता में योगदान करते हैं। एक शिक्षक का वास्तविक मूल्य हमेशा कम आंका जाता है। और इसलिए, हमें उनके प्रति अपना आभार प्रकट करने का अवसर कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

Chhoti Badi Baatein

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teacher’s Day Essay in Hindi)

Short and Long Essay on Teacher’s Day in Hindi – भारत में हर साल 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन की स्मृति में “शिक्षक दिवस” के रूप में मनाया जाता है। वह भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे जो इन पदों पर रहने से पहले एक शिक्षक थे।

आज के इस आर्टिकल में हम शिक्षक दिवस पर निबंध (Shikshak Diwas Par Nibandh Hindi Mein) प्रस्तुत करने जा रहे हैं। यह छोटे-बड़े हिंदी निबंध सभी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।

Table of Contents

शिक्षक दिवस पर निबंध – 1 (100 शब्द)

शिक्षक दिवस हमारे गुरु के सम्मान में मनाया जाता है जो हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन को ज्ञान एवं नैतिक मूल्यों से सुसज्जित करते हैं। शिक्षक का संघर्षपूर्ण प्रयास विद्यार्थियों को निष्ठावान, उत्कृष्ट एवं सशक्त नागरिक बनाता है।

शिक्षक अपनी उन्नत सोच और अनुभवों से प्रेरणा के अनूठे स्रोत होते हैं। उनका मार्गदर्शन हमें विद्यार्थी जीवन को उच्चतम स्तर पर ले जाने की प्रेरणा देता है। हमें सदैव शिक्षकों के प्रति आभारी रहना चाहिए और उनके महत्वपूर्ण योगदान को उचित न्याय देना चाहिए।

शिक्षकों को उनके संघर्षपूर्ण प्रयासों के लिए आदर और सम्मान दिया जाना चाहिए, ताकि हमारे समाज का शिक्षा क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़ सके।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 2 (200 शब्द)

शिक्षक दिवस का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह गुरु के प्रति हमारे समर्पण और सम्मान की भावना को प्रकट करता है। हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है ताकि हम शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को समझ सकें।

शिक्षक हमारे समाज के मौलिक नेतृत्व के रूप में कार्य करते हैं, जो छात्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि नैतिक मूल्यों, सामाजिक साक्षरता और व्यक्तिगत विकास को भी प्रोत्साहित करते हैं।

शिक्षक छात्रों की अद्भुत क्षमता को पहचानते हैं और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। शिक्षकों का यह अद्वितीय योगदान हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण है और हमें उनके प्रति आभारी और सम्माननीय रहना चाहिए।

समाज के नेतृत्व में शिक्षक भी अहम भूमिका निभाते हैं, जिनसे नई पीढ़ी को ज्ञान मिलता है। समाज के लिए प्रेरणा बनने का उनका कार्य बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे सामाजिक जीवन को मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करने में सक्षम हैं।

शिक्षकों के सामर्थ्य और प्रेरणा से ही हम उच्चतम स्तर पर पहुंच सकते हैं। शिक्षक दिवस पर हमें शिक्षकों के प्रति अपना आभार और सम्मान व्यक्त करना चाहिए, उनके महत्वपूर्ण कार्यों को पहचानना चाहिए और उनके प्रयासों की सराहना करनी चाहिए।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 3 (300 शब्द)

हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जो शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने का अवसर होता है। सभ्य समाज के निर्माण में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे न केवल ज्ञान बल्कि नैतिकता और आदर्श भी प्रदान करते हैं। 

शिक्षक विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। उनके मार्गदर्शन में ही छात्र जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उनका संघर्षपूर्ण प्रयास छात्रों को संघर्ष और कठिनाई का सामना करने की क्षमता देता है। शिक्षकों के दृढ़ विश्वास और समर्पण के कारण ही हमारे समाज में उच्च शिक्षा स्थापित हुई है।

शिक्षक ज्ञान को समाज के संघर्षशील स्तर पर प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे छात्रों के शैक्षणिक और नैतिक विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उनकी कड़ी मेहनत, प्रेरणा और दृढ़ संकल्प से ही छात्र अपने लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

शिक्षक न केवल ज्ञान हैं बल्कि छात्रों के जीवन में आदर्श और नैतिकता के प्रतीक भी हैं। हमें उनका आभारी होना चाहिए और शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को समझना चाहिए।

शिक्षक दिवस पर हमें उनके संघर्षपूर्ण प्रयासों की सराहना करनी चाहिए और उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहिए। यह हमारे लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान को पहचानने और समाज में उनका समर्थन करने में सहयोग करने का यह एक अवसर है।

अंत में, शिक्षक दिवस हमें सिखाता है कि शिक्षकों के बिना समृद्ध और सशक्त समाज की कोई संभावना नहीं है। इस दिन हम उन्हें सम्मानित करते हैं और हमारे समाज में उनके महत्वपूर्ण योगदान को समझने के लिए उनके संघर्षों की प्रशंसा करते हैं।

शिक्षक दिवस पर हम एक विशेष प्रस्तावना या कार्यक्रम का आयोजन कर सकते हैं जिसमें छात्र गायन, नृत्य, नाटक आदि के माध्यम से अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त कर सकते हैं और उनके लिए कुछ विशेष सम्मान प्रस्तुत कर सकते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 4 (400 – 500 शब्द)

प्रस्तावना:

शिक्षक ज्ञान, जानकारी और समृद्धि के वास्तविक धारक होते हैं जिनका उपयोग करके वे हमें विकसित करते हैं और हमारे उज्ज्वल जीवन के लिए तैयार करते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे माता-पिता की तरह हमारे शिक्षक का भी हाथ होता है। इसलिए एक छात्र होने के नाते शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम साल में कम से कम एक बार उन्हें धन्यवाद दें।

भारत में शिक्षक दिवस:

शिक्षकों को उनके बहुमूल्य कार्यों के लिए सम्मानित करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितम्बर हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है, जिसे शिक्षकों के सम्मान में “शिक्षक दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

भारत में शिक्षक दिवस की शुरुआत:

भारत में शिक्षक दिवस की शुरुआत 1962 में हुई थी, जब दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन मनाया गया और यही दिन उनके राष्ट्रपति रहने के दौरान शिक्षा में उनकी मार्गदर्शक भूमिका को समर्पित किया गया।

डॉ. राधाकृष्णन संगीत, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व रहे हैं और उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान से बड़ी संख्या में लोगों को प्रेरित किया है।

देश में शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाना चाहिए?

शिक्षक दिवस मनाने के कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जो हमें सिखाते हैं कि हमारे जीवन को सही दिशा देने के लिए शिक्षक क्यों महत्वपूर्ण हैं और उनके प्रति हमारी कृतज्ञता और समर्पण की भावना क्यों आवश्यक है।

शिक्षकों के समर्पण और योगदान की सराहना करने के लिए शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। शिक्षक छात्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके समर्पण की मान्यता से उनकी प्रेरणा और उत्साह बढ़ता है।

शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षा का महत्व केवल पढ़ाई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विचारशीलता, सामाजिक सद्भाव और नैतिकता विकसित करने में भी है। शिक्षक दिवस के माध्यम से हम शिक्षकों के समर्पण और प्रेम की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हैं।

इससे हमें यह एहसास होता है कि शिक्षक न केवल पढ़ाने के लिए हैं, बल्कि वे छात्रों को सशक्त नागरिक बनाने और जीवन के ध्येय को पूरा करने में भी योगदान देते हैं। इस प्रकार, शिक्षक दिवस हमें यह सिखाता है कि शिक्षकों का योदान सिर्फ किताबें पढ़ाना नहीं है बल्कि इससे बहुत अधिक है। 

शिक्षक दिवस के अवसर पर छात्र अपने शिक्षकों के प्रति अपना आभार और समर्पण व्यक्त कर सकते हैं। शिक्षक दिवस शिक्षा के महत्व को संवेदनशीलता से समझाने का अवसर भी प्रदान करता है। शिक्षा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम है और शिक्षक इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

यह अवसर छात्रों और शिक्षकों के बीच एक गहरा बंधन बुनता है और उनके आदर्शों को प्रेरित करता है। इस दिन के अवसर पर छात्रों को अपने शिक्षकों को उपहार और ग्रीटिंग कार्ड देकर बधाई देनी चाहिए।

शिक्षक दिवस समाज में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका स्थापित करता है और उनके संघर्ष, प्रेरणा और समर्पण की प्रशंसा करता है। यह दिन छात्रों के लिए अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और समर्पण व्यक्त करने का एक अवसर है और वे अपने शिक्षकों के प्रति गहरी भक्ति की भावना महसूस करते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 5 (500 – 700 शब्द)

शिक्षक समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों में से एक होते हैं। वे न केवल ज्ञान के स्रोत होते हैं बल्कि छात्रों के विकास के प्रति उनके समर्पण और सहयोग के लिए भी मूल्यवान होते हैं। शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और समर्पण की भावना व्यक्त करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है।

शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका:

समाज के विकास और समृद्धि के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है और इसका मुख्य आधार शिक्षक हैं। शिक्षक एक मार्गदर्शक, प्रेरणास्रोत और ज्ञान प्रदाता होते हैं। 

शिक्षक समाज के नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे छात्रों को न केवल विभिन्न विषयों में ज्ञान प्रदान करते हैं बल्कि उनके व्यक्तिगत और आदर्श विकास में भी मदद करते हैं। शिक्षक छात्रों को नैतिक मूल्यों को विकसित करने और उन्हें समाज के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करने के लिए महत्वपूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।

शिक्षक न केवल पाठ्यक्रम को पूरा कराते हैं, बल्कि छात्रों की रूचियों, प्रतिभाओं, और गुणों के प्रति समझदारी से प्रतिक्रिया करके उनके विकास को प्रोत्साहित करते हैं। वे छात्रों को उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें खुद को साबित करने के लिए सशक्त बनाते हैं।

शिक्षक दिवस का इतिहास:

भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। शिक्षक दिवस का आयोजन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर होता है, जो भारतीय समाज में शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाने जाते हैं। 

शिक्षा के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियाँ विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं और उनका योगदान आज भी हमारे समाज के उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों में दिखाई देता है। यह दिन उन महान व्यक्तियों को समर्पित है जो हमें ज्ञान, मार्गदर्शन और नैतिक मूल्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं।

शिक्षक दिवस का महत्व:

शिक्षकों के समर्पण और महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। यह एक ऐसा अवसर है जब छात्र समाज के विभिन्न क्षेत्रों से उपलब्ध शिक्षकों के प्रति अपनी कृतज्ञता और समर्पण की भावना व्यक्त कर सकते हैं।

साथ ही, शिक्षक दिवस छात्रों को अपने शिक्षकों के समर्थन में सामाजिक सहयोगी बनने के लिए प्रेरित करता है। शिक्षकों के प्रति समर्पण और कृतज्ञता की भावना से समाज में खुशहाली आती है। ये वे मार्गदर्शक हैं जो हमें सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

शिक्षक दिवस मनाने के तरीके:

शिक्षक दिवस मनाना शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने का एक शानदार तरीका है। निम्नलिखित कुछ आदर्श तरीके हैं जिनसे आप शिक्षक दिवस मना सकते हैं:

  • शिक्षकों का सम्मान: शिक्षकों के सम्मान और सराहना के लिए एक विशेष समारोह का आयोजन करें, जैसे सम्मान समारोह, पुरस्कार समारोह और आदि।
  • विशेष कार्यक्रमों का आयोजन: शिक्षक दिवस के अवसर पर स्कूलों और कॉलेजों में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करें, जिसमें छात्र गायन, नृत्य, नाटक आदि के माध्यम से अपने शिक्षकों के समर्थन में आगे आ सकें।
  • शिक्षक के प्रति आभार व्यक्त करना: छात्र अपने शिक्षकों को उपहार, ग्रीटिंग एवं धन्यवाद
  • अपना आभार व्यक्त करें: आप शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनके प्रति अपना आभार व्यक्त कर सकते हैं। देकर और उनके संघर्षों की सराहना करके उनके प्रति अपना आभार और समर्पण व्यक्त करते हैं।
  • शिक्षकों की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में बताएं: स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को शिक्षकों की महत्वपूर्ण उपलब्धियों से अवगत कराया जा सकता है ताकि वे उनके योगदान को समझ सकें।
  • सोशल मीडिया पर उपलब्धि: सोशल मीडिया पर भी शिक्षक दिवस मनाने पर विचार करें, जहां आप समय-समय पर उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को साझा कर सकते हैं।
  • शिक्षकों की सफलताएँ साझा करें: छात्रों और उनके माता-पिता को शिक्षकों की सफलताएँ, जैसे कि उनके संघर्ष और उच्चतम मानकों वाली सफलता की कहानियाँ, साझा करने का अवसर दें।
  • कृतज्ञता पत्रिकाएँ: छात्र कृतज्ञता पत्रिकाएँ तैयार कर सकते हैं और उन्हें अपने शिक्षकों को प्रस्तुत कर सकते हैं, जिसमें उनकी प्रेरणादायक बातों की सराहना की जाएगी।
  • समाज में शिक्षकों के योगदान की सराहना: शिक्षक दिवस के दौरान समाज में शिक्षकों के योगदान की प्रशंसा करने के लिए सार्वजनिक समारोहों का आयोजन किया जा सकता है।
  • विचार-मंथन सत्र: शिक्षक दिवस के अवसर पर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच एक विचार-मंथन सत्र आयोजित करने पर विचार करें, जिसमें शिक्षा के मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
  • दान या सेवा: छात्र और माता-पिता सामुदायिक सेवा परियोजना में शामिल होकर शिक्षकों का समर्थन करने में योगदान दे सकते हैं।
  • सामाजिक सेवा: शिक्षक छात्रों के साथ किसी सामाजिक सेवा परियोजना, जैसे पुस्तक वितरण या स्वच्छता अभियान में शामिल हो सकते हैं। इससे उनका सहयोग तो होगा ही, समाज को भी लाभ होगा।

शिक्षक दिवस हमें सिखाता है कि शिक्षा का महत्व केवल पढ़ाई में ही नहीं है, बल्कि उनके व्यक्तित्व, नैतिकता और समाज में उनकी भूमिका के महत्व को समझने में भी मदद करता है।

शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य हिंदी में (10  Lines on Teacher’s Day in Hindi)

  • भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जो शिक्षकों के शिक्षा को याद दिलाने का दिन है।
  • शिक्षक हमारे जीवन में मार्गदर्शक, ज्ञान-स्रोत और प्रेरणा स्रोत होते हैं।
  • शिक्षक हमें न केवल शिक्षा देते हैं, बल्कि यह भी सिखाते हैं कि कैसे जीवन में सही मार्ग पर चलना है।
  • उनका संघर्ष और समर्पण हमें नई ऊँचाइयों की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है।
  • शिक्षक हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और नेतृत्व कौशल को विकसित करते हैं।
  • उनका मार्गदर्शन हमें नेतृत्व, साहस और सहयोग की महत्वपूर्ण बातें सिखाता है।
  • शिक्षक शिक्षा संस्थान के भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं जो नई पीढ़ियों को तैयार करते हैं।
  • इस दिन हमें अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और समर्पण का अभिवादन करना चाहिए।
  • शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि उनके योगदान के बिना हमारा शिक्षा संचार अधूरा होता।
  • हमें उनके संघर्ष और समर्पण की मूर्ति के रूप में शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए, और उनके प्रति हमारी आभारी भावना को व्यक्त करना चाहिए।

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शिक्षक दिवस पर निबंध

Teachers Day Essay in Hindi

विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक का एक विशेष स्थान होता है। राष्ट्र के भविष्य को सवारने में शिक्षको की महत्त्व भूमिका होती है, उनके की सहायता से एक आदर्श नागरिक का जन्म होता है।

5 सितंबर को हमारे देश में शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, वहीं आज की युवा पीढी को शिक्षकों के महत्व को समझाने एवं गुरु-शिष्य के अनूठे रिश्ते की परंपरा को कायम रखने के लिए आजकल स्कूल-कॉलेजों में इस विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती है, या फिर कई बार परीक्षा में इस दिवस पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।

जीवन में शिक्षक के महत्त्व को समझने के लिए विभिन्न शब्दों एवं आसान और सरल शब्दों में हम यहाँ शिक्षक दिवस पर निबंध –  Teachers Day Essay  उपलब्ध कराने जा रहे है, जो आपके बच्चो और विद्यार्थियों के लिए विविध प्रतियोगिताओ में उपयोगी साबित हो सकते है।

Teachers Day Essay in Hindi

शिक्षक दिवस पर निबंध – Teachers Day Essay in Hindi

हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का बहुत बड़ा हाथ होता है। हमारे माता-पिता की तरह ही हमारे शिक्षक के पास भी ढ़ेर सारी व्यक्तिगत समस्याएँ होती हैं लेकिन फिर भी वह इन सभी को भूलकर रोज स्कूल और कॉलेज आते हैं तथा अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाते हैं।

कोई भी उनके बेशकीमती कार्य के लिये उन्हें धन्यवाद नहीं देता इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद दें।

शिक्षको के कार्य को समर्पित करते हुए 5 सितम्बर का दिन पुरे देश में शिक्षक दिवस के रूप मनाया जाता है। शिक्षकों को सम्मान देने और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को याद करने के लिये हर साल इसे मनाया जाता है। देश के विकास और समाज में हमारे शिक्षकों के योगदान के साथ ही शिक्षक के पेशे की महानता को उल्लेखित करने के लिये हमारे पूर्व राष्ट्रपति के जन्मदिवस को समर्पित किया गया है।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को दिए है। वे विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षकों के योगदान और भूमिका के लिये प्रसिद्ध थे। इसलिये वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने शिक्षकों के बारे में सोचा और हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाने का अनुरोध किया।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था और 1909 में चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में अध्यापन पेशे में प्रवेश करने के साथ ही दर्शनशास्त्र शिक्षक के रुप में अपने करियर की शुरुआत की।

उन्होंने देश में बनारस, चेन्नई, कोलकाता, मैसूर जैसे कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों तथा विदेशों में लंदन के ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में दर्शनशास्त्र पढ़ाया है। अध्यापन पेशे के प्रति अपने समर्पण की वजह से उन्हें अपने बहुमूल्य सेवा की पहचान के लिये 1949 में विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति कमीशन के अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किया गया।

1962 से शिक्षक दिवस के रुप में 5 सितंबर को मनाने की शुरुआत हुई। अपने महान कार्यों से देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया।

शिक्षक विद्यार्थियो के जीवन के वास्तविकतः कुम्हार की तरह होते हैं, जो न सिर्फ हमारे जीवन को आकार देते हैं बल्कि हमें इस काबिल बनाते हैं कि हम पूरी दुनिया में अंधकार होने के बाद भी प्रकाश की तरह जलते रहें। इसी वजह से हमारा राष्ट्र ढ़ेर सारे प्रकाश के साथ प्रबुद्ध हो सकता है।

हमारे शिक्षक हमें शैक्षणिक दृष्टी से तो बेहतर बनाते ही हैं, साथ ही हमारे ज्ञान और विश्वास के स्तर को बढ़ाकर नैतिक रुप से भी हमें अच्छा बनाते है। जीवन में अच्छा करने के लिये वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। विद्यार्थी इस शिक्षक दिवस को बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाते है। विद्यार्थी अपने शिक्षकों को ग्रीटिंग कार्ड देकर बधाई भी देते हैं।

हमें पूरे दिल से ये प्रतिज्ञा करनी चाहिये कि हम अपने शिक्षक का सम्मान करेंगे क्योंकि बिना शिक्षक के इस दुनिया में हम सभी अधूरे हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध – Shikshak Par Nibandh

Shikshak Par Nibandh

प्रस्तावना-

शिक्षकों के सम्मान में एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर 5 सितंबर को हर साल हमारे देश में धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

यह दिवस समाज में न सिर्फ शिक्षकों के महत्व को बताता है, बल्कि शिष्यों के ह्रद्य में अपने शिक्षक के प्रति आदर-भाव की भावना भी प्रकट करता है, क्योंकि गुरु ही अपने शिष्य के जीवन से अंधकार मिटाकर उसे ज्ञान के प्रकाश की तरफ ले जाते हैं, जिससे मनुष्य सफलता हासिल करता है।

गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है और बिना ज्ञान के मनुष्य का जीवन निर्रथक होता है। वहीं गुरुओं की महिमा तो बड़े-बड़े कवियों ने भी अपने श्लोंकों के माध्यम से बताई है और शिक्षकों को इस समाज में भगवान के बराबर दर्जा दिया गया है।

“गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है? – When is Teachers Day

हमारे भारत देश में गुरु-शिष्य के अनूठे रिश्ते के बारे में तो वेद-पुराणों में भी बताया गया है। वहीं शिक्षकों के सम्मान में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर हर साल 5 सितंबर को हमारे देश में शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

शिक्षक, राष्ट्र निर्माता होते हैं, अपनी ज्ञान की गंगा से शिष्यों के जीवन में अज्ञानता को दूर करते हैं साथ ही एक  सभ्य समाज एवं शिक्षित राष्ट्र का निर्माण करने में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाते हैं।

इसलिए यह दिन शिक्षकों को समर्पित दिन है, वहीं इस दिन समाज में उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है और देश के पूर्व राष्ट्रपति  डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को याद किया जाता हैं, क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन अध्यापन कार्य में समर्पित कर दिया था एवं समाज में शिक्षकों के महत्व को बताने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? – Why is Teachers Day Celebrated

स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाते हैं। 5 सितंबर, 1888 सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

वे एक अच्छे राजनेता होने के साथ महान शिक्षकविद और अच्छे दार्शनिक भी थे, जिन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय समाज में शिक्षको के महत्व को बताने एवं शिक्षण कार्य की महानता को बताने में व्यतीत कर दिया था, एवं देश के विकास एवं उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।

इसलिए उनके सम्मान में हर साल उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। उन्होंने राष्ट्रपति के तौर पर साल 1962 से 1967 तक राष्ट्र की सेवा की थी। आपको बता दें कि साल 1962 में  डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को देश का राष्ट्रपति के रुप में नियुक्त किया गया था।

उसके बाद उनके द्धारा समाज में किए गए महान कामों  के लिए उनके सम्मान में लोगों ने  5 सितंबर के दिन को ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर मनाने का फैसला किया था।

लेकिन, हमेशा ही समाज में शिक्षकों के महत्व को बताने वाले राधाकृष्णन जी ने इसे मनाने से मना कर दिया और 5 सितंबर को उनकी जयंती को मनाने की बजाय ‘शिक्षक दिवस’ के रुप में मनाने की इच्छा जताई थी।

जिसके बाद से हर साल इस दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। 5 सितंबर, 1962 को हमारे देश में पहली बार शिक्षक दिवस मनाया गया था।

देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी शिक्षकों का काफी सम्मान करते थे।

वे अपने जीवन में करीब 40 साल तक शैक्षणिक कार्य से जुड़े रहे। आपको बता दें कि राजनीती में आने से पहले उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, कलकत्ता यूनिवर्सिटी, मैसूर यूनिवर्सिटी समेत कई शिक्षक संस्थानों में अध्यापक के तौर पर काम किया था। वे अपने छात्रों के पसंदीदा शिक्षक के रुप में जाने जाते थे।

वहीं उन्होंने अपने महान विचारों से लोगों को शिक्षकों के महत्व के बारे में जागरूक किया। इसके साथ ही राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान का उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने सभ्य एवं शिक्षित समाज का निर्माण करने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में अनुरोध किया था।

इसलिए उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है

शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है? – How Is Teachers Day Celebrated

हमारे देश में 5 सितंबर को हर साल धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस को लेकर बच्चे काफी उत्साहित रहते हैं, साथ ही अपने टीचर्स को सम्मानित करने एवं उन्हें स्पेशल महसूस करवाने के लिए विशेष तरह की तैयारियों में कई दिन पहले से ही जुट जाते हैं।

इस मौके पर स्कूल, कॉलेजों समेत अन्य शिक्षक संस्थानों में विशेष तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है साथ ही इस दिन समाज में उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है।

शिक्षक दिवस का दिन हर  शिक्षक और छात्रों के लिए बेहद अहम दिन होता है, इस दिन शिक्षकों के महत्व को छात्रों को समझाने के लिए शिक्षक दिवस पर भाषण , निबंध लेखन समेत कई प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है।

इसके अलावा स्कूलों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में छात्र स्लोगन, कविता आदि के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपने भावना को प्रकट करते हैं साथ ही उनका आभार जताते हैं।

इस मौके पर कई छात्र अपने टीचर्स को गिफ्ट या फिर अपने हाथ से बनाया हुआ ग्रीटिंग कार्ड देकर भी इस दिन को खास मनाने की कोशिश करते हैं एवं अपने गुरु-शिष्य के रिश्तों की डोर को मजबूत करते हैं, साथ ही  भारत में गुरु शिष्य की अनूठी परंपरा को कायम करने का संकल्प लेते हैं।

गुरु-शिष्य का रिश्ता बेहद पवित्र एवं अनूठा रिश्ता होता है, जिसमें एक शिक्षक निस्वार्थ भाव से अपने शिष्यों को पढ़ाता है, और एक अभिभावक की तरह अपने छात्र की सफल जीवन की कामना करताहै, हालांकि, वर्तमान में गुरु-शिष्य का रिश्ता महज औपचारिक बन गया है एवं शिक्षक व्यवसाय महज सिर्फ एक पेशा बन चुका है।

जिसमें तमाम शिक्षक, पैसों के लालच में छात्र के भविष्य को अंधकार में डाल रहे हैं, जिसकी वजह से यह रिश्ता तार-तार हो रहा है, और शिक्षक-शिष्य के रिश्ते की गरिमा घट रही है।

वहीं छात्रों और शिक्षकों दोनों का ही फर्ज है कि वे इस रिश्ते के महत्व को समझें एवं गुरु-शिष्य की परंपरा को कायम रखने में अपनी भागीदारी निभाएं।

शिक्षक दिवस, शिक्षकों को अपने दायित्व को याद दिलवाने एवं छात्रों को अपने गुरुओं के सम्मान की याद दिलवाता है। इसलिए, शिक्षक दिवस गुरु-शिष्य दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

शिक्षक दिवस पर निबंध – Paragraph On Teachers Day

Paragraph On Teachers Day

गुरु के बिना मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है। शिक्षक, मनुष्य के जीवन का मुख्य आधार होते हैं। शिक्षक का हर किसी के जीवन में बेहद महत्व है। एक शिक्षक, न सिर्फ छात्र का सही मार्गदर्शन कर उनके जीवन को सफल बनाते हैं, बल्कि एक सभ्य एवं शिक्षित समाज के निर्माण में भी मद्द करते हैं।

इसके साथ ही विकसित राष्ट्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसलिए शिक्षकों के सम्मान में हर साल  5 सितंबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

शिक्षक, शिष्य एवं ईश्वर के बीच एक सेतु का काम करते हैं। इसलिए शिक्षक को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया हैं, वहीं महान संत कबीर दास ने भी अपने इस दोहे के माध्यम से गुरु की महिमा बताई है –

“गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, का के लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपणे, गोबिंद दियो मिलाय।।”

शिक्षक दिवस 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है? – Why Teachers Day Celebrated On 5th September

स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने न सिर्फ अपने जीवन का ज्यादातर समय अध्यापन के कार्य में व्यतीत किया बल्कि समाज के लोगों को शिक्षकों महत्व बताया एवं राष्ट्रनिर्माण में शिक्षकों के योगदान के बारे में जागरूक करने में अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाई।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी एक महान राजनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे शिक्षक भी थे। 1962 में देश के राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित होने से पहले उन्होंने अपने जीवन के करीब 40 साल शिक्षक के तौर पर काम किया था, वे समस्त संसार को एक ही स्कूल मानते थे।

उन्होंने, अपने महान विचारों से लोगों को शिक्षकों के महत्व को बताया था, साथ ही शिक्षक की राष्ट्र निर्माण एवं समाज के उत्थान में भूमिका का भी बखान किया था।

डॉ. राधाकृष्णन ने 1962 से 1967 में जब देश के राष्ट्रपति के पद का कार्यभार संभाला था, तब लोगों ने 5 सितंबर को उनके जन्मदिवस को उनके सम्मान में ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर मनाने का फैसला लिया था, लेकिन उन्होंने अपनी जयंती को ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर नहीं बल्कि शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस बनाने का अनुरोध किया था। तभी से इसे शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

वह हमारे देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने शिक्षकों के हित के बारे में सोचा और शिक्षकों के महत्व को बताया।

प्रख्यात शिक्षाविद रह चुके डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि एक आदर्श और अच्छा शिक्षक वह होता है जो छात्र को उसके भविष्य में आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार करे और उसे सक्षम बनाए।

वहीं उनके विचार लोगों को अपनी तरफ काफी प्रभावित करते थे, एवं वे भी छात्रों के पसंदीदा शिक्षक थे, इसलिए शिक्षक दिवस के दिन डॉ. राधाकृष्णनन जी को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की जाती है।

कौन थे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन? – Who is Dr Sarvepalli Radhakrishnan

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन न सिर्फ देश के सर्वप्रथम उप-राष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति थे बल्कि वे एक महान शिक्षक, दार्शनिक, भारतीय संस्कृति के संवाहक और प्रख्यात शिक्षाविद थे, जिनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरूतनी गांव में हुआ था और शिक्षकों से उनका बेहद लगाव होने की वजह से उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

आपको बता दें कि उन्होंने अपने जीवन के करीब 40 साल अध्यापन कार्य किया। उनकी ख्याति एक प्रख्यात और पसंदीदा शिक्षक के रुप में देश के कोने-कोने में फैली थी। वे न सिर्फ देश की नामचीन शिक्षण संस्थानों में लेक्चर देते थे, बल्कि विदेशों में भी उन्हें शिक्षा पर लेक्च र देने के लिए बुलाया जाता था।

राधाकृष्णन जी का मानना था कि एक शिक्षक के बिना मनुष्य कभी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता एवं उनकी नजरों में एक आदर्श शिक्षक वही होता है, जो कि युवाओं को देश के भविष्य के रुप में तैयार करता है।

देश के विकास में अपना महत्पूर्ण योगदान देने वाले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को साल 1962 में देश का दूसरा राष्ट्रपति के रुप में नियुक्त किया गया था। वहीं 17 अप्रैल 1975 में लंबे समय तक बीमार रहने के बाद उनका निधन हो गया था, लेकिन आज उनके महान कार्यों की बदौलत उन्हें आज भी याद किया जाता है एवं उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व – Importance of Teachers Day

शिक्षक दिवस को पूरे भारत देश में बेहद हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है।शिक्षकों के सम्मान में मनाए जाने वाला यह दिन शिक्षक और शिष्य दोनों के लिए बेहद खास दिन होता है।

इन दिन समाज के विकास में अच्छा काम करने वाले शिक्षकों के योगदान के लिए उन्हें सराहा जाता है एवं उन्हें सम्मानित किया जाता है।

आपको बता दें कि एक आदर्श शिक्षक एक सभ्य समाज के साथ-साथ शिक्षित राष्ट्र का भी निर्माण करता है, एवं युवाओं को देश के भविष्य के लिए तैयार करता है एवं जीवन में आने वाली किसी भी परेशानी का मुकाबला करने के सक्षम बनाता है। इसी वजह से यह दिन शिक्षकों के लिए समर्पित किया गया है।

वहीं यह दिवस न सिर्फ शिक्षकों को छात्र के प्रति अपने दायित्वों की याद दिलवाता है, बल्कि छात्रों के मन में भी अपने गुरुओं के प्रति सम्मान का भाव पैदा करता है।

5 सितंबर को शिक्षकों के सम्मान में मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस के मौके पर विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किए जाते हैं, एवं इनके माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को शिक्षक के महत्व को बताया जाता है।

इसके साथ ही यह दिवस गुरु और शिष्य के रिश्ते को और अधिक मजबूती प्रदान करने में मद्द करता है।

यह दिन समाज के लिए उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ाता है। शिक्षक दिवस के मौके पर हर छात्र को अपने शिक्षकों के सम्मान करने का संकल्प लेना चाहिए क्योंकि गुरु के बिना हम सभी का जीवन अपूर्ण है एवं किसी भी तरह का ज्ञान प्राप्त करना असंभव है, वहीं किसी महान कवि ने सही ही कहा है कि –

“गुरु बिना ज्ञान नहीं और ज्ञान बिना आत्मा नहीं, कर्म, धैर्य, ज्ञान और ध्यान सब गुरु की ही देन है।।”

4 thoughts on “शिक्षक दिवस पर निबंध”

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Nice Article Admin Ji on Teachers Day Essay.

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Such a great article about teachers day really amazing. Thanks for sharing this with us.

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बहुत ही सुंदर, उपयोगी, लाभप्रद लेख लिखा है. इस लेख को लिखने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद. शिक्षक दिवस कि शुभकामनाएं.

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Apako bhi Shikshak Diwas ki Shubhkamnaye.

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Teachers Day Essay in Hindi। शिक्षक दिवस पर हिंदी निबंध

teachers day essay in hindi

शिक्षक जिसे भारतीय समाज में भगवान् स्वरुप माना जाता है। आज हम आपके लिए इस पोस्ट में teachers day essay in hindi ले कर आये है । शिक्षक दिवस पर निबंध को आप स्कूल और कॉलेज इस्तेमाल कर सकते है । इस हिंदी निबंध को आप essay on teachers day in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

          गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा,

        गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः

टीचर अर्थात शिक्षक, शिक्षक बच्चों के हर उस ताले की चाबी है जो बच्चों के मन मस्तिष्क को खोलने का काम करती है। शिक्षक न केवल मन मष्तिष्क को खोलने का काम करते है बल्कि वे उस मनुष्य में वैभव, ज्ञान, संयम को भी कूट-कूट कर  जड़ देते है। शिक्षक के समान सृष्टि पर कोई रचना नही। क्योंकि शिक्षक मनुष्य को मनुष्य बनाने का काम करता है। शिक्षक एक नीरस बच्चे में रस को इस प्रकार भरता है वह उसके आने वाले 100 साल उस रास की शीतलता का अनुभव करता है। मां के बाद बच्चों पर  सबसे बड़ा अधिकार अगर किसी दूरसे व्यक्ति का होता है तो वह शिक्षक ही है। शिक्षक के समान कौन है, कोई नही जानता। जितना भी हम शिक्षक के बारे में कहे वह न्यूनतम ही होगा। क्योंकि शिक्षक एक अनाड़ी को खिलाड़ी बनाने का कार्य करते है। वह शून्य से शुरुवात कर बच्चों के जीवन मे 100 प्रतिशत ज्ञान का भंडारण करते हैं।

प्रस्तावना-  हर वर्ष 5 सितबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इसकी वजह जानने से पहले हम शिक्षक के जुड़े कुछ अहम पहलू पर नज़र डालेंगे।हम सभी के जीवन मे कुछ लोग स्थायी होते है। जो अपनी भूमिका विशेष रूप से निर्धारित करते है। ठीक उसी प्रकार हमारे माता पिता व परिवार के साथ हमारे शिक्षक भी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। हम सभी के जीवन मे गुरु अवश्य होते है, जो हमें गलत से सही मार्ग पर ले जाने का कार्य करते है। जो हमे ज्ञान अर्जन कराते हैं। शिक्षक की भूमिका निभाना हर मनुष्य की बात नही। उनकी खासियत की कोई हद नही। ये पीढ़ी दर पीढ़ी हमारा विकास करते है। शिक्षक हमे पढ़ते है, उन्होंने हमारी पूर्वजों को पढ़ाया है। अर्थात हमारे माता पिता, दादा दादी, नाना नानी। वे आज हमे ज्ञान दे रहे है, सही शिक्षा प्रदान कर रहे है। और कल को वह हमारी भावी पीढ़ी के जीवन मे भी अहम भूमिका निभाने वाले होंगे। जिस तरह माता पिता व परिवार का स्थान कोई नही हटा सकता , उसी प्रकार शिक्षक का स्थान हटाने योग्य इस दुनिया मे कोई नही है। अंधकार से प्रकाश की और ले जाने वाले शिक्षक जीवन का आधार है। उनके बिना किसी व्यक्ति को ज्ञानार्जन कराना बेहद मुश्किल है। हर जाति हर समुदाय के व्यक्ति को शिक्षक समान रूप से अपनाते है। उनके प्रेम, ज्ञान, शिक्षा की कोई सीमा नही। सभी के लिए एक समान है। 

शिक्षक दिवस मनाने की वजह- शिक्षक ऐसे दिव्यजीवी है जो हाथी व चीटी दोनो को  समान ज्ञान देते है। एक हाथी अपने जीवन मे विशाल रूप से लोगो को भयभीत कर सकता है, तो एक चीटी बड़े से हाथ को कांट कर घमंड को दूर कर सकती है। ठीक उसी प्रकार शिक्षक भी हर बच्चों को काबिलियत के हिसाब से उच्च से उच्च ज्ञान देने का कार्य करता है। 

बेशक आप ज़रूर सोच रहे होंगे कि मैने ये सब कुछ पहले क्यों बताया, और शिक्षक दिवस क्यों मनाते है ये पहले क्यों नही बताया? क्योंकि सबसे पहले हमे शिक्षक के महत्व व निष्पक्षता को जानना जरूरी था।  आज से दशकों पूर्व शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा था। शिक्षक दिवस की शुरुवात के पीछे भी एक कहानी है। दशकों पूर्व डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने बच्चों को कक्षा में पढ़ा रहे है। सर्वपल्ली राधाकृष्ण व उनकी कक्षा में बैठे बच्चों के बीच संवाद चल रहा था। जिसमे राधाकृष्णनजी ने शिक्षक को सम्मान देने की बात देते हुए कहा कि उनके जन्मदिन को शिक्षिक दिवस के रूप में मनाया जाए। जिससे शिक्षक की महत्वपूर्णता को लोग सबसे उच्च रखे। उन्हे जीवन भर सम्मान मिले। उन्हें उनके कार्यो के लिए शुशोभित किया जाए। और शिक्षिक की भूमिका से लोग वंचित न रहते हुए उन्हें विलुप्त ना कर पाए। राधाकृष्णन जी एक आत्मीय शिक्षक थे। वे देश के राष्ट्रपति भी थे। वे किताबों को पढ़ने में विशेष रुचि रखते थे। उन्होंने शिक्षकों को सम्मान पहुचाने की दिशा प्रदान की। डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णनजी के जन्मदिन 5 सितंबर को हर वर्ष भारत मे शिक्षक दिवस मनाया जाता है। देश मे पहली बार शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया। 

डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को आज भी सराहा जाता है। उनके दिए गए इस दिन को शिक्षक व बच्चे दोनो उत्साह पूर्वक स्वीकार करते है। राधाकृष्णनजी शिक्षकों के लिए मिसाल है। सभी शिक्षक सम्मान के काबिल है यह बात राधाकृष्णन जी ने सिखाई। शिक्षक की भूमिका अदा करना कोई आसान काम नही होता, उन्हें इसके लिए सम्मानित करना व शिक्षकों के नाम एक दिन करना उन्हें प्रेरणा देने के समान है। इस प्रकार शिक्षकों की भूमिका की मज़बूत नीव रखना बेहद खूबसूरत व सराहनीय है।

शिक्षक दिवस मनाने के तरीके- शिक्षक दिवस पूरे भारत देश मे धूम धाम से मनाया जाता है। शिक्षक दिवस निजी क्षेत्र व सरकारी क्षेत्र दोनो में ही धूम धाम से मनाया जाता है। आज बच्चों द्वारा शिक्षकों को नए उपहार देकर सम्मानित किया जाता है। यह दिन शिक्षक व बच्चों दोनो के लिए खास व उमंग उल्लास से भरा दिन है। शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। सभी विद्यालय व कॉलेज में यह दिन तड़कता-भड़कता दिन होता है। पूरे विद्यालय व कॉलेज में सजावट की जाती है। एक हफ्ते पहले से बच्चे आज के दिन के लिए विशेष  तैयारियां शुरू कर देते है। आज का दिन शिक्षकों और बच्चों के प्रेम का भी दिन है। आज बच्चे शिक्षकों के प्रति अपना प्रेम, सम्मान व मधुर संवाद का आदान प्रदान करते है। इस दिन के लिए मानो शिक्षक व बच्चे दोनो बेसब्री से इंतेज़ार करते है। आज के दिन के लिए बच्चे विशेष रूप से मंच को सजाते है। शिक्षक सज धज कर रंगीन पौशाख पहन कर आते है। वे अपने अपने स्थान पर विराजमान होते है। फिर बच्चों द्वारा निर्धारित शिक्षकों के लिए खास कार्यक्रम की शुरुवात होती है। सबसे पहले शिक्षकों का फूलों से व ज़ोरदार तालियों से स्वागत किया जाता है। इसके बाद डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को नमन कर दीप प्रज्वलन किया जाता है। कार्यक्रम में बच्चे शिक्षकों के लिए विशेष प्रस्तुति देते है। शिक्षकों के लिए कविता पाठ, मनमोहक स्पीच, डांस, नाटक इत्यादि की प्रस्तुति देते है। जिसे देख शिक्षक भाव विभोर हो जाते है। आज हर शिक्षक को अपने हर क्षात्र पर गर्व होता है। बच्चों को शिक्षक ढेर सारा आशीर्वाद प्रदान करते है। और उनके मंगल जीवन कि कामना करते है। आज बच्चों द्वारा शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। हर शिक्षक को बच्चे मंच पर बुला कर तिलक लगा कर उपहार से सम्मानित करते  है। ये कुछ मधुर पल होते है शिक्षक व क्षात्र के मध्य। शिक्षक बच्चों को धन्यवाद करते है और धन्यवाद देता हुए कार्यक्रम को समाप्त करते है। इसके बाद बच्चों द्वारा शिक्षकों को भोजन भी कराया जाता है। आदर के साथ उन्हें बैठाया जाता है और बच्चों द्वारा भोजन परोसा जाता है। कुछ इस प्रकार आज के दिन को मनाया जाता है। हर छोटे बड़े विद्यालय व हर कॉलेज में यह कार्यक्रम धूम धाम से मनाया जाता है। शिक्षकों के सम्मान की प्रथा सालो से चली आ रही है। और आगे भी चलती रहेगी। शिक्षक बच्चों के लिए वरदान है। शिक्षकों ने अपना पूरा जीवन बच्चों के जीवन को सुधारने में लगाया वह काबिले तारीफ है। 

उपसंहार-   शिक्षक बच्चों का भविष्य बनाते हैं, शिक्षक देश के भविष्य को सही आकार प्रदान करते है। इन सब के बावजूद वे अपने क्षात्रों की अपने बच्चों की सारी बलाएं अपने ऊपर लेने की कामना करते है। वे हमेशा चाहते है कि उनके बच्चे जहाँ भी रहे वहां अपना नाम रौशन करे।हम सभी भाग्यशाली है जो हमारे शिक्षक का आशीर्वाद हमारे साथ है।

कभी ना रहते वो किसी के सहारे, 

कोई लक्ष्य नही होता उनका सिवाए हमारे,

लगते है वो हमको सबसे न्यारे, 

फूलों से भी प्यारे होते है टीचर्स हमारे.., 

फूलों से भी प्यारे होते है टीचर्स हमारे..!!

हमें आशा है आपको teachers day in hindi निबंध पसंद आया होगा। आप इस निबंध को happy teachers day in hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है। इस निबंध को speech on teachers day in hindi के लिए भी प्रयोग कर सकते है ।

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Teacher’s Day Essay in Hindi: शिक्षक दिवस पर निबंध 250, 300, 500 शब्दों में, साथ ही पढ़ें टीचर्स डे पर कविता और अनमोल वचन

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5 सितंबर को हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था। उन्हीं के सम्मान में 5 सितंबर का दिन प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

समाज में शिक्षकों की भूमिका तथा उनके संघर्षों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करने के लिए हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

इस दिन विद्यालय, महाविद्यालय तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न तरीके के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें छात्र-छात्राएं अपने विचारों की अभिव्यक्ति करने के लिए भाषण देते हैं और कविताएं पढ़ते हैं।

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इस दिन छात्र अपने अभिभाषण और कविताओं के माध्यम से अपने जीवन में शिक्षक की भूमिका का मूल्यांकन करते हैं। शिक्षक दिवस पर विभिन्न संस्थानों में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है।

इस आर्टिकल में आप को शिक्षक दिवस पर निबंध और कविताएं पढ़ने को मिलेगी जिन्हें आप अपने शिक्षण संस्थानों में सुना सकते है। इन सामग्रियों के माध्यम से आप एक प्रभावशाली भाषण भी तैयार कर सकते हैं।

आइये जानें- 5 सितंबर शिक्षक दिवस का इतिहास व रोचक तथ्य

  • शिक्षक दिवस 2023 पर यह जोरदार भाषण दे कर करें शिक्षकों का धन्यवाद

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विषय–सूची

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teacher’s Day Essay in Hindi)

छात्र जीवन में शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। शिक्षक के मार्गदर्शन में ही हम जीवन के नैतिक मूल्यों को समझते हैं और जीवन की सही राह को अपनाते हैं।

शिक्षा की हमें नीति का पाठ पढ़ाते हैं बिना शिक्षक के हमारा नैतिक विकास नहीं हो सकता। इसीलिए शिक्षकों के सम्मान में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

5 सितंबर 1888 को भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था। शिक्षा के क्षेत्र में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के उत्कृष्ट योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी पेशे एक शिक्षक थे। इसके अलावा वह एक दार्शनिक और दर्शनशास्त्र के प्रोफ़ेसर भी थे। उन्होंने दर्शनशास्त्र पर कई सारी किताबें भी लिखी हैं। राधाकृष्णन जी की शिक्षण शैली अत्यंत प्रभावशाली थी। एक शिक्षक के रूप में उन्होंने लोगों को बहुत प्रभावित किया था।

उनका मानना था कि देश के नैतिक भविष्य को बनाने में शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। वह शिक्षा को हथियार की तरह मानते थे जिसके बल बूते पर जीवन का हर संघर्ष लड़ा जा सकता है।

अपने जीवन काल में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने विभिन्न विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अध्यापन का कार्य किया। इतना ही नही वह बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के कुलपति भी नियुक्त किए गए और आगे चलकर भारत के पहले उपराष्ट्रपति बने।

भले ही शिक्षक दिवस की शुरुआत डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के योगदान के सम्मान में हुई थी लेकिन यह आज भी हमारे शिक्षकों को सम्मान के रूप में समर्पित है।

शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है जो खुद जलकर दूसरों को रोशनी देता है। शिक्षा के अभाव में जीवन निरर्थक हो जाता है। एक शिक्षक शिक्षा की आभा के माध्यम से हमारे जीवन में फैले हुए अज्ञान के अंधकार को दूर करता है और हमारे जीवन को सार्थक बनाता है।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी मानते थे कि शिक्षक ही देश के भविष्य का निर्माण करता है क्योंकि वह देशभर के युवाओं को राष्ट्र को विकास की नई दिशा एवं गति देने के लिए प्रेरित करता है।

हमें अपने शिक्षकों का हृदय से सम्मान करना चाहिए एवं सदैव उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।

शिक्षक दिवस पर छोटा निबंध 250 शब्दों में (Teachers Day Essay In Hindi 250 Words)

भारत में पांच सितंबर का दिन हर साल राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा द्वितीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती भी होती है।

उनकी जयंती के उपलक्ष में ही भारत का यह राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व स्तर पर 5 अक्टूबर का दिन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन भारत में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने के लिए सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती का दिन चुना गया।

दरअसल एक बार सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने अपने जन्मदिन मनाने के आग्रह पर छात्रों से कहा था कि अगर वह उनके जन्मदिन को सही तरीके से मनाना चाहते हैं और उन्हें कोई उपहार देना चाहते हैं तो 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाए।

वह भारत के एक महान दार्शनिक दूरदर्शी नेता तथा आदर्श तथा उत्कृष्ट शिक्षक थे। जब उनका निधन हो गया तब उनकी जयंती का दिन उनके सम्मान में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस का यह दिन शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के लिए खास होता है। शिक्षक दिवस का एक दिन शिक्षकों को समर्पित होता है।

इस दिन देश भर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं खासकर स्कूल कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर निबंध लेखन तथा भाषण प्रतियोगिता आदि का आयोजना किया जाता है।

शिक्षक दिवस का दिन शिक्षक को समर्पित होता है। शिक्षक की भूमिका हमारी भारतीय संस्कृति और हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक तरफ जहां हमारी संस्कृति शिक्षकों को ईश्वर से भी महान बताती है तो वहीं दूसरी ओर शिक्षक हमारे जीवन का कायाकल्प भी करते हैं!

हमेशा देव शिक्षकों का आदर करना चाहिए एवं उनकी बात माननी चाहिए! आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

आइये जानते हैं –

  • भारत   की   पहली महिला शिक्षिका – सावित्री बाई
  • कौन है भारत की प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका
  • महान गणिज्ञ व वैज्ञानिक – सत्येंद्र नाथ बोस का जीवन परिचय

शिक्षक दिवस (टीचर्स डे) पर कविता शायरी (Shayari On Teacher’s Day Poem in Hindi)

कविता 1 – ईश्वर से बढ़कर महान है गुरु।, कविता 2 – बिन गुरु शिक्षा होत न ज्ञान, शिक्षक दिवस पर अनमोल वचन (quotes on teachers day hindi).

  • छात्रों के जीवन में शिक्षक की भूमिका एक कुम्हार की तरह होती, जो अबोध छात्रों को गढ़ कर, उन्हें ज्ञान की आंच पर पका कर ज्ञानी और विद्वान बनाता है।
  • शिक्षक जीवन के ध्येय को साधने के सारे उपाय बताता है।
  • जरूरी नहीं है कि जीवन में शिक्षक कोई व्यक्ति ही हो, कई बार परिस्थितियां, घटनाएं और समय भी शिक्षक की भूमिका निभाते हैं। जो हमें जीवन की वास्तविकता बताकर सही मार्ग दिखाते हैं।
  • हमारे जीवन में शिक्षा के सिद्धांतों की नींव डालते हैं जिन सिद्धांतों पर चलकर हम एक महान जीवन जीते हैं।
  • सनातन संस्कृति में गुरु और माता-पिता को ईश्वर से श्रेष्ठ बताया गया है।
  • बिना गुरू ज्ञान के ईश्वर से भेंट नहीं हो सकती। गुरू ही ईश्वर और मोक्ष तक जाने का मार्ग दिखाता है।
  • गुरु हमारे जीवन में ज्ञान रूपी प्रकाश भरकर जीवन के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर देता है।
  • शिक्षक केवल वह व्यक्ति नहीं होता जो हमें किसी संस्था में पढ़ाता है बल्कि हर वह चीज जो हमें जीवन का पाठ पढ़ाती है जिससे हम बहुत कुछ सीखते हैं, वह हमारे गुरु के समान होती है।
  • शिक्षक एक ऐसा व्यक्तित्व है जो अपने अनुभवों को हमारे साथ साझा करता है, हमें एक नए दृष्टिकोण से आकलन करना सिखाता है तथा हमारी गलतियों से हमें प्रेरित होना सिखाता है।
  • जिस प्रकार ब्रह्मा को जीवन का रचयिता माना जाता है ठीक उसी प्रकार शिक्षक को नीति, ज्ञान और बुध्दि का रचयिता माना जाता है।

आज इस लेख के जरिए हमने आप को शिक्षक दिवस पर निबंध Essay On Teacher’s Day तथा शिक्षक दिवस पर कविता Poem On Teacher’s Day In Hindi परचर्चा की । उम्मीद करते हैं आपको यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा।

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Teachers day essay in hindi शिक्षक दिवस पर निबंध.

Learn Teachers Day Essay in Hindi in 200 and 300 words. शिक्षक दिवस पर निबंध। 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में। Students today we are going to discuss a very important topic i.e Teachers Day essay in Hindi. Teachers Day essay in Hindi is asked in many exams. The very short essay on Teachers Day in Hindi 250 words and an essay on teachers day in Hindi in more than 300 words. Learn about Teachers Day essay in Hindi and bring better results in our exam.

Hindiinhindi Teachers Day Essay in Hindi

Teachers Day Essay in Hindi 200 Words – शिक्षक दिवस पर निबंध

विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक का एक विशेष स्थान होता है। शिक्षक हमारी सफलता प्राप्ति के लिये हमें कई प्रकार से मदद करते हैं जैसे हमारे ज्ञान, कौशल के स्तर, विश्वास आदि को बढ़ाते है तथा हमारे जीवन को सही आकार में ढालते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का बहुत बड़ा हाथ होता है। जीवन में अच्छा करने के लिये वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद देना चाहिए। भारत में ‘शिक्षक दिवस’ प्रति वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है। इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस होता है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को दिए हैं।

एक बार कुछ विद्यार्थियों ने 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने के लिये उनसे निवेदन किया लेकिन इस पर उन्होंने कहा कि मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय आप सभी को शिक्षकों के उनके महान योगदान के लिये सभी शिक्षकों को सम्मान देने के लिये इस दिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाना चाहिये। उनके इस कथन के बाद पूरे भारत भर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। 1962 से हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। अपने महान कार्यों और देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया।

Teachers Day Essay in Hindi 300 Words – शिक्षक दिवस पर निबंध

शिक्षक अथवा अध्यापक वह व्यक्ति होता है जो दूसरों को पढ़ा लिखा कर शिक्षा देने का काम करता है । भारत देश सदैव से गुरुओं तथा शिक्षकों का देश रहा है और इस बात पर हमे गर्व है क्योंकि दुनिआ भर में हमारे देश के शिक्षकों ने उच्च स्थान प्राप्त करके सबको भारत की ताकत का आभास कराया है । भारत देश में शिक्षकों, अध्यापकों और गुरुओं का मान सम्मान हमेशा से बहुत अधिक रहा है । पहले अध्यापकों को माता पिता के समान पूजा जाता था पर आजकल स्थिति कुछ बदल गई है, आजकल भारत में भी संसार के अन्य देशों के समान शिक्षा का लेना देना एक प्रकार का व्यवसाय बन कर रहे गया है । यह स्थिति कोई सराहनीय तो नहीं है ।

शिक्षक के महत्व को समझा जाए; शिक्षक श्री शिक्षा देने को व्यवसाय ना मानकर उसे एक पवित्र कार्य या कर्तव्य समझे, शिक्षक का खोया सम्मान उसे फिर से प्राप्त हो जाए या उसे यह सामान दिलाया जा सके – यही भावना रही है शिक्षक दिवस को मनाने के पीछे । शिक्षक दिवस मनाने का संबंध जोड़ा गया देश के राष्ट्रपति रहे महामहिम सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन के जन्म दिवस के साथ, जिनका जन्म 5 सितंबर 1988 को हुआ था, अर्थात तभी से यह दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाया जाने लगा । इसके पीछे कारण था उसका आदर्श अध्यापकत्व ।

शिक्षक दिवस के दिन सभी विद्यालयों में सभाएं होती हैं । बच्चों को अध्यापकों के मान सम्मान से संबंधित प्रेरणा दी जाती है। कई विद्यालयों में तो इस दिन विद्यार्थियों को ही अध्यापक का कार्य सौंपा जाता है ताकि उन्हें अध्यापक के कार्य के महत्व का आभास हो सके ।

कई बार प्रांतीय एव राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किए जाते हैं । इस दिन प्रांतीय एव राष्ट्रीय स्तर पर उच्च आदर्श स्थापित करने वाले अध्यापकों को पुरस्कृत भी किया जाता है । अब तो अध्यापकों के चुनाव में राजनीति का समावेश होने लगा है । यह निंदा का विषय है । इस दिवस के मनाने का मूल उद्देश्य है कि राष्ट्र के निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक को उचित सम्मान दिया जाना । यदि हम सच्चे मन से सादगी और राजनैतिक निरपेक्षता से इस दिवस को मनाए तो हम भारत के परंपरागत गुरु-शिष्य परम्परा को सब तरह से पुनर्जीवित कर सकते हैं ।

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teachers day essay in hindi for class 3

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शिक्षक दिवस पर निबन्ध

Teachers Day Essay in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम यहां शिक्षक के महत्व पर निबन्ध लिखने जा रहे हैं। यह हिंदी निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और उच्च कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

हमने यहां पर अलग-अलग शब्द सीमा में तीन Shikshak Diwas Par Nibandh लिखें हैं। जिससे आपको जानने में काफी मदद मिलेगी।

Teachers Day Essay

शिक्षक दिवस के बारे में सामान्य जानकारी

शिक्षक दिवस कि शुरूआत भारत में 1962 से हुई थी और ये हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। शिक्षक दिवस भारत में ही नहीं पूरे विश्व में International Teachers Day मनाया जाता है। पूरे विश्व में ये अलग-अलग दिन में मनाया जाता है। इसके मनाने का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की मेहनत को उचित मान-सम्मान देना है।

भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर को हुआ था। वो एक अच्छे शिक्षक भी थे। इसी कारण इनके जन्मदिवस को पूरे भारत में शिक्षक दिन के रूप में मनाया जाता है।

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शिक्षक दिवस पर निबन्ध – Teachers Day Essay in Hindi

शिक्षक दिवस पर निबन्ध (100 शब्द).

Teachers Day in Hindi Essay: टीचर्स डे हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। इसकी शुरूआत 1662 में हुई थी। इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति और पहले उप-राष्ट्रपति Dr. Sarvepalli Radhakrishnan का भी जन्म दिन है। जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने तो उनके साथियों उनका जन्मदिन मनाने की सोची। तो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा मेरे जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे ख़ुशी होगी।

इस कारण उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। शिक्षक दिवस विश्व के सभी देशों में अलग-अलग दिनांक पर मनाया जाता है। International Teachers Day 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस निबंध (300 शब्द)

भारत में पूर्व से ही गुरू-शिक्षक की परम्परा चलती आ रही है। हमारे माता-पिता ही हमारे पहले गुरू होते हैं। क्योंकि उन्होंने ही हमें यह रंगीन और खूबसूरत दुनिया दिखाई है। इनकी जगह कोई नहीं ले सकता है। लेकिन हमें जीने का सही तरीका अपने शिक्षक से मिलता है और उनके मार्गदर्शन में हम अपनी सफ़लता को हासिल करते हैं।

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

टीचर्स डे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 हुआ था। शिक्षक दिवस हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन में एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण विद्यमान थे।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के उप-राष्ट्रपति बने तो उनके छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की बात कही तो तब महोदय ने कहा कि मेरे जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे बहुत गर्व होगा। फिर इसके बाद शिक्षक दिवस हर साल उनके जन्मदिवस 5 सितम्बर को मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर एक सफ़ल व्यक्ति के पीछे उसके शिक्षक का हाथ होता है। वह व्यक्ति अपने शिक्षक के बताएं रास्ते पर चल कर अपनी सफ़लता प्राप्त करता है। इस सफ़लता के पीछे उसके शिक्षक की कड़ी मेहनत होती है। गुरू का हर किसी के जीवन बहुत ही महत्व होता है। इसी कड़ी मेहनत को उज्जाले में लाने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता हैं।

इस दिन क्या होता है?

इस दिन स्कूल, कॉलेजों आदि स्थानों में शिक्षकों का सम्मान किया जाता हैं और इस दिन सभी योग्य शिक्षक अपने छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं। इस दिन सरकार योग्य शिक्षकों को उचित सम्मान देकर पुरस्कृत करती है। इस प्रकार पूरे दिन उत्सव का माहौल बना रहता है और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयन्ती पर स्मरण किया जाता है।

आज के समय में हमें शिक्षकों के सम्मान, उनके प्रयास और उनके योगदान की सराहना करनी चाहिए। हमें शिक्षकों का उचित सम्मान करना चाहिए और उनके बताएं मार्ग पर चलना चाहिए।

शिक्षक दिवस निबंध (500 शब्द)

जब बच्चे का जन्म होता है तो उसकी पहली शिक्षक मां होती हैं। लेकिन जब बच्चा स्कूल जाता है तो उसको एक अच्छा नागरिक शिक्षक ही बनाता है। एक व्यक्ति के जीवन में टीचर का महत्व बहुत अहम हिस्सा होता है। इसके मार्गदर्शन में ही वह सफ़लता के शिखर को पाता है।

शिक्षक का महत्व

जीवन में विजय और सफ़लता के लिए शिक्षा ही सबसे अच्छा और शक्तिशाली हथियार है। शिक्षक के ही हाथ में होता है कि वह अपने छात्रों को किस और अग्रेसित करें। जिससे उसको एक सफ़ल जीवन मिल सके। अर्थात् शिक्षक पर पूरे देश की जिम्मेदारी होती है कि वह उसके लिए कैसे नागरिक का पैदा करें और उसको कैसे लक्षण दे? जिससे कि उसमें देश का हित हो।

जब हम जन्म लेते है तो हमें कुछ भी नहीं आता तब एक शिक्षक ही होता है, जो हमारी जिम्मेदारी लेता है कि हमें वो सफ़ल जीवन देगा। हमारे अंधकर के जीवन को प्रकाश की ओर आगे करता है। इसमें वो अपना स्वार्थ नहीं देखता है।

एक शिक्षक ही हमें वो सभी संस्कार देता है, जिससे कि हमें किसी भी जगह पर रूकावट नहीं आती और हर जगह पर बिना किसी स्वार्थ के लिए हमारी मदद के लिए खड़ा रहता है। आज चाहे कोई भी हो जो सफ़ल है, उसके पीछे एक शिक्षक की कड़ी मेहनत का परिणाम है।

शिक्षक दिवस मनाने का उद्देश्य

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक ऐसे महान और प्रतिष्ठित शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 साल शिक्षक के रूप में दिए और उन्होंने सभी शिक्षकों के हित का सोचा और अनुरोध किया कि 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएं। विद्यार्थिओं और शिक्षकों के मध्य रिश्तों को और भी मधुर बनाने के लिए शिक्षक दिवस अहम योगदान देता है। अर्थात् ये एक ऐसा अवसर है जिसमें सभी छात्र अपने शिक्षक का आभार व्यक्त कर कर सकते हैं।

शिक्षक ही एक जीवन को अन्धकार से उजाले में ला सकता है। हमें अपने शिक्षकों को ही नहीं बल्कि सभी शिक्षकों को उतना ही सम्मान देना चाहिए जितना कि हम अपने माता-पिता और शिक्षक को देते हैं। शिक्षक ही एक ऐसा व्यक्ति है जो हमें एक सफल जीवन देता है। अतः हमें इनका निस्वार्थ भाव से सम्मान देना चाहिए।

मैं उम्मीद करता हूं कि आपको यह “शिक्षक दिवस पर निबन्ध (Teachers Day Essay in Hindi)” पसंद आया होगा। इसे आगे शेयर जरूर करें और इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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Teachers Day Essay : शिक्षक दिवस पर हिन्दी में आदर्श निबंध

Teachers Day Essay : शिक्षक दिवस पर हिन्दी में आदर्श निबंध - essay on teachers day

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teachers day essay in hindi for class 3

शिक्षक दिवस पर निबंध- Teachers Day Essay in Hindi

In this article, we are providing Teachers Day Essay in Hindi. शिक्षक दिवस पर निबंध- टीचर्स डे / Shikshak Diwas- 5 September Teachers Day in Hindi.

शिक्षक दिवस पर निबंध- Teachers Day Essay in Hindi

हमारे जीवन में गुरूओं का बहुत महत्तव है क्योंकि वही हमें सही मार्गदर्शन देते है। गुरू और शिष्य की प्रणाली भारत में बहुत पहले से है। हमारे सर्वप्रथम गुरू हमारे माता पिता होते है जिनसे हमें संस्कार और प्रारंभिक शिक्षा मिलती है। आज के युग में शिक्षक को बहुत ही मान सम्मान दिया जाता है क्योंकि यह बच्चों के भविष्य निर्माता है। अध्यापन से बढ़ा कोई भी पेशा नही है क्योंकि यह हर पेशे का निर्माता है। शिक्षक वह इंसान है जो हमें एक काबिल और अच्छा इंसान बनने में मदद करता है। शिक्षक का स्थान हमारे जीवन में माता पिता के बाद आता है।

हम हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते है क्योंकि इस दिन भारत के पूर्व राषट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्ण का जन्म हुआ था जो कि एक महान शिक्षक और दार्शनिक हुए है। एक बार बच्चों नें उनसे उनका जन्मदिन मनाने की इजाजत मांगी तो उन्होंने मना कर दिया तब उनके कुछ विद्यार्थियों ने उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया और तब से ही यह प्रथा चलती आ रही है। 1962 से हर साल इस दिन को शिक्षकों के सम्मान दिवस के रुप में बनाया जाता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 साल अध्यापन को दिए है। शिक्षक अपने विद्यार्थियों की हर संभव सहायता करते है उन्हे शिक्षा देकर,कौशल बनाकर और उनका मनोबल बढ़ाकर। एक शिक्षक में इतनी शक्ति होती है कि वह डॉक्टर से लेकर इंजीनियर तक सबका निर्माण करता है। गुरूओं को प्राचीन काल से ही पूजनीय माना जाता है। पहले गुरू दक्षिणा दी जाती थी और अब फीस दी जाती है।

विद्यार्थियों और शिक्षक का एक बहुत ही प्यारा रिशता होता है और हम शिक्षक दिवस पर इसी रिश्ते की खुशी को मनाते हैं। इस दिन सभी स्कूल और कॉलेजों में तैयारी चल रही होती है। बच्चे विभिन्न प्रकार से शिक्षकों का मनोरंजन करते है, उपहार देकर उनको धन्यवाद बोलते है और उनको उनके व्यक्तित्व रे हिसाब से कुछ पंक्तिया भी देते है। यह दिन शिक्षकों के लिए बहुत ही खास होता है। सरकार भी देश के कुछ श्रेष्ठ शिक्षकों को इस दिन पुरस्कार देकर सम्मानित करती है। शिक्षक हमारे जीवन को आकार और मजबूती प्रदान करते है। एक शिक्षक ही है जो बिना हथियार के भी देश में क्रांति ला सकता है क्योंकि वह अपने ग्यान से और शिक्षा को हथियार बनाता है जो कि सर्वोत्तम है।

आज के युग में गुरू शिष्य की मर्यादा भंग होती जा रही है। हर रोज शिक्षक के बच्चों से और बच्चों के शिक्षक से दुरव्यवहार के किस्से सामने आते है। शिक्षकों ने भी शिक्षा को बेचना आरंभ कर दिया है। धीरे धीरे शिक्षक और विद्यार्थियों का जो रिशता है वह खराब होता जा रहा है। जिससे कि इस प्राचीन परंपरा में विघ्न आ रहा है। शिक्षक राष्ट्र निर्माता है वह देश की नींव को मजबूती प्रदान करता है। शिक्षक हमें अपने पूर्ण जीवन काल में जो सिखा हमें भी सिखाते है। हमें शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए और शिक्षक दिवस मनाकर उन्हें धन्यवाद करना चाहिए और उनके पढ़ाए पाठ का भी अनुसरण करना चाहिए।

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शिक्षक दिवस पर निबंध | Essay on Teachers Day in Hindi

हेलो दोस्तों, आज हमलोग इस लेख में शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (Teachers day in Hindi) पड़ेंगे जो कि आपको Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 व अन्य competitive examination जैसे कि SSC, UPSC, BPSC जैसे एग्जाम में अत्यंत लाभकारी साबित होंगे। शिक्षक दिवस पर निबंध के अंतर्गत हम शिक्षक से संबंधित पूरी जानकारी को विस्तार से जानेंगे इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।

Short Essay on Teachers Day in Hindi

शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) का अर्थ है- शिक्षकों का दिन, यही वह दिन है। जिस दिन प्रति विद्यार्थी अपने गुरु के प्रति आदर प्रकट करता है और उन्हें सम्मान देता है, जिसके वह वास्तव में हकदार हैं। वैसे देखा जाए तो शिक्षक आदर पाने के लिए किसी खास दिन का मोहताज नहीं होता है परंतु एक विशेष दिन होने के कारण उसे विशेष सम्मान दिया जाता है।

शिक्षक दिवस निबंध की रूपरेखा (Teachers day Essay in Hindi)

नाम शिक्षक दिवस 
तिथि 5 सितंबर
प्रमुख व्यक्ति डॉक्टर सरपल्ली राधाकृष्णन
पहली बार कब मनाया गया 1962 में
प्रकार राष्ट्रीय पर्व के रूप में

क्या है शिक्षक दिवस

जैसे की हम सभी जानते हैं कि किसी मजबूत चीज पर ही किसी चीज की नींव रखी जा सकती है ठीक उसी प्रकार शिक्षक भी वह व्यक्ति होता है जो विद्यार्थी को सुदृढ़ करके उस पर भविष्य में सफलता प्राप्त करने के लिए उन्हें सफल बनाने के लिए उनकी सहायता करता है और उन्हें एक सफल व्यक्ति बनाता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक शिक्षक का होना बहुत ही आवश्यक है। इसलिए हमें हमेशा शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि विद्यार्थी अपने जीवन में अगर सफल हो सकता है तो सिर्फ अपने शिक्षक के मदद से परंतु वह विद्यार्थी इस बात से अनजान होता है।

शिक्षक का अर्थ (Meaning of Teacher)



शिखर तक ले कर जाने वाला 
क्षमा की भावना रखने वाला 
कमजोरी को दूर करने वाला

अर्थात जो की गलतियों को करने की रखता हो और उसके हर को दूर करके उसे तक पहुंचाता है। वही सच्चा होता है।

शिक्षक का पर्यायवाची शब्द “अध्यापक” होता है और अध्यापक को हमलोग “गुरु” भी कहते हैं। द्वयोपनिषद् के अनुसार ‘गु’ का अर्थ अंधकार होता है और ‘रू’ का अर्थ निरोधक होता है। जिसका अर्थ है “अंधकार का निरोध” अर्थात “अंधकार को दूर करने वाली दवा” जिसे गुरु कहा जाता है। स्कंदपुराण के अनुसार “रू” का अर्थ है “तेज”। अज्ञान का नाश करने वाला तेज जो ब्रह्म गुरु ही होता है। इसमें कोई शंका नहीं है।

तैत्रीयोपनिषद में तो आचार्य को “देव” माना जाता है अर्थात भगवान इसलिए कहा जाता है “आचार्य देवो भव:”। कबीर ने तो गुरु को परमेश्वर से भी बड़ा माना है। इसलिए कबीर ने लिखा है-

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।

बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दिओ मिलाय॥

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शिक्षक दिवस का महत्व

भारत में गुरु शिष्य के आदर की परंपरा बहुत प्राचीन समय से चली आ रही है। प्राचीन समय से ही ऐसा माना जाता है कि एक छात्र के जीवन में शिक्षक का महत्व बहुत ही मायने रखता है। हमारे देश में प्राचीन समय में छात्र आश्रम में रहते थे और वहां रहकर वाह शिक्षा ग्रहण करते थे। उन्हें शिक्षा प्राप्ति के लिए कठिन से कठिन परिश्रम करना पड़ता था और बड़े-बड़े राजा महाराजा के संतान भी कठिन परिस्थितियों में आश्रम में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। वे राजा महाराजा के पुत्र होने के बावजूद वे अपने गुरु की सेवा करते थे और उनसे शिक्षा ग्रहण करते थे। छात्र अपने जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा शिक्षा ग्रहण करने में आश्रम में गुरु की सेवा में गुजार देते थे और शिक्षा प्राप्ति के बाद शिष्य अपने गुरु को गुरु दक्षिणा में मनचाही दीक्षा दे जाते थे। 

हमारे देश में एकलव्य जैसे शिष्य भी हुए हैं जिन्होंने अपने गुरु के आदेश का पालन करने के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर दिया था और जन्म जन्मांतर तक के लिए अपना नाम सुनहरे अक्षरों में अमर कर दिया। परंतु वर्तमान समय में शिक्षा प्रणाली और गुरुओं के बीच की स्थिति में काफी परिवर्तन आ चुका है। आज शिक्षकों को उसकी शिक्षा मूल्य विद्यार्थी से पैसे लेने के रूप में जाना जाता है। आज विद्यार्थियों के मन में शिक्षक का सम्मान भी प्राचीन समय की तरह नहीं रह गया है। आज के युग में शिक्षक के महत्व को बनाए रखने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है ताकि इस दिन सभी विद्यार्थी तरह-तरह की कार्यक्रम के माध्यम से अपनी गुरु की महिमा को जान सकें और उनका सम्मान दिल से कर सकें।

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है

वैसे आपको बता दूं कि शिक्षक कभी भी सम्मान का मोहताज नहीं होता। परंतु कई देशों में शिक्षकों के सम्मान के लिए एक विशेष दिन की घोषणा की गई है। भारत में शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर 5 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि सर पल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1988 को हुआ था। इस दिन सभी स्कूल कॉलेजों में यह दिन पूर्ण रूप से शिक्षकों के लिए समर्पित किया जाता है। इस दिन विद्यार्थी अपने शिक्षक के लिए विभिन्न तरीकों से सम्मान व्यक्त करने का प्रयत्न करते हैं।

अलग-अलग देशों में शिक्षक दिवस अलग-अलग तारीख को मनाया जाने का प्रावधान है। जैसे यूएस में 5 मई के पहले सप्ताह के पहले मंगलवार को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वही थाईलैंड में 16 जनवरी को शिक्षक दिवस मनाने का प्रावधान है। ईरान में 2 मई को शिक्षक दिवस मनाया जाता है तो टर्की में 24 नवंबर को या मनाया जाता है। मलेशिया में 16 मई और चाइना में 10 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं। यूनेस्को में 1994 के बाद शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा है और यह दिन वहां 5 अक्टूबर को मनाने की घोषणा की गई है।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता हैं

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस होता है। डॉक्टर राधाकृष्णन का शिक्षा के प्रति समर्पण था। उनका यह मानना था कि बिना शिक्षा के व्यक्ति अपनी मंजिल तक कभी नहीं पहुंच सकता। वह कहते थे व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का बहुत ही बड़ा योगदान है एक अच्छा शिक्षक, विद्यार्थी के मस्तिष्क में तथ्यों को डालने के बजाय वह उसे भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करें। यह आवश्यक है, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में गुजार दिए और कई विद्यार्थियों को भविष्य में ऊंचे स्थान पर पहुंचाया बाद में वे आजाद भारत के उपराष्ट्रपति और फिर राष्ट्रपति चुने गए। इनकी शिक्षा के प्रति रुझान देखते हुए उनके जन्मदिन के अवसर पर ही भारत में शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा की गई। यह उनके और उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान को देशवासियों का बहुत बड़ा सम्मान है।

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शिक्षक दिवस कैसे मनाते हैं

इन दिनों स्कूल तथा कॉलेजों में शिक्षक के सम्मान में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इन दिनों शिक्षण संस्थानों की छुट्टियां होती है और विद्यालय में विद्यार्थियों के द्वारा शिक्षकों के सम्मान में विभिन्न प्रकार के नाच गाने और भाषण का आयोजन किया जाता है। जिनके द्वारा वह अपने शिक्षक का योगदान अपने जीवन में प्रस्तुत करते हैं। इस दिन विद्यार्थी खुश होकर अपने शिक्षकों को विभिन्न प्रकार के उपहार भी प्रदान करते हैं। वैसे तो गुरु शिष्य का रिश्ता अनुशासन और सम्मान साझा करने का होता है परंतु इस दिन वे अपने बीच के अंतर को दूर कर जिससे अपने मन के प्रत्येक इच्छा को अपने शिक्षक के सामने प्रकट करता है। अपने शिक्षक को सबसे खास होने का दर्जा देकर उनका सर गर्व से ऊंचा कर देता है।

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। साल 1966 में इस दिन एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में टीचिंग इन फ्रीडम संधि पर हस्ताक्षर किया गया। जिसके अंतर्गत शिक्षकों के अधिकार उनकी जिम्मेदारी उनके सीखने-सिखाने के नियम एवं उनके विचारों को दिया गया। 1977 में पुनः सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षकों की स्थिति पर यूनेस्को ने विचार व्यक्त किया। जिसमें शिक्षक को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल यूनेस्को के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

कौन है डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था और 1909 में चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में शिक्षक के रूप में प्रवेश करने के दौरान दर्शनशास्त्र शिक्षक के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की थी।

इन्होंने देश में बनारस, चेन्नई, कोलकाता, मैसूर जैसे कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों तथा विदेश में लंदन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दर्शनशास्त्र पढ़ाया। शिक्षा के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान के लिए, उन्हें 1949 में विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति कमीशन के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। इसी वर्ष से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत की गई। अपने महान कार्यों से देश की लंबे समय तक सेवा करने के पश्चात 17 अप्रैल 1975 को इनका निधन हो गया।

विभिन्न देशों में शिक्षक दिवस मनाने की तिथि

देश का नाम तारीख
बांग्लादेश 5 अक्टूबर
आस्ट्रेलिया अक्टूबर के आखिरी शुक्रवार
चाइना 10 सितंबर
जर्मनी 5 अक्टूबर
ग्रीस 30 जनवरी
मलेशिया 16 मई
पाकिस्तान 5 अक्टूबर
श्रीलंका 6 अक्टूबर
यूके 5 अक्टूबर
यूएसए मई के पहले सप्ताह में नेशनल टीचर्स सप्ताह मनाया जाता है 
ईरान 2 मई

शिक्षक दिवस पर दो शब्द

भारत में शिक्षक दिवस शिक्षकों के सम्मान में प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है क्योंकि वह पूरे वर्ष अपने शिष्यों के प्रति मेहनत करते हैं और वह चाहते हैं कि उनके छात्र विद्यालय, विश्वविद्यालय और अन्य गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करें। जिससे उनका नाम रोशन हो इस दिन पूरे देश में विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन बहुत ही धूमधाम से किया जाता है। इस प्रकार के कार्यक्रमों में छात्र और शिक्षकों के रिश्ते को मजबूत बनाने के बारे में बात की जाती है। अगर एक शब्दों में कहा जाए तो, हम कह सकते हैं कि यह दिन छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए विशेष दिन होते हैं।

Frequently Asked Questions

उत्तर: विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

उत्तर: 11 देशों में शिक्षक दिवस 28 फरवरी को मनाया जाता है।

उत्तर: 1962 में।

उत्तर: कांग्रेस पार्टी

उत्तर: शिक्षक दिवस पर मेघावी शिक्षकों को नेशनल टीचर से सम्मानित किया जाता है जो कि एक राष्ट्रीय पुरस्कार है।

उत्तर: भारत के राष्ट्रपति प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करते हैं।

उपसंहार 

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा लेख शिक्षक दिवस पर निबंध पढ़ कर अच्छा लगा होगा और आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होगें।

यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो इससे आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप अपनी प्रसन्नता और उत्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook , Google+, Twitter इत्यादि पर Share कीजिए।

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) : शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों में

हम सब के जीवन में शिक्षक का कितना महत्व है आप हम इसे तौल नहीं सकते है। दोस्तों शिक्षक दिवस हम सबने अपने स्कूल, कॉलेज जीवन में खूब सेलिब्रेट किया है। हमारे समाज में ऐसा कहा जाता है की माता-पिता हमारे पहले Teacher होते है। ये कही न कही सही भी है पर Teacher के बिना किसी व्यक्ति का जीवन अधूरा सा होता है।

शिक्षक के द्वारा सिखाये गए संस्कार, जीवन जीने का तरीका और भी कई अच्छी चीजें हमें जीवन के हर एक मोड़ पर हमें काम आते है। शिक्षक (Teacher) दिवस प्रत्येक साल 5 सितम्बर को, स्वंतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति एवं भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्नन के जन्मदिवस पर बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। आज के इस लेख  शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) के माध्यम से हम उस महामानव के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे तो आइये जानते है। 

Teachers day essay in hindi

Table of Contents

शिक्षक दिवस पर निबंध 2023 (Essay on Teachers Day in Hindi)

5 सितम्बर को हमारे देश में प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 1888 ईस्वी को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्नन का जन्म तमिलनाडु के तिरुतनी गांव में हुआ था। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्नन 13 मई 1952 से 12 मई 1962 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे थे। एवं 13 मई 1962 से 13 मई 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति रहे थे।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन का नाम भारत के जानेमाने विद्वानों में लिया जाता है, ये एक महान विद्वान् शिक्षक थे। शिक्षक के साथ साथ राधाकृष्णनन एक बेहतरीन फिलॉस्फर एवं पॉलिटिशियन थे। अपने पढाई ख़त्म कर सर्वपल्ली राधाकृष्णनन वर्ष 1909 ईस्वी में प्रेसीडेंसी कॉलेज चेन्नई से दर्शनशास्त्र विषय में शिक्षक के रूप में करियर की शुरुआत किये थे। इन्होने अपने जीवन के 40 साल शिक्षक के तौर पर गुजर दिए।

शिक्षक दिवस के दिन छात्र छात्राएं काफी उत्साहित रहते है, अपने शिक्षक को सम्मानित करने के लिए। इस दिन हरे कॉलेज, यूनिवर्सिटी, कोचिंग सेंटर जैसे शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट्स अपने शिक्षक को सम्मानित करते है, एवं टीचर्स को गिफ्ट्स के रूप में पेन, किताबें, डायरी, ग्रीटिंग कार्ड्स या कई अन्य प्रकार के गिफ्ट्स अपने शिक्षक को देकर उनसे आशीर्वाद लेते है।

और शिक्षक भी इस दिन अपने स्टूडेंट्स को अपने भाषण के द्वारा है मोटीवेट करते है। और कई अहम् बाते बताते है, जो की जिंदगी के हर एक मोड़ पर काम आता है. सही मायने में कहे तो शिक्षक का एक विद्यार्थी के जीवन में काफी अहम् योगदान रहता है और हम उनके इस महान कार्य के बदले उन्हें कुछ नहीं दे सकते।

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शिक्षक दिवस की शुरआत होती है इनके राष्ट्रपति बनने से, वर्ष 1962 में जब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन भारत के राष्ट्रपति बने थे, तो इनके कुछ विधार्थियों ने इनके जन्मदिन मनाने की जिद करने लगे, तो इन्होंने कहाँ की सच में आपलोग अगर मेरे लिए कुछ करना चाहते है मेरे द्वारा किये गए शिक्षण कार्य को सम्मानित करना चाहते है तो मेरे जन्मदिवस के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाय, इससे मुझे ज्यादा ख़ुशी होगी और उसी दिन से प्रत्येक साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस का क्या महत्व है? (Importance of Teachers Day)

भारत में प्राचीन समय से ही गुरु शिष्य की परम्परा रही है आपने रामायण में देखि ही होगी, की कैसे उस समय गुरुकुल चला करते थे। जिसमे शिष्य को गुरु के द्वारा अनेको प्रकार के विद्या सिखाई जाती थी तो आप समझ सकते है की भारत शिक्षक दिवस का कितना महत्व है।

और आज गुरुकुल के जगह स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी खुल गए है. जहाँ पर विधार्थियों को विभिन्न विषयों को पढ़ाया जाता ही है साथ में छात्रों को जीवन के हर एक मोड़ पर काम आने वाली ज्ञान, संस्कार भी सिखाया जाता है।

भारत में शिक्षक दिवस (shikshak divas) का महत्व बहुत ही ज्यादा है। इस दिन सभी विधार्थियों अपने अपने स्कूल, कॉलेज , यूनिवर्सिटी, कोचिंग सेंटर में जाकर सबसे पहले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन के फोटो पर माल्यार्पण कर इनके जीवन से प्रेरणा लेते है। इसके बाद सभी विधार्थी शिक्षक को गिफ्ट के रूप में ग्रीटिंग कार्ड, डायरी, पेन, किताबे, फूल इत्यादी दे कर अपने शिक्षक को सम्मानित कर बधाई देते है।

और चुकीं अब जमाना सोशल मीडिया का आ गया है। तो लोग अब अपने शिक्षक को विभिन्न सोशल मीडिया के जरिये जैसे की Facebook , ईमेल, ट्विटर, इंस्टाग्राम इत्यादि के द्वारा भी अपने शिक्षक को बधाई देते है।

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5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

चुकीं शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है। और इनका जन्म 5 सितम्बर 1888 ईस्वी को तमिलनाडु के तिरुतनी गांव में हुआ था। ये एक महान विद्वान शिक्षक, फिलॉस्फर, पॉलिटिशियन तो थे ही, साथ में देश निर्माण के लिए युवाओं को तैयार करने के लिए समर्पित थे।

इनका भारत में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। इन्होने अपने जीवन के कुल 40 साल शिक्षण कार्यों में गुजर दिए है। शिक्षा के क्षेत्र में इनके द्वारा किये गए महत्वपूर्ण कार्य के लिए साल 1954 में इन्हे भारत के सबसे बड़ा नागरिक अवार्ड भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।

शिक्षक दिवस भारत में नहीं बल्कि विश्व के कई देशों जैसे की ब्रिटेन, अमेरिका, चीन ,  पाकिस्तान, बांग्लादेश, क़तर, रूस, थाईलैंड, लगभग 20 से भी ज्यादा देशो में अलग अलग तारीख को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

हालाकिं यूनेस्को के द्वारा साल 1994 में 5 अक्टूबर को अंतराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा की गयी ।

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (10 Lines on Teachers Day)

  • भारत में शिक्षक दिवस प्रत्येक साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है।
  • भारत के पूर्व राष्ट्रपति के जन्म दिवस के दिन शिक्षक दिवस मनाते है।
  • डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।
  • वर्ष 1962 से भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता hai
  • इस दिन सभी अपने अपने शिक्षक उपहार देते है।
  • शिक्षक दिवस के दिन टीचर्स भी अपने स्टूडेंट्स को भाषण देकर मोटीवेट करते है।
  • शिक्षक हमेशा अपने विधार्थियों को पढ़ने के लिए प्रेरित करते है।
  • बहुत से सांस्कृतिक कार्यक्रम शिक्षक दिवस के दिन होते है।
  • हमें अपने शिक्षकों के आज्ञा का पालन करना चाहिए और उनके द्वारा दिए सलाह को हमेशा माननी चाहिए।
  • 5 अक्टूबर को अंतराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस भारत के आलावा कुल 21 देशो में भी मनाया जाता है।
“शिक्षा से बड़ा कोई वरदान नहीं है । गुरु का आशीर्वाद मिले इससे बड़ा कोई सम्मान नहीं है ” 

शिक्षक दिवस से संबंधित प्रश्न-

Q. शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है।.

Ans- 5 सितम्बर को

Q. भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरूआत कब से हुई ?

Ans-  वर्ष 1962 से

Q. 5 सितंबर को कौन सा दिन आता है.

Ans- शिक्षक दिवस

Q. भारत के पहले शिक्षक कौन थे?

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन

Q. शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

Ans- वर्ष 1962 में जब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन भारत के राष्ट्रपति बने थे, तो इनके कुछ विधार्थियों ने इनके जन्मदिन मनाने की जिद करने लगे, तो इन्होंने कहाँ की सच में आपलोग अगर मेरे लिए कुछ करना चाहते है मेरे द्वारा किये गए शिक्षण कार्य को सम्मानित करना चाहते है तो मेरे जन्मदिवस के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाय, इससे मुझे ज्यादा ख़ुशी होगी और उसी दिन से प्रत्येक साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।

Q. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत रत्न कब मिला?

Ans- वर्ष 1954 में

Q. विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है।

Ans- 5 अक्टूबर को

Q. यूनेस्को के द्वारा अंतराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा कब की गयी।

Ans- साल 1994 में

Q. पहली महिला शिक्षक कौन थी?

Ans- सावित्री वाई फुले, पहली महिला शिक्षक थी एवं एक महान समाज सुधारिका थी।

आज आपने क्या सीखा –

आशा करता हूँ ये आर्टिकल शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) आपको पसंद आयी होगी, और शिक्षक दिवस के बारे में कुछ न कुछ जरूर जाने होंगे, इस आप अपने दोस्तों, के साथ भी जरूर शेयर करे, किसी भी प्रकार का सवाल आप कमेंट के माधयम से पूछ सकते है, धन्यवाद!

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नमस्कार दोस्तों, मैं Rahul Niti एक Professional Blogger हूँ और इस ब्लॉग का Founder, Author हूँ. इस ब्लॉग पर मैं बहुत से विषयों पर लिखता हूँ और अपने पाठकों के लिए नियमित रूप से उपयोगी और नईं-नईं जानकारी शेयर करता रहता हूँ।

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Essay on Teachers Day in Hindi : कैसे लिखें शिक्षक दिवस पर निबंध 100, 200 और 500 शब्दों में

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  • Updated on  
  • सितम्बर 6, 2023

Essay on Teachers Day in Hindi

आज शिक्षक दिवस है। हर साल 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस पर निबंध परीक्षा, स्कूल असाइनमेंट आदि की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण विषय है। ऐसे में आइये जान लेते हैं शिक्षक दिवस पर निबंध के कुछ सैंपल निबंध। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानिए 100, 200 और 500 शब्दों में Essay on Teachers Day in Hindi. 

Essay on Teachers Day in Hindi 100 शब्दों में  

100 शब्दों में शिक्षक दिवस पर निबंध कुछ इस प्रकार है –

शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन हम अपने शिक्षकों को समर्पण और आभार दिखाते हैं। शिक्षक हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं, वे हमें ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं और छात्र अपने शिक्षकों के साथ समय बिताते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षक हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण होता है और हमें उनके साथ आभारी और समर्पित रहना चाहिए।

इसलिए, हमें शिक्षकों के प्रति गहरा समर्पण दिखाना चाहिए और उनके प्रयासों को सराहना करना चाहिए। शिक्षक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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Essay on Teachers Day in Hindi 200 शब्दों में   

200 शब्दों में शिक्षक दिवस पर निबंध कुछ इस प्रकार है –

शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है और यह दिन शिक्षकों के समर्पण और योगदान को सलाम करने के लिए उपयोगी है। शिक्षक हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हमें ज्ञान और नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाते हैं।

शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिनमें छात्र अपने शिक्षकों को सम्मान देते हैं। छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को उनके योगदान के लिए धन्य करते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं।

शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और हमें उनके साथ आभारी और समर्पित रहना चाहिए। इसलिए, इस दिन हमें शिक्षकों के प्रति गहरा समर्पण दिखाना चाहिए और उनके प्रेरणास्पद शिक्षण के लिए सराहना करना चाहिए।

इस दिवस के माध्यम से हम शिक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रशंसा और सम्मान प्रदान करते हैं और उनके साथ अपना आभार व्यक्त करते हैं।

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Essay on Teachers Day in Hindi 500 शब्दों में  

500 शब्दों में Essay on Teachers Day in Hindi कुछ इस प्रकार है –

प्रस्तावना 

शिक्षा ही हमारे समाज के उत्थान की कुंजी है और शिक्षक ही इस कुंजी के धारक होते हैं। शिक्षकों का हमारे जीवन में महत्त्व रेखांकित करने के लिए शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। शिक्षक हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हमें ज्ञान और समझ प्रदान करते हैं, जो हमारे विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

शिक्षक दिवस का महत्व 

शिक्षक दिवस के दिन हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार और समर्पण की भावना प्रकट करते हैं। हम उनके साथ अपने अनुभव साझा करते हैं और उनसे उनके जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं, जिससे हम उनके साथ ज्यादा जुड़ सकें। इस दिन हमें यह भी याद दिलाया जाता है कि शिक्षक न केवल ज्ञान के दाता होते हैं, बल्कि वे हमारे मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत भी होते हैं।

शिक्षक दिवस का महत्व यह भी है कि यह हमें याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षकों के बिना कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता, और इसलिए हमें उनके प्रति गहरा समर्पण और आभार दिखाना चाहिए। वे न केवल हमें पढ़ाते हैं, बल्कि हमारे चरित्र का निर्माण भी करते हैं, और इस दिन के माध्यम से हम उनके योगदान के लिए सराहना करते हैं और उनके प्रेरणास्पद शिक्षण के लिए धन्य मानते हैं।

शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को पुनर्निरीक्षित करने का मौका भी देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षा ही हमारे समाज के उत्थान की कुंजी है और शिक्षक ही इस कुंजी के धारक होते हैं। उनका योगदान हमारे देश के भविष्य को बनाने और सुधारने में महत्वपूर्ण होता है।

शिक्षक दिवस का उद्देश्य 

इस दिन को मनाने के द्वारा हम शिक्षकों को उनके साथी और मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार करते हैं। हम उनके साथ एक टीम के रूप में काम करते हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में नए उत्थानों को साधने का प्रयास कर रही है।

इस दिन हमें यह भी समझने को मिलता है कि शिक्षक शिक्षा देने के लिए अपने समय, समर्पण, और पूरा दिल लगा देते हैं। उनका काम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वे नई पीढ़ियों को ज्ञान और आदर्शों के साथ संजीवनी शक्ति प्रदान करते हैं।

इस दिन को मनाने के द्वारा हम शिक्षकों को साथी और मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार करते हैं। हम उनके साथ एक टीम के रूप में काम करते हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में नए उत्थानों को साधने का प्रयास कर रही है।

निष्कर्ष 

शिक्षक दिवस हमारे शिक्षकों के प्रति हमारी आदर और समर्पण की भावना को प्रकट करने का मौका है। इस दिन हम उनके योगदान की प्रशंसा करते हैं और उनके साथ उनके महत्वपूर्ण कार्य के प्रति आभारी रहते हैं। शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को समझने और मान्यता देने का अवसर प्रदान करता है और हमें उनके साथ आभारी और समर्पित रहने का संकेत देता है।

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शिक्षक दिवस पर 10 लाइन्स

शिक्षक दिवस पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। 
  • यह दिन शिक्षकों के समर्पण और योगदान को सलाम करने के लिए उपयोगी है।
  • शिक्षक हमारे जीवन में ज्ञान का प्रदाता होते हैं।
  • उनका योगदान हमारे भविष्य को सवरने में महत्वपूर्ण होता है।
  • शिक्षकों का महत्व न केवल ज्ञान देने में होता है, बल्कि वे हमारे चरित्र का निर्माण भी करते हैं।
  • शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
  • छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को समर्पण और सम्मान देते हैं।
  • शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को याद दिलाता है।
  • हमें अपने शिक्षकों के प्रति आभारी और समर्पित रहना चाहिए।
  • इस दिन हम शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा और सम्मान व्यक्त करते हैं।

शिक्षक दिवस कोट्स 

शिक्षक दिवस पर कुछ उपयोगी शिक्षक दिवस कोट्स हैं:

“शिक्षक वो डायमंड होते हैं जो सोंधकर सोंधकर चमकते हैं।” 
“शिक्षा एक ज्यों का उपहार है जो आपके जीवन को रौशनी से भर देता है।” – एल्बर्ट आइंस्टीन
“शिक्षक हमारे भविष्य के निर्माणकर्ता होते हैं, वे नई पीढ़ियों को सपनों की दिशा में ले जाते हैं।” – फ्रैंका पॉम्पडियू
“शिक्षकों का काम न केवल ज्ञान देने में होता है, बल्कि वे जीवन के मूल्यों और नैतिकता की प्रेरणा भी प्रदान करते हैं।” – विक्रम पाटिल
“शिक्षा ही सबसे बड़ा धन है जो हमें कभी नहीं छूटने चाहिए।” 
“शिक्षक एक प्रेरणास्पद द्वार होते हैं जो ज्ञान की दुकान खोलते हैं।” 
“शिक्षा एक पूर्णता की ओर की पहल है, और शिक्षक हमें उस पूर्णता की ओर ले जाते हैं।” 
“शिक्षक वो दीपक होते हैं जो अन्धकार को दूर करते हैं और ज्ञान की रोशनी प्रदान करते हैं।”

शिक्षक दिवस भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों के समर्पण और योगदान को समर्थन और सम्मान करने का मौका होता है।

शिक्षक दिवस की शुरुआत भारतीय विद्वान और भारतीय गणराज्य के पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में 1962 में की गई थी।

शिक्षक दिवस का महत्व शिक्षकों के समर्पण और योगदान को समर्थन और सम्मान करने का है। यह एक मौका है छात्रों के लिए उनके पसंदीदा शिक्षकों के साथ समय बिताने का और उनके प्रति आभार और समर्पण व्यक्त करने का।

शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों और शिक्षा संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि सभाएँ, प्रतियोगिताएँ, और शिक्षकों के सम्मान का आयोजन। छात्र अपने शिक्षकों को प्रशंसा और सम्मान प्रदान करते हैं।

शिक्षक दिवस का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के समर्पण और योगदान को समर्थन और सम्मान करना है। यह एक दिन है जब छात्र अपने शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा और समर्पण की भावना प्रकट करते हैं।

शिक्षक दिवस का महत्व न केवल भारत में होता है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है ताकि शिक्षकों के महत्व को दुनिया भर में समझा जा सके।

यह था शिक्षक दिवस पर निबंध, Essay on Teachers Day in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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विशाखा सिंह

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Teachers Day Essay in hindi

Teachers Day पर निबंध, कहानी, जानकारी | Teachers Day essay in hindi

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प्राचीन काल में एक शिक्षक को “गुरु” कहा जाता था। गुरु एक ऐसा व्यक्ति है जो हजारों छात्रों के जीवन को प्रकाशित करता है। संस्कृत में, गुरु का शाब्दिक अर्थ है अंधकार को दूर करने वाला। इसलिए भारतीय परंपरा में गुरु को सर्वोच्च महत्व और सम्मान दिया जाता है। शिक्षकों को आज की दुनिया में गुरु माना जाता है क्योंकि वे अपने छात्रों को ज्ञान और शक्ति हस्तांतरित करते हैं। शिक्षक के मार्गदर्शन से शिक्षार्थी यानि एक learner का मार्ग सुखद और सफल बनता है।

यहां, हमने शिक्षक दिवस (Teachers Day) निबंध प्रदान किया है। और परीक्षा के दौरान शिक्षक दिवस (Teachers Day) पर निबंध कैसे लिखना है, इस बारे में एक विचार प्राप्त करने के लिए छात्र इस शिक्षक दिवस (Teachers Day) निबंध के माध्यम से जा सकते हैं। फिर, वे अपने शब्दों में भी एक निबंध लिखने का प्रयास कर सकते हैं।

Table of Contents

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay)

एक शिक्षक को माता-पिता के बाद बच्चे के जीवन में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है। शिक्षकों को एक माँ के समान स्थान दिया जाता है क्योंकि वे अपना पूरा जीवन छात्रों को शिक्षा प्रदान करने में लगाते हैं।

हम शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं?

विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है, लेकिन शिक्षक दिवस अलग-अलग देशों में अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है। भारत में, शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन को शिक्षकों द्वारा समाज में दिए गए योगदान को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है। यह वह दिन है जिस दिन डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म वर्ष 1888 में हुआ था। उनका जन्मस्थान आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित थिरुत्तानी है।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक, दार्शनिक और भारत रत्न प्राप्तकर्ता थे। वह स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति भी रहे थे। 1962-67 के दौरान, जब वे भारत के राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा कर रहे थे, उनके छात्रों और दोस्तों ने उनसे उनका जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया। 

जिस पर उन्होंने जवाब दिया, “मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे लिए गौरव की बात होगी।” तभी से उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस (Teachers Day) के रूप में मनाया जाने लगा।

छात्रों के जीवन में एक शिक्षक की भूमिका

शिक्षक विद्यार्थियों का भविष्य संवारते हैं। वे नई पीढ़ियों को एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए शिक्षित करने की जिम्मेदारी लेते हैं। एक महान शिक्षक में ज्ञान के लिए काफी जुनून और उस ज्ञान को मानवता के लिए फ़ैलाने के लिए काफी जनून मौजूद होता है। किसी भी अन्य व्यवसाय की तुलना में शिक्षकों का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। वे अपने शिक्षण के माध्यम से कई छात्रों के जीवन को बदलने की शक्ति रखते हैं और इस प्रकार वे इस समाज को प्रभावित करते हैं।

शिक्षकों की भूमिका एक सूत्रधार की तरह होती है जो कक्षा में सहयोगात्मक अधिगम को प्रोत्साहित करती है। वे न केवल अकादमिक कौशल के विकास में मदद करते हैं बल्कि छात्रों में कई कौशल भी विकसित करते हैं। वे उदाहरणों, वास्तविक जीवन के परिदृश्यों आदि की मदद से विषयों को समझाने के लिए वास्तविक जीवन के संबंध बनाते हैं।

शिक्षक ज्ञान, अच्छे मूल्य, परंपरा, आधुनिक समय की चुनौतियों और उन्हें दूर करने के तरीके बताकर सीखने को मजेदार बनाते हैं। इस प्रकार, शिक्षकों का प्रभाव कक्षा से परे भी होता है। वे न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध करते हैं।

भारत में शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है?

सभी के जीवन में शिक्षकों का योगदान बहुत बड़ा होता है। यह महत्वपूर्ण है कि उनका सम्मान किया जाए। भारत में, शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर, भारत के राष्ट्रपति द्वारा मेधावी शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार दिए जाते हैं।

पुरस्कार प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक विद्यालयों में काम करने वाले शिक्षकों की प्रशंसा करने के लिए सार्वजनिक आभार के रूप में प्रदान किए जाते हैं। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अद्वितीय योगदान का जश्न मनाना और उन्हें सम्मानित करना है।

शिक्षक दिवस (Teachers Day) शिक्षकों और छात्रों के बीच के खूबसूरत बंधन को मनाने का एक शानदार अवसर है। इस दिन को और यादगार बनाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में छात्र शिक्षकों के लिए विभिन्न गतिविधियों और खेलों का आयोजन करते हैं। वे नृत्य करते हैं, गीत गाते हैं, शिक्षकों की नकल करते हैं, कविताएँ सुनाते हैं, आदि। कुछ छात्र अपने शिक्षकों को फूल और हाथ से बने कार्ड उपहार में देकर धन्यवाद देते हैं।

स्कूल और कॉलेज से पास आउट होने वाले छात्र इस दिन अपने शिक्षकों से मिलने की कोशिश करते हैं और उन्हें अपनी शुभकामनाएं देते हैं। और अगर वे उनसे दूर हैं, तो वे उन्हें एक संदेश भेजते हैं या उन्हें फोन जरूर करते हैं।

FAQ (Frequently Asked Questions)

निबंध लिखते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए.

1. यह व्याकरणिक के रूप से सही हो।  2. इसमें पूर्ण वाक्य का इस्तेमाल करे। 3. इसमें किसी भी तरह का abbreviations का उपयोग नहीं करे।

एक छात्र के जीवन में शिक्षक की क्या भूमिका होती है?

एक शिक्षक को सर्वोच्च महत्व दिया जाता है क्योंकि वह बच्चों को मूल्यवान ज्ञान, और नैतिक मूल्य प्रदान करता है। शिक्षक एक छात्र के समग्र दृष्टिकोण, व्यवहार को आकार देने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

क्या आज शिक्षकों को योग्य और अर्जित सम्मान दिया जाता है?

अधिकांश छात्र निश्चित रूप से शिक्षकों को जानते हैं और उन्हें महत्व देते हैं और उन्हें उचित सम्मान भी देते हैं। हालाँकि, अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं जो उनकी आलोचना करते हैं और शिक्षकों के प्रति बहुत सम्मानजनक नहीं होते हैं। इसीलिए छात्रों को इस बारे में कम उम्र से ही सिखाया जाना चाहिए।

आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।

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हमारे इस पोस्ट को, हिंदी खोजी की एडिटोरियल टीम द्वारा पूरी रिसर्च करने के बाद लिखा गया है, ताकि आपलोगों तक सही और नई जानकारियों को सरलता से पहुचाया जा सके। साथ ही हम यह आशा करेंगे की, आपलोगों को इन आर्सेटिकल्स के माध्यम से सही और सटीक जानकारी मिल सके, जिनकी आपको तलाश हो | धन्यवाद।

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शिक्षक दिवस का क्या महत्व है?

भारत मे प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये दिन मुख्य रूप से शिक्षको को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्पति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिन मनाया जाता है, उन्ही के याद में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।।

पुरे देश मे शिक्षक दिन या शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन छात्र और छात्राय अपने शिक्षक को ग्रीटिंग कार्ड और तोहफे दे कर उनका सम्मान करते है।। विद्यार्थिय अपने – अपने तरीको से शिक्षक के प्रति प्यार और सम्मान को प्रकट करते है। देश ही नही बल्कि पूरे दुनिया मे शिक्षक दिवस को बड़े ही हर्षो उल्लास से मनाया जाता है।

राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, महान शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। उनका कहना था, कि जहां कहीं से भी कुछ सीखने को मिले उसे अपने जीवन में उतार लेना चाहिए। वह पढ़ाने से ज्यादा छात्र के बौद्धिक विकास पर जोर देने की बात करते थे। वह पढ़ाई के दौरान काफी खुशनुमा माहौल बनाकर रखते थे। 1954 ई० में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

शिक्षक दिवस पूरे भारत में हर साल 5 सितम्बर को, शिक्षकों को हमारी शिक्षा के साथ ही समाज और देश के लिए बहुमूल्य योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाते हैं?

 शिक्षक दिवस हर वर्ष पूरे भारत मे 5 सितंबर को मनाया जाता है। देश मे शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

भारत के सबसे पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पे हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

  • Teachers Day Speech in Hindi (शिक्षक दिवस पर भाषण)
  • Teachers Day Quotes in Hindi (शिक्षक दिवस बधाई सन्देश)

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (10 lines on teachers day in hindi)

  • शिक्षक दिवस भारत में 5 सितम्बर को मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस भारत के द्वितीया राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृश्णन के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस शिक्षकों के सम्मान में मनाया जाता है।
  • अंतराष्ट्रीय शिक्षक दिवस पुरे विश्व में 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस पर स्कूलों में शिक्षकों के सम्मान में आयोजन होता है।
  • बहुत से स्कूलों में आज के दिन बच्चे स्कूल के शिक्षक की भूमिका भी निभाते है।
  • बच्चे अपने प्रिय शिक्षकों को आज के दिन उपहार भी देते है।
  • सरकार द्वारा भी आज के दिन कुछ शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
  • स्कुलो में इस दिन निबंध नृत्य आदि प्रतियोगिता का आयोजन भी होता है।
  • गुरु भी आज के दिन अपने प्रिय शिष्य को उपहार भेंट करते है।

शिक्षक दिवस पर निबंध Short Me (Teachers Day Essay in Hindi Short)

“अक्षर-अक्षर हमें सिखाते, शब्द-शब्द का अर्थ हमें बताते, कभी प्यार से कभी डांट से, जीवन हमें सिखाते” ऐसे होते हैं हमारे शिक्षक।

 हम सभी जानते हैं कि आज के समय में शिक्षा का महत्व काफी अधिक बढ़ गया है। हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें, और उनके इस सपने को पूरा करने का श्रेय अध्यापक को जाता है। प्राचीन समय से ही गुरु-शिष्य का रिश्ता भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा रहा है। 

जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई और नहीं ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लेकर आते हैं। आपको बता दें, कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता हैं तो वहीं अपने यहाँ भारत में शिक्षक दिवस हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। 

शिक्षक दिवस स्कूलों, कॉलेजों और इंस्टीट्यूट में बहुत धूम–धाम से मनाया जाता है।। इसके अलावा छात्र शिक्षक को उपहार भी देते हैं। जो छात्र Teacher Day के उपलक्ष्य में स्कूल, कॉलेजों में होने वाली प्रतियोगिता में शामिल भी होना चाहते हैं। 

 Teachers Day क्यों मनाते हैं – शिक्षक दिवस के बारे में जानकारी 2022

निबंध 2  शिक्षक दिवस पर निबंध 200 Words (Teachers Day Essay in Hindi 200 Words)

शिक्षक वो होता है, जो अपने शिष्यों को सही राह दिखता है। हम सब आज जिस जगह पर है, उसमें किसी न किसी शिक्षक का हाथ जरूर होता है। शिक्षक हर एक व्यक्ति के जीवन मे बहुत महत्वपूर्ण है, शिक्षक हमारे भविष्य की राहो को बहुत आसान बनाते हैं, और उसपे चलने का हुनर भी सिखाते हैं। शिक्षक केवल वो नही होता जो हमे क्लास में पढ़ता है, शिक्षक हर वो व्यक्ति होता है, जो हमको जीवन मे क्या कैसे करना है, ये सब कुछ बताता है।। जो बच्चे अपने जीवन मे शिक्षक का सम्मान नही करते, वह आगे जाकर अपने जीवन की राहों में भटक जाते हैं। शिक्षक का अर्थ होता है, गुरु मतलब शिक्षक यानी कि गुरु,

 गुरु का तो अर्थ ही होता है, अंधेरे से उजाले की ओर ले जाना होता है। इसी प्रकार शिक्षक हमारे जीवन के अंधेरे से ज्ञानमयी उजाले की ओर ले जाते हैं। भविष्य मे आप किसी भी संकट में हो आपके प्रिय लोग आपके साथ छोर सकते हैं, पर एक शिक्षक आपका साथ कभी नहीं छोड़ सकता। शिक्षक एक ऐसा महान व्यक्ति है, जिसके लिए एक दिन तो क्या सही सभी दिन शिक्षक दिवस हो, फिर भी उसके सम्मान में कम होते हैं।

किसी भी व्यक्ति का पहला शिक्षक उनके माता-पिता होते है। शिक्षक दिवस का दिन आपको यही बताता है कि हमारे जीवन मे न तो शिक्षा की कमी है और न् ही ज्ञान की। अपने शिक्षक का हमेशा सम्मान करना बहुत ही आवश्यक है। मा- बाप तो सिर्फ आपको चलना और बोलना सिखाते हैं, जबकि शिक्षक वह व्यक्ति है जो आपके जीवन की आदर्शों को सिखाता हैं।। हर पेशे के लोग हर क्षेत्र में अपना फायदा देखते हैं, परन्तु एक शिक्षक ही अपने शिष्यों को खुद से ऊंचा देखना चाहते हैं।

निबंध 3:  शिक्षक दिवस पर निबंध 400 Words (Teachers Day Essay in Hindi 400 Words)

कहा जाता है, की हमारे जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता- पिता होते है, प्राचीन समय से ही हमारे भारत देश मे गुरु व शिक्षक की परंपरा चली आ रही है। लेकिन हमारे जिंदगी को सही रहो में जीने का सलीका हमारे गुरु ही सिखाते है। सही मार्ग पे बच्चों को चलने के लिए गुरु हर वो मेहनत और त्याग बखूबी निभाते है।। गुरु-शिष्य की परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र रिश्ता है। 

प्रतिवर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए भारतभर में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। ‘गुरु’ का हर किसी के जीवन में बहुत महत्व होता है। समाज में भी उनका अपना एक विशिष्ट स्थान होता है। 

सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा में बहुत विश्वास रखते थे। वे एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे। उन्हें अध्यापन से गहरा प्रेम था। एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण उनमें विद्यमान थे। इस दिन समस्त देश में भारत सरकार द्वारा श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है। स्कूल और कॉलेज में पूरे दिन उत्सव-सा माहौल रहता है। दिनभर रंगारंग कार्यक्रम और सम्मान का दौर चलता है। इस दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर याद कर मनाया जाता है।

गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है, जिसके कई स्वर्णिम उदाहरण इतिहास में दर्ज हैं। शिक्षक उस माली के समान है, जो एक बगीचे को अलग- अलग रूप-रंग के फूलों से सजाता है। जो छात्रों को कांटों पर भी मुस्कुराकर चलने के लिए प्रेरित करता है। 

आज शिक्षा को हर घर तक पहुंचाने के लिए तमाम सरकारी प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षकों को भी वह सम्मान मिलना चाहिए जिसके वे हकदार हैं। एक गुरु ही शिष्य में अच्छे चरित्र का निर्माण करता है।

निबंध 4: शिक्षक दिवस पर निबंध 500 Words (Teachers Day Essay in Hindi 500 Words)

हमारे जीवन मे शिक्षक का बहुत ही विशेष महत्व है , शिक्षा ही हमे इस बात का ज्ञान देता है कि हमारे जीवन मे क्या सही और क्या गलत है, हमे क्या करना चाहिए और क्या नही करना चाहिए। इन सारे गलत चीजो को छोड़ कर सही रास्ते पर लाने का काम हमारे शिक्षक का ही होता है, इसलिए हमारे जीवन मे शिक्षक का बहुत विशेष महत्व है। और इनको ही अपने जीवन में सम्मान देने के लिए हम लोग प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाते है।   

जैसा कि हम सभी जानते है, की गुरु न हो तो हमे ज्ञान की प्राप्ति नही हों सकती। “क्योंकि बिना गुरु ज्ञान न होय” इस बात को कबीरदास ने अपने दोहा में कहा गया है। 

जीवन के हर एक पड़ाव पर गुरु की बहुत आवश्यकता होती है। गुरु का स्थान बहुत ही ऊंचा होता है, और उनके ही सम्मान में 5 सितंबर को हमलोग शिक्षक दिवस के रूप में मनाते है।

हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर1888 ई० को हुआ था। अध्यापन पेशे के प्रति उनके प्यार और लगाओ के कारण उनके जन्मदिन पर पूरे भारत मे शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस के दिन स्कूलों में छात्रों के द्वारा सजावट की जाती है, और उसके बाद सभी छात्र मिलकर शिक्षक को कुछ उपहार देते हैं।। इसके अलावा इस दिन स्कूलों में अनेकों प्रकार की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है, जिसमें छात्र बढ़-चढ़कर भाग लेते है। 

जैसा कि हम सभी जानते हैं, कि किसी भी देश का भविष्य उस देश का युवा होता है,  और ऐसे में देश के भविष्य का निर्माण करने की जिम्मेदारी शिक्षक के ऊपर होती है। क्योंकि अगर किसी देश का युवा भ्रमित हो जाए, तो उस देश का भविष्य भी अंधकार में हमेशा के लिए हो जाएगा।।

प्राचीन काल में छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरुकुल जाया करते थे, जहां पर उन्हें शिक्षक के द्वारा शिक्षा दी जाती थी और जब उनकी शिक्षा पूरी होती थी।  तब गुरु उनसे गुरु दक्षिणा लिया करते थे।। छात्र के जीवन में शिक्षक का एक अहम भूमिका है।। शिक्षक छात्र को इस बात का ज्ञान देते है, कि उन्हें अपने जीवन में कैसे कामों से बचना चाहिए, ताकि उनका भविष्य उज्जवल और सुरक्षित बन सके।

हम सभी को आज्ञाकारी छात्र के तौर पर साल में एक बार अपने शिक्षकों का अभिनंदन दिल से करना चाहिए।। जिस प्रकार एक कुम्हार मिट्टी के बर्तन को सही आकार देता है, ठीक उसी प्रकार एक शिक्षक छात्र के भविष्य को गढ़ने का काम करता है।।  शिक्षक का सम्मान करना और उसके दिखाए गए रास्ते पर चलना हम सब का परम कर्तव्य है।

एक शिक्षक अपने जीवन में उस दिन बहुत ज्यादा खुश होता है,,जब उसका कोई छात्र उसके द्वारा बताए गए चीजों का अनुसरण करते हुए जीवन में सफल होता है।  

राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।  इसके बावजूद भी कई लोग ऐसे हैं, जो शिक्षक को सम्मान देने में अपने आप को छोटा महसूस करते हैं लेकिन शिक्षक के मान और सम्मान को देश में राष्ट्र दिवस के तौर पर मनाया जाए।।इस काम को करने का श्रेय डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जाता है । जिन्होंने अपने अथक प्रयास से कई विद्यार्थियों की जिंदगी संवारी हैं। देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है

FAQs on Teachers Day Essay in Hindi

हर साल भारत में 5 सितंबर का दिन  शिक्षक दिवस  (टीचर्स डे) के रूप में मनाया जाता है। ये दिन मुख्य रूप से  शिक्षकों (Teachers) को सम्मान देने के लिये मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है भाषण?

भारत में भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण के जन्म  दिवस  अर्थात 5 सितंबर को  शिक्षक दिवस मनाया जाता  है। उन्होंने अपने छात्रों से अपने जन्म  दिवस  पर  शिक्षक दिवस मनाने  की इच्छा जताई थी।

शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

 हम अपने महान शिक्षक सर्वपल्ली राधाकृष्णन की  याद  में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस ( Teacher’s day ) मनाते हैं

5 सितंबर को किसका जन्म हुआ था?

भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का  जन्म 5 सितंबर , 1888 को  हुआ था

Teachers Day Kab Manate Hain ?

हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस ( Teacher’s day ) मनाते हैं

Conclusion: Teachers Day Essay in Hindi

दोस्तों इस आर्टिकल से अपने टीचर्स डे स्पीच इन हिंदी के बारे में विस्तार में जाना आपको ये भी जानने को मिला की Teachers day kyun manate hai, Teachers day kab manate hai? Teachers day essay in Hindi कैसे लिखे etc.

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गुरु विन ज्ञान नहीं… ये तथ्य के बारे में हम अच्छी तरह से जानते है, हम कितनी भी शिक्षा लेले अगर उसमे शिक्षक का हाथ नहीँ हुआ तो वो शिक्षा सफल नहीं हो पाती है। और हमारे देश मे गुरु और शिष्य की परंपरा सदियों पुरानी है।

शिक्षक दिवस मनाने के दिन सर्वपल्ली राधाकृष्ण का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षक दिवस सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिन के अवसर पर 5 सितम्बर 1962 से शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस प्रकार हम कह सकते है की शिक्षक चाहे किसी भी देश जाती या धर्म का हो जब वो किसी को शिक्षा देते है, तो वो किसी भी छात्र के साथ कोई भेदभाव नहीं करते। अर्थात गुरु किसी भी रूप में हो, गुरु – गुरु ही होता है चाहे वह किसी भी देश का क्यों ना हो।

शिक्षक पर श्लोक जो कि हमारेे पूरे भारतवर्ष में प्रशिद्ध है, वो इस प्रकार है।

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शिक्षक दिवस पर निबंध | Essay on Teachers’ Day in Hindi

teachers day essay in hindi for class 3

शिक्षक दिवस पर निबंध | Essay on Teachers’ Day in Hindi!

शिक्षक, नेता, विचारक, दार्शनिक के रूप में सफलता प्राप्त करने वाले भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे । राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किए थे ।

उनके शिक्षा प्रेम और विद्वता के कारण भारत वर्ष में उनका जन्म दिवस 5 सितम्बर ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है । प्राचीन काल में यह मान्यता थी कि बिना गुरू के ज्ञान नहीं होता और हो भी जाए तो वह फल नहीं देता । यह मान्यता कुछ हद तक सही भी थी, क्योंकि व्यक्ति जो कुछ पढ़ता है उससे उसे मात्र शब्द ज्ञान प्राप्त होता है उर्थ ज्ञान नहीं ।

अर्थ ज्ञान के लिए ही व्यक्ति को शिक्षक की आवश्यकता होती है । अर्थ ज्ञान के अभाव में वह उस गधे की तरह होता है, जो अपने पीठ पर लदे चन्दन की लकड़ी के भार को जानता हें, लेकिन चन्दन को नहीं जानता । भारत-शिक्षा के लिए प्राचीन काल से ही विश्व प्रसिद्ध रहा है ।

ADVERTISEMENTS:

पहले शिक्षा गुरुकुलों में दी जाती थी । छात्र आश्रमों में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे । वे शिक्षा की पूर्ण समाप्ति पर ही अपने घरों में वापिस लौटते थे । वेद, वेदांत, उपनिषद्, शस्त्र-अस्त्र की शिक्षा के अतिरिक्त उन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक शिक्षा भी दी जाती थी । शिष्य की समस्याओं और शंकाओं का निवारण उस का शिक्षक सदैव करता था । शिक्षक का स्थान बहुत ऊँचा था । राजा भी शासन कार्यों में उसकी सलाह लेते थे ।

संसार परिवर्तनशील है । मान्यताएं बदलती हैं और ध्वस्त होती हैं । लेकिन शिक्षा की आवश्यकता व्यक्ति को जीवन भर पड़ती है । जिस प्रकार माली पौधे की कांट-छांट करके उसे सुन्दर बनाता है, उसी प्रकार शिक्षक भी अपने विद्यार्थियों के दुर्गुणों को दूर कर उनमें सद्‌गुणों का विकास कर उन्हें उच्च पद पर बैठाता है । जैसे कि चाणक्य ने अपने शिष्य चन्द्रगुप्त को सम्राट बनाया था । इसलिए गुरू ब्रह्म, विष्णु और महेश के समान पूज्यनीय है ।

देश को महान् नेता, वैज्ञानिक, दार्शनिक, डॉक्टर इंजीनियर देने वाले शिक्षक की उपेक्षा कदाचित् उचित नहीं । 5 सितम्बर को राष्ट्रपति कुछ शिक्षकों को पुरस्कार देते हैं । यह पुरस्कार राज्य स्तर पर भी शिक्षकों को मिलता है । राजनैतिक कृपापात्र ही इस पुरस्कार की चयन प्रक्रिया में आ पाते हैं । कुशल और योग्य शिक्षक अपने जीवन में यह पुरस्कार प्राप्त नहीं कर पाते ।

5 सितम्बर को स्कूलों का कार्यभार बच्चों को सौंपा जाता है । कुछ चुने हुए छात्र-छात्राओं को अध्यापक और अध्यापिका बनाया जाता है और वे अध्यापन का कार्य करते हैं । शरारत करने वाले छात्र जिस जिम्मेदारी से कार्य का संचालन करते हैं वह देखते ही बनता है ।

विद्यालय में प्रार्थना समाप्त होने के बाद इन बाल अध्यापकों से परिचय कराया जाता है । इस अवसर पर बाल अध्यापक अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं । कहीं-कहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं । अगले दिन प्रिंसिपल बाल अध्यापकों द्वारा सुव्यवस्थित ढंग से चलाए गए अध्यापन कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं ।

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teachers day essay in hindi for class 3

टीचर्स डे पर निबंध-  इस लेख हम टीचर्स डे का इतिहास, भारत में टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है, समाज और एक बच्चे के जीवन में गुरु का महत्व क्या है इस के बारे में जानेगे |

शिक्षक दिवस पर 10 लाइन हिंदी में 

  • भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस अपने शिक्षकों को सम्मान देने और उनकी महत्ता का अहसास दिलाने के लिए ही मनाया जाता है। 
  • भारत 1962 से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मना रहा है।

भारतीय शिक्षा में अभूतपूर्ण योगदान देने के कारण ही सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के दिन ही भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 

  • इस दिन नेता और प्रसिद्ध हस्तियां डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
  • इस दिवस पर छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं और सम्मान के प्रतीक के रूप में उन्हें उपहार देते हैं।
  • पूरे भारत के छात्र इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।
  • दुनिया भर में करीब सौ से ज्यादा देश शिक्षक दिवस मनाते हैं।
  • विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।
  • शिक्षक को प्राचीन भारतीय संस्कृति में “गुरु” नाम से संबोधित किया जाता था।

Short Essay on teachers day in Hindi शिक्षक दिवस पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

शिक्षक दिवस पर अनुच्छेद : दुनिया भर के कई देश शिक्षकों और समाज में उनके योगदान का सम्मान करने के लिए अलग-अलग तारीखों पर शिक्षक दिवस मनाते हैं। भारत में, शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। इस अवसर पर पूरे भारत में स्कूलों और कॉलेजों में एक उत्सव का माहौल होता है। डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही किताबें पढ़ने के शौकीन थे । उन्होंने भारतीय शिक्षा में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

भारत शुरू से ही एक गुरुप्रधान देश रहा है चाहे कबीर हो या रैदास सब ने ही गुरु को अपना सर्वस्व माना है, इन दोनों कवियों ने गुरु को भगवान से बढ़कर बताया है। गुरु वह शख्सियत है जो किसी व्यक्ति के मन, वचन और कर्म से अज्ञान रूपी अंधेरा हटाकर ज्ञान रूपी प्रकाश करता है। 

शिक्षक दिवस पर अनुच्छेद – कक्षा 1, 2, और 3 के बच्चों के लिए 100 शब्दों में

हमारे शिक्षक हमारे जीवन में एक महान और सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमारे ज्ञान और आत्मविश्वास को बढ़ाने में हमारी सहायता करते हैं और साथ ही सफलता पाने के लिए हमें सही आकार देते हैं।

इसलिए उन्हें सम्मान देने के लिए भारत एवं संपूर्ण विश्व में टीचर्स डे नाम से एक विशेष उत्सव मनाया जाता है।  भारत में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। इस दिन पूरे भारत में स्कूलों और कॉलेजों में एक उत्सव का माहौल होता है। बच्चे अपने शिक्षक को मान-सम्मान देने के लिए स्पीच और उपहार देते है। शिक्षक को प्राचीन भारतीय संस्कृति में “गुरु” नाम से संबोधित किया जाता था। 

शिक्षक दिवस पर अनुच्छेद – कक्षा 4 और 5 के बच्चों के लिए 150 शब्दों में

शिक्षक दिवस के दिन बच्चे अपने सभी शिक्षकों को उनके योगदान के लिए सम्मान देते है । भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। स्कूल और कॉलेजों के छात्र शिक्षक दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। छात्र अपने शिक्षकों के प्रति अपना प्यार और सम्मान देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं और उनके निष्ठावान योगदान के लिए छात्र उन्हें फूल और अन्य उपहार देकर अपना आभार प्रकट करते है।

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। वे एक महान शिक्षक थे। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में परास्नातक किया और बाद में, उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय में पढ़ाया, जहाँ वे छात्रों के बीच लोकप्रिय थे। पहला शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था, जिस वर्ष राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना पद ग्रहण किया था। राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति और राजेंद्र प्रसाद के बाद भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने।

शिक्षक दिवस पर अनुच्छेद – कक्षा 6, 7, और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

दुनिया भर के लगभग 100 से ज्यादा देश टीचर्स डे को मनाते हैं। सभी देश अलग-अलग तारीखों पर टीचर्स डे मनाते हैं। इस दिन अध्यापकों को सामान्य रूप से और कतिपय कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों को उनके विशेष योगदान के लिये सम्मानित किया जाता है। 

देश में शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्मदिन है। राधाकृष्णन शिक्षा के प्रति अत्यधिक समर्पित थे तथा उन्होंने भारत के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रमुख पदों पर कार्य किया। पहला शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था जिस वर्ष राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना पद ग्रहण किया था। राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति थे और राजेंद्र प्रसाद के बाद भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने। जब वे 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने, तो कुछ छात्रों ने उनसे 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया। तब उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से मेरे जन्मदिन के रूप में मनाने के बजाय क्यों न इसे शिक्षक दिवस के रूप में अध्यापन पेशे के प्रति मेरे समर्पण के रूप में मनाया जाए। उनके इस बयान के बाद से पूरे भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हो गई है।

शिक्षक दिवस पर अनुच्छेद –  कक्षा 9, 10, 11, 12 और प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

शिक्षक दिवस समाज में शिक्षकों को सम्मान देने और शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयासों को याद करने के लिए मनाया जाता है। हर देश किसी स्थानीय शिक्षक या शिक्षा के क्षेत्र में हासिल किए गए मील के पत्थर की याद में एक तारीख को शिक्षक दिवस मनाता है।

अध्यापक प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक अनसंग हीरो होता है। अध्यापक की महत्ता की तुलना हम एक कुम्हार से कर सकते हैं, जैसे एक कुम्हार बेकार मिट्टी को गढ़ के सुंदर खिलौना या बर्तन बनाता है ठीक उसी प्रकार एक अध्यापक एक बच्चे के आंतरिक अंतर्मन को गढ़ कर उसको एक आदर्श इंसान बनाता है। 

शिक्षक को प्राचीन भारतीय संस्कृति में “गुरु” नाम से संबोधित किया जाता था और समाज में प्राचीन काल से ही गुरु का स्थान सबसे ऊपर रहा है, स्वयं राजा महाराजाओं ने भी गुरु को खुद से ऊपर का दर्जा दिये हैं। प्राचीन काल में प्रत्येक राज्य में एक कुलगुरु रहते थे, जिनका कार्य राजाओं के बच्चों को वेद, पुराण, शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा देना होता था। 

गुरु के महत्व के बारे में जितने शब्द कहो सब कम ही पड़ जाते हैं क्योंकि भगवान जब जब धरती पर अवतरित हुए हैं तो संपूर्ण ज्ञान से परिपूर्ण होते हुए भी उनको किसी न किसी गुरु के सानिध्य में जाना ही पड़ा है, फिर चाहे वो भगवान श्री राम हो, कृष्ण जी हो या हनुमान जी हो। 

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। वह एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे, जिन्होंने भारत और दुनिया भर के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रमुख पदों पर कार्य किया। भारतीय शिक्षा में अभूतपूर्ण योगदान देने के कारण ही सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के दिन ही भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन नेता और प्रसिद्ध हस्तियां डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। भारत में 1962 से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

टीचर्स डे पर निबंध 1500 Words

एक बच्चे के जीवन में माता पिता के बाद एक अध्यापक का ही स्थान होता है। 

एक छोटा बच्चा मिट्टी के पुतले के जैसा होता है, जिसको मानसिक और नैतिक रूप से एक अध्यापक ही मजबूत बनाता है। 

अध्यापक प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक अनसंग हीरो होता है। अध्यापक की महत्ता की तुलना हम एक कुम्हार से कर सकते हैं, जैसे एक कुम्हार बेकार मिट्टी को गढ़के सुंदर खिलौना या बर्तन बनाता है ठीक उसी प्रकार एक अध्यापक एक बच्चे के आंतरिक अंतर्मन को गढ़कर उसको एक आदर्श इंसान बनाता है। 

भारत शुरू से ही एक गुरुप्रधान देश रहा है चाहे कबीर हो या रैदास सब ने ही गुरु को अपना सर्वस्व माना है, इन दोनों ही कवियों ने गुरु को भगवान से बढ़कर बताया है। 

कबीर जी का एक प्रसिद्ध दोहा सबको याद ही होगा, अगर नही याद तो चलिए याद दिला देता हूं; 

“गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए”

इस दोहे का अर्थ है कि, “अगर गुरु और भगवान दोनो मेरे सामने आ जाए और पूछे कि किसके पैर आगे पड़ोगे तो मैं अपने गुरु के पैर आगे छूंगा क्योंकि अगर गुरु न होते तो मुझे कौन बताता कि इस दुनिया में भगवान हैं।”

भारत एवं संपूर्ण विश्व में ही अध्यापकों को शुक्रिया अदा करने के लिए टीचर्स डे नाम का एक विशेष पर्व मनाया जाता है, भारत में टीचर्स डे हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। 

इस लेख में हम आपको इसी टीचर्स डे का इतिहास, टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है, आदर्श गुरु के लक्षण, टीचर्स डे का महत्व और भारत में टीचर्स डे कैसे मनाया जाता है के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। 

संकेत बिंदु (Contents)

° प्रस्तावना ° टीचर्स डे का इतिहास ° भारत में टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है ° टीचर्स डे का महत्व ° भारत में टीचर्स डे कैसे मनाया जाता है ° उपसंहार

अध्यापक को प्राचीन भारतीय संस्कृति में “गुरु” नाम से संबोधित किया जाता था। 

गुरु शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, गु+रु। अब इसका अगर अर्थ निकाला जाए तो इसका अर्थ बड़ा ही स्पष्ट है, गु अर्थात् अंधेरा और रु अर्थात् दूर करने वाला।  इसका संपूर्ण भावार्थ निकाला जाए तो इसका अर्थ होगा, गुरु वह शख्सियत है जो किसी व्यक्ति के मन, वचन और कर्म से अज्ञान रूपी अंधेरा हटाकर ज्ञान रूपी प्रकाश करता है। 

भारतीय संस्कृति और समाज मे प्राचीन काल से ही गुरु का स्थान सबसे ऊपर रहा है, स्वयं राजा महाराजाओ ने भी गुरु को खुद से ऊपर का दर्जा दिये हैं।  प्राचीन काल में प्रत्येक राज्य में एक कुलगुरू रहते थे, जिनका कार्य राजाओं के बच्चों को वेद, पुराण, शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा देना होता था।  हालांकि, पुराने समय में गुरु शब्द केवल राजाओं तक ही सीमित थे, आम लोगों को गुरु एवं शिक्षा जैसी कोई सुविधा नहीं मिलती थी। 

गुरु के महत्व के बारे में जितने शब्द कहो सब कम ही पड़ जाते हैं क्योंकि भगवान जब जब धरती पर अवतरित हुए हैं तो संपूर्ण ज्ञान से परिपूर्ण होते हुए भी उनको किसी न किसी गुरु के सानिध्य में जाना ही पड़ा है, फिर चाहे वो भगवान श्री राम हो, कृष्ण या हनुमान जी। 

हालांकि प्राचीन काल से अब की स्थिति व गुरु का स्थान और भूमिका में बदलाव आया है, पहले गुरु अपने शिष्यों से शिक्षा समाप्त होने के बाद गुरु दक्षिणा मांगते थे, तो अब हर महीने गुरु दक्षिणा के स्थान पर फीस लगती है। 

अब शिष्यों का दृष्टिकोण भी बदला है, जहां पहले गुरु चाहे जो सजा दे दे शिष्य कभी उनका विरोध नही करते थे, विरोध करना तो दूर उनके सामने हमेशा सिर नीचे करके ही खड़े रहते थे। वहीं आज ये परिदृश्य बदल चुका है, आज शिष्य अपने अध्यापकों की बेइज्जती यहां तक कि मारपीट भी करते हैं। 

टीचर्स डे अपने अध्यापकों को सम्मान देने और उनकी महत्ता का अहसास दिलाने के लिए ही मनाया जाता है। 

टीचर्स डे का इतिहास

1944 के आसपास, रयान क्रुग नाम के एक विस्कॉन्सिन के शिक्षक ने शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए एक राष्ट्रीय दिवस की आवश्यकता के बारे में राजनीतिक और शिक्षा नेताओं के साथ संवाद करना शुरू किया।  

वुडब्रिज ने एलेनोर रूजवेल्ट को एक पत्र लिखा, जिन्होंने सन् 1953 में 81वीं कांग्रेस दिवस को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस घोषित करने के लिए राजी किया।   विश्व शिक्षक दिवस मनाने के लिए, यूनेस्को और एजुकेशन इंटरनेशनल हर साल दुनिया को शिक्षकों की बेहतर समझ और छात्रों और समाज के विकास में उनकी भूमिका निभाने में मदद करने के लिए एक अभियान चलाते हैं। वे इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए निजी क्षेत्र, जैसे मीडिया संगठनों के साथ भागीदारी करते हैं। यह अभियान हर साल विभिन्न विषयों पर ध्यान केंद्रित करता है। 

उदाहरण के लिए, “ शिक्षकों का सशक्तिकरण ” टीचर्स डे-2017 का विषय है। 

यह वह वर्ष था जब विश्व शिक्षक दिवस ने उच्च शिक्षा शिक्षण कर्मियों की स्थिति से संबंधित 1997 की यूनेस्को की सिफारिश की 20 वीं वर्षगांठ मनाई। 

2018 के लिए, यूनेस्को ने विषय को अपनाया: “शिक्षा के अधिकार का अर्थ है एक योग्य शिक्षक का अधिकार।”  यह मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (1948) की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है और एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि हम प्रशिक्षित शिक्षकों के बिना शिक्षा के अधिकार को महसूस नहीं कर सकते।

भारत में टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है

दुनिया भर के लगभग 100 से ज्यादा देश टीचर्स डे को मनाते हैं। भारत भी टीचर्स डे को हर साल 5 सितंबर को मनाता है। 

पहला शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था, जिस वर्ष राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना पद ग्रहण किया था। राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे और राजेंद्र प्रसाद के बाद देश के दूसरे राष्ट्रपति बने। 

5 सितंबर 1882 को, सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म आंध्र प्रदेश के तिरुतानी में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। 

उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में परास्नातक किया और बाद में, उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय में पढ़ाया, जहाँ वे छात्रों के बीच लोकप्रिय भी थे। 

राधाकृष्णन ने आंध्र विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी कार्य किया। उन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ईस्टर्न रिलीजन के प्रोफेसर, स्पाल्डिंग की जगह लेने के लिए भी बुलाया गया।

टीचर्स डे का महत्व

शिक्षक दिवस का विशेष महत्व है ।  यह उन शिक्षकों के प्रयासों का सम्मान करने और उन्हें महत्व देने का दिन है जो साल भर अथक परिश्रम करते हैं।  शिक्षकों की नौकरी दुनिया की सबसे कठिन नौकरियों में से एक है क्योंकि उन्हें युवा दिमाग को पोषित करने की जिम्मेदारी दी जाती है। उन्हें छात्रों से भरी कक्षा दी जाती है। प्रत्येक छात्र अद्वितीय है और उसकी क्षमता अलग है। 

कुछ छात्र खेल में अच्छे हो सकते हैं अन्य गणित के प्रतिभाशाली हो सकते हैं जबकि अन्य अंग्रेजी में गहरी रुचि दिखा सकते हैं।  एक अच्छा शिक्षक छात्रों को उनकी रुचि का पता लगाने और उनकी क्षमताओं की पहचान करने में मदद करता है। 

वह छात्रों को उन विषयों या गतिविधियों में अपने कौशल को सुधारने के लिए प्रोत्साहित करती है जिनमें वे रुचि रखते हैं और साथ ही यह सुनिश्चित करते हैं कि वे अन्य विषयों या शिक्षाविदों की समग्र रूप से उपेक्षा नहीं करते हैं।

इस पेशे से जुड़े लोगों को टीचर्स डे नामक एक विशेष दिन समर्पित करने का कारण उन्हें सम्मान देना और आभार व्यक्त करना है।  शिक्षक दिवस का बहुत महत्व है।  निम्नलिखित कारणों की वजह से इसे महत्वपूर्ण माना जाता है:

आभार व्यक्त करने का तरीका

शिक्षक अपने छात्रों को अच्छी तरह से पोषित करने के लिए लगातार कड़ी मेहनत करते हैं।  शिक्षक के लिए छात्र पहले आते हैं और वे यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक छात्र अच्छी आदतों और अनुशासन को विकसित करे और अकादमिक रूप से अच्छा करे।  वे उन्हें उनके सर्वांगीण विकास के लिए खेल और अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं।  

वे अपने छात्रों को विकसित करने में मदद करने की पूरी कोशिश करते हैं।  यह दिन छात्रों द्वारा उनके लिए किए गए सभी कार्यों के लिए शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का तरीका है। 

सम्मान की भावना व्यक्त करने का तरीका

शिक्षक दिवस पर, छात्र उन शिक्षकों को सम्मान देते हैं जो उनके गुरु के रूप में कार्य करते हैं और उन्हें जीवन में सही दिशा दिखाते हैं।   छात्र सम्मान के प्रतीक के रूप में अपने शिक्षकों को धन्यवाद भाषण और उपहार गुलदस्ते, कार्ड और अन्य अनुकूलित उपहार आइटम वितरित करते हैं। 

छात्र-शिक्षक बंधन को मजबूत करने का एक तरीका

शिक्षक दिवस ही एक ऐसा दिन है जो छात्र-शिक्षक बंधन को मजबूत करता है। इस कारण भी यह महत्वपूर्ण है। छात्र इस दिन शिक्षक के रूप में तैयार होते हैं और व्याख्यान देते हैं और ऐसा करने से वे शिक्षक होने की कठिनाइयों को समझते हैं।  वे अपने शिक्षकों के वास्तविक मूल्य और उनके द्वारा की गई कड़ी मेहनत और प्रयासों को समझते हैं। इससे उनके शिक्षकों के प्रति सम्मान बढ़ता है।

इस दिन शिक्षकों और छात्रों से जुड़े कई खेल और अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।  छात्र और शिक्षक इन्हें एक साथ खेलते हैं और इस तरह उनके बीच एक अच्छा रिश्ता बन जाता है। यह उनके बंधन को मजबूत करने का एक शानदार तरीका है। 

भारत में टीचर्स डे कैसे मनाया जाता है

भारत भर के स्कूलों में छात्र शिक्षक दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।  छात्र इस दिन अपने पसंदीदा शिक्षकों की तरह तैयार होते हैं और जूनियर कक्षाओं में जाते हैं। उन्हें अलग-अलग कक्षाएं सौंपी जाती हैं जहां वे जाते हैं और इस दिन पढ़ाते हैं।  

सीनियर विंग और जूनियर विंग दोनों के छात्रों के लिए यह बहुत मजेदार पल होता है। वे इन सत्रों के दौरान अध्ययन के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों में शामिल होते हैं।  वरिष्ठ छात्र यह सुनिश्चित करते हैं कि स्कूल का अनुशासन पूरे समय बना रहे और जूनियर उसी में उनका सहयोग करें। कई स्कूलों में, जूनियर छात्र भी विभिन्न शिक्षकों के रूप में तैयार होते हैं और उन्हें अपनी भूमिका निभाने के लिए कहा जाता है। 

प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और सबसे अच्छी पोशाक और भूमिका निभाने वाला वही जीतता है। शिक्षक दिवस के अवसर पर कई अन्य प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।  ये गतिविधियाँ आमतौर पर दिन के दूसरे भाग में होती हैं। पहली छमाही के दौरान, वरिष्ठ छात्र कक्षाएं लेते हैं जबकि शिक्षक आराम करते हैं और स्टाफ रूम में मस्ती करते हैं।

टीचर्स भी खूबसूरती से सजे-धजे नजर आ रहे हैं। उनमें से ज्यादातर एक साड़ी या कुछ अन्य विशेष पोशाक पहनते हैं और शानदार हेयर स्टाइल के लिए जाते हैं। उनके स्वागत के लिए स्कूलों को अच्छी तरह से सजाया जाता है। छात्र विशेष रूप से इस अवसर के लिए कक्षाओं को सजाने के लिए एक दिन पहले स्कूल के बाद वापस आ जाते हैं।  वे कक्षाओं को सजाने के लिए विभिन्न नवीन तरीकों को लागू करते हैं और दिन के लिए रचनात्मक गतिविधियों के साथ भी आते हैं। वे उसी दिन से शिक्षक दिवस समारोह की तैयारी शुरू कर देते हैं।

कई स्कूलों में, छात्र नृत्य प्रदर्शन देते हैं, नाटक करते हैं, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित करते हैं, भाषण देते हैं और कई अन्य गतिविधियों में शामिल होते हैं, जबकि शिक्षक उन्हें प्रदर्शन करते हुए देखते हैं।  कुछ स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों के लिए सामूहिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। यह सब बहुत अधिक मजेदार होता है। वे अलग-अलग खेल खेलते हैं और एक साथ विभिन्न गतिविधियों में शामिल होते हैं और उसी पर अच्छी तरह से रम जाते हैं।

छात्र इस विशेष अवसर पर अपने शिक्षकों के लिए ग्रीटिंग कार्ड, फूल और अन्य उपहार सामग्री भी लाते हैं। शिक्षकों को भी अपने छात्रों से विभिन्न प्रकार के रंगीन उपहार प्राप्त करने में खुशी होती है। 

तो हमें पता चला है कि शिक्षक दिवस हर व्यक्ति के जीवन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि देश का हर व्यक्ति चाहे वह युवा हो या बूढ़ा, किसी न किसी दिन छात्र रहा है। हमें अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए इस दिन को उत्साह और सम्मान के साथ मनाना चाहिए। उन्हें महंगे उपहार देना जरूरी नहीं है लेकिन उन्हें खुश करने के लिए केवल सम्मान की भावना ही काफी है। एक छात्र और शिक्षक का रिश्ता हमारे देश में सबसे महत्वपूर्ण चीज है, जो भारत को विश्वगुरु बने रहने के लिए लंबे समय तक बनाए रखने की जरूरी है। 

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शिक्षक दिवस 2023 | Teacher’s Day 2023: निबंध, शायरी, महत्व, भाषण आदि

teachers day essay in hindi for class 3

“माता-पिता की मूरत है गुरू, इस कलयुग में भगवान की सूरत है गुरू”

गुरु को समर्पित यह पंक्ति बहुत ही खूबसूरत है। वास्तव में गुरु का स्थान माता-पिता, भगवान सबसे ऊपर है। हमे जन्म माता-पिता से मिलता है लेकिन हमे जीवन में जीने की शिक्षा, कामयाब बनने की शिक्षा सिर्फ गुरु देता है। सही मायने में शिक्षक सिर्फ वही व्यक्ति नहीं है जो हमें स्कूल, कॉलेजों में पढ़ाये, अपितु शिक्षक वो भी है जो जीवनपर्यन्त किसी न किसी रूप में हमे जीवन जीने की कला सिखाता है। ऐसे ही गुरु और चेले को समर्पित खास दिन की बात हम करने जा रहे हैं। प्रत्येक वर्ष सितम्बर माह की 5 वीं तारीख़ को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। Teacher’s Day सभी स्कूल-कॉलेजों में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। हम सब की लाइफ में गुरुओं का अपना एक अलग ही महत्व होता है। एक शिक्षक अगर चाह ले तो अपने छात्र का जीवन बना दे और अगर चाह ले तो वह जीवन बिगड़ भी सकता है। कामयाबी तक तो हर कोई पहुंचना चाहता है लेकिन कामयाबी की उन सीढ़ियों पर चलना सिर्फ हमारे गुरू ही हमें सिखाते हैं। एक छात्र के लिए और उसके जीवन के लिए गुरू का क्या महत्व है? इस सवाल का जवाब देने के लिए हर शब्द कम पड़ जाएंगे। हम आपको इस आर्टिकल में शिक्षक दिवस, उसका महत्व, उसका अर्थ, टीचर्स डे क्यों और कब मनाया जाता है आदि की जानकारी देंगे। Teacher’s Day के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ सकते हैं।

शिक्षक दिवस 2023 | Teacher’s Day 202

ये तो हम सभी जानते हैं कि हर साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन छात्र अपने गुरूओं को तोहफे देते हैं। कई स्कूलों में छात्रों को उस दिन टीचर बनाया जाता है और छात्र ही पढ़ाते हैं। छात्र और टीचर बड़े ही धूम-धाम से इस दिन को मनाते हैं। अपने गुरू को धन्यवाद कहने के लिए शायद इससे अच्छा दिन और कोई हो ही नहीं सकता। अक्सर लोगों के मन में ये सलाब उठता है कि Teacher’s Day क्यों मनाया जाता है, टीचर्स डे 5 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है, इसी से जुड़े सवालों का जवाब जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पढ़ सकते है।

शिक्षक दिवस लेखन हिंदी में

  • शिक्षक दिवस पर निबंध
  • टीचर्स डे स्पीच इन हिंदी
  • टीचर पर शायरी इन हिंदी, मैसेज, कविता
  • टीचर डे पर शुभकामनाएँ, बधाई संदेश
  • टीचर डे पर टीचर को क्या गिफ्ट दे

शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

सबसे पहले यह सवाल आता है कि Teacher’s Day कब मनाया जाता है? तो हम बता दें कि हमारे देश में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है और टीचर्स डे किसकी याद में मनाया जाता है। इसका जवाब है: भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक विद्वान शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के अमूल्य 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में इस देश के भविष्य को संवारने में अपना योगदान दिया। उनका जन्म दिनांक 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव तिरुतनी में हुआ था। उनके उप राष्ट्रपति बनने के बाद उनके मित्रों और कुछ छात्रों ने उनका जन्मदिन मानाने की इच्छा व्यक्त की। डॉ. राधाकृष्णन का कहना था कि उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस में रूप में मनाया जाएगा तो उन्हें बहुत गर्व होगा। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए हर वर्ष उनके जन्म दिन को Teacher’s Day के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस का महत्व

शिक्षक ही नहीं सभी छात्रों के लिए भी Teacher’s Day बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन छात्र अपने शिक्षक और शिक्षिकाओं के सामने अपने विचार और अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं। शिक्षक दिवस के दिन देश के पूर्व उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया जाता है। शिक्षक दिवस भारत के साथ अन्य देशों में भी मनाया जाता है। सभी देशों में अलग – अलग दिन मनाया जाता है शिक्षक दिवस। भारत में शिक्षक 5 सितंबर को मनाया जाता है। World Teacher’s Day दिनांक 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

अलग – अलग देश में टीचर्स डे कब मनाया जाता है ?

  • भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • यूएस में मई के पहले सप्ताह के मंगलवार को Teacher’s Day मनाया जाता है।
  • थाईलैंड में हर वर्ष 16 जनवरी को टीचर्स डे मनाया जाता है।
  • ईरान में 2 मई को टीचर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है।
  • टर्की में टीचर्स डे सेलिब्रेशन 24 नवंबर को किया जाता है।
  • मलेशिया में टीचर दिवस को “हरी गुरु” कहा जाता है। वहां 16 मई को यह मनाया जाता है।
  • रशिया (रूस) में वर्ष 1965 से 1994 तक अक्टूबर के पहले रविवार को Teacher’s Day के रूप में मनाया जाता था। वर्ष 1994 में यूनेस्को के द्वारा विश्व शिक्षक दिवस घोषित होने के बाद 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।
  • चाइना (चीन) में 10 सितंबर को टीचर डे मनाया जाता है।

शिक्षक का महत्व 

शिक्षक का अर्थ है शिक्षा देने वाला। लेकिन हमारे जीवन में शिक्षक का स्थान माता – पिता से भी ऊपर माना जाता है। माता-पिता हमें जन्म देते हैं। शिक्षक हमें सही और गलत का अर्थ समझते हैं। हमारे अंदर के अंधकार को शिक्षक ज्ञान के प्रकाश से दूर करते हैं। शिक्षक हमारा मार्ग दर्शन कर के हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं। शिक्षक हमें आदर्श नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं। शिक्षक का स्थान भगवन के सामान होता है। कहा जाता है :

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु, गुरुर देवो महेश्वरः गुरुर साक्षात परब्रह्म:, तस्मै श्री गुरुवे नमः

इसका अर्थ है : गुरु ब्रम्हा के सामान हैं, गुरु विष्णु के सामान है, गुरु ही महेश्वर यानि शिव के सामान हैं। गुरु सभी देवीं में श्रेष्ठ परब्रम्ह के सामान है, ऐसे गुरु को हमारा नमन है।

महान कवि कबीरदास जी ने भी कहा है :

सब धरती कागज करूं, लिखनी सब बनराय। सात समुन्दर की मसि करूं, गुरु गुण लिखा न जाय।

इसका अर्थ है : सब पृथ्वी को कागज, सब जंगल को कलम, सातों समंदर को स्याही बनाकर लिखने पर भी गुरु के गुण नहीं लिखे जा सकते।

भारत में शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है 

Teacher’s Day के दिन स्कूल, कॉलेज और इंस्टीट्यूट में पढ़ाई नहीं होती है। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों को फूलों का गुलदस्ता, डायरी आदि कई उपहार देते हैं। कुछ बच्चे अपने प्रिय शिक्षक की नक़ल करते हैं। कई छात्र शिक्षकों के सामने नृत्य – संगीत, नाटक आदि कार्क्रम करते हैं। कई जगह छात्र शिक्षकों से केक भी कटवाते हैं। स्कूल के बच्चे अपनी कक्षा को सजाते हैं। स्कूल और कॉलेज में छात्र टीचर्स डे पर भाषण, अपने गुरु के लिए शायरी, शिक्षक दिवस पर दोहे आदि भी सुनाते हैं और अपने शिक्षकों का दिल से धन्यवाद करते हैं।

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Teachers Day Essay in Hindi शिक्षक दिवस पर निबंध (1-10th)

आज का टॉपिक है Teachers Day Essay in Hindi शिक्षक दिवस पर निबंध और टीचर डे पर निबंध। जैसा की हम सब जानते है शिक्षक की बहुत बड़ी भूमिका होती है एक विद्यार्थी के जीवन में।

इसलिए यह विषय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, आज हम जानेंगे टीचर्स डे के बारे में विस्तार से जानेगे। Shikshak Diwas Par Nibandh, Teacher Day Par Nibandh and Teachers Day Essay in Hindi for Class 4 and higher class.

Teachers Day Essay in Hindi | शिक्षक दिवस पर निबंध | Shikshak Diwas Par Nibandh

हमारी सामाजिक विचारधारा को सही दिशा में क्रियाशील रखने में शिक्षको की अहम भूमिका होती है। एक शिक्षक न केवल बच्चो को अध्यापन का कार्य करवाता है बल्कि वह देश की भावी नागरिक पीढ़ी को भी तैयार करता है।

शिक्षक राष्ट्र के निर्माण में भागीदार होते है और वे देश की संस्कृति को संरक्षण भी प्रदान करते है। वे बालको में सुसंस्कार तो डालते ही है साथ ही अज्ञानता रुपी उनका अन्धकार भी दूर करते है।

शिक्षको के इन विशेष कार्यो और अहम भूमिका निभाने के सम्बन्ध में सम्मानित करने का जो जो दिन है उसे ही शिक्षक दिवस कहा जाता है। हर वर्ष 5 सितम्बर को यह सभी विधालयो और विश्वविधालयो में बहुत ही उत्साह से मनाया जाता है।

डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो की भारत के प्रथम राष्ट्रपति होने के साथ ही एक अच्छे शिक्षक भी थे। इनके जन्म दिवस पर कई सालो से शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वे संस्कृत के अच्छे शास्त्री, महान शिक्षक और दार्शनिक व्यक्ति थे।

कलकत्ता के दर्शन शास्त्र विश्वविधालय में किंग जोर्ज पंचम के पद पर भी वे लगभग 1 वर्ष तक रहे थे। लगभग 9 वर्ष तक वह काशी के हिन्दू विश्वविधालय के उप कुलपति रहे।

और इसी पद पर रहते हुए उन्होंने शिक्षको के लिए सम्मान करने के लिए एक विशेष दिन का विचार रखा। उनके जीवन का अधिकतम समय भी एक शिक्षक के रूप में व्यतीत हुआ था।

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आज भी स्कूल और कॉलेज में शिक्षको के मूल्यांकन और सम्मान के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन कई विधालयो में शिक्षण का कार्य छात्र ही देखते है और छात्र-छात्राओ के प्रति विशेष लगाव रखने वाले शिक्षको को इस दिन सम्मानित किया जाता है।

सर्वपल्ली डा. राधाकृष्णन को याद करते हुए उनके विचार रखे जाते है। विधार्थियों के माध्यम से भी यथाशक्ति अपने शिक्षको को उपहार आदि दिए जाते है। ज्ञानवर्धक प्रतियोगिताये रखी जाती है। जीवन में शिक्षक का महत्व बताया जाता है।

शिक्षक ज्ञान की वह ज्योति है जो अन्धकार युक्त कोमल बाल मन को आलोकित कर देती है। अध्यापक देश के बालको को साक्षर बनाने का काम तो करते ही है साथ ही विवेक का ज्ञान देकर उनका तीसरा नेत्र भी खोलते है।

जिससे वे बड़े होकर सही-गलत की परख कर सके और अपने निर्णय स्वयं ले सके। इस तरह शिक्षक किसी भी देश के पूर्ण समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करते है।

अध्यापक की महत्ता बताते हुए महर्षि अरविन्द अपनी एक पुस्तक में लिखते है की –‘ शिक्षक राष्ट्र की संस्कृति के उपवन के माली है वे इसमें संस्कारों की खाद देते है, अपने श्रम से सींच-सींच कर महाप्राण शक्ति बनाते है।

इटली के एक प्रसिद्ध उपन्यासकार ने कहा है की शिक्षक वह मोमबत्ती है जो स्वयं जलकर दुसरो को प्रकाश देती है। संत कबीर ने तो शिक्षक को ईश्वर से भी ऊपर दर्जा देते हुए कहा है की- “गुरु गोविन्द दोनों खड़े काके लागू पाय”।

बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय।भारतीय संस्कृति में तो गुरु से आशीर्वाद लेने की अत्यंत ही प्राचीन परम्परा रही है। अर्जुन – एकलव्य जैसे अनगिनत शिष्यों से हिंदी साहित्य का इतिहास भरा पड़ा है।

ब्रहस्पति को देवगुरु माना गया है। गुरुकुल में अध्यन-अध्यापन की व्यवस्था आर्य कालीन सभ्यता से ही प्रचलित है।

प्राचीन काल से ही गुरु-शिष्य परंपरा को महत्व देते हुए हर वर्ष आषाड़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा की विशेष उपमा दी गयी है। इस दिन गुरु की पूजा और सम्मान को विशेष महत्व दिया गया है।

इस प्रकार शिक्षक को आदर और सम्मान देना और उसकी कीर्ति का प्रचार –प्रसार करना हमारे देश की केंद्र और राज्य सरकार दोनों का ही मुख्य दायित्व होना चाहिए और शिक्षक दिवस इस दायित्व को पूरा करने का अच्छा दिवस है।

इस दिन स्कूल कोलेज के अलावा सरकार की तरफ से भी बड़े-बड़े आयोजन किये जाते है। साहित्य की द्रष्टि से श्रेष्ठ शिक्षको को चयनित करके सम्मानित किया जाता है। समय-समय पर भाषा और साहित्य के उत्सवों का आयोजन किया जाता है।

देश की राजधानी दिल्ली में भी केंद्र सरकार द्वारा और दिल्ली नगर निगम, दिल्ली नगर पालिका आदि द्वारा अपने-अपने क्षेत्रो के अधीन आने वाले स्कूलों में उनके श्रेष्ठ अध्यापकों का चयन और सम्मान भी किया जाता है।

और राज्य सरकारे भी अपने स्तर पर समय-समय पर कई शैक्षिक सम्मलेन आदि के माध्यम से शिक्षको और शैक्षणिक विषय पर कई प्रकार के वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि का आयोजन कराती है।

इस प्रकार शिक्षक और शैक्षणिक व्यवस्था का यह क्रम बनाये रखने और शिक्षण के कार्य में और अधिक सार्थकता लाने के लिए शिक्षको का आदर-सम्मान करना, उन्हें समय-समय पर पुरस्कृत करना और उनका उत्साह वर्धन करना अत्यंत ही आवश्यक है और इसी क्रम में शिक्षक दिवस की तभी उपयोगिता भी है।

मुझे आशा है की आप सभी लोगों को Importance of teachers day in Hindi शिक्षक दिवस पर निबंध पसंद आया होगा।

ख़ास तौर से यह निबंध स्कूल जाने वाले छात्रों जो कक्ष्या १, २, ३, ४, ५, ६, ७, ८, ९, उन सभी लोगों के लिए उपयोगी रहा होगा।

अगर आप के पास इस विषय को लेकर कोई नए विचार हो तो, निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें। अपना समय देकर इस आर्टिकल पड़ने के लिए ध्यानवाद।

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Teacher's Day 2023: शिक्षक दिवस पर इस तरह लिखें हिंदी में निबंध, पढ़कर हर कोई होगा मुरीद

शिक्षक दिवस पर निबंध: देशभर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। अक्सर स्कूलों में एग्जाम के दौरान टीचर्स-डे पर निबंध पूछ ही लिया जाता है या फिर कोई प्रतियोगिता आयोजित होती है, जिसमें इस टॉपिक पर निबंध लिखने को कह दिया जाता है।.

Teachers Day Essay in Hindi

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