मानवता पर निबंध Essay on Humanity in Hindi

मानवता पर निबंध Essay on Humanity in Hindi

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मानवता क्या है? What is Humanity in Hindi?

मानवता का अर्थ इंसानियत, दया, मनुष्य जाति का स्वभाव, मानव जाति, मानव स्वभाव, भलामानस का गुण, मनुष्यत्व होता है। जब हम पशु पक्षियों और दूसरे जीवो के प्रति दया का भाव दिखाते हैं तो उसे मानवता कहते हैं।

आज दुनिया को मानवता की जरूरत क्यों है? Why Humanity is important in Hindi?

दोस्तों यह सवाल उठता है कि आज दुनिया को मानवता की जरूरत क्यों है? तो इसका बहुत ही सीधा जवाब है। विश्व के अनेक भागों में आज कई तरह का संकट मौजूद है।

हम मानवता कैसे दिखा सकते है? How to show Humanity in Hindi?

1.  असहाय, दीन दुखी लोगों की मदद करके.

यदि हम दूसरे लोगों की मदद करते हैं तो हम मानवता का धर्म निभाते हैं। भूखे को खाना खिलाकर, अंधे व्यक्ति को सड़क पार करा कर, सड़क पर दुर्घटना में घायल किसी व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा कर- इस तरह के कई काम करके हम मानवता दिखा सकते हैं। याद रखें मनुष्य का जन्म दूसरों की मदद के लिए ही हुआ है। हमें अपने अनमोल जीवन का पूरा उपयोग करना चाहिए।

2.  मांसाहार छोड़कर शाकाहारी बनकर

प्रोटीन के नाम पर लोग मांसाहार का सेवन करते हैं, पर प्रोटीन प्राप्त करने के अन्य स्रोत भी हैं। यदि हम पशु पक्षियों के प्रति मानवता दिखाते हैं तो हमें मांसाहार छोड़कर शाकाहार की ओर बढ़ना चाहिए।

3.  समाज में प्रेम का संदेश देकर

4.  लोगों को क्षमा करके.

कई बार जब किसी व्यक्ति के साथ दूसरे लोग कुछ गलत काम कर देते हैं तो वह बदला लेने का प्रयास करता है। ऐसे में हमें लोगों को क्षमा कर देना चाहिए। मन में किसी भी तरह की शिकायत शिकवा नहीं रखनी चाहिए। दूसरों को माफ करने से हम और महान बन जाते हैं। माफ करने से मन में एक संतुष्टि का भाव भी पैदा होता है।

5.  ईश्वर को धन्यवाद देकर

इसलिए कभी भी अपनी स्थिति पर शिकायत नहीं करनी चाहिए। जो हमें ईश्वर ने दिया है उसके लिए हमें ईश्वर का धन्यवाद देना चाहिए। अपने मन में संतोष रखना चाहिए। इस तरह हम मानवता दिखा सकते हैं

मानवता का आदर्श उदाहरण “मदर टेरेसा” Mother Teresa – A Perfect example of humanity in Hindi

वह सन्यासी बन गई और लोगों की सेवा करने लगी। मदर टेरेसा ने कोलकाता में गरीब और असहाय लोगों की मदद करने के लिए “मिशनरीज ऑफ चैरिटी” नामक संस्था बनाई थी। कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए उन्होंने 1950 में शांति नगर की स्थापना की।

क्या दुनिया से मानवता विलुप्त हो गई है? Is humanity extinct from the world?

आज भी दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने मानवता की रक्षा की है। महात्मा गांधी, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, बराक ओबामा, मदर टेरेसा जैसे बहुत से उदाहरण हमारे सामने हैं। इन सभी ने मानवता को बचाने का भरपूर प्रयास किया है।

कैलाश सत्यार्थी ने अपने प्रयास से 80000 बाल मजदूरों को देश के विभिन्न भागों से आजाद करवाया और उन्हें एक नई जिंदगी प्रदान की। उन्होंने “बचपन बचाओ आंदोलन” नाम से एक एनजीओ की शुरुआत की है जो बंधुआ मजदूरों को आजाद करने के लिए काम करती है।

उपसंहार Conclusion

जब तक मनुष्य इस पृथ्वी पर है उसे मानवता दिखानी होगी। मनुष्य का धर्म ही है दूसरों के प्रति दया भाव दिखाना। जिस दिन हम दूसरों के प्रति दया दिखाना बंद कर देंगे हम जानवर बन जाएंगे। इसलिए हमें दूसरो के प्रति दया दिखानी चाहिए।

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मानवता पर निबंध (Humanity Essay In Hindi)

मानवता और इंसानियत पर निबंध (Humanity Essay In Hindi)

मानवता और इंसानियत पर निबंध (Humanity Essay In Hindi)

मानवता यानी इंसानियत, मनुष्यता। मानवता यानी मनुष्य के मन में दया भाव का होना। यह दया भाव इंसान का इंसानो और दूसरे जीवो के लिए होता है। मानवता जैसी भावना रखने वाले मनुष्य दूसरो का हमेशा भला करते है। मनुष्य ही संसार में एक ऐसा प्राणी है जो सभी भावनाओ को समझ सकता है।

उनकी हालत दयनीय हो गयी है। आजकल धन वान लोगो ने भी जैसे मानवता खो दी है। उद्योगों के मालिकों में गरीब मज़दूरों के प्रति रहम होना चाहिए, मगर ज़्यादातर मामलो में मानवता की कमी देखी गयी है।

लोगो को उनकी भूल के लिए माफ़ कर देना, मानवता का परिचय है। ऐसा कई बार देखा गया है कि लोगो ने गलत काम किया तो अन्य लोग उसका बदला लेने पर उतारू हो जाते है। ऐसा नहीं करना चाहिए, ऐसे में लोगो को माफ़ कर देना चाहिए। माफ़ करना भी मानवता की पहचान है। माफ़ करने से लोग बड़े बनते है।

आजकल के इस औद्योगिक जगत में लोग काफी व्यस्त रहते है। यह कहना ना गलत होगा कि लोग तेज़ी से सफलता और उन्नति पाना चाहते है। उनमे भावनाओ की कमी देखी जा सकती है। वह स्वार्थी बन गए है। उनमे जैसे मानवता और इंसानियत खत्म हो गयी है। पैसे कमाने के अलावा उन्हें कुछ और नज़र नहीं आता है।

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मानवता पर निबंध | Essay On Humanity In Hindi

आज के लेख में Essay On Humanity In Hindi पर निबंध बता रहे हैं. मानवता पर निबंध मानवता यह हिन्दी निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 बच्चों के लिए विशेष उपयोगी हैं. मानवता पर सरल निबं ध की मदद से आप ह्यूमैनिटी पर शोर्ट लॉन्ग एस्से स्पीच को चलिए आरम्भ करते हैं.

मानवता पर निबंध | Essay On Humanity In Hindi

समाज में रहते हुए ही मानव में करुणा, सहिष्णुता, भाई चारा, दया, प्रेम जैसे मानवीय गुणों का विकास होता हैं. मानवता के विकास में इन मानवीय गुणों की भूमिका अहम होती है.

प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक हुए अनेक युद्धों ने अमानवीय प्रवृति को बढ़ावा दिया हैं. सत्ता एवं स्वार्थ की लालसा में मनुष्य इर्ष्या द्वेष जैसे अवगुणों से वशीभूत होकर अनेक प्रकार से अपराध कर बैठता हैं.

मानवता के विकास के लिए मानवाधिकारों की रक्षा अनिवार्य हैं. जीवन का अधिकार,  शिक्षा का अधिकार, जीविकापार्जन का अधिकार,  वैचारिक  स्वतंत्रता  का अधिकार, समानता का अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार जैसे मूलभूत अधिकार मानवाधिकार के अंतर्गत ही आते हैं.

विश्व के अधिकतर देशों में ये अधिकार संविधान द्वारा नागरिकों को दिए हैं. भारत में भी संविधान के भाग तीन के अनुच्छेद 14 से लेकर 35 के द्वारा नागरिकों को विभिन्न प्रकार के अधिकार दिए हैं.

एमनेस्टी इंटरनेशनल मानवाधिकारों की रक्षा को विश्वभर में सुनिश्चित करने वाली एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था हैं, जिसका मुख्यालय लन्दन में हैं.

मानवतावादी दृष्टिकोण मनुष्य की गरिमा में विश्वास करता हैं. पश्चिम जगत में मानवतावाद सुकरात के चिंतनशील जीवन के महत्व की धारणा से उत्पन्न हुआ.

मानवतावादी सिद्धांत मनुष्य के मनोविज्ञान एवं विश्व में उसकी स्थिति पर आधारित हैं. शिक्षा में मानवतावादी मूल्यों को स्थान देने का उद्देश्य मनुष्य का सर्वांगीण विकास होता हैं.

मानवतावाद के अनुसार व्यक्ति व्यक्तिगत संतोष एवं निरंतर आत्मविश्वास के साथ महत्व पूर्ण कार्य और समुदाय के कल्याण की ओर योगदान देने वाली अन्य क्रियाओं के संयोजन से शुभ जीवन को प्राप्त कर सकता हैं.

मानवतावाद के प्रमुख सिद्धांत इस प्रकार है परिवर्तनशील संसार में मनुष्य को सर्वाधिक शक्तिशाली हैं. मनुष्य न केवल यंत्र और न केवल जीव है बल्कि असीम सम्भावनाओं से भरा हुआ हैं.

मनुष्य अपनी संस्कृति का पुनरुद्धार करने के लिए जन्म लेता हैं. मनुष्य के जीवन में सत्यम शिवम सुन्दरम् को महत्ता दी जानी चाहिए.

मनुष्य जाति की समस्याओं का समाधान केवल वस्तुनिष्ठ रीती से ही नहीं वरन व्यक्तिनिष्ठ रीती से भी सम्भव हैं. मानवता को बढ़ावा देने के लिए मानवतावादी शिक्षा की आवश्यकता होती हैं.

इसके उद्देश्य होते हैं- मानवीय समस्याओं के प्रति संवेदनशील, ऐसे व्यक्तियों को तैयार करना, जो मानव कल्याण कर सके.

व्यक्ति के स्वतंत्र, विवेकपूर्ण तथा संतुलित व्यक्तित्व का विकास करना. व्यक्ति में पारस्परिक सृजनात्मकता, संघर्ष निवारण, विचार सम्प्रेष्ण, आदान प्रदान, राजनितिक एवं सामाजिक संवेदनशीलता तथा संगठनात्मक क्षमता के गुणों का विकास करना. मनुष्य की पूर्णता एवं श्रेष्ठता का विकास करना.

व्यक्ति में सामाजिक गुणों का विकास करना. निसंदेह मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं. अतः परस्पर सहयोग के अभाव में उसका जीवन कठिन हो जाएगा.

परस्पर सहयोग पर आधारित मनुष्य के सामाजिक जीवन में मानवता के गुणों की भूमिका महत्वपूर्ण होती हैं. इसके अभाव में अराजकता एवं खौफ का साम्राज्य व्याप्त हो जाता हैं.

मानवता के दृष्टिकोण से किसी भी व्यक्ति को दास बनाकर रखना अथवा शारीरिक यातना देना पाप हैं. किसी के भी प्रति निर्दय, अमानुषिक या अपमानजनक व्यवहार को भी अमानवीय ही कहा जाता हैं.

मानवता के दृष्टिकोण से देखा जाए तो सभी मनुष्यों को गौरव और अधिकार के मामले में जन्मजात स्वतंत्रता और समानता प्राप्त हैं.

उनके साथ जाति, वर्ण, लिंग, भाषा, धर्म, राजनीति या अन्य विचार प्रणाली, किसी देश या समाज विशेष में जन्म, सम्पति या किसी प्रकार की अन्य मर्यादा आदि के कारण भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए.

चाहे कोई देश या प्रदेश स्वतंत्र हो, संरक्षित हो, या स्वशासन रहित हो या परिमित प्रभुसत्ता वाला हो, उस देश या प्रदेश की राजनीतिक, क्षेत्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्थिति के आधार पर वहां के निवासियों के प्रति कोई फर्क नहीं रखा जाना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति को जीवन, स्वाधीनता और वैयक्तिक सुरक्षा का अधिकार हैं.

मानवीय गुणों के विकास के बाद मनुष्य सभी धर्मों का सम्मान करता हैं. उसमें धार्मिक कट्टरता जैसी भावना नहीं रहती. उसका जीवन सम्पूर्ण मानवता के लिए होता हैं. वह आवश्यकता पड़ने पर सबकी सहायता करने के लिए तैयार रहता हैं.

धार्मिक कट्टरता एवं सांप्रदायिकता मानवता के लिए खतरा हैं. कुछ लोग तो मानवता को ही धर्म मानते हैं. मानवता को धर्म मानने वाले लोगों में दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही हैं.

किन्तु जो अमानवीय गुणों से युक्त हैं, वे मानवता के नाम पर कलंक हैं. ऐसे लोगों से मानवता शर्मसार होती हैं. अहिंसा, हत्या, अपराध, लूट पाट, मार पीट में संलग्न लोग इसी श्रेणी में आते हैं.

विश्व में आतंकवाद एवं नक्सलवाद अमानवीयता के उदहारण हैं. अपने निजी या अन्य स्वार्थ के लिए आतंकवादी एवं नक्सलवादी निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारने से कभी बाज नहीं आते. लोगों में आतंक और भय फ़ैलाने के लिए लोग बम विस्फोट एवं हिंसा का सहारा लेते हैं.

सच्चा मानव तो वही हैं जो मानव के काम आए, इसलिए कहा गया हैं.

जीना तो है उसी का, जिसने ये राज जाना है काम आदमी का औरों के काम आना

मानवता बड़ी या छोटी नहीं होती, यह आत्मा और ह्रदय से प्रेरित होती हैं. इसका एक उदहारण रामायण की एक छोटी सी पात्र गिलहरी का भी हो सकता है,

जिसने समुद्र पर रामसेतु बनाते समय श्रीराम को सहयोग इस रूप में दिया कि रेत में लेट कर पानी में जाती, पुनः रेत में लेटती और पुनः पानी में जाती थी.

जिसे ऐसा करते देख श्रीराम की आँखे भी नम हो गयी थी और उन्होंने गिलहरी की पीठ पर सनेह से हाथ फिराया था. अतः विश्व में शांति की स्थापना के साथ ही मानवता को बढ़ावा देने की आवश्यकता हैं. 

महात्मा बुद्ध, कबीर, रविन्द्रनाथ टैगोर, महात्मा गाँधी, लाल बहादुरशास्त्री, स्वामी विवेकानंद, दयानन्द सरस्वती, मार्टिन लूथर किंग, अब्राहम लिंकन, मदर टेरेसा इत्यादि ऐसे नाम हैं, जिन्होंने दुनियां में मानवता के विकास के लिए अपना सर्वोच्च न्यौछावर कर दिया.

प्रजातांत्रिक मूल्यों के विकास के लिए भी मानवता के मूल्यों को प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता हैं. बढ़ती जनसंख्या के कारण भारत ही नहीं विश्व के अनेक देशों में लाखों लोग भुखमरी का जीवन जीने को मजबूर हैं. यदि इन लोगों के साथ मानवीय व्यवहार न किया गया, तो इनकी मौत निश्चित हैं.

इतिहास इस बात का साक्षी हैं. कि जब जब मानवीय गुणों की अवहेलना हुई हैं, युद्ध की स्थिति उत्पन्न हुई हैं. इसलिए इनके विकास के प्रयास किये जाने चाहिए. इसके बिना न तो व्यक्तित्व का विकास सम्भव है और न ही सुखी जीवन व्यतीत करना.

मानवता के विकास के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं. किन्तु मानवता की रक्षा एवं इसका विकास तब ही सम्भव है जब वर्तमान शिक्षा के पाठ्यक्रम में मानवीय एवं नैतिक मूल्यों को समुचित स्थान दिया जाए.

केवल भौतिक प्रगति के लिए व्यावसायिक शिक्षा पर जोर से आर्थिक प्रगति हासिल की जा सकती हैं. किन्तु भौतिक इससे वास्तविक खुशहाली सम्भव नहीं हैं.

चूँकि मानव परिवारों के सभी सदस्यों के जन्मजात गौरव और सम्मान एवं अविच्छिन्न अधिकार की स्वीकृति ही विश्व शान्ति, न्याय और स्वतंत्रता की बुनियाद हैं. 

अतः सम्पूर्ण मानवता की रक्षा के लिए विश्व समुदाय को खुलकर मानवता एवं मानवाधिकारों की रक्षा करनी चाहिए.

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Essay on humanity in hindi मानवता पर निबंध.

Read an essay on Humanity in Hindi language for students. Know you can write an essay on Humanity in Hindi in 300 words. This question is asked in many exams. मानवता पर निबंध।

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Essay on Humanity in Hindi

मानवता पर निबंध

मनुष्य सृष्टि के सभी प्राणियों में श्रेष्ठ माना जाता है। इसका कारण स्पष्ट है कि मनुष्य सोच-समझ सकता है। अच्छे-बुरे की पहचान और दोनों में विवेक कर सकता है। अन्य समस्त प्राणियों की तुलना में केवल मनुष्य ही अच्छे को अच्छा, बुरे को बुरा कह सकने की बुद्धि और क्षमता रखता है। संसार में आज जो कुछ भी उच्च और महान् है, जितने प्रकार की भी प्रगति और विकास हुआ है, उन सबका एक मात्र कारण मनुष्य ही है। उसके अन्दर राक्षस और देवता दोनों एक साथ निवास करते हैं। जब राक्षस प्रबल हो कर जाग उठता है, तब मनुष्य चारों ओर कहर बरपाने लगता है। इसके विपरीत जब उसके भीतर का देवता सक्रिय हो उठाता है, तब वह दया की साकार मूर्ति बन जाता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि इच्छा करने पर केवल मनुष्य ही है जो चाहे कुछ भी कर सकता है।

संसार में तरह-तरह के लोग हैं। धनी है, निर्धन हैं, पढ़े-लिखे हैं, अनपढ़ हैं। भरपेट खाने वाले हैं, तो भूखे ही सो जाने वाले भी हैं। स्वस्थ, सुन्दर और निरोग हैं, तो अस्वस्थ, कुरूप और रोगी भी हैं। शक्तिवान हैं, तो शक्तिहीन, दुर्बल प्राणी भी हैं। जो भूखा-प्यासा और सताया हुआ है, वह उतना ही अधिक हमारे प्यार और सहानुभूति और सहायता का अधिकारी है। आखिर वह बेचारा लाचार और पीड़ित व्यक्ति है। वह हमारी दया, सहानुभूति और प्रेम पाने का अधिकारी हो जाता है। समझदार महापुरुषों का यह स्पष्ट कहना है कि यदि कुछ और नहीं कर सकते तो कम-से-कम मनुष्य होने के नाते ऐसे लोगों से प्यार तो कर ही सकते हो। इतना ही पर्याप्त है। आगे बढ़ो, ऐसे लोगों को गले लगा कर अपनी मनुष्यता का परिचय दो।

समर्थ होकर भी जो व्यक्ति दूसरे मनुष्यों के दु:ख -दर्द को समझ कर उसे दूर करने का प्रयास नहीं करता, वह मनुष्य कहलाने का अधिकारी नहीं। समर्थ होकर जो आदमी दीन-दुखियों से प्यार नहीं करता, देश के उत्थान के लिए प्रयत्न नहीं करता, सभी को अपने समान मान कर उनके प्रति समता और प्रेम का भावे नहीं रखता, उसका होना न होना बराबर है।

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मानवता पर निबंध- Essay on Humanity in Hindi Language

In this article, we are providing information about Humanity in Hindi- Essay on Humanity in Hindi Language. मानवता पर निबंध, Manavta Essay in Hindi.

मानवता पर निबंध- Essay on Humanity in Hindi

Manavta Par Nibandh ( 250 words )

मानवता को इंसानियत और मनुष्यता कहा जाता हैं । हर व्यक्ति में इंसानियत होना जरुरी ही जरूरी होती हैं । मानवता का मतलब होता हैं की हर इंसान के मन में दया की भावना होनी चाहिए । इंसान को हमेशा जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए । अगर किसी होती के पास खाने के लिए खाना नहीं है तो उसे खाना देना चाहिए , अगर कोई व्यक्ती रास्ते पर बीमार पड़ा हैं तो उसे अस्पताल लेकर जाना चाहिए इसे ही इंसानियत कहा जाता हैं । हमें बहोत बार रास्ते पर देखने को मिलता हैं की वृद्ध लोग रास्ता पार नहीं कर पाते तो हमें उनकी रास्ता पार करने में मदद करनी चाहिए।

मदर टेरेसा यह मानवता की मुरत थी । जब महायुद्ध हुआ था तब इन्होंने इंसानों की मदद की थी । मदर टेरेसा ने कुष्ठ रोगियों के लिए भी बहोत कार्य किया था । मदर टेरेसा को उनके कार्य को देखकर पद्मश्री पुरस्कार की दिया गया था । आज भी लोग मदर टेरेसा को उनके समाजकार्य के वजह से याद करते हैं । महात्मा गांधी , बराक ओबामा , बाबा आमटे , विनोबा भावे इन्होंने भी समाज के लिए बहोत कार्य किया था।

आज के समय में एक मनुष्य दुसरे मनुष्य का दुष्मन बन चुका हैं । अभी बहोत मनुष्यों के मन में एक दुसरे के प्रती जलन की भावना उत्पन्न हो गई हैं । आज के समय में मनुष्यों को एक दुसरे की खुशियां नहीं देखी जा रही हैं । बहोत मनुष्य अब एक दुसरे का बदला लेना चाहते हैं । सभी मनुष्यों को एक दुसरे के साथ भाईचारे से रहना चाहिए । इससे सभी मनुष्य सुखी रहेंगे ।

Humanity Essay in Hindi

मानवता उस भाव का नाम है जब कोई व्यक्ति दुसरे को दर्द में देखकर दुखी हो जाता है और दुसरों को सुखी देखकर खुश हो जाता है। मानवता ही एक ऐसा भाव है जिसके कारण मनुष्य दुसरे के हित में कार्य करता है। प्राचीन काल से ही यह कहा जाता है कि मनुष्य को परोपकार करना चाहिए और दुसरों की मदद करनी चाहिए। मानवता और परोपकार ही ऐसे भाव है जिनकी वजह से पृथ्वी पर जीवन संभव है लेकिन यह हर व्यक्ति में नहीं पाया जाता है। मानवता का भाव रखने वाला व्यक्ति निस्वार्थ होकर दुसरों की मदद करता है और दुसरे के हित के लिए कार्य करता है।

मानवता ही है जिससे प्रभावित होकर मनुष्य विपदा में दुसरों की मदद करता है और पशुओं पर दया करता है। मानवता प्रेम और भाईचारे का संदेश देती है। मानवता ही है जिसे हर व्यकति मिल जुलकर विकास की राह पर चल सकता है।

लेकिन आज के समय में कुछ लोग मानवता को शर्मसार कर देते हैं। वह केवल अपना स्वार्थ देखते हैं और लोगों से अत्याचार करते हैं और क्रूरतापूर्ण व्यवहार करते हैं। वह किसी की मदद करना पसंद नहीं करते हैं। आज के इस मतलब की दुनिया में जहाँ केवल स्वार्थ के लिए लोग एक दुसरे से जुड़े हुए है वहीं आज भी बहुत से लोग मानवता को जीवित रखे हुए है। वह हर विपदा में देश की मदद करते हैं और आपसी भाईचारे और प्रेम का संदेश देते है।

जिस व्यक्ति में मानवता नहीं है उस व्यक्ति को मानव कहलाने का हक नहीं है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने अंदर मानवता का भाव रखना चाहिए। अपने इस जीवन को मानव हित के लिए कार्य करना चाहिए। सबका हित सोचना, विपदा में मदद करना, सबके साथ मिल जुलकर रहना, प्रेम और भाईचारे की भावना रखना ही असली मानवता है।

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Human Rights Essay in Hindi- मानव अधिकारों पर निबंध

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1 thought on “मानवता पर निबंध- Essay on Humanity in Hindi Language”

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Thanks for the essay. It was really helpful.

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Essay on Humanity in Hindi | मानवता पर निबंध

मानवता पर निबंध | essay on humanity in hindi.

Essay on Humanity in Hindi – एक इंसान चाहे हिंदू धर्म का हो या मुस्लिम धर्म का हो या फिर सिख या ईसाई धर्म का हो लेकिन इन सभी धर्मों से परे उसका सबसे बड़ा धर्म मानवता का धर्म होता है। अलग-अलग धर्मों के सभी पवित्र पुस्तके मानवता की समान परिभाषा देती है। आज के समय में व्यक्ति अपने धर्म को तो मानता है लेकिन सबसे बड़ा धर्म मनुष्यता का धर्म नहीं मानता।

आज का मानव दूसरे मनुष्य को कष्ट देकर आगे बढ़ने में लगा हुआ है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो धीरे-धीरे पूरे धरती से मानवता खत्म हो जाएगी और हर मनुष्य जानवर की तरह एक दूसरे की हत्या कर देंगे और एक समय ऐसा आएगा जब धरती से मानव नाम का प्राणी का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। क्योंकि आज मनुष्य ही एक दूसरे मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन बन चुका है।

आज के इस लेख में हम मानवता के ऊपर निबंध लेकर आए हैं ताकि इस निबंध के जरिए लोग मानवता धर्म के महत्व को समझ सके। आज के इस (Essay on Humanity in Hindi) आर्टिकल में हम मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है को विस्तार से जानेगें।

Essay on Humanity in Hindi | मानवता पर निबंध (200 शब्द)

मानवता इस पूरे संसार में जीवित रहने और दूसरों पर विश्वास रखने का मूल मंत्र है और जीवन जीने की शैली बहुत ही सुगन तब हो जाती है, जब विश्वास और दया नाम का यह मंत्र लोगों के दिलों में जीवित रहता है। मानवता सिर्फ और सिर्फ लोगों की मदद करना ही नहीं होता बल्कि मानवता जीवों पर दया दिखाना भी होता है।

पृथ्वी पर जीवित सभी जीवों में सबसे सर्वश्रेष्ठ और उत्तम प्रजाति मानव को ही माना जाता है और इसी कारण से हमारा यह फर्ज बनता है कि हम मानव जाति के साथ-साथ अन्य जीवों की भी मदद करें और उन्हें भी उनका जीवन जीने के लिए छोड़ें।

इस पूरे दुनिया भर में लोग खुद की जरूरतों को पूरा करने के लिए अन्य जीवों की बलि चढ़ा दे रहे हैं और यही दुनिया का सबसे बड़ा विनाश भी होगा। यदि दुनिया से मानवता खत्म हो जाएगी तो दुनिया बहुत ही जल्द विलुप्त के कगार पर होगी।

मानवता सभी के दिलों में है परंतु उसे जागरूक करना और लोगों के प्रति संवेदनशील करना यह आपकी जिम्मेदारी होती है। इस पूरे ब्रह्मांड में सिर्फ और सिर्फ मानव ही एक ऐसा जीव है, जो सोच सकता है, समझ सकता है और किसी भी कार्य को करने से उसके लाभ हानि को भी सोच सकता है।

परंतु मानो ऐसा नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह खुद की जरूरतों को पूरा करने के लिए संवेदना और मानवता को पूरी तरह से त्याग दे रहे हैं।

इंसानियत | Humanity

मनुष्य के अंदर अच्छे लोग और बुरे लोगों का फर्क विवेचन होता है और इसी कारण से मनुष्य को हमेशा एक सज्जन व्यक्ति की तरह अपनी मानवता को निभाना चाहिए और यह कार उन सभी लोगों को पूरी जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। आज के समय में लोग अपनी जिम्मेदारी से भागते हैं और इसीलिए मानवता को त्याग देते हैं।

इस पूरे ब्रह्मांड में प्रत्येक खंड अपना अपना एक इतिहास बनाता है और इन सभी इतिहास में मानवता एक बार नहीं बल्कि हजारों बार खंडित हुई है, यह सिर्फ और सिर्फ मनुष्य के लोभ लालच इत्यादि के कारण हो रहा है। यह दुनिया यदि खंडित हो रही है तो इसका सीधा-सीधा कारण कुकर्मी लोग और अत्याचारी लोग होते हैं, जो मानवता की भावना अपने दिल में बिना रखे लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं।

लोग खुद को अच्छा दिखाने के लिए और खुद को ऊपर ले जाने के लिए अनेकों तरह से लोगों का हक छीन लेते हैं और ऐसे में धनी लोग गरीबों का भी हक छीनते रहे हैं और यही दुनिया का सबसे बड़ा विनाश है।

Essay on Humanity in Hindi | मानवता पर निबंध (250 शब्द)

मानवता के ऊपर निबंध लिखने से पहले तो यह जानना जरूरी है कि मानवता क्या है? मानवता का सही अर्थ क्या है? मानवता/इंसानियत मनुष्य में दूसरे व्यक्ति के प्रति सहानुभूति और दया की भावना जागृत करती है। मानवता मनुष्य को दूसरों के दुख सुख का सहभागी बनना सिखाती है।

एक अच्छा मानव वही है जो दूसरों के दर्द को अपना दर्द समझता हो। अपने बारे में तो हर कोई सोचता है लेकिन जो दूसरों के बारे में सोचता है वही सच्चा इंसान होता है और वही इंसानियत / मानवता है। लेकिन आज के समय में बहुत कम ही इंसान के अंदर इंसानियत की भावना व्याप्त है। ज्यादातर व्यक्ति अपने से मतलब रखता है। आज की दुनिया ज्यादातर कपटी, दुष्कर्म करने वाले इंसान से भरी हुई है।

आज टीवी रेडियो की न्यूज़ चैनल पर कभी ऐसा खबर सुनने को नहीं मिलता कि आज कहीं धर्म के नाम पर दंगे फसाद नहीं हुए, आज कहीं दो भाइयों में जमीन को लेकर झगड़ा नहीं हुए। इस धरती पर दो बार विश्वयुद्ध हो चुका है और यह चीज साबित करती है कि आज की दुनिया में किस हद तक मानवता/इंसानियत खत्म हो चुकी है।

आज के समय में इंसान ही दूसरे इंसान का दुश्मन बन चुका है। आज दो इंसान एक दूसरे के प्रति जलन करता है, उसे एक दूसरे की खुशियां देखी नहीं जाती। वह एक दूसरे से बदला लेने की भावना से अपना जीवन व्यतीत करता है। लेकिन वह नहीं समझ पाता कि जलन, लालच और बदले की भावना से मनुष्य का जीवन कभी भी सुखी नहीं हो सकता। एक दिन जीवन को छोड़ कर सबको ही जाना है तो फिर क्यों ना इस जिंदगी को सभी मिलकर ख़ुशी से जिया जाए।

निष्कर्ष | Conclusion

अगर सभी इंसान इंसानियत को अपना लें और भाईचारा से रहे तो किसी भी इंसान के लिए उसका जीवन बोझ नहीं होगा, किसी भी मनुष्य जीवन में दुख नहीं रहेगा, किसी भी देश में झगड़ा नहीं होगा। लेकिन यह तभी मुमकिन है जब इंसान अपने अंदर इंसानियत के जज़्बा/भावना को जागरूक करेगा।

मानवता पर निबंध (600 शब्द)

प्रस्तावना | introduction.

इस दुनिया में प्रत्येक मनुष्य अपना अपना अधिकार मांगता है और इस अधिकार को कुछ और नहीं बल्कि मानवाधिकार कहते हैं। यदि लोग अपनी मानवता को दिखाते हुए अपने अधिकार को प्राप्त करने लगे तो यह दुनिया बहुत ही जल्द अलग बन जाएगी और दुनिया का हर एक व्यक्ति किसी पर भी आंख बंद करके विश्वास कर पाएगा।

दुनिया का हर एक व्यक्ति जीने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार रखता है और वह इसका पूर्ण रूप से अधिकारी भी होता है और यदि कोई व्यक्ति इन अधिकारों को प्राप्त करने के लिए लड़ाई करता है तो वह किसी भी तरीके से गलत नहीं माना जाएगा, यह संविधान में भी लिखा गया है।

भारत सरकार के द्वारा इन सभी अधिकारों की रक्षा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संगठन बनाई गयी है और इतना ही नहीं भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मानवाधिकार संगठन नियुक्त किया जा चुका है, बस यहां पर संगठन कार्यों को अपने विषय में बताना है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन अपने देश के सभी धर्म एवं जाति के लोगों को उनके अधिकार को प्राप्त करवाता है और यदि दो या दो से अधिक देश आपस में खुद के अधिकार के लिए लड़ते हैं तो ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन इन दोनों देशों में अपने अपने अधिकार के लिए उनमें समझौता करवाता है।

इन सभी में जो भी देश गलत साबित होता है, उसे दंड भी दिया जाता है और इस दंड का असर/प्रबाव उस देश के लोगों पर और वहां के आर्थिक व्यवस्था पर बहुत ही बुरा पड़ता है।

मानवाधिकार का महत्व | Importance of Human-right

दोस्तों मानवता का महत्व इस पूरे ब्रह्मांड में बहुत ही बड़ा है और मानवता को इस दुनिया भर में सबसे उच्च श्रेणी का सम्मान मिलता है, जो भी व्यक्ति लोगों के लिए दया दिखाता है और उनकी मदद करता है, उसे मानवता का प्रतीक कहां जाने लगता है। इस पूरे दुनिया भर में मानवता के प्रतीक के रूप में सर्वोपरि राजा हरिश्चंद्र आते हैं।

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर राजा हरिश्चंद्र तो सत्य के पुजारी थे तो वह मानवता के प्रति कैसे हुए? तो हम आपको बता देना चाहते हैं, राजा हरिशचंद्र सत्य के पुजारी होने के साथ-साथ मानवता के जीते जागते स्वरूप थे।

आइए हम सभी लोग जानते हैं कि आखिर मानवता का क्या महत्व है।

  • मानवता इस पूरे संसार में लोगों को एक साथ जोड़े रखती है।
  • दुनिया पर विजय प्राप्त करने के लिए आप सभी लोगों को मानवता का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि मानवता को ध्यान में रखते हुए आप सभी लोग दुनिया के हर एक देशों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
  • जब कोई इंसान बिना लालच के किसी भी इंसान की मदद कर देता है तो यह मानवता ही होती है।
  • किसी भी व्यक्ति को खाना खिलाना, पानी पिलाना और बुरे समय में उसकी मदद करना मानवता का ही एक स्वरूप है।
  • यदि आप किसी निर्धन व्यक्ति की मदद कर देते हैं तो वह व्यक्ति आपको दिल से दुआ/आशीर्वाद देता है और गरीबों का आशीर्वाद बहुत जल्द लगता है।
  • दोस्तों दान पुण्य करना मानवता की सबसे बड़ी निशानी होती है और दान धर्म दुनिया का सबसे बड़ा सत्य भी है।
  • मनुष्य का एक धर्म इंसानियत/ मानवता भी होता है, जिसे स्वयं ईश्वर का आशीर्वाद माना जाता है।

विश्व मानवता दिवस | World Humanity day

दुनिया भर में मानवता को यूंही बनाए रखने के लिए प्रतिवर्ष एक मानवता दिवस का आयोजन किया जाता है, जहां पर लोग आते हैं और लोगों को मानवता के विषय में उपदेश देते हैं।

इस समारोह में प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में लोगों को मदद प्रदान की जाती है और यह लोग यहां पर आकर अपने जीवन में किए गए कुकर्मों से मुक्ति भी पा जाते हैं। प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस मनाया जाता है।

Essay on Humanity in Hindi

मानवता पर निबंध (800 शब्द), प्रस्तावना – introduction.

मानवता एक ऐसी भावना है, जिससे व्यक्ति दूसरों के दुःख को देख कर दुखी हो जाता है और दूसरों का सूख को देखकर वह भी खुश हो जाता है। मानवता एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य के हित में कार्य करना सिखाती है। मानवता मनुष्य को दूसरे मनुष्य के प्रति दया और सहानुभूति जताना सिखाती हैं।

मानवता/इंसानियत के वजह से ही तो ज़िन्दगी मुमकिन हो पायी है वरना यह ज़िंदगी तो कब की ही ख़त्म हो चुकी होती। लेकिन अब यह मानवता धीरे-धीरे ख़त्म होती जा रही है। आज समाज में बेमानी और भ्रष्टाचारी बढ़ती जा रही है।

महिला और बच्चों के साथ अपराध हो रहे हैं, गरीबों को और भी ज्यादा सताया जा रहा है। समाज में ऐसे नेता आ गए हैं जो भ्रष्टाचारी और रिश्वतखोर बन चुके हैं। आज इंसान दूसरे को दुःख देकर खुश होता है।

दुनिया में मानवता ज़रूरी क्यों है? | Why is Humanity Important in the world?

ये मनुष्य मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। यह व्यक्ति दूसरे व्यक्ति में भी मानवता की भावना को खत्म कर रहे हैं जिसके कारण प्रतिदिन मानवता की भावना ख़त्म हो रही है और लोगों में क्रूर भावना उत्पन्न हो रही हैं। दिन प्रतिदिन स्वार्थ, क्रूरता, जलन और बदले की भावना मानवता पर हावी होती जा रही हैं।

ऐसे में वह समय दूर नहीं जब धरती से मनुष्य का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। हालांकि इन कपटी और पापी लोगों में अभी भी मानवतावादी लोग हैं, जो लोगों में मानवता की भावना को जागृत करने की कोशिश करते हैं और ऐसे कई मानवतावादी लोग हुए हैं, जिन्होंने लोगों को मानवता का पाठ सिखाया है जैसे कि मदर टेरेसा, महात्मा गांधी, बराक ओबामा, नेल्सन मंडेला और अन्य कई महान लोग हुए, जिन्होंने लोगों को अहिंसा और मानवता का संदेश दिया और लोगों को भाईचारा से रहने का पाठ सिखाया।

आज जिस तरह व्यक्ति केवल अपने स्वास्थ्य के बारे में सोचता है। यदि ऐसा ही स्वार्थ भावना ब्रिटिश काल में हमारे देश के उन सभी क्रांतिकारियों में होता तो यह देश कभी आजाद नहीं हो पाता। यदि उन्होंने केवल अपने जीवन के बारे में सोचा होता तो आज भी हम अंग्रेजों के गुलाम होते।

लेकिन उन्होंने माननीय धर्म को अपनाया और सभी मनुष्य के दुखों को समझते हुए अपने जीवन को निछावर कर दिया। यदि यह स्वार्थ भावना देश के सभी सेनाओं में न होता तो वे दिन-रात बॉर्डर पर खड़े होकर देश की रक्षा न कर रहे होते। मनुष्य मानवता के कारण ही सुरक्षित भी है।

मानवता गुण के लाभ | Benefits of Humanity virtues.

यदि सभी व्यक्ति हिंदू मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्म से परे केवल एक धर्म मानव धर्म को अपना लेता तो आज दुनिया में किसी भी देश के बीच युद्ध नहीं होता, किसी भी देश के बॉर्डर पर सिपाही नहीं लगाने पड़ते। आज प्रतिदिन न्यूज़ में किसी ना किसी देश में, किसी भी क्षेत्र में कोई जाति के नाम पर, तो कोई धर्म के नाम पर लड़ाई झगड़ा करता ही रहता है।

हालांकि इससे कुछ मिलता नहीं है लेकिन इसका परिणाम हमेशा बुरा ही होता है। आज दो देशों के बीच में जमीन को लेकर झगड़ा होता है और लाखों लोगों की जान चली जाती हैं। हर व्यक्ति को यह समझना जरूरी है कि हर इंसान न कुछ लेकर आया है और नाहीं कुछ लेकर जायेगा। वह जिस भी चीज के लिए आज एक-दूसरे से झगड़ रहा है वह धरी की धरी रह जाएगी। वह जब तक इस दुनिया में है तब तक ही उस चीज का आनंद ले पाएगा।

आज हर इंसान उस खुशियों को पाने के पीछे भागता है जो उसके पास नहीं है लेकिन जो उसके पास है उसे उसकी कद्र नहीं है। आज इंसान जिंदगी को एक रेस की भांति समझ लिया है और इस रेस के मैदान में एक-दूसरे से होड़ लगाते हुए भाग रहा है और वह भागते भागते एक दिन दुनिया से अलविदा हो जाएगा।

आज के व्यक्ति को समझना जरूरी है कि किस्मत से ज्यादा कुछ नहीं मिलता और ज़रूरत से ज्यादा पाने के लिए लालच भी नहीं करना चाहिए तभी जिंदगी को खुशियों से जिया जा सकता है और मानवता का अस्तित्व बना रह सकता है।

मानवता को अपना कर एक अच्छा इंसान कैसे बन सकते हैं? | How can one become a good person by adopting humanity.

एक अच्छा इंसान बनने के लिए दुसरे इंसानों के दुखों को समझना जरूरी है। जरूरत के समय एक दूसरे का साथ देना, एक दूसरे के हित के प्रति सोचना, सबके साथ मिल जुलकर रहना, प्रेम और भाईचारा की भावना रखना ही मानवता है। मानवीय भावना आपको आंतरिक खुशी देती हैं आपकी अंतरात्मा को शांति मिलती हैं।

यह आनंद आपको बाहर से नहीं मिल सकता और यह आनंद पाने के लिए आपको मानवता धर्म को निभाना पड़ेगा। असहाय और गरीब लोगों की मदद करें, भूखे को खाना खिलाएं, निर्दोष बेजुबान जानवरों की हत्या करना छोड़ दें। समाज में प्रेम का संदेश फैलाए। आपसी जलन और बदले की भावना भुलाकर भाईचारा की भावना को विकसित करें।

लोगों को क्षमा करने की भावना रखें। क्योंकि जो व्यक्ति दूसरों को क्षमा नहीं करता उसके अंदर बदले की भावना रहती है और बदले की भावना व्यक्ति को कभी भी खुशी नहीं दे सकती। दूसरों को माफ करने वाला इंसान महान होता है। क्षमा करना तो मानवता का धर्म है। इस तरह से एक व्यक्ति अच्छा इंसान बन सकता है और मानवता धर्म का पालन कर सकता है।

मानवता ही तो है जिससे व्यक्ति प्रभावित होकर दूसरे मनुष्य की विपदा में मदद करता है, दूसरे मनुष्य के दुखों को अपना दुख समझता है। मानवता मनुष्य को आपसी प्रेम और भाईचारा का संदेश देती है। मानवता मनुष्य को मिल जुल कर रहना सिखाती है। मानवता से ही इंसान का जीवन अस्तित्व में रह सकता है। इसीलिए जरूरी है कि हर एक इंसान मानवता को अपनाएं और चारों तरफ शांति फैलाएं।

आख़िरी शब्द (Last word)

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Mohammad Shahnawaz

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विज्ञान और मानव जीवन पर निबंध। Science and Human Life in Hindi

Essay on Science and Human Life in Hindi, विज्ञान और मानव जीवन

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से मानवता को स्वास्थ्य सेवाओं, ऊर्जा स्रोतों, जलवायु सम्बंधी तंत्रों में सुधार, और सुरक्षा क्षेत्रों में नई राहें मिल रही हैं। विज्ञान के प्रगतिशील उपयोग से, मानव समुदाय न केवल अपने जीवन को आसान बना रहा है, बल्कि साथी उपकरणों के माध्यम से अपने समय और संसाधनों की प्रबंधन करके भविष्य को भी सजीव बना रहा है।

आधुनिक युग का दौर वास्तविकता में वैज्ञानिक युग है। आजकल इंसान के जीवन का हर क्षण विज्ञान से जुड़ा है। बिना विज्ञान के, मानवता का जीवन कल्पना करना संभावना से बाहर है।

विज्ञान ने मानव जीवन को सरल और सुविधाजनक बना दिया है। नमक से लेकर संचार तक, सभी वस्तुओं विज्ञान के योगदान का परिणाम हैं।

आज, हम विज्ञान पर इतने निर्भर हैं कि हम सोचते हैं कि हमारे पूर्वज जो बिना विज्ञान के जीवन जीते थे, उनका जीवन कितना कठिन था और कितने शौचालय थे। विज्ञान ने हमें सुविधाएं और अवसरों की अनगिनत दी है, और इसके बिना हमारा सामाजिक और आर्थिक जीवन अधूरा सा लगता है।

विज्ञान का मानव जीवन में महत्व

विज्ञान मानव जीवन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह न केवल हमारे जीवन को सुखद बनाता है, बल्कि हमारे समाज की ऊर्जा, स्वास्थ्य, और विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। यहाँ कुछ क्षेत्रों में विज्ञान का महत्व बताया जा रहा है:

  • चिकित्सा और स्वास्थ्य:  विज्ञान ने चिकित्सा में अद्वितीय योगदान किया है। नई औषधियों का विकास, ऑपरेटिंग तकनीकों की सुधार, और तबीयत प्रौद्योगिकियों के विकास से रोगों के इलाज में बड़ा सुधार हुआ है।
  • शिक्षा और शोध: विज्ञान ने शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांति लाई है। शिक्षा में तकनीकों का प्रयोग ने विद्यार्थियों को अधिक अध्ययन करने की सुविधा दी है और उनके शैक्षिक अनुभव को बेहतर बनाया है।
  • उद्योग और औद्योगिकी: विज्ञान के प्रयोग से औद्योगिक सेक्टर में अधिक उत्पादन और उन्नति हुई है। यहाँ तक कि उद्योगों में रोबोटिक तकनीकों का उपयोग भी हो रहा है।
  • वायुमंडल और अंतरिक्ष अनुसंधान : विज्ञान ने वायुमंडल और अंतरिक्ष अनुसंधान में अत्यधिक प्रगति की है। यहाँ तक कि अंतरिक्ष यातायात और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में भी अनगिनत उत्थान हुआ है।
  • जलवायु और पर्यावरण विज्ञान: विज्ञान ने जलवायु और पर्यावरण मुद्दों के लिए समाधान उपलब्ध कराये हैं। ऊर्जा संयंत्रों की तकनीकों में वृद्धि और नई, शुद्ध ऊर्जा स्रोतों के अधिक विकास का उल्लेखनीय उदाहरण है।

विज्ञान का मानव विकास में योगदान

विज्ञान ने मानव विकास में अद्वितीय योगदान किया है। नए औद्योगिक और तकनीकी उपकरणों के विकास से निरंतर उन्नति हुई है जिसने समाज को विभिन्न क्षेत्रों में सुधार करने का अवसर दिया है। विज्ञान का यह योगदान मानवता के पथ पर एक महत्वपूर्ण कदम है जो समृद्धि और सामूहिक उन्नति की दिशा में हमारे समाज को अग्रसर कर रहा है।

विज्ञान और मानव जीवन, कृषि के क्षेत्र

कृषि क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अद्वितीय योगदान ने कृषि उत्पादन को बढ़ाया है। जीव विज्ञानियों के प्रयासों से उच्च उपज देने वाली फसलों का विकास किया गया और उन्हें रासायनिक उर्वरकों और कीट नाशकों के साथ जोड़कर उत्पादन में वृद्धि की गई। इसका परिणामस्वरूप खेती क्षेत्र में अधिक उत्पादन हुआ, जिससे आम लोगों के लिए खाद्य संबल पूर्ण हुआ।

उप नगरीय क्षेत्रों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुसरण के कारण, नए और उन्नत तकनीकों का उपयोग कर खेती पद्धतियों में सुधार हुआ है और अर्थव्यवस्था में भी बदलाव आया है।

विभिन्न उर्वरकों के उपयोग से किसानों की फसलों में वृद्धि हुई है, और नैनों यूरिया की अब व्यापक उपयोगकर्ता की दिशा में उपयोग हो रहा है, जिससे किसानों को अधिक सुविधा हो रही है।

रोग प्रतिरोधी बीजों के उत्पादन से फसलों का उत्पादन बढ़ रहा है, और यह हरित क्रांति के पथ में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। तथापि, कीट नाशकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और नाइट्रोजन की मात्रा कम होने से फसलों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है, और मृदा प्रदूषण हो सकता है।

आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें जैसे बीटी कपास, बीटी बैंगन और गोल्डन चावल आदि को फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। खेतों की निगरानी जीआईएस प्रौद्योगिकियों द्वारा की जाती है।

कृषि विज्ञानियों के प्रयास: उच्च उपज वाली फसलों का विकास

जीव विज्ञानियों के संघटित प्रयासों से उच्च उपज वाली फसलों का विकास किया गया है। रासायनिक उर्वरकों और कीट नाशकों के साथ जोड़कर उत्पादन में वृद्धि हुई।

अपडेटेड खेती पद्धतियाँ नगरीय इलाकों में

उप नगरीय क्षेत्रों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुसरण के कारण, नए और उन्नत तकनीकों का उपयोग कर खेती पद्धतियों में सुधार हुआ है। अर्थव्यवस्था में भी बदलाव आया है।

भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का योगदान: उत्साह और उत्साह

भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से कृषि क्षेत्र में उत्साह और उत्साह बढ़ा है। नई तकनीकों ने फसल की पैदावार में वृद्धि की है, जैसे ड्रिप सिंचाई और बीजों की संकर किस्में, जो किसानों को बड़ी मदद करती है।

नए उर्वरकों से वृद्धि: नैनो यूरिया का उपयोग

रोग प्रतिरोधी बीजों: वृद्धि का स्रोत.

रोग प्रतिरोधी बीजों के उत्पादन से फसलों का उत्पादन बढ़ रहा है, और यह हरित क्रांति के पथ में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। तथापि, कीट नाशकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और नाइट्रोजन की मात्रा कम होने से फसलों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है, और मुदा प्रदूषण हो सकता है।

विशेष फसलों का विकास: गुणवत्ता और उत्पादकता

नई तकनीकें और योजनाएँ: किसानों के लाभ.

कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों के विकास और सरकारी योजनाओं के प्रभाव से किसानों को अधिक समर्थन और योगदान मिल रहा है। यह खेती क्षेत्र को वृद्धि करने में मदद कर रहा है और उन्हें बेहतर उत्पादन प्रदान कर रहा है।

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विज्ञान और मानव जीवन, चिकित्सा के क्षेत्र में  

विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने चिकित्सा क्षेत्र में अनगिनत सुधार किए हैं और व्यक्तिगत स्वास्थ्य की सुरक्षा में बड़ा योगदान किया है। निदान, उपचार, और औषधियों के विकास के कारण बीमारियों का प्रबंधन और इलाज संभव हो रहे हैं, जिससे जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो रही है।

कैंसर के इलाज में नए और विनामूल्य उपचार तकनीकों का विकास भी हो रहा है, और इसमें रासायनिक और अम्ल शील औषधियों के साथ-साथ तकनीकी इलाज जैसे कि रेडिओथेरेपी, केमोथेरेपी, और विशेषज्ञ दवाओं का उपयोग किया जाता है।

कोरोना पैंडेमिक के समय, वैज्ञानिकों और चिकित्सकों ने जल्दी से वैक्सीन विकसित किया है, जो एक महत्वपूर्ण कदम था उस महामारी का प्रबंधन में। इसके अलावा, तबीयत की जांच में भी नवाचार आए हैं, और ऐसे डायग्नोस्टिक टेस्ट उपलब्ध हैं जो रोग की पहचान में मदद करते हैं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के योगदान के कारण कई पुरानी और घातक बीमारियों के खिलाफ भी सफल लड़ाई लड़ी जा रही है, और डॉक्टर्स और रिसर्चर्स ने नई औषधियों और उपचार तकनीकों का विकास किया है।

चिकित्सा क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का योगदान: व्यक्तिगत स्वास्थ्य की सुरक्षा

कैंसर के इलाज में तकनीकों का सुधार: नए और विनामूल्य उपचार, कोरोना पैंडेमिक के समय: वैज्ञानिकों और चिकित्सकों का योगदान, घातक बीमारियों के खिलाफ लड़ाई: नई औषधियों और तकनीकों का विकास, विज्ञान और मानव जीवन, शिक्षा के क्षेत्र में.

शिक्षा और विज्ञान, मानव जीवन के दो महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं जिनका एक गहरा और अटूट संबंध है। विज्ञान का अद्वितीय योगदान शिक्षा क्षेत्र में उन्नति और प्रक्रिया में है, जिससे विद्यार्थियों को नई और सुविधाजनक शिक्षा के अवसर प्राप्त होते हैं। यह न केवल शैक्षिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज के विकास और समृद्धि में भी एक नेतृत्व भूमिका निभाता है। इसके साथ ही, शिक्षा विज्ञान के आविष्कारों को जनसामान्य के लिए अधिक उपयोगकर्ता बनाने में मदद करती है, जो नकली जीवन और व्यक्तिगत स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाता है।

स्मार्ट क्लास प्रणाली:

  • पुरानी चालू पद्धतियों को बदलकर स्मार्ट क्लास प्रणाली ने शिक्षा को वर्ग के बाहर ले जाया है।
  • छात्रों को ग्राफिक्स और व्याख्याओं के साथ पढ़ाई करने का मौका देती है।

ऑनलाइन शिक्षा:

  • छात्र अब वर्चुअल कक्षाओं में भी शामिल हो सकते हैं, विशेष रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों के लिए यह एक बड़ी सुविधा है।
  • कंप्यूटर और इंटरनेट के प्रवेश से छात्रों को शिक्षा का नया दरवाजा खुला है।

शैक्षिक तकनीकों का उपयोग:

  • पीडीएफ, प्रेजेंटेशन, व्हाइट बोर्ड, फ्लैश कार्ड आदि शिक्षा को रूपांतरित करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
  • ये तकनीकें छात्रों को कठिन टॉपिक्स को सरल रूप से समझने में मदद करती हैं।

नि:शुल्क शिक्षा सामग्री:

  • विभिन्न प्रकार की पुस्तकों के पीडीएफ बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध हैं, जो गरीब छात्रों को भी शिक्षा का अध्ययन करने का अवसर प्रदान करती हैं।

यूट्यूब शिक्षा:

  • यूट्यूब ने शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाई है।
  • वहाँ विभिन्न विषयों और कौशलों के लिए मुफ्त और आसान शिक्षा उपलब्ध है।

विज्ञान और मानव जीवन, विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान

  • चिकित्सा क्षेत्र में:

चिकित्सा क्षेत्र में विज्ञान ने एक अद्वितीय क्रान्ति लाई है। नई तकनीकों के प्रयोग से असाध्य रोगों के इलाज के विकल्प उपलब्ध हो गए हैं। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए नई उपयुक्तियों का विकास हुआ है, जो रोगियों को उम्मीद और उनके परिजनों को आस्था दे रही है। इसके साथ, चिकित्सा शोध और उपयोगिता में नई उपयोगिताएँ जुटाने का काम जारी हैं।

  • मनोरंजन के क्षेत्र में:

विज्ञान ने मनोरंजन के क्षेत्र में भी क्रान्ति लाई है। टीवी, मोबाइल, रेडियो जैसे यंत्रों का उपयोग करके लोग अपने मनोबल को उच्च करते हैं और विभिन्न रोचक विषयों पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  • शिक्षा के क्षेत्र में:

विज्ञान का योगदान शिक्षा के क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। विभिन्न शैक्षिक तकनीकों और उपकरणों का प्रयोग करके शिक्षा को अधिक प्रभावी और रोचक बनाया जा रहा है। डिजिटल शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी अब अपने अध्ययन को और भी रुचिकर बना सकते हैं।

  • कम्प्यूटर के क्षेत्र में:

कम्प्यूटर विज्ञान ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यकताओं को पूरा करने में अपना योगदान दिया है। कम्प्यूटर आधुनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं और उनके बिना हमारा जीवन अधूरा सा लगता है।

  • उद्योग के क्षेत्र में:

आज विज्ञान ने उद्योगों में विभिन्न विकासों को संभव बनाया है। उद्योगों के क्षेत्र में तकनीकी नई उपयुक्तियों को संजीवनी दी है और उन्हें वृद्धि और विकास का एक नया दिशा दिखाया है।

विज्ञान के अत्यधिक उपयोग से हानि

विज्ञान के अधिक उपयोग से निम्नलिखित हानियां हो रही हैं, जो विकास से ज्यादा विनाश का कारण बन रहा है:

मानव निर्मित तकनीकों की विकास: नई प्रौद्योगिकियों के विकास ने उम्मीदों को जटिल बना दिया है कि मशीनें मानवों की जगह ले सकती हैं। इससे अनेक लोगों के रोजगार के विचलन का खतरा बढ़ता है और उन्हें नई कौशलों का अध्ययन करने की जरूरत होती है।

पर्यावरण का क्षतिग्रस्त होना: बड़ी उद्योगों और औद्योगिक क्रियाकलापों के विकास के कारण, पर्यावरण स्थितियों में क्षति हो रही है। उदाहरण के रूप में, कोयला और तेल निष्कर्षण की क्रियाओं से वायुमंडलीय प्रदूषण बढ़ रहा है।

तकनीकी की लत: समाज में तकनीक की लत का बढ़ना उम्रकैद और दुर्भाग्य पूर्ण हो सकता है। लोग अक्सर अधिक समय तक स्क्रीनों के साथ समय व्यतीत करने के लिए प्रेरित हो जाते हैं, जो आत्म-संरक्षा और सामाजिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है।

मानवता को खतरा: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और उन्नति से जुड़े जोखिम के संबंध में कई परिकल्पनाएँ प्रस्तुत की गई हैं। कुछ वैज्ञानिकों और बुद्धिजीवियों का मानना है कि इस विचार का उपयोग करने से लोगों पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि मशीनें अनियंत्रित हो सकती हैं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सही तरह से उपयोग करना महत्वपूर्ण है ताकि ये उपयोगकर्ताओं और समाज के लाभकारी हों, और उनका विनाश नहीं हो।

विज्ञान की शक्ति को सही तरीके से दिशाएं देने से हम अनगिनत समृद्धि, चिकित्सा के उन्नति, ऊर्जा संयंत्रों का समृद्धि, और अन्य अनगिनत विकासों का समर्थन कर सकते हैं। यह हमारे जीवन को आरामदायक बना सकता है और पूरे समाज को उन्नति की ऊँचाइयों तक पहुंचाने में मदद कर सकता है।

हालांकि, विज्ञान का दुरुपयोग हो सकता है जो जलवायु परिवर्तन, वायरसों के विकसित होने और उपयोग करने की संभावना जैसे खतरनाक परिणाम देता है। इसलिए, हमारी जिम्मेदारी है कि हम विज्ञान को जागरूक, विचार और जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करें ताकि हम समृद्ध और स्वस्थ जीवन जी सकें।

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दा इंडियन वायर

मनुष्य या मानव पर निबंध

essay on humanity in hindi

By विकास सिंह

man essay in hindi

हम सब मनुष्य (man) शब्द को समझते हैं। यह एक परिचित शब्द है जो आमतौर पर उपयोग किया जाता है। लेकिन क्या हम वास्तव में जानते हैं कि मनुष्य या मानव प्रजाति अस्तित्व में कैसे आई और समय के साथ इसका विकास कैसे हुआ?

विषय-सूचि

मनुष्य पर निबंध, essay on man in hindi (200 शब्द)

मनुष्य ईश्वर की सबसे अद्भुत रचना है। सर्वशक्तिमान मनुष्य को सोचने और तर्क करने की शक्ति से लैस करता है और यही उसे अन्य जीवों से अलग करता है। मनुष्य का अस्तित्व ही नहीं है, बल्कि पृथ्वी पर उपलब्ध विभिन्न संसाधनों का उपयोग करके अपने पूरे जीवन को जीता है।

मानव प्रजाति बंदरों और वानरों से विकसित हुई है। प्राचीन काल से ही मनुष्य का विकास हुआ है। शुरुआती आदमी के पास एक विशाल निर्माण था, कच्चा खाना खाया, गुफाओं में रहा और पत्तियों और जानवरों की खाल से बने नंगे न्यूनतम कपड़े पहने। आग का आविष्कार करने के बाद आदमी खाने से पहले जानवरों और सब्जियों को भूनने लगा। समय के साथ कई आविष्कार हुए। मनुष्य गुफाओं से बाहर निकला और रहने के लिए घरों का निर्माण किया।

ऐसा होता गया और जल्द ही गाँव बन गए और फिर कस्बे और शहर अस्तित्व में आए। परिवहन के साधन भी विकसित हुए और इसी तरह से कई अन्य चीजें भी हुईं। इसलिए, मूल रूप से मनुष्य के विकास के साथ, कई चीजों का आविष्कार किया गया और वे समय के साथ विकसित हुए।

आज मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ चुका है। उन्होंने अपने जीवन को आरामदायक और मनोरंजक बनाने के लिए कई चीजों का आविष्कार किया है। हालांकि, इस घटना में उन्होंने पर्यावरण को खराब कर दिया है। जो वातावरण कभी ताजा और शुद्ध था, वह अब प्रदूषित हो गया है। इसने वनस्पतियों और जीवों की विभिन्न प्रजातियों को विलुप्त कर दिया है और विभिन्न प्रकार की बीमारियों को भी जन्म दिया है।

मानव पर निबंध, human being essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

मनुष्य ने हमेशा समूहों में रहना पसंद किया है। आदिम काल से, मनुष्य समूहों में रहता था और चला जाता था। इससे वह सुरक्षित महसूस करता था और उसे जंगली जानवरों से खुद को बचाने में मदद मिलती थी। यह एक ऐसा मानवीय व्यवहार है जो समय के साथ बहुत अधिक नहीं बदला है। लोग अभी भी सामाजिकता से प्यार करते हैं। समाज, परिवार और संस्कृति का मनुष्य के लिए अत्यधिक महत्व है।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है :

एक महीने के लिए एक आदमी को अकेला छोड़ दें और देखें कि उसके साथ क्या होता है। वह अकेलेपन, अवसाद और इसके कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से पीड़ित होगा। एक आदमी के लिए अकेले रहना संभव नहीं है। मनुष्य हमेशा एक सामाजिक प्राणी रहा है।

वह अन्य लोगों के आसपास रहना पसंद करता है। अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ अपने विचारों को साझा करना, उनके साथ समय बिताना और उनके साथ विभिन्न गतिविधियों में लिप्त होना उन्हें जीवंत महसूस कराता है और उन्हें अपनेपन का एहसास दिलाता है।

पहले के समय में, भारत में लोग संयुक्त परिवारों में रहते थे। संयुक्त परिवार प्रणाली के कई फायदे थे। यह बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अच्छा था। यह बुजुर्गों के लिए भी अच्छा साबित हुआ। हालांकि, हाल ही में संस्कृति में बदलाव आया है। युवा पीढ़ी अलग हो रही है और विभिन्न कारणों से स्वतंत्र रूप से जीना चाहती है।

अब, जबकि युवा पीढ़ी अपनी गोपनीयता चाहती है और चीजों को अपने तरीके से करने की इच्छा रखती है, इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें लोगों के आसपास होने की आवश्यकता महसूस नहीं होती है। ऐसा करने के उनके अपने तरीके हैं। अगर ऐसा नहीं होता, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और सोशल नेटवर्किंग ऐप को इतनी लोकप्रियता हासिल नहीं होती।

निष्कर्ष :

मानव का दिमाग लगातार विकसित हो रहा है और मानव बुद्धि भी लगातार बढ़ रही है लेकिन अगर एक चीज है जो निरंतर बनी हुई है, तो उसे सुरक्षित और सुरक्षित महसूस करने की आवश्यकता है। सुरक्षा की यह भावना हमारे निकट और प्रिय लोगों के संपर्क में होने से आती है।

मनुष्य पर निबंध, man essay in hindi (400 शब्द)

भगवान ने सभी पुरुषों को एक जैसा बनाया। इसने मनुष्य के अस्तित्व के लिए उपयुक्त वातावरण भी बनाया। हालाँकि, आदमी ने इन दोनों चीजों के साथ खिलवाड़ किया है। पुरुषों ने सीमाओं का निर्माण किया और अपने धर्म, जाति, पंथ, आर्थिक स्थिति और क्या नहीं के आधार पर कई अंतर पैदा किए। वह अपने कद से संबंधित लोगों के साथ मेलजोल करना पसंद करते हैं और उनसे कम लोगों को देखते हैं। मनुष्य द्वारा लाई गई प्रौद्योगिकी में प्रगति ने पर्यावरण के सामान्य कामकाज में हस्तक्षेप किया है और यह विनाश के कगार पर है।

मनुष्य और संस्कृति :

आदमी के पालन-पोषण पर संस्कृति का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। यह एक व्यक्ति के दिमाग और समग्र व्यक्तित्व को आकार देने के तरीके को काफी हद तक प्रभावित करता है। यही कारण है कि विभिन्न संस्कृतियों से संबंधित लोगों में अलग मानसिकता होती है। एक बात या स्थिति जो एक संस्कृति से जुड़े लोगों के लिए सामान्य दिखाई दे सकती है वह दूसरों के लिए पूरी तरह से विचित्र लग सकती है। भारत के लोगों में अपनी संस्कृति के लिए एक उच्च सम्मान है। भारतीय अपने बुजुर्गों का सम्मान करते हैं और उनकी बात मानते हैं। विदेशी राष्ट्रों के विपरीत, भारत में बच्चे वयस्क होते हुए भी अपने माता-पिता के साथ रहते हैं।

भारतीय सभी का खुले दिल से स्वागत करते हैं और दूसरे की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान करते हैं। विभिन्न जातियों और धर्मों से संबंधित लोग यहां शांति और सद्भाव में रहते हैं। इसी तरह, अन्य संस्कृतियों से संबंधित लोग अपने मूल्यों से चिपके रहते हैं जो उनके व्यक्तित्व और दृष्टिकोण को आकार देने में मदद करते हैं।

मनुष्य और पर्यावरण :

जबकि मानव जीवन में विभिन्न तरीकों से सुधार और वृद्धि हुई है, इस उन्नति में कई नकारात्मक परिणाम भी आए हैं। इनमें से एक इसका पर्यावरण पर प्रभाव है। औद्योगिक क्रांति समाज के लिए वरदान साबित हुई। कई लोगों को नौकरी मिली और मनुष्य के लिए जीवन को आरामदायक बनाने के लिए कई नए उत्पादों का उत्पादन किया गया। तब से कई उद्योग स्थापित किए गए हैं।

हमारे उपयोग के लिए प्रत्येक दिन कई उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। हमारी जीवन शैली को बढ़ाने के लिए इन उद्योगों में दिन-प्रतिदिन उपयोग की जाने वाली वस्तुओं के साथ-साथ लक्जरी वस्तुओं का उत्पादन किया जा रहा है। जबकि हमारी जीवनशैली को बढ़ाया जा रहा है, पृथ्वी पर जीवन नीचा हो रहा है। उद्योगों और वाहनों की बढ़ती संख्या ने वायु, जल और भूमि प्रदूषण को जन्म दिया है।

यह प्रदूषण पर्यावरण को ख़राब कर रहा है। प्रदूषण में कई अन्य मानव प्रथाओं का भी योगदान है। इसने जैव विविधता को प्रभावित किया है और मनुष्य के साथ-साथ अन्य जीवों में भी कई बीमारियों का कारण बन रहा है।

समय आ गया है कि इंसान को रुक जाना चाहिए और सोचना चाहिए कि वह कहां जा रहा है। यह समय है कि हम अपनी जड़ों की ओर जाएं और पर्यावरण को प्रदूषित करना बंद करें। यदि हम इसी तरह से चलते रहे, तो हमारा ग्रह रहने लायक नहीं रह जाएगा।

मानव पर निबंध, essay on man in hindi (500 शब्द)

मनुष्य को सबसे बुद्धिमान प्रजाति माना जाता है। पृथ्वी पर अन्य जानवरों के विपरीत, मनुष्य कई गतिविधियों में शामिल होता है जो उसे मानसिक रूप से बढ़ने में मदद करता है और उसकी शारीरिक भलाई को भी प्रभावित करता है। मनुष्य को बुद्धि प्रदान की गई है और उसने अपने जीवन को आरामदायक बनाने के लिए इसका पूरा उपयोग किया है।

आदि – मानव और अतीत :

शुरुआती जीवन का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से अलग था कि हम आज कैसे जीते हैं। प्राचीन काल में या पाषाण युग, जो लगभग 2 मिलियन साल पहले था, आदमी जंगली जानवरों के बीच जंगलों में रहता था। वह भोजन खोजने के लिए संघर्ष करता रहा। उसने जंगली जानवरों का शिकार किया, मछलियों और पक्षियों को पकड़ा और उनकी भूख को बुझाने के लिए उन्हें खा लिया। वह फल, सब्जियां और पत्ते रखने के लिए पेड़ों पर चढ़ गया।

इस प्रकार प्रारंभिक मनुष्य को शिकारी के रूप में भी जाना जाता है। वह गुफाओं में रहता था और जानवरों की खाल और पत्तियों से बने कपड़े पहनता था। आधुनिक मनुष्य की तरह, प्रारंभिक व्यक्ति भी अपने परिजनों के साथ रहना पसंद करते थे।

प्रारंभिक व्यक्ति अक्सर भोजन की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाते थे और उन स्थानों पर बस जाते थे जो नदी या पानी की धाराओं के पास होते थे। उन्होंने मुख्य रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा की जब उनके भोजन के स्रोत समाप्त हो गए। पशु और पक्षी आमतौर पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास करते हैं। चूंकि शुरुआती आदमी के लिए भोजन का मुख्य स्रोत पशु था, इसलिए वह भी उनके साथ चला गया।

इसके अलावा, विभिन्न पेड़-पौधे विभिन्न मौसमों में फल और सब्जियां खाते हैं। इस प्रकार, शुरुआती पुरुष भी मौसम के अनुसार चले गए। वह समूहों में चला गया क्योंकि यह सुरक्षा की भावना देता था।

शुरू में, शुरुआती आदमी पैदल ही चलते थे, उन्होंने जल्द ही पहिया तैयार किया और लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए बैलगाड़ी का निर्माण किया। उन्होंने पत्थर और लकड़ी के साथ कई उपकरण भी तैयार किए।

मध्यकालीन मनुष्य :

जैसे-जैसे मानव जाति विकसित हुई, मनुष्य गुफाओं से बाहर निकला और घरों का निर्माण किया। जल्द ही, विभिन्न मानव सभ्यताओं का गठन किया गया। जीवन को बेहतर बनाने के लिए नई चीजों के निर्माण के लिए भोजन के शिकार से हटकर मनुष्य का ध्यान केंद्रित किया गया। यह एक नए युग की शुरुआत थी और इस युग में रहने वाले पुरुषों को मध्ययुगीन पुरुष कहा जाने लगा। शारीरिक विशेषताओं के साथ-साथ मनुष्य के सोचने के स्तर ने पाषाण युग की तुलना में एक महान सौदा विकसित किया था।

 आधुनिक और वर्तमान मनुष्य :

मनुष्य की जीवनशैली, संस्कृति और अन्य विभिन्न पहलुओं का विकास हुआ और उन्हें आधुनिक मनुष्य के रूप में जाना जाने लगा। मनुष्य के आगे के विकास ने उसे उत्तर-आधुनिक मनुष्य का नाम दिया। पद आधुनिक आदमी दिखने में, व्यवहार के साथ-साथ मानसिक क्षमता के मामले में शुरुआती आदमी से काफी अलग है। इस परिवर्तन के बारे में कुछ मानवीय हस्तक्षेप के साथ-साथ कई प्राकृतिक कारक सामने आए

मनुष्य विकसित हुआ है और उस तरह से दूर आया है जिस तरह से वह शुरुआती समय में रहता था। प्रारंभिक आदमी निश्चित रूप से आधुनिक आदमी की तुलना में शारीरिक रूप से मजबूत और फिटर था। हालांकि, जब यह मानसिक पहलू की बात आती है, तो समय के साथ कई गुना बढ़ गया है। मानव बुद्धि बढ़ी है और अभी भी बढ़ रही है। यह उन आविष्कारों से स्पष्ट है जो हम लेकर आ रहे हैं। हम पाषाण युग में मनुष्य के जीवन जीने के तरीके की कल्पना नहीं कर सकते।

मनुष्य पर निबंध, human essay in hindi (600 शब्द)

मनुष्य, जैसा कि हम आज देखते हैं, लाखों वर्षों के विकास का परिणाम है। हम इस विशाल ब्रह्मांड के एक छोटे से हिस्से के अलावा कुछ नहीं हैं, जिसमें चीजों को एक साथ रखने और समय-समय पर बदलाव लाने के अपने रहस्यमय तरीके हैं।

मनुष्य का विकास :

कहा जाता है कि मनुष्य एक पूर्वज से विकसित हुआ था। चिम्पांजी और गोरिल्ला हमारे निकटतम रिश्तेदार कहे जाते हैं। अनुसंधान का बहुतायत इस बात पर किया गया है कि मनुष्य कैसे विकसित हुआ और विभिन्न शोधकर्ता विभिन्न सिद्धांतों के साथ आए हैं जो कमोबेश एक जैसे हैं।

सभी सिद्धांतों के बीच, चार्ल्स डार्विन द्वारा एक काफी लोकप्रिय है। उन्होंने अपनी पुस्तक द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज़ में मनुष्य के विकास का विस्तार से वर्णन किया है जो 1859 में वापस प्रकाशित हुआ था।

डार्विनवाद सिद्धांत के अलावा, विकास के सिंथेटिक और लैमार्कवाद सिद्धांत ने भी बहुत रुचि पैदा की। हालाँकि, इस विषय पर अनुसंधान अभी भी चल रहा है और हर बार कई नए निष्कर्ष निकाले जाते हैं।

मानव प्रजाति एक ऐसे प्राणी के रूप में विकसित होने के बाद भी विकसित होती रही। पहले मनुष्य के पास विशाल निर्मित, बड़े कान, तेज दांत और मोटी त्वचा थी। वह आज जैसी दिखती हैं उससे बिल्कुल अलग दिखती थीं। मनुष्य सदियों से लगातार विकसित हुआ और अभी भी शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से विकसित हो रहा है।

मनुष्य के विकास पर नई खोज :

वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का दावा है कि मनुष्य अभी भी विकसित हो रहा है और 2050 तक एक नई प्रकार की मानव प्रजाति अस्तित्व में आ जाएगी। मनुष्य की औसत आयु 100-120 वर्ष तक बढ़ने की संभावना है। यह भी कहा जा रहा है कि मानव प्रजाति बुढ़ापे में भी प्रजनन कर सकेगी।

अगर हम इसे देखें, तो हम भी बदल गए हैं और विकसित हो गए हैं और पिछली सदी में रहने वाले लोगों से काफी अलग हैं। उन समय में लोग कृषि गतिविधियों में अधिक विकसित थे, जिनमें शारीरिक श्रम शामिल था। उनके पास एक अच्छा शरीर था क्योंकि इन गतिविधियों ने नियमित व्यायाम सुनिश्चित किया। उन्हें स्वस्थ रखने और श्रमसाध्य कार्यों में शामिल होने के लिए घी, तेल और चीनी से भरा एक अच्छा आहार था।

यहां तक ​​कि जब वे बड़ी मात्रा में घी और चीनी खाते थे, तो उन्हें हृदय की समस्या, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि जैसी बीमारियाँ नहीं होती थीं क्योंकि वे इसे खेत में बहा देते थे। उद्योगों की वृद्धि ने नौकरी से जुड़े लोगों के स्वभाव में बदलाव को चिह्नित किया है।

इन दिनों लोग शारीरिक रूप से कमजोर हो गए हैं क्योंकि वे डेस्क जॉब्स में अधिक शामिल हैं और शारीरिक गतिविधियों की कमी है। कई नई बीमारियां भी सामने आई हैं – जो कि पिछली सदी में कभी सुनी भी नहीं गई थीं।प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ, अधिकांश लोग दिन के अधिकांश भाग के लिए अपने फोन से चिपके रहते हैं।

लोगों को उनके बगल में बैठे लोगों की अनदेखी करते हुए फोन पर चिट-चैट करना या वीडियो देखना आम है। यह बहुत अधिक विकास का एक हिस्सा है। लोगों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य इससे प्रभावित हो रहा है और एक तरह से विकसित हो रहा है।

जिस तरह लोग अपना अधिकांश समय मोबाइल फोन और टैब पर बिताते हैं, उसी तरह 2050 तक लोग अपना अधिकांश समय आभासी वास्तविकता में बिताएंगे। कहा जा रहा है कि मनुष्य निकट भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर भरोसा करेगा और अपने दिनभर के अधिकांश कार्य रोबोट से करवाएगा। प्रौद्योगिकी में प्रगति इन सभी महत्वपूर्ण बदलावों को जन्म देगी। इंसान के जीने का पूरा तरीका बदल जाएगा।

मनुष्य का विकास वास्तव में अपने आप में एक चमत्कार है। प्रारंभ में, प्रकृति ने मनुष्य के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाई। आने वाले वर्षों में, ऐसा लगता है कि, मनुष्य, अपनी बुद्धि के माध्यम से, आगे के विकास के लिए जिम्मेदार होगा। समय बदलने की संभावना है और हमें उम्मीद है कि वे अच्छे के लिए बदलेंगे।

आदमी पर निबंध, essay on man in hindi (800 शब्द)

“मैन” एक शब्द है जिसका इस्तेमाल मनुष्यों के नर की पहचान करने के लिए किया जाता है। यह शब्द आमतौर पर एक वयस्क पुरुष को संदर्भित करता है, जो लड़कपन से गुजर चुका होता है और परिपक्वता प्राप्त करता है। “मैन” एक विलक्षण शब्द है और शब्द का बहुवचन रूप “पुरुष” है।

मनुष्य आनुवंशिक रूप से और शारीरिक रूप से प्रजातियों की मादा से अलग है, जिसे महिला कहा जाता है। पुरुषों को आमतौर पर मर्दाना और व्यापक विशेषताओं और महिलाओं और बच्चों की तुलना में कम आवाज वाली गहरी आवाज से पहचाना जाता है।

इतिहास :

पुरुष या होमो सेपियन्स (बुद्धिमान पुरुषों के लिए लैटिन भाषा का शब्द) जैसा कि हम आज जानते हैं; प्राइमेट्स से विकसित हुए हैं, जो बदले में अन्य स्तनधारियों से विकसित हुए थे। प्रारंभिक स्तनधारियों और प्राइमेट्स से मनुष्य के विकास में सौ मिलियन वर्ष लगे। मनुष्यों की नर और मादा दोनों प्रजातियाँ अर्थात् पुरुष और महिला क्रमशः; एक साथ विकसित किया गया था।

भौतिक विशेषताऐं :

एक आदमी की शारीरिक उपस्थिति ऊंचाई, वजन और शरीर की संरचना के मामले में एक महिला से काफी अलग है। पुरुष लंबे और सबसे मजबूत निर्माण करते हैं; हालाँकि, इस नियम के अपवाद हो सकते हैं क्योंकि कुछ पुरुष महिलाओं की तुलना में कम हैं। इसके अलावा, दुनिया भर में पुरुषों की औसत ऊंचाई और शारीरिक उपस्थिति स्थान से स्थान पर बदलती है, मुख्य रूप से वे जिस क्षेत्र में रहते हैं, उसके आधार पर। उदाहरण के लिए – एक आदर्श अमेरिकी पुरुष के पास एक निष्पक्ष त्वचा और व्यापक ऊपरी शरीर होता है जबकि उसके भारतीय समकक्षों में आमतौर पर एक गेहुंआ रंग और तुलनात्मक रूप से कम ऊंचाई होती है।

पुरुषों के सबसे आम शारीरिक लक्षणों में से कुछ हैं – अधिक शरीर के बाल, बड़े हाथ और पैर, चौड़ी छाती, बड़ी हड्डी की संरचना और अधिक से अधिक मांसपेशियों। पुरुषों में आमतौर पर मोटी भौंह, उभरी हुई और प्रमुख ठुड्डी होती है।

आनुवांशिक विशेषताएँ :

किसी पुरुष का लिंग उसकी माँ के गर्भ में निषेचन के समय निर्धारित होता है। एक पुरुष (XY) भ्रूण का उत्पादन तब होता है जब Y गुणसूत्र ले जाने वाला एक शुक्राणु कोशिका दूसरी तरफ अंडे को निषेचित करता है जब एक गुणसूत्र X गुणसूत्र ले जाने पर एक मादा (XX) उत्पन्न होता है।

गुणसूत्रों का यह संयोजन – XY पुरुषों के शारीरिक और व्यवहार संबंधी विशेषताओं का आधार बनता है। विशिष्ट गुणसूत्र संयोजन होने के अलावा, पुरुषों में महिलाओं की तुलना में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का अधिक स्राव होता है; उन्हें एक बीहड़, मजबूत लग रहा है, दाढ़ी और एक आक्रामक व्यक्तित्व दे।

व्यवहार :

महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक हावी और मुखर होते हैं। हालांकि, यह एक कठिन और तेज़ नियम नहीं है और इसके अपवाद भी हो सकते हैं। कुछ महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक हावी हो सकती हैं। हालांकि, पुरुष अपनी महिला भागीदारों के लिए सुरक्षात्मक होते हैं और उत्तेजित होने पर हिंसा का सहारा लेने की प्रवृत्ति रखते हैं। दूसरी ओर, महिलाएं कम हिंसक और विनम्र होती हैं; हालाँकि, वे भी उग्र हो जाते हैं जब यह उनके ऑफ स्प्रिंग्स की रक्षा करने की बात आती है।

एक आदमी के लिए विशिष्ट व्यवहार लक्षण हैं। वह खुद को कठिन के रूप में पेश करना पसंद करती है और महिलाओं की तुलना में कम भावुक भी है।

एक समाज में मनुष्य की भूमिका :

आमतौर पर पुरुष घर या समाज के मुखिया की भूमिका निभाते हैं। हालांकि, स्थिति संस्कृति और क्षेत्र पर निर्भर करती है, लेकिन प्रवृत्ति यह है कि पुरुष परिवार का नेतृत्व करेंगे। प्राचीन नर होमो सेपियन्स भोजन की तलाश में भटकते थे, जबकि मादा घर पर रहती थी, बच्चों और घर की देखभाल करती थी।

प्रागैतिहासिक पुरुष परिवार के लिए भोजन इकट्ठा करने, झोपड़ी बनाने, मवेशियों को खिलाने और शारीरिक श्रम की आवश्यकता वाले ऐसे सभी कार्यों को करने के लिए जिम्मेदार थे।

हालाँकि, आज के प्राचीन और आधुनिक मनुष्य के बीच बहुत से व्यवहार और शारीरिक परिवर्तन हुए हैं, जैसा कि हम जानते हैं, परिवार और समाज में उनकी स्थिति और जिम्मेदारियां काफी हद तक समान हैं। दुनिया भर में कई संस्कृतियों में, पुरुष अभी भी एक ब्रेड विजेता और रक्षक की भूमिका निभाते हैं। वे पैसे कमाने के लिए और अपने परिवार की मांगों को पूरा करने के लिए नौकरियों और व्यवसायों पर निकल जाते हैं, जबकि महिलाएं घर पर रहकर घर का काम करती हैं।

अन्य प्रजातियों पर लाभ :

मनुष्य प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक है। उनके पास सोचने और कार्य करने की विशिष्ट क्षमता के साथ कुशल अंगों और बुद्धिमान मस्तिष्क का लाभ है। इन दुर्लभ क्षमताओं ने आज ग्रह पर सबसे शक्तिशाली प्रजातियों के रूप में मनुष्य को तैनात किया है।

एक कुशल मस्तिष्क और हाथों ने उसे विज्ञान और विकास में लगातार प्रगति करने में मदद की है। वह अन्य प्रजातियों को विलुप्त होने या अन्य खतरों से बचाने की शक्ति वाली एकमात्र प्रजाति भी है।

मनुष्य में किसी भी स्थिति का आकलन करने और उसके अनुसार उचित उपाय करने की अद्भुत क्षमता है। एक आदमी की एक और अजीब विशेषता जिज्ञासा है और इसे संतुष्ट करने की एक विशिष्ट क्षमता है।

 निष्कर्ष :

मनुष्य ईश्वर की सबसे महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण रचना है। उसे अपनी अन्य कृतियों को आश्रय और सुरक्षा प्रदान करने के लिए भगवान द्वारा सौंपा गया है। एक कारण है कि प्रकृति ने पुरुषों को अन्य प्रजातियों की तुलना में अधिक स्मार्ट बना दिया है और वह कारण है उनके परिवार की देखभाल करना और अन्य कमजोर प्रजातियों की रक्षा करना। दुनिया और अन्य प्रजातियों का भविष्य आदमी के हाथ में है और उसके ऊपर निर्भर है कि वह कैसे जिम्मेदारी निभाता है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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विज्ञान और मानव-हित पर निबंध | Essay on Science and Human Interest in Hindi

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विज्ञान और मानव-हित पर निबंध | Essay on Science and Human Interest in Hindi!

आधुनिक मानव समाज प्राचीन काल के मानव समाज से पूर्णतया भिन्न है ! उसके रहन-सहन, वेश-भूषा व परिस्थितियों में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलता है । विगत कुछ दशकों में तो मनुष्य जीवन की कायापलट हो चुकी है ।

इस कायापलट अथवा इस परिवर्तन का संपूर्ण श्रेय विज्ञान को ही जाता है । यदि हम आधुनिक युग को विज्ञान का युग कहें तो कदापि अतिशयोक्ति न होगी, अपितु उपर्युक्त कथन ही आज के परिवेश को देखते हुए सर्वथा उपयुक्त होगा ।

ADVERTISEMENTS:

मानव हित में विज्ञान की उपलब्धियाँ अनेक हैं । विज्ञान ने मनुष्य को यातायात के ऐसे साधन प्रदान किए हैं, कि जो दूरी हमारे पूर्वज महीनों-सालों में तय किया करते थे, आज वह दूरी कुछ दिनों, घंटों में तय की जा सकती है । साइकिल, दुपहिया वाहन, कारें व रेलगाड़ी सभी विज्ञान की देन हैं । गगन का चुंबन करते हवाई जहाज ने तो मानव को जैसे पंख ही प्रदान कर दिए हैं ।

चिकित्सा जगत में विज्ञान ने मानव-हित में बहुत कुछ दिया है । आज इस क्षेत्र में ऐसे उच्च तकनीक के उपकरण उपलब्ध हैं जिनके प्रयोग से असंभव व असाध्य समझे जाने वाले रोगों का भी इलाज संभव हो सका है । कैंसर, कुष्ठ रोग जैसी असाध्य समझी जाने वाली बीमारियों का इलाज भी विज्ञान ने संभव कर दिखाया है । यह विज्ञान की ही देन है जिसके कारण विश्व में मृत्यु-दर निरंतर घटती ही जा रही है ।

लंगड़े, लूले, बहरे व अन्य रूप से अपाहिज व्यक्तियों को विज्ञान ने कृत्रिम रूप प्रदान किए हैं, जिसकी मदद से मनुष्य अपेक्षाकृत सरल जीवन गुजार सकता है । अनेक प्रकार की महामारियों का विश्वसनीय इलाज आज इस क्षेत्र में उपलब्ध है । इतना ही नहीं, विज्ञान की मदद से आज के मानव कई खतरनाक रोगों से अपना पूर्व बचाव करने में भी सक्षम हैं । विभिन्न बीमारियों के टीके लगाकर हम उनसे सुरक्षित महसूस कर सकते हैं ।

संचार के क्षेत्र में भी विज्ञान के अद्‌भुत आविष्कारों ने मनुष्य को परस्पर संपर्क साधने के नए मार्ग विकसित कर दिए हैं । टेलीफोन, फैक्स, तार आदि के द्‌वारा विश्व के एक कोने से दूसरे कोने पर घर बैठे व्यक्ति से सीधे बात की जा सकती है अथवा उनसे संपर्क स्थापित किया जा सकता है या फिर सुगमता, त्वरित गति व विश्वसनीय रूप से सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सकता है ।

कंप्यूटर के आविष्कार ने तो मानव जीवन में एक नई हलचल उत्पन्न कर दी है । एक कंप्यूटर 400 से भी अधिक मनुष्यों की कार्यक्षमता रखता है । कंप्यूटर के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान, छपाई, चिकित्सा, तकनीक व अंतरिक्ष आदि सभी क्षेत्रों में मनुष्य ने तीव्र गति से विकास प्राप्त किया है ।

कंप्यूटर के आविष्कार के बिना मनुष्य का चंद्रमा पर विजय पताका फहराना संभव नहीं था । कंप्यूटर के माध्यम से अब तथ्यों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है तथा आवश्यकता पड़ने पर कोई भी सूचना सैकेंडों में प्राप्त की जा सकती है ।

विज्ञान ने मनुष्य को मनोरंजन हेतु अनेकों नवीनतम साधन प्रदान किए हैं । रेडियो, दूरदर्शन, सिनेमा (चलचित्र) आदि मनोरंजन के नवीनतम साधन विज्ञान की ही देन हैं जिनके माध्यम से मनुष्य अपनी थकान, हताशा व जीवन की नैराश्यता को भुला कर नवीनता व हर्षोल्लास का सुखद अनुभव कर सकता है ।

आधुनिक विज्ञान ने अनेक प्राचीन भ्रांतियों को मिथ्या सिद्‌ध कर दिया है । जिस चंद्रमा की लोग देवता के रूप में पूजा करते थे उस पर आज मानव ने विजय प्राप्त कर ली है और यह सिद्‌ध कर दिया है कि वह भी पृथ्वी की ही भांति एक आकाशीय पिंड है । इसी प्रकार प्राचीन काल की अनेक बीमारियों को जिन्हें लोग दैवी प्रकोप समझते थे उनके इलाज की खोज कर विज्ञान ने अंधविश्वासों को समाप्त करने में सहायता की है ।

विज्ञान की अभूतपूर्व खोजों से संपूर्ण विश्व मानो सिमटता हुआ प्रतीत हो रहा है । हजारों मील की दूरी पर बैठा हुआ व्यक्ति अपने परिजनों से निरंतर संपर्क रख सकता है । वह उनसे बातचीत ही नहीं अपितु उन्हें चित्र पर देख भी सकता है ।

इसके अतिरिक्त दुनिया के एक कोने पर बैठे हुए व्यक्ति दुनिया के दूसरे छोर तक की यात्रा वायुयान के माध्यम से मात्र 24 घंटे के भीतर ही तय कर सकते हैं । वास्कोडिगामा एवं कोलंबस ने जो यात्रा अपने समय में महीनों व वर्षों में तय की थी आज वही यात्रा कुछ दिनों व घंटों में तय की जा सकती है ।

इस प्रकार हम देखते हैं कि प्राचीन काल के मानवों की तुलना में आधुनिक मानव के रहन-सहन व जीवन-यापन आदि के तरीकों में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है । मनुष्य समय के साथ कल्पनाओं की अपनी अनेक उड़ानों को यथार्थ रूप देने में सक्षम हुआ है । इन समस्त सफलताओं का श्रेय विज्ञान की अनगिनत देनों को जाता है ।

विज्ञान के नित नए आविष्कारों से मानव जीवन में और भी अधिक सुखद परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं ।  विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति मानव जीवन के उत्थान का भी पर्याय बन गई है । भविष्य के प्रारूप की व्याख्या तो कोई भी व्यक्ति विश्वसनीय रूप में नहीं कर सकता है परंतु वर्तमान को नि:संदेह विज्ञान का ही युग कहा जा सकता है । विज्ञान आज मानव जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है ।

विज्ञान को अधिकाधिक प्रभावी एवं जनोम्मुखी बनाकर हम आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकते हैं । वर्तमान युग की भी अनेक समस्याएँ ऐसी हैं जिन्हें विज्ञान की सहायता से हल किया जा सकता है यदि उसे मानवीय इच्छा-शक्ति का संबल प्राप्त हो जाए ।

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मानव और विज्ञान पर निबंध-Science and Human Entertainment Essay In Hindi

मानव और विज्ञान पर निबंध :.

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भूमिका : आज का मानव प्राचीन युग के मानव से बिलकुल अलग बन गया है। आज के युग को विज्ञान के चमत्कारों का युग माना जाता है। विज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है- वि+ज्ञान। जिसका अर्थ होता है किसी वस्तु का विशेष ज्ञान। आज के युग के विज्ञान की उन्नति को देखकर संसार चकित हो गया है।

विज्ञान को विवेक  का द्वार माना जाता है। अपने भौतिक सुखों के लिए ही मानव विज्ञान की शरण में आया है और विज्ञान मानव के लिए कल्पवृक्ष सिद्ध हुआ है। विज्ञान के बहुत से अद्भुत आविष्कारों को देखकर मनुष्य ने दाँतों तले ऊँगली दबा ली है। विज्ञान की चकाचौंध से मनुष्य स्तब्ध रह गया है।

विज्ञान और आधुनिक जीवन : विज्ञान और जीवन का घनिष्ट संबंध होता है। विज्ञान ने ही मानव जीवन को सुखमय बनाया है। किसी विद्वान् का कहना है कि विज्ञान ने अंधों को आँखें और बहरों को सुनने के लिए कान दिए हैं। उसने जीवन को दीर्घ बनाया है और डर को कम कर दिया है। विज्ञान ने पागलपन को वश में कर लिया है और रोगों का नाश किया है। जहाँ पर मनुष्य को विज्ञान से इतने सुख मिले हैं वहीं पर दुःख भी प्राप्त हुए हैं। विज्ञान को मानव के लिए वरदान भी माना गया है और अभिशाप भी।

विज्ञान वरदान के रूप में : विज्ञान ने मनुष्य को अनेक सुख प्रदान किये हैं। जीवन के प्रत्येक क्रियाकलाप में विज्ञान का योगदान रहा है। विज्ञान ने मनुष्य की कल्पनाओं को सच कर दिखाया है। विज्ञान ने भाप, अणुशक्ति को अपने वश में करके मनुष्य के जीवन में चार-चाँद लगा दिए हैं। विज्ञान ने हेलिकोप्टर, हवाई जहाज जैसे यंत्रों का आविष्कार करके मनुष्य के सुख को चर्म सीमा तक पहुँचा दिया है।

विज्ञान ने मनुष्य के मनोरंजन के अनेक साधन प्रदान किये हैं। विज्ञान ने टेलीविजन, रेडियो, फोन, ग्रामोफोन, सिनेमा का आविष्कार करके मनुष्य के जीवन को बहुत ही रोचक बनाया है। आज हम विज्ञान की वजह से घर बैठे दूर-दूर के समाचारों को सुन और देख सकते हैं। विदेश में हो रहे कार्यक्रमों को भी हम घर बैठे आराम से देख सकते हैं। जहाँ पर सिनेमा को मनोरंजन के लिए प्रयोग किया जाता है वहीं पर दूसरी ओर सिनेमा को शिक्षा के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है।

विज्ञान के चमत्कार : विज्ञान के आविष्कारों ने मनुष्य के जीवन को बहुत ही आनंदमय और रोचक बनाया है। लोग मशीनों के द्वारा ही पूरा काम खत्म कर लेते हैं। अन्न उगाने और कपड़ा बनाने के लिए मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। पहले लोग मिट्टी से बने दीपक जलाकर घरों में रोशनी किया करते थे लेकिन आज के लोग बटन दबाते हैं और घर जगमगाने लगता है।

चिकित्सा क्षेत्र में विज्ञान का उपयोग : विज्ञान ने चिकित्सा में उन्नति करके एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक्स रे से शरीर के अंदर के चित्र ले लिए जाते हैं और दिल, गुर्दे, फेफड़े का ऑपरेशन किया जाता है। अंधों को दूसरों की आँखें देकर देखने के योग्य बनाया जाता है। कैंसर जैसे रोगों को समाप्त करने के लिए कोबाल्ट किरणों का आविष्कार किया जाता है।

विज्ञान अभिशाप के रूप में : लेकिन जब मनुष्य विज्ञान का गलत प्रयोग करने लगता है तो विज्ञान उसके लिए अभिशाप बन जाता है। जब मनुष्य को विज्ञान की भयानकता का पता चल जाता है तो मनुष्य का सारा उत्साह टूट जाता है। विज्ञान ने जिन आविष्कारों को मनुष्य के हित के लिए प्रयोग किया है वहीं पर उसके अहित के लिए भी प्रयोग किया है।

विज्ञान ने ऐटम बम और हाइड्रोजन बम बनाए हैं जिससे पूरा संसार एक ही पल में खत्म हो सकता है। जितना विनाश दूसरे विश्वयुद्ध में हुआ था उसकी पूर्ति विज्ञान सौ सालों में भी नहीं कर सकता है। हिरोशिमा और नागासाकी पर जो अणु बम्ब गिरे थे उनके परिणाम आज हमारे सामने हैं। बम्ब गिरने की वजह से वहाँ की संताने आज तक विकलांग पैदा होती हैं।

जब हम तीसरे विश्वयुद्ध की कल्पना करते हैं तो हमारा ह्रदय काँप उढ़ता है। विज्ञान के कारण ही प्रदुषण होता है। हवाई जहाजों से बम्ब गिराकर लोगों के घरों को तबाह कर दिया जाता है। विज्ञान से सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ है कि इसने मनुष्य को बेकार बना दिया है। मशीनी युग के आ जाने से बहुत से लोगों की रोजी रोटी छिन गई है।

वैज्ञानिक प्रगति की वजह से ही मनुष्य की नैतिक धारणाएँ शिथिल हो गई हैं। हस्तकला में निपुण लोग मशीनों के अविष्कार से बेकार हो गये हैं। विज्ञान ने मनुष्य को शक्ति तो दी है पर शांति नहीं, सुविधाएँ तो दी हैं लेकिन सुख नहीं दिया है।

उपसंहार : विज्ञान तो बस एक शक्ति होती है। विज्ञान का मनुष्य सदुपयोग भी कर सकता है और दुरूपयोग भी। असल में जो विनाश हुआ था उसका जिम्मेदार हम विज्ञान को नहीं मान सकते वह तो निर्जीव होता है। विज्ञान का सदुपयोग करना है या दुरूपयोग यह बात मनुष्य पर ही निर्भर करती है।

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मानवता पर निबंध

Essay on Humanity in Hindi: एक इंसान चाहे हिंदू धर्म का हो या मुस्लिम धर्म का हो या फिर सिख या ईसाई धर्म का हो लेकिन इन सभी धर्मों से परे उसका सबसे बड़ा धर्म मानवता का धर्म होता है। अलग-अलग धर्मों के सभी पवित्र पुस्तके मानवता की समान परिभाषा देती है। आज के समय में व्यक्ति अपने धर्म को तो मानता है लेकिन सबसे बड़ा धर्म मनुष्यता का धर्म नहीं मानता।

आज का मानव दूसरे मनुष्य को कष्ट देकर आगे बढ़ने में लगा हुआ है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो धीरे-धीरे पूरे धरती से मानवता खत्म हो जाएगी और हर मनुष्य जानवर की तरह एक दूसरे की हत्या कर देंगे और एक समय ऐसा आएगा जब धरती से मानव नाम का प्राणी का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। क्योंकि आज मनुष्य ही एक दूसरे मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन बन चुका है।

Essay-on-Humanity-in-Hindi-

आज के इस लेख में हम मानवता के ऊपर निबंध लेकर आए हैं ताकि इस निबंध के जरिए लोग मनुष्यता धर्म के महत्व को समझ सके। आज के इस निबंध लेख में हम मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है निबंध (Humanity Essay in Hindi) देखेंगे।

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मानवता पर निबंध | Essay on Humanity in Hindi

मानवता पर निबंध (200 शब्द).

मानवता इस पूरे संसार में जीवित रहने और दूसरों पर विश्वास रखने का मूल मंत्र है और जीवन जीने की शैली बहुत ही सुगन तब हो जाती है, जब विश्वास और दया नाम का यह मंत्र लोगों के दिलों में जीवित रहता है। मानवता सिर्फ और सिर्फ लोगों की मदद करना ही नहीं होता बल्कि मानवता जीवों पर दया दिखाना भी होता है।

पृथ्वी पर जीवित सभी जीवों में सबसे सर्वश्रेष्ठ और उत्तम प्रजाति मानव को ही माना जाता है और इसी कारण से हमारा यह फर्ज बनता है कि हम मानव जाति के साथ-साथ अन्य जीवों की भी मदद करें और उन्हें भी उनका जीवन जीने के लिए छोड़ें।

इस पूरे दुनिया भर में लोग खुद की जरूरतों को पूरा करने के लिए अन्य जीवों की बलि चढ़ा दे रहे हैं और यही दुनिया का सबसे बड़ा विनाश भी होगा। यदि दुनिया से मानवता खत्म हो जाएगी तो दुनिया बहुत ही जल्द विलुप्त के कगार पर होगी।

मानवता सभी के दिलों में है परंतु उसे जागरूक करना और लोगों के प्रति संवेदनशील करना यह आपकी जिम्मेदारी होती है। इस पूरे ब्रह्मांड में सिर्फ और सिर्फ मानव ही एक ऐसा जीव है, जो सोच सकता है, समझ सकता है और किसी भी कार्य को करने से उसके लाभ हानि को भी सोच सकता है।

परंतु मानो ऐसा नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह खुद की जरूरतों को पूरा करने के लिए संवेदना और मानवता को पूरी तरह से त्याग दे रहे हैं।

मनुष्य के अंदर अच्छे लोग और बुरे लोगों का फर्क विवेचन होता है और इसी कारण से मनुष्य को हमेशा एक सज्जन व्यक्ति की तरह अपनी मानवता को निभाना चाहिए और यह कार उन सभी लोगों को पूरी जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। आज के समय में लोग अपनी जिम्मेदारी से भागते हैं और इसीलिए मानवता को त्याग देते हैं।

इस पूरे ब्रह्मांड में प्रत्येक खंड अपना अपना एक इतिहास बनाता है और इन सभी इतिहास में मानवता एक बार नहीं बल्कि हजारों बार खंडित हुई है, यह सिर्फ और सिर्फ मनुष्य के लोभ लालच इत्यादि के कारण हो रहा है। यह दुनिया यदि खंडित हो रही है तो इसका सीधा-सीधा कारण कुकर्मी लोग और अत्याचारी लोग होते हैं, जो मानवता की भावना अपने दिल में बिना रखे लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं।

लोग खुद को अच्छा दिखाने के लिए और खुद को ऊपर ले जाने के लिए अनेकों तरह से लोगों का हक छीन लेते हैं और ऐसे में धनी लोग गरीबों का भी हक छीन ते रहे हैं और यही दुनिया का सबसे बड़ा विनाश है।

मानवता पर निबंध (250 शब्द)

मानवता के ऊपर निबंध लिखने से पहले तो यह जाना जरूरी है कि मानवता क्या है? मानवता का सही अर्थ क्या है? मानवता मनुष्य में दूसरे व्यक्ति के प्रति सहानुभूति और दया की भावना जागृत करती है। मानवता मनुष्य को दूसरों के दुख सुख का सहभागी बनना सिखाती है।

एक अच्छा मानव वही है जो दूसरों के दर्द को अपना दर्द समझता हो। अपने बारे में तो हर कोई सोचता है लेकिन जो दूसरों के बारे में सोचता है वही सच्चा मनुष्य होता है और वही मानवता धर्म है। लेकिन आज के समय में बहुत कम ही मनुष्य के अंदर इंसानियत की भावना व्याप्त है। ज्यादातर व्यक्ति अपने से मतलब रखता है। आज संसार ज्यादातर कपटी, दुष्कर्म करने वाले मनुष्य से भरी हुई है।

आज टीवी रेडियो की न्यूज़ चैनल पर कभी ऐसा खबर सुनने को नहीं मिलता कि आज कहीं धर्म के नाम पर दंगे फसाद नहीं हुए, आज कहीं दो भाइयों में जमीन को लेकर झगड़ा नहीं हुए। इस धरती पर दो बार विश्वयुद्ध हो चुका है और यह चीज साबित करती है कि आज की दुनिया में किस हद तक मानलता खत्म हो चुकी है।

आज के समय में मानव ही दूसरे मानव का दुश्मन बन चुका है। आज दो मानव एक दूसरे के प्रति जलन करता है, उसे एक दूसरे की खुशियां देखी नहीं जाती। वह एक दूसरे से बदला लेने की भावना से अपना जीवन व्यतीत करता है। लेकिन वह नहीं समझ पाता कि जलन, लालच और बदले की भावना से मनुष्य का जीवन कभी भी सुखी नहीं हो सकता। एक दिन जीवन को छोड़ कर सबको ही जाना है तो फिर क्यों ना इस जिंदगी को सभी मिलकर आनंद से दिया जाए।

यदि सभी मनुष्य मानवता धर्म को अपना लें और भाईचारा से रहे तो किसी भी मनुष्य के लिए उसका जीवन बोझ नहीं होगा, किसी भी मनुष्य जीवन में दुख नहीं रहेगा, किसी भी देश में झगड़ा नहीं होगा। लेकिन यह तभी संभव है जब व्यक्ति अपने अंदर इंसानियत की भावना को जागरूक करेगा।

मानवता पर निबंध (600 शब्द)

इस दुनिया में प्रत्येक मनुष्य अपना अपना अधिकार मांगता है और इस अधिकार को कुछ और नहीं बल्कि मानवाधिकार कहते हैं। यदि लोग अपनी मानवता को दिखाते हुए अपने अधिकार को प्राप्त करने लगे तो यह दुनिया बहुत ही जल्द अलग बन जाएगी और दुनिया का हर एक व्यक्ति किसी पर भी आंख बंद करके विश्वास कर पाएगा।

दुनिया का हर एक व्यक्ति जीने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार रखता है और वह इसका पूर्ण रूप से अधिकारी भी होता है और यदि कोई व्यक्ति इन अधिकारों को प्राप्त करने के लिए लड़ाई करता है तो वह किसी भी तरीके से गलत नहीं माना जाएगा, यह संविधान में भी लिखा गया है।

भारत सरकार के द्वारा इन सभी अधिकारों की रक्षा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संगठन बनाई हुई है और इतना ही नहीं भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मानवाधिकार संगठन नियुक्त किया जा चुका है, बस यहां पर संगठन कार्यों को अपने विषय में बताना है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन अपने देश के सभी धर्म एवं जाति के लोगों को उनकी अधिकार को प्राप्त करवाता है और यदि दो या दो से अधिक देश आपस में खुद के अधिकार के लिए लड़ते हैं तो ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन इन दोनों देशों में अपनी अपनी अधिकार के लिए उनमें समझौता करवाता है।

इन सभी में जो भी देश गलत साबित होता है, उसे दंड भी दिया जाता है और इस दंड का प्रभाव उस देश के लोगों पर और वहां के आर्थिक व्यवस्था पर बहुत ही बुरा पड़ता है।

मानवता का महत्व

दोस्तों मानवता का महत्व इस पूरे ब्रह्मांड में बहुत ही बड़ा है और मानवता को इस दुनिया भर में सबसे उच्च श्रेणी का सम्मान मिलता है, जो भी व्यक्ति लोगों के लिए दया दिखाता है और उनकी मदद करता है, उसे मानवता का प्रतीक कहां जाने लगता है। इस पूरे दुनिया भर में मानवता के प्रतीक के रूप में सर्वोपरि राजा हरिश्चंद्र आते हैं।

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर राजा हरिश्चंद्र तो सत्य के पुजारी थे तो वह मानवता के प्रति कैसे हुए? तो हम आपको बता देना चाहते हैं, राजा हरिशचंद्र सत्य के पुजारी होने के साथ-साथ मानवता के जीते जागते स्वरूप थे।

आइए हम सभी लोग जानते हैं कि आखिर मानवता का क्या महत्व है।

  • मानवता इस पूरे संसार में लोगों को एक साथ जोड़े रखती है।
  • दुनिया पर विजय प्राप्त करने के लिए आप सभी लोगों को मानवता का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि मानवता को ध्यान में रखते हुए आप सभी लोग दुनिया के हर एक देशों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
  • जब कोई इंसान बिना लालच के किसी भी इंसान की मदद कर देता है तो यह मानवता ही होती है।
  • किसी भी व्यक्ति को खाना खिलाना, पानी पिलाना और बुरे समय में उसकी मदद करना मानवता का ही एक स्वरूप है।
  • यदि आप किसी निर्धन व्यक्ति की मदद कर देते हैं तो वह व्यक्ति आपको भर भर के आशीर्वाद देता है और गरीबों का आशीर्वाद बहुत जल्द लगता है।
  • दोस्तों दान पुण्य करना मानवता की सबसे बड़ी निशानी होती है और दान धर्म दुनिया की सबसे बड़ी सत्य भी है।
  • मनुष्य का एक धर्म मानवता भी होता है, जिसे स्वयं ईश्वर का आशीर्वाद माना जाता है।

विश्व मानवता दिवस

इस पूरी दुनिया भर में मानवता को यूंही बनाए रखने के लिए प्रतिवर्ष एक मानवता दिवस का आयोजन किया जाता है, जहां पर लोग आते हैं और लोगों को मानवता के विषय में उपदेश देते हैं।

इस समारोह में प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में लोगों को मदद प्रदान की जाती है और यह लोग यहां पर आकर अपने जीवन में किए गए कुकर्मों से मुक्ति भी पा जाते हैं। प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस मनाया जाता है।

मानवता पर निबंध (850 शब्द)

मानवता एक ऐसी भावना है, जिससे व्यक्ति दूसरों के दुख को देख कर दुखी हो जाता है और दूसरों का सूख को देखकर वह भी खुश हो जाता है। मानवता एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य के हित में कार्य करना सिखाती है। मानवता मनुष्य को दूसरे मनुष्य के प्रति दया और सहानुभूति जताना सिखाती हैं।

मानवता के कारण ही तो जीवन संभव हो पाया है वरना तो यह जीवन कब का ही नष्ट हो चुका होता। लेकिन अब यह मानवता धीरे-धीरे नष्ट होते जा रही है। आज समाज में बेमानी और भ्रष्टाचारी बढ़ती जा रही है।

महिला और बच्चों के साथ अपराध हो रहे हैं, गरीबों को और भी ज्यादा सताया जा रहा है। समाज में ऐसे नेता आ गए हैं जो भ्रष्टाचारी और रिश्वतखोरी बन चुके हैं। आज मनुष्य दूसरे को दुख देकर आनंद लेता है।

दुनिया में मानवता क्यों है जरुरी?

ये मनुष्य मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। यह व्यक्ति दूसरे व्यक्ति में भी मानवता की भावना को खत्म कर रहे हैं जिसके कारण प्रतिदिन मानवता की भावना नष्ट हो रही है और लोगों में क्रूर भावना उत्पन्न हो रही हैं। दिन प्रतिदिन स्वार्थ, क्रूरता, जलन और बदले की भावना मानवता पर हावी होते जा रही हैं।

ऐसे में वह समय दूर नहीं जब धरती से मनुष्य का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। हालांकि इन कपटी और पापी लोगों में अभी भी मानवतावादी लोग हैं, जो लोगों में मानवता की भावना को जागृत करने की कोशिश करते हैं और ऐसे कई मानवतावादी लोग हुए हैं, जिन्होंने लोगों को मानवता का पाठ सिखाया है जैसे कि मदर टेरेसा, महात्मा गांधी, बराक ओबामा और अन्य कई महान लोग हुए, जिन्होंने लोगों को अहिंसा और मानवता का संदेश दीया और लोगों को भाईचारा से रहने का पाठ सिखाया।

आज जिस तरह व्यक्ति केवल अपने स्वास्थ्य के बारे में सोचता है। यदि ऐसा ही स्वार्थ भावना ब्रिटिश काल में हमारे देश के उन सभी क्रांतिकारियों में होता तो यह देश कभी आजाद नहीं हो पाता। यदि उन्होंने केवल अपने जीवन के बारे में सोचा होता तो आज भी हम अंग्रेजों के गुलाम होते।

लेकिन उन्होंने माननीय धर्म को अपनाया और सभी मनुष्य के दुखों को समझते हुए अपने जीवन को निछावर कर दिया। यदि यह स्वार्थ भावना देश के सभी सेनाओं में होता तो वे दिन-रात बॉर्डर पर खड़े होकर देश की रक्षा न कर रहे होते। मनुष्य मानवता के कारण ही तो सुरक्षित है।

मानवता गुण के लाभ

यदि सभी व्यक्ति हिंदू मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्म से परे केवल एक धर्म मानव धर्म को अपना लेता तो आज दुनिया में किसी भी देश के बीच युद्ध नहीं होता, किसी भी देश के बॉर्डर पर सिपाही नहीं लगाने पड़ते। आज प्रतिदिन न्यूज़ में किसी ना किसी देश में ,किसी भी क्षेत्र में कोई जाति के नाम पर,तो कोई धर्म के नाम पर लड़ाई झगड़ा करता ही रहता है।

हालांकि इससे कुछ मिलता नहीं है लेकिन इसका परिणाम हमेशा बुरा ही होता है। आज दो देशों के बीच में जमीन को लेकर झगड़ा होता है और लाखों लोगों की जान चली जाती हैं। हर व्यक्ति को यह समझना जरूरी है कि कुछ लेकर नहीं आए तो कुछ लेकर कैसे जा सकता है। वह जिस भी चीज के लिए आज एक-दूसरे से झगड़ रहा है वह धरी की धरी रह जाएगी। वह जब तक इस दुनिया में है तब तक ही उस चीज का आनंद ले पाएगा।

आज हर इंसान उस खुशियों को पाने के पीछे भागता है जो उसके पास नहीं है लेकिन जो उसके पास है उसे उसकी कद्र नहीं। आज मनुष्य जिंदगी तो एक रेस की भांति समझ लिया है और इस रेस के मैदान में एक-दूसरे से होड़ लगाते हुए भाग रहा है और वह भागते भागते एक दिन दुनिया से विदा हो जाएगा।

आज के व्यक्ति को समझना जरूरी है कि किस्मत से ज्यादा कुछ नहीं मिलता और आवश्यकता से ज्यादा पाने के लिए लालच भी नहीं करना चाहिए तभी जिंदगी को खुशियों से जिया जा सकता है और मानवता का अस्तित्व बने रह सकता है।

किस तरीके से मानवता अपना कर एक अच्छा मनुष्य बन सकते हैं।

एक अच्छा मनुष्य बनने के लिए अन्य मनुष्य के दुखों को समझना जरूरी है। जरूरत के समय एक दूसरे का साथ देना, एक दूसरे के हित के प्रति सोचना, सबके साथ मिल जुलकर रहना, प्रेम और भाईचारा की भावना रखना ही मानवता है। मानवीय भावना आपको आंतरिक खुशी देती हैं आपकी अंतरात्मा को शांति मिलती हैं।

यह आनंद आपको बाहर से नहीं मिल सकता और यह आनंद पाने के लिए आपको मानवता धर्म को निभाना पड़ेगा। असहाय और गरीब लोगों की मदद करें, भूखे को खाना खिलाएं, निर्दोष बेजुबान जानवरों की हत्या करना छोड़ दें। समाज में प्रेम का संदेश फैलाए। आपसी जलन और बदले की भावना भुलाकर भाईचारा की भावना को विकसित करें।

लोगों को क्षमा करने की भावना रखें। क्योंकि जो व्यक्ति दूसरों को क्षमा नहीं करता उसके अंदर बदले की भावना रहती है और बदले की भावना व्यक्ति को कभी भी खुशी नहीं दे सकता। दूसरों को माफ करने वाला व्यक्ति महान होता है। क्षमा करना तो मानवता का धर्म है। इस तरीके एक व्यक्ति अच्छा मनुष्य बन सकता है और मानवता धर्म का पालन कर सकता है।

मानवता ही तो है जिससे व्यक्ति प्रभावित होकर दूसरे मनुष्य की विपदा में मदद करता है, दूसरे मनुष्य के दुखों को अपना दुख समझता है। मानवता मनुष्य को आपसी प्रेम और भाईचारा का संदेश देती है। मानवता मनुष्य को मिल जुल कर रहना सिखाती है। मानवता से ही मनुष्य का जीवन अस्तित्व में रह सकता है। इसीलिए जरूरी है कि हर एक व्यक्ति मानवता को अपनाएं औश्र चारों तरफ शांति फैलाएं।

इस तरह आज के लिए इस लेख में हमने आपको 200, 250, 600, 850 शब्दों में मानवता पर निबंध (Essay on Humanity in Hindi) बताया है। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। इस लेख को अपने अन्य दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले ताकि इस निबंध के जरिए आप अन्य लोगों को भी मानवता का पाठ सिखा सकें।

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  • जाति प्रथा के ऊपर निबंध
  • सकारात्मक सोच पर निबंध
  • एकता के महत्व पर निबंध

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मानव अधिकार पर निबंध (Human Rights Essay in Hindi)

मानव अधिकार मूल रूप से वे अधिकार हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को इंसान होने के कारण मिलते हैं। ये नगरपालिका से लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून तक कानूनी अधिकार के रूप में संरक्षित हैं। मानवाधिकार सार्वभौमिक हैं इसलिए ये हर जगह और हर समय लागू होते हैं। मानवाधिकार मानदंडों का एक समूह है जो मानव व्यवहार के कुछ मानकों को चित्रित करता है। नगर निगम के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कानून में कानूनी अधिकारों के रूप में संरक्षित, इन अधिकारों को अनौपचारिक मौलिक अधिकारों के रूप में जाना जाता है जिसका एक व्यक्ति सिर्फ इसलिए हकदार है क्योंकि वह एक इंसान है।

मानव अधिकार पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Human Rights, Manav Adhikar par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द) – मूलभूत मानव अधिकार.

मानव अधिकार वे मानदंड हैं जो मानव व्यवहार के मानकों को स्पष्ट करते हैं। एक इंसान होने के नाते ये वो मौलिक अधिकार हैं जिनका प्रत्येक व्यक्ति स्वाभाविक रूप से हकदार है। ये अधिकार कानून द्वारा संरक्षित हैं।

मूलभूत मानव अधिकार

हमारे यहां कुछ बुनियादी मानवाधिकारों को विशेष रुप से सुरक्षित किया गया है। जिनकी प्राप्ति देश के हर व्यक्ति होनी चाहिए, ऐसे ही कुछ मूलभूत मानव अधिकारों के विषय में नीचे चर्चा की गयी है।

  • जीवन का अधिकार

प्रत्येक व्यक्ति के पास अपना स्वतन्त्र जीवन जीने का जन्मसिद्ध अधिकार है। हर इंसान को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा नहीं मारे जाने का भी अधिकार है।

  • उचित परीक्षण का अधिकार

प्रत्येक व्यक्ति को निष्पक्ष न्यायालय द्वारा निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है। इसमें उचित समय के भीतर सुनवाई, जन सुनवाई और वकील के प्रबंध आदि के अधिकार शामिल हैं।

  • सोच, विवेक और धर्म की स्वतंत्रता

प्रत्येक व्यक्ति को विचार और विवेक की स्वतंत्रता है उसे अपने धर्म को चुनने की भी स्वतंत्रता है और अगर वह इसे किसी भी समय बदलना चाहे तो उसके लिए भी स्वतंत्र है।

  • दासता से स्वतंत्रता

गुलामी और दास प्रथा पर क़ानूनी रोक है। हालांकि यह अभी भी दुनिया के कुछ हिस्सों में इसका अवैध रूप से पालन किया जा रहा है।

  • अत्याचार से स्वतंत्रता

अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत यातना देने पर प्रतिबंध है। हर व्यक्ति यातना न सहने से स्वतंत्र है।

अन्य सार्वभौमिक मानव अधिकारों में स्वतंत्रता और व्यक्तिगत सुरक्षा, भाषण की स्वतंत्रता, सक्षम न्यायाधिकरण, भेदभाव से स्वतंत्रता, राष्ट्रीयता का अधिकार और इसे बदलने के लिए स्वतंत्रता, विवाह और परिवार के अधिकार, आंदोलन की स्वतंत्रता, संपत्ति का अधिकार, शिक्षा के अधिकार, शांतिपूर्ण विधानसभा और संघ के अधिकार, गोपनीयता, परिवार, घर और पत्राचार से हस्तक्षेप की स्वतंत्रता, सरकार में और स्वतंत्र रूप से चुनाव में भाग लेने का अधिकार, राय और सूचना के अधिकार, पर्याप्त जीवन स्तर के अधिकार, सामाजिक सुरक्षा का अधिकार और सामाजिक आदेश का अधिकार जो इस दस्तावेज़ को अभिव्यक्त करता हो आदि शामिल हैं।

हालांकि कानून द्वारा संरक्षित इन अधिकारों में से कई का लोगों द्वारा, यहां तक ​​कि सरकारों के द्वारा भी, उल्लंघन किया जाता है। हालांकि मानवाधिकारों के उल्लंघन पर नजर रखने के लिए कई संगठन बनाए गए हैं। ये संगठन इन अधिकारों की सुरक्षा के लिए कदम उठाते हैं।

कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि जिन लोगों के ऊपर मानव अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी होती है वही अपने शक्ति का दुरुपयोग कर लोगो के मानव अधिकारों का हनन करने लगते है। इसलिए इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए की देश के सभी व्यक्तियों को उनके मानव अधिकारों की प्राप्ति हो।

निबंध 2 (400 शब्द) – सार्वभौमिक मानव अधिकार व मानवाधिकारों का उल्लंघन

मानवाधिकार वे अधिकार हैं जोकि इस पृथ्वी पर हर व्यक्ति केवल एक इंसान होने के कारण ही प्राप्त हुए हैं। ये अधिकार विश्व्यापी हैं और वैश्विक कानूनों द्वारा संरक्षित हैं। सदियों से मानवाधिकार और स्वतंत्रता का विचार अस्तित्व में है। हालांकि समय के बदलने के साथ-साथ इनमें भी परिवर्तन हुआ है।

सार्वभौमिक मानव अधिकार

मानव अधिकारों में वे मूल अधिकार शामिल हैं जो हर जाति, पंथ, धर्म, लिंग या राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना हर इंसान को दिए जाते हैं। सार्वभौमिक मानवाधिकारों का विस्तृत वर्णन इस प्रकार है:

  • जिंदगी जीने, आज़ादी और निजी सुरक्षा का अधिकार
  • समानता का अधिकार
  • सक्षम न्यायाधिकरण द्वारा बचाव का अधिकार
  • कानून के सामने व्यक्ति के रूप में मान्यता के अधिकार
  • भेदभाव से स्वतंत्रता
  • मनमानी गिरफ्तारी और निर्वासन से स्वतंत्रता
  • अपराध सिद्ध न होने तक निर्दोष माने जाने का अधिकार
  • उचित सार्वजनिक सुनवाई का अधिकार
  • आंदोलन की स्वतंत्रता
  • गोपनीयता, परिवार, गृह और पत्राचार में हस्तक्षेप से स्वतंत्रता
  • अन्य देशों में शरण का अधिकार
  • राष्ट्रीयता को बदलने की स्वतंत्रता का अधिकार
  • विवाह और परिवार के अधिकार
  • शिक्षा का अधिकार
  • खुद की संपत्ति रखने का अधिकार
  • शांतिपूर्ण सभा और एसोसिएशन बनाने का अधिकार
  • सरकार में और नि: शुल्क चुनावों में भाग लेने का अधिकार
  • विश्वास और धर्म की स्वतंत्रता
  • सही तरीके से रहने/जीने का अधिकार
  • समुदाय के सांस्कृतिक जीवन में भाग लेने का अधिकार
  • सामाजिक सुरक्षा का अधिकार
  • वांछनीय कार्य और ट्रेड यूनियनों में शामिल होने का अधिकार
  • अवकाश और विश्राम का अधिकार
  • ऊपर दिए अधिकारों में राज्य या व्यक्तिगत हस्तक्षेप से स्वतंत्रता

मानवाधिकारों का उल्लंघन

यद्यपि मानव अधिकार विभिन्न कानूनों द्वारा संरक्षित हैं पर अभी भी लोगों, समूहों और कभी-कभी सरकार द्वारा इसका उल्लंघन किया जाता है। उदाहरण के लिए पूछताछ के दौरान पुलिस द्वारा यातना की आज़ादी का अक्सर उल्लंघन किया जाता है। इसी प्रकार गुलामी से स्वतंत्रता को मूल मानव अधिकार कहा जाता है लेकिन गुलामी और गुलाम प्रथा अभी भी अवैध रूप से चल रही है। मानव अधिकारों के दुरुपयोग की निगरानी के लिए कई संस्थान बनाए गए हैं। सरकारें और कुछ गैर-सरकारी संगठन भी इनकी जांच करते हैं।

हर व्यक्ति को मूल मानवाधिकारों का आनंद लेने का हक है। कभी-कभी इन अधिकारों में से कुछ का सरकार द्वारा दुरूपयोग किया जाता है। सरकार कुछ गैर-सरकारी संगठनों की सहायता से मानवाधिकारों के दुरुपयोगों पर नजर रखने के लिए उपाय कर रही है।

निबंध 3 (500 शब्द) – मानवाधिकार के प्रकार

मानवाधिकारों को सार्वभौमिक अधिकार कहा जाता है जिसका प्रत्येक व्यक्ति अपना लिंग, जाति, पंथ, धर्म, संस्कृति, सामाजिक/आर्थिक स्थिति या स्थान की परवाह किए बिना हकदार है। ये वो मानदंड हैं जो मानव व्यवहार के कुछ मानकों का वर्णन करते हैं और कानून द्वारा संरक्षित हैं।

मानवाधिकार के प्रकार

मानव अधिकारों को दो व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया गया है। ये नागरिक और राजनीतिक अधिकार हैं। इनमें सामाजिक अधिकार भी हैं जिनमें आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकार शामिल हैं। यहां हर व्यक्ति को दिए गए बुनियादी मानवाधिकारों पर विस्तृत जानकारी दी गई है:

पृथ्वी पर रहने वाले हर इंसान को जीवित रहने का अधिकार है। प्रत्येक व्यक्ति को किसी के द्वारा नहीं मारे जाने का अधिकार है और यह अधिकार कानून द्वारा संरक्षित है। हालांकि इसमें मौत की सजा, आत्मरक्षा, गर्भपात, इच्छामृत्यु और युद्ध जैसे मुद्दे शामिल नहीं हैं।

  • बोलने की स्वतंत्रता

हर इंसान को स्वतंत्र रूप से बोलने का और जनता में अपनी राय की आवाज उठाने का अधिकार है हालांकि इस अधिकार में कुछ सीमा भी है जैसे अश्लीलता, गड़बड़ी और दंगा भड़काना।

हर देश अपने नागरिकों को स्वतंत्र रूप से सोचने और ईमानदार विश्वासों का निर्माण करने का अधिकार देता है। हर व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी भी धर्म का पालन करने का अधिकार है और समय-समय पर किसी भी समय अपनी स्वतंत्र इच्छा के अनुसार इसे बदलने के लिए स्वतंत्र है।

इस अधिकार के तहत हर व्यक्ति को निष्पक्ष अदालत द्वारा निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार, उचित समय के भीतर सुनना, वकील के अधिकार, जन सुनवाई के अधिकार और व्याख्या के अधिकार हैं।

अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अत्याचार से स्वतंत्रता का अधिकार है। 20वीं शताब्दी के मध्य से इस पर प्रतिबंध लगाया गया है।

इसका मतलब यह है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने देश के किसी भी हिस्से में यात्रा करने, रहने, काम या अध्ययन करने का अधिकार है।

इस अधिकार के अनुसार गुलामी और गुलामी के व्यापारियों को हर रूप में प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि दुर्भाग्य से ये दुर्व्यवहार अब भी अवैध तरीके से चलते हैं।

मानवाधिकार का उल्लंघन

जहाँ हर इंसान मानव अधिकार का हकदार है वहीँ इन अधिकारों का अब भी अक्सर उल्लंघन किया जाता है। इन अधिकारों का उल्लंघन तब होता है जब राज्य द्वारा की गई कार्रवाईयों में इन अधिकारों की उपेक्षा, अस्वीकार या दुरुपयोग होता है।

मानव अधिकारों के दुरुपयोग की जांच करने के लिए संयुक्त राष्ट्र समिति की स्थापना की गई है। कई राष्ट्रीय संस्थान, गैर-सरकारी संगठन और सरकार भी यह सुनिश्चित करने के लिए इन पर नजर रखती हैं कि कहीं किसी व्यक्ति के मूल अधिकारों का हनन तो नहीं हो रहा हैं।

ये संगठन मानव अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने की दिशा में काम करते हैं ताकि लोगों को उनके अधिकारों के बारे में अच्छी जानकारी मिल सके। उन्होंने अमानवीय प्रथाओं के खिलाफ भी विरोध किया है। इन विरोधों के कारण कई बार कार्रवाई देखने को मिली है जिससे स्थिति में सुधार हुआ है।

मानव अधिकार हर व्यक्ति को दिए गए मूल अधिकार हैं। सार्वभौमिक होने के लिए इन अधिकारों को कानून द्वारा संरक्षित किया जाता है हालांकि, दुर्भाग्य से कई बार राज्यों, व्यक्तियों या समूहों द्वारा उल्लंघन किया जाता है। इन मूल अधिकारों से एक व्यक्ति को वंचित करना अमानवीय है। यही कारण है कि इन अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई संगठन स्थापित किए गए हैं।

Essay on Human Rights in Hindi

निबंध 4 (600 शब्द) – मानव अधिकार व इस का महत्व

मानवाधिकार निर्विवाद अधिकार है क्योंकि पृथ्वी पर मौजूद हर व्यक्ति इंसान होने के नाते इसका हकदार है। ये अधिकार प्रत्येक इंसान को अपने लिंग, संस्कृति, धर्म, राष्ट्र, स्थान, जाति, पंथ या आर्थिक स्थिति के बंधनों से आज़ाद हैं। मानवाधिकारों का विचार मानव इतिहास से ही हो रहा है हालांकि इस अवधारणा में पहले के समय में काफ़ी भिन्नता थी। यहाँ इस अवधारणा पर एक विस्तृत नज़र डाली गई है:

मानव अधिकारों का वर्गीकरण

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों को व्यापक रूप से वर्गीकृत किया गया है: नागरिक और राजनीतिक अधिकार तथा सामाजिक अधिकार जिसमें आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकार शामिल हैं। हर व्यक्ति के सरल तथा सामान्य जीवन के लिए यह काफी आवश्यक है कि हर हालात में उसे आवश्यक मानव अधिकारों की प्राप्ति अवश्य हो। इन्हीं के आधार पर विभिन्न तरह के मानव अधिकारों का वर्गीकरण किया गया है।

नागरिक और राजनीतिक अधिकार

यह अधिकार व्यक्ति की स्वायत्तता को प्रभावित करने वाले कार्यों के संबंध में सरकार की शक्ति को सीमित करता है। यह लोगों को सरकार की भागीदारी और कानूनों के निर्धारण में योगदान करने का मौका देता है।

सामाजिक अधिकार

ये अधिकार सरकार को एक सकारात्मक और हस्तक्षेपवादी तरीके से कार्य करने के लिए निर्देश देते है ताकि मानव जीवन और विकास के लिए आवश्यक जरूरतें पूरी हो सकें। प्रत्येक देश की सरकार अपने सभी नागरिकों की भलाई सुनिश्चित करने की उम्मीद करती है। प्रत्येक व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार है।

मानव अधिकार का महत्व

आज के समय में मानव अधिकार एक ऐसी सुविधा है, जिसके बिना हमारा जीवन काफी भयावह और दयनीय हो जायेगा क्योंकि बिना मानव अधिकारों के हम पर तमाम तरह के अत्यार किये जा सकते है और बिना किसी भय के हमारा शोषण किया जा सकता है। वास्तव में मानव अधिकार सिर्फ आज के समय में ही नही पूरे मानव सभ्यता के इतिहास में भी काफी आवश्यक रहे है। भारत में भी प्रचीनकाल में कई सारे गणतांत्रिक राज्यों के नागरिकों को कई विशेष मानव अधिकार प्राप्त थे। आज के समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैदियों से लेकर युद्धबंदियों तक के मानव अधिकार को तय किया गया है। इन अधिकारों की देखरेख और नियमन कई प्रमुख अंतराष्ट्रीय संस्थाओं और संगठनों द्वारा किया जाता है।

यदि मानव अधिकार ना हो तो हमारा जीवन पशुओं से भी बदतर हो जायेगा, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हमें आज के समय में कई तानाशाही और धार्मिक रुप से संचालित होने वाले देशों में देखने को मिलता है। जहां सिर्फ अपने विचार व्यक्त कर देने पर या फिर कोई छोटी सी गलती कर देने पर किसी व्यक्ति को मृत्युदंड जैसी कठोर सजा सुना दी जाती है क्योंकि ना तो कोई वहा मानव अधिकार नियम है ना तो किसी तरह का कानून, इसके साथ ही ऐसे देशों में सजा मिलने पर भी बंदियों के साथ पशुओं से भी बुरा सलूक किया जाता है।

वही दूसरी तरफ लोकतांत्रिक देशों में मानव अधिकारों को काफी महत्व दिया जाता है और हरके व्यक्ति चाहे फिर वह अपराधी या युद्धबंदी ही क्यों ना हो उसे अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया जाता है, इसके साथ ही सजा मिलने पर भी उन्हें मूलभूत सुविधाएं अवश्य दी जाती है। इस बात से हम अंदाजा लगा सकते है कि मानव अधिकार हमारे जीवन में कितना महत्व रखते है।

मानवाधिकार, व्यक्तियों को दिए गए मूल अधिकार हैं, जो लगभग हर जगह समान हैं। प्रत्येक देश किसी व्यक्ति की जाति, पंथ, रंग, लिंग, संस्कृति और आर्थिक या सामाजिक स्थिति को नज़रंदाज़ कर इन अधिकारों को प्रदान करता है। हालांकि कभी-कभी इनका व्यक्तियों, समूहों या स्वयं राज्य द्वारा उल्लंघन किया जाता है। इसलिए लोगों को मानवाधिकारों के किसी भी उल्लंघन के खिलाफ खुद आवाज़ उठाने की जरूरत है।

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FAQs: Frequently Asked Questions on Human Rights (मानव अधिकार पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को।

उत्तर- 12 अक्टूबर 1993 को।

उत्तर- नई दिल्ली में।

उत्तर- रंगनाथ मिश्र

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essay on humanity in hindi

आधुनिक विज्ञान और मानव जीवन पर निबंध | Essay on Modern Science and Human Life in Hindi

by Meenu Saini | Jul 24, 2023 | General , Hindi | 0 comments

Essay on Modern Science and Human Life in Hindi

Aadhunik Vigyaan Aur Maanav Jeevan Par Nibandh Hindi Essay 

आधुनिक विज्ञान और मानव जीवन (modern science and human life) par nibandh hindi mein.

आधुनिक विज्ञान और मानव जीवन – आधुनिक युग की पर्यायवाची ही वैज्ञानिक युग है। आजकल इंसान के जीवन का प्रत्येक पल कहीं न कहीं विज्ञान से ही जुड़ा है। बिना विज्ञान के मानव जीवन की कल्पना करना ही मुमकिन नहीं है। 

विज्ञान ने मानव जीवन को सरल और आसान बना दिया है। नमक से लेकर के संचार के साधन तक सभी वस्तुएं विज्ञान की ही देन है। 

आज हम लोग विज्ञान पर इतना निर्भर हो गए हैं कि सोचते हैं कि हमारे पूर्वज जो बिना विज्ञान के जीवन जिएं, उनका जीवन कितना कठिन रहा होगा। 

आज के इस निबंध में हम आधुनिक मानव की जिंदगी में विज्ञान के स्थान के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। 

आधुनिक जीवन में विज्ञान की उपयोगिता

  • विज्ञान के अत्यधिक प्रयोग से हानि

विज्ञान प्रयोग और अवलोकन के आधार पर ज्ञान प्रदान करता है, लेकिन प्रौद्योगिकी ज्ञान के अनुप्रयोग का कुल योग है। इससे उपयोगकर्ता का जीवन आसान और आरामदायक हो गया है।  

किसी देश को विकसित देश तभी कहा जाता है जब उसके पास कई तकनीकी प्रगति हो। जापान जैसा छोटा देश अपनी प्रगति और प्रौद्योगिकी के उच्च स्तर के अनुप्रयोगों के कारण यह प्रतिष्ठा हासिल करने में सफल रहा है। 

“ विज्ञान में सतत विकास के सभी तीन आयामों: आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता है।”  – मार्टिन साजदिक, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के अध्यक्ष

विज्ञान हमें हर तरह से और हर दिन प्रभावित करता है।  क्या आप उन 5 चीज़ों के बारे में सोचने का प्रयास कर सकते हैं जिनका आप प्रतिदिन अपने जीवन में उपयोग करते हैं और जो विज्ञान की देन नहीं हैं? 

जिस क्षण से आप डिजिटल अलार्म घड़ी के साथ उठते हैं, आप मौसम की रिपोर्ट के अनुसार अपने दिन की गतिविधि की योजना बनाते हैं, और जिस कार में आप सवारी करते हैं, अपने सेल फोन से कॉल करना, रात में आपके घरों को उज्ज्वल रखने वाली रोशनी तक सब कुछ है।  

वास्तव में विज्ञान की समझ के बिना आज की आधुनिक दुनिया इतनी आधुनिक नहीं होती। 

जब हमें इस सवाल का जवाब देना होता है कि विज्ञान मानव जीवन को आकार देने में कैसे उत्प्रेरक है, तो हम समझते हैं कि यह ज्यादातर प्रौद्योगिकी, नवाचार और आधुनिक चिकित्सा के माध्यम से होता है। 

तो चलिए जानते हैं कि विज्ञान ने मानव के किन-किन क्षेत्रों को सकारात्मक ढंग से प्रभावित किया है। 

हम भिन्न भिन्न क्षेत्रों में विज्ञान की उपयोगिता का विश्लेषण करेंगे, तो चलिए जानते हैं कि आधुनिक जीवन में विज्ञान की क्या-क्या उपयोगिता है। 

जीवविज्ञानियों ने 1940 में उच्च उपज देने वाली फसल की किस्मों को विकसित करना शुरू किया, जिन्हें जब रसायनज्ञों द्वारा विकसित नए उर्वरकों और कीटनाशकों के साथ जोड़ा गया, तो भोजन की मात्रा में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई, जिससे हरित क्रांति की शुरुआत हुई। 

हमने जिन विज्ञान आधारित तकनीकों का उपयोग किया, उनसे कृषि क्षेत्र में आश्चर्यजनक परिवर्तन आए;  दुनिया के लिए उपलब्ध भोजन की मात्रा में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई और साथ ही कृषि पद्धतियों और आर्थिक संरचनाओं में बदलाव आया।

हमारे देश की रीढ़ कृषि क्षेत्र में विकास वास्तव में उत्साहजनक है। नई उन्नत तकनीकों ने फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद की है, ड्रिप सिंचाई, बीज की संकर किस्मों के आविष्कार जैसे तरीकों ने कृषकों की काफी मदद की है।

तरह-तरह के उर्वरकों से किसानों की फसलों में आशातीत वृद्धि हुई है तो वहीं अब तो नैनो यूरिया का चलन शुरू होने वाला है, जिससे किसानों की राह और आसान हो जाएगी। 

रोग प्रतिरोधी बीजों के उत्पादन से अधिक उपज तो होती है और इससे हरित क्रांति का मार्ग भी प्रशस्त होता है। लेकिन कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है और नाइट्रोजन की मात्रा कम होने से फसल का उत्पादन प्रभावित होता है और मृदा प्रदूषण होता है। 

आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें जैसे बीटी कपास, बीटी बैंगन और गोल्डन चावल आदि को फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।  खेतों की निगरानी जीआईएस प्रौद्योगिकियों द्वारा की जाती है।  

कृषि में हाल के कुछ तकनीकी विकासों में नमी और तापमान को महसूस करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सेंसर, जीआईएस द्वारा उत्पन्न तस्वीरें, रोबोट का उपयोग करके कृत्रिम बुद्धिमत्ता आदि शामिल हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अनुसार आने वाले वर्षों में किसान लोग अपने खेतों की निगरानी ड्रोन से किया करेंगे इसके अलावा यह ड्रोन किसानों को कीटनाशकों, बीजों के छिड़काव और फसलों की कीटों से देखभाल भी करेगा। 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी चिकित्सा क्षेत्र के लिए वरदान है।  इससे असाध्य रोगों के इलाज और औषधि का विकास हुआ है और मनुष्य की आयु में वृद्धि हुई है। पहले के समय में निदान और उपचार की कोई सुविधा नहीं थी जिसके कारण कई लोगों की मृत्यु हो जाती थी। आजकल बीमारी का पता लगाने के लिए मशीनें मौजूद हैं और बीमारी का इलाज कराने का इलाज भी उपलब्ध है।

इसका सबसे बड़ा उदाहरण घातक बीमारी कैंसर है जो कई मौतों का कारण रही है लेकिन अब इस बीमारी के सदमे से राहत पाने के लिए दवा उपलब्ध है। 

प्रारंभिक अवस्था में कैंसर के इलाज के लिए विभिन्न तरीके विकसित किए गए हैं। इस घातक बीमारी का इलाज विकसित करने पर शोध अभी भी जारी है।

कोरोना के समय में वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने कुछ ही महीनों के अंदर ढेर सारी वैक्सीन बनाके तैयार कर दी थी, जो विज्ञान का एक और चमत्कार है। पहले के समय में वैद्य नाड़ी पकड़ कर बीमारी का पता लगाते थे और जड़ी बूटियों का सहारा लेते थे। 

आजकल विज्ञान के परिणाम स्वरूप ऐसी तरह-तरह की मशीन है, जिनसे शरीर के अंदर के प्रत्येक अंग की जांच की जा सकती है। 

दुनिया अब तक तीन बार प्लेग महामारी देख चुकी है अंतिम बार प्लेग महामारी लगभग 90 सालों तक चली थी जिससे लाखों लोगों की जाने गई थी। 

आजकल विज्ञान की वजह से प्लेग जैसी असाध्य बीमारी भी आसानी से ठीक हो जाती हैं इसके अलावा खसरा चेचक पोलियो और टीवी जैसी बीमारियां भी अब जल्दी सुनाई नहीं देती हैं। 

बोर्ड, चॉक और डस्टर के उपयोग वाली पढ़ाई की पुरानी पद्धति को स्मार्ट क्लास प्रणाली द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया है। 

स्पष्टीकरण के साथ चित्र भी दिखाए जाते हैं जो अध्ययन को और अधिक समझने योग्य बनाते हैं। छात्र ऑनलाइन कक्षाओं में भी भाग ले सकते हैं, विशेषकर दूरदराज के क्षेत्रों के छात्र जो कक्षाओं में भाग लेने में असमर्थ हैं। वे एक प्रौद्योगिकी के रूप में कंप्यूटर और इंटरनेट के आगमन से लाभान्वित हुए हैं जो विज्ञान की देन है।

अब पीडीएफ, प्रेजेंटेशन, व्हाइट बोर्ड और फ्लैश कार्ड आदि विभिन्न प्रकार की शैक्षिक तकनीको से बच्चों को कठिन से कठिन टॉपिक भी जल्दी से और सरलता से समाज आता है। 

अब तो विभिन्न प्रकार की पुस्तकों के पीडीएफ मुफ्त में उपलब्ध हैं। जिससे गरीब से गरीब छात्र भी महंगी से महंगी पुस्तकों का अध्ययन कर सकता है। 

इसके अलावा यूट्यूब में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति शीला दी है अब दुनिया का कोई भी टॉपिक और कोई भी स्किल आप यूट्यूब से फ्री में और आसानी से सीख सकते हैं। 

वैज्ञानिक अनुसंधान ने मौखिक पुनर्जलीकरण चिकित्सा के विकास और शुरूआत को बढ़ावा दिया, यह डायरिया रोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण की आधारशिला बन गया है।  

अनुसंधान ने यह भी स्थापित किया है कि हर छह महीने में बच्चों को दी जाने वाली विटामिन ए की एक निश्चित मात्रा कई देशों में बाल मृत्यु दर को एक तिहाई से अधिक कम करने में सक्षम है। यह शोध से पता चला है कि कृषि में, चावल गेहूं रोटेशन तकनीकों ने खाद्य उत्पादन में काफी वृद्धि की है। 

पर्यटन उद्योग को विकसित करने में वैज्ञानिक आधारित प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन आवश्यक रहा है। अनुसंधान एवं विकास पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम भारतीय विदेश नीति के महत्वपूर्ण घटक हैं, विशेषकर विदेशी सहायता गतिविधियों के लिए। 

पारंपरिक विकास के मुद्दों को संबोधित करने और वस्तुओं और सेवाओं के बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय प्रवाह से निपटने के लिए देशों के लिए अनुसंधान भी महत्वपूर्ण है। 

अनुसंधान और विकास तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण का भी समर्थन करता है;  वैज्ञानिक विकास के कारण हर दिन अनगिनत संख्या में रोजगार के अवसर खुल रहे हैं। 

भारतीय रक्षा अनुसंधान केंद्र विज्ञान की सहायता से ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाली चिप पर काम कर रहा है, जिससे कि कोई भी मानसिक और शारीरिक रूप से पैरालाइज्ड सैनिक चल सकता है दौड़ सकता है लड़ाई कर सकता है तब तक दिन के अपने काम पहले से ज्यादा अच्छी तरह से कर सकता है। 

हमें हमेशा तेज़ और तेज़ इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है;  संगठन और ग्राहक हमेशा त्वरित प्रतिक्रिया समय का अनुरोध करते रहते हैं।  अत्यधिक तेज़ इंटरनेट स्पीड ने हमारे जीवन के कई पहलुओं को बदल दिया है। 

जब इंटरनेट पहली बार शुरू हुआ, तो कई लोगों को यह एक दूर की वास्तविकता जैसा लगा। आज हम इस बात पर दोबारा विचार भी नहीं करते कि इंटरनेट वास्तव में कितनी बड़ी उपलब्धि है। क्यों, क्योंकि हर दिन नई-नई तकनीकें विकसित हो रही हैं।

उदाहरण के लिए मशीन लर्निंग, कुछ साल पहले ही मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बड़े पैमाने पर व्यावसायिक प्लेटफार्मों में किया गया था, और इसने कई व्यावसायिक संचालन को सशक्त बनाया है। 

आज मशीन लर्निंग की सहायता से ओपन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जैसे; chatgpt का विकास हुआ है जिससे हम किसी भी चीज के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह आपको प्ले स्कूल के सिलेबस से लेकर के कठिन से कठिन आईएएस तक के प्रश्नों का एकदम सटीक जवाब दे सकता है। 

एक अन्य उदाहरण क्वांटम कंप्यूटिंग है जो अभी भी एक उभरता हुआ नवाचार है लेकिन सबसे दिलचस्प प्रौद्योगिकियों में से एक है, कई कंपनियां और सरकारी संगठन इस पर काम कर रहे हैं। 

ऐसे कई अविष्कार हैं जो बिल्कुल अद्भुत हैं!  जैसे कि अब हमारे पास वह सब कुछ है जो स्मार्ट है;  स्मार्ट फोन, स्मार्ट टीवी, स्मार्ट घर।  हमारा जीवन तेजी से स्मार्ट तकनीक से जुड़ रहा है;  बेहतर शानदार उपकरणों और मनोरंजन की मांग हमारे बातचीत करने के तरीके को बदल रही है। 

भले ही यह अच्छी बात हो या बुरी, यह अभी भी शानदार और दिमाग चकरा देने वाली है।  अन्य तकनीकें जिनके बारे में हम बात कर सकते हैं कि विज्ञान ने हमें हाल ही में दी है, वे “कस्टम कैंसर टीके”, “ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी”, “डेक्सट्रस रोबोट”, “डिजिटल ट्विन्स”, “माइक्रोबायोम्स” आदि हो सकती हैं।

प्रतिदिन के काम

विज्ञान के उपयोग से हम आज एक बेहतर जिंदगी जी रहे हैं सुबह उठकर ब्रश करने से लेकर रात के सोने तक हम विज्ञान के ही चमत्कारों का प्रयोग करते हैं आजकल ऐसे ब्रशों का चलन हो गया है, जिससे आप एक क्लिक में ऑन करके मुंह के हर कोने तक अच्छी तरह सफाई कर सकते हैं तथा यह ब्रश फोन की तरह ही चार्ज होता है। 

इसके अलावा सोने में अगर आपको दिक्कत हो रही है तो ऐसी ऐसी लाइट्स और अलग-अलग तकनीकों का अविष्कार हो चुका है जिससे आप आसानी से बिना किसी रुकावट के सो सकते हैं। 

विज्ञान के अत्यधिक उपयोग से हानि

विज्ञान के अधिक उपयोग से निम्नलिखित हानियां हो रही हैं, जो विकास से ज्यादा विनास का कारण बन रहा है। 

ऐसी प्रौद्योगिकियों का निर्माण जो मनुष्य का स्थान ले ले: यह विचार कि मशीनें अंततः विभिन्न कर्तव्यों में लोगों की जगह ले लेंगी, उच्च तकनीक विकास और कृत्रिम बुद्धिमत्ता की इसी शाखा में चर्चा की गई है; इसके परिणामस्वरूप रोजगार का नुकसान होगा और अध्ययन और करियर का दायरा सीमित हो जाएगा।

उदाहरण के तौर पर, औद्योगिक क्रांति के दौरान, बड़े उद्योगों में कई श्रमिकों ने अपनी नौकरियाँ खो दीं जब उनकी जगह लेने वाली मशीनों को शामिल कर लिया गया।

पर्यावरण का क्षरण: पर्यावरणीय क्षरण का प्रमुख कारण तीव्र औद्योगीकरण भी है| बड़ी-बड़ी कंपनियों की वृद्धि तथा कोयला एवं तेल निष्कर्षण से पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुँची है। 

प्रौद्योगिकी की लत: मनुष्य ने विज्ञान के अनुप्रयोग के माध्यम से सामाजिक संबंधों के निर्माण और संचार के तरीके को बदल दिया है। आज की सामाजिक नेटवर्क की दुनिया दैनिक जीवन के कई तत्वों को आसान बनाती है, लेकिन यह अक्सर उपयोगकर्ताओं में लत का कारण भी बनती है।

मानवता को खतरा: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और उन्नति से जुड़े जोखिमों के संबंध में कई परिकल्पनाएँ प्रस्तुत की गई हैं। कुछ वैज्ञानिकों और बुद्धिजीवियों का मानना है कि इस विचार का उपयोग करने से लोगों पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि मशीनें अनियंत्रित हो सकती हैं। 

औसत आदमी भोजन, कपड़ा, मकान और बच्चों के लिए शिक्षा, पर्याप्त चिकित्सा सहायता और आत्म-विकास के लिए उचित अवसर चाहता है। वह लंबी दूरी की तोपें, परमाणु बम या विक्रेता नहीं चाहता। वह शांति और सहज फलदायी जीवन पसंद करता है जिसमें हर किसी के पास अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ अपने मन और आत्मा के लिए भोजन खोजने के लिए पर्याप्त होना चाहिए।  

अब, यदि विज्ञान मानव जाति की इन जरूरतों को पूरा कर सकता है, तो यह निश्चित रूप से एक आशीर्वाद हो सकता है। विज्ञान इस प्रशंसनीय उद्देश्य को प्राप्त कर सकता है, यह कोई व्यर्थ सपना नहीं है, बशर्ते मनुष्य का विवेक जागृत हो और वैज्ञानिकों और उनकी गतिविधियों को नियंत्रित करने वालों का दिल सही जगह पर हो।

उदाहरण के लिए, परमाणु ऊर्जा अपने बमों से होने वाली तबाही जितना ही महान रचनात्मक चमत्कार कर सकती है।  वैज्ञानिकों को इसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए उसी तीव्रता से उपयोग करने दें, जैसे उन्होंने इसे विनाश के लिए उपयोग किया था, और दुनिया को सत्य में बदलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।  स्वर्ग। 

अत:, संक्षेप में, विज्ञान की समस्या एक नैतिक समस्या है।  मनुष्य को निष्पक्ष, मिलनसार और न्यायप्रिय होना सीखना होगा। यदि यह चमत्कार घटित होता है, तो विज्ञान वह भयानक राक्षस नहीं रह जायेगा जो वह अक्सर अतीत में रहा है।

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Essay on Humanity

500 words essay on humanity.

When we say humanity, we can look at it from a lot of different perspectives. One of the most common ways of understanding is that it is a value of kindness and compassion towards other beings. If you look back at history, you will find many acts of cruelty by humans but at the same time, there are also numerous acts of humanity. An essay on humanity will take us through its meaning and importance.

essay on humanity

Importance of Humanity

As humans are progressing as a human race into the future, the true essence of humanity is being corrupted slowly. It is essential to remember that the acts of humanity must not have any kind of personal gain behind them like fame, money or power.

The world we live in today is divided by borders but the reach we can have is limitless. We are lucky enough to have the freedom to travel anywhere and experience anything we wish for. A lot of nations fight constantly to acquire land which results in the loss of many innocent lives.

Similarly, other humanitarian crisis like the ones in Yemen, Syria, Myanmar and more costs the lives of more than millions of people. The situation is not resolving anytime soon, thus we need humanity for this.

Most importantly, humanity does not just limit to humans but also caring for the environment and every living being. We must all come together to show true humanity and help out other humans, animals and our environment to heal and prosper.

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The Great Humanitarians

There are many great humanitarians who live among us and also in history. To name a few, we had Mother Teresa , Mahatma Gandhi, Nelson Mandela, Princess Diana and more. These are just a few of the names which almost everyone knows.

Mother Teresa was a woman who devoted her entire life to serving the poor and needy from a nation. Rabindranath Tagore was an Indian poet who truly believed in humanity and considered it his true religion.

Similarly, Nelson Mandela was a great humanitarian who worked all his life for those in needs. He never discriminated against any person on the basis of colour, sex, creed or anything.

Further, Mahatma Gandhi serves as a great example of devoting his life to free his country and serve his fellow countrymen. He died serving the country and working for the betterment of his nation. Thus, we must all take inspiration from such great people.

The acts and ways of these great humanitarians serve as a great example for us now to do better in our life. We must all indulge in acts of giving back and coming to help those in need. All in all, humanity arises from selfless acts of compassion.

Conclusion of the Essay on Humanity

As technology and capitalism are evolving at a faster rate in this era, we must all spread humanity wherever possible. When we start practising humanity, we can tackle many big problems like global warming, pollution , extinction of animals and more.

FAQ of Essay on Humanity

Question 1: What is the importance of humanity?

Answer 1: Humanity refers to caring for and helping others whenever and wherever possible. It means helping others at times when they need that help the most. It is important as it helps us forget our selfish interests at times when others need our help.

Question 2: How do we show humanity?

Answer 2: All of us are capable of showing humanity. It can be through acknowledging that human beings are equal, regardless of gender, sex, skin colour or anything. We must all model genuine empathy and show gratitude to each other and express respect and humility.

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Home » Essay Hindi » Essay On Humanity In Hindi मानवता क्या है पर निबंध

Essay On Humanity In Hindi मानवता क्या है पर निबंध

Essay On Humanity In Hindi निबंध में मानवता और इंसानियत पर निबंध (Manavta Par Nibandh) की चर्चा करेंगे। मानवता मनुष्य होने की पहचान है। मानव में मानवता का स्पर्श रहना जरूरी है। यह एक स्वभाविक चीज है जो हर इंसान में होनी चाहिए। मानवता को इंसानियत या मनुष्यता भी कहते है क्योंकि यह किसी के भी व्यक्तित्व को बताती है।

मानवता दया की पर्यायवाची है। प्रत्येक मनुष्य का कर्म दूसरों के प्रति दया रखना है। इस निबंध में मानवता का महत्व और वैश्विक जरूरत पर चर्चा करेंगे। मानवता पर निबंध “Humanity Essay In Hindi” विषय आज की जरूरत भी है।

मानवता पर निबंध Essay On Humanity In Hindi –

समस्त संसार का एक ही मूलमंत्र होना चाहिए, वो है जीवमात्र पर दया करना। यह दया भाव मनुष्य का मनुष्य के प्रति या मनुष्य का अन्य जीवों के प्रति होती है। जीवमात्र पर दया करना ही मानवता है। पृथ्वी पर मनुष्य सबसे उत्तम और सर्वश्रेष्ठ प्रजाति है। हमारा यह दायित्व है कि हम सभी के प्रति मानवता निभाए। मानवता रखने वाले मनुष्य ही परोपकार करते है।

निस्वार्थ भाव से सेवा भावना रखना मानवता की उच्च कोटि है। संसार में मानव ही एकमात्र जीव है जो सोचने समझने की शक्ति रखता है। मनुष्य ही अपनी भावना को बोलकर व्यक्त कर सकता है। अच्छे और बुरे की पहचान स्वयं के विवेक से मनुष्य कर सकता है। इसलिए मानवता निभाने की जिम्मेदारी इंसान की ही है। मानवता दिखाना सज्जन व्यक्ति की निशानी है।

प्रत्येक कालखंड का इतिहास उठाकर देख लीजिए, मानवता कई बार शर्मसार हुई है। मनुष्य ने लोभ और लालच में आकर मानवता को ताक पर रखा है। वैसे इतिहास में ऐसे भी कई प्रसंग है, जहाँ मनुष्य ने मानवता की कई मिसाले दी है। दुनिया में कई लोग कुकर्मी और अत्याचारी है जो मानवता की भावना नही रखते है। दूसरों का हित करना तो दूर वो लोग दूसरों का अहित करने की सोचते है। आज लोग किसी गरीब का हक मारने में भी संकोच नही करते है।

महात्मा गांधी , नेल्सन मंडेला जैसे महापुरुषों ने दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया है। गाँधीजी ने सत्य और अहिंसा के बल पर ही अंग्रेजो को देश से भगाया था। बुरा मत देखों, बुरा मत सुनो और बुरा मत कहो, ये विचार मानवता का पर्याय ही है। भगवान बुद्ध, भगवान महावीर स्वामी जैसी महान आत्माओं ने धरती पर जीवमात्र पर दया का उपदेश दिया था।

इंसानियत पर निबंध Manavta Par Nibandh Hindi Mein-

Humanity Essay In Hindi – दुनिया के प्रत्येक मनुष्य के कुछ अधिकार होते है जिन्हें मानवाधिकार कहते है। जीने का अधिकार, समानता, स्वतंत्रता और शिक्षा का अधिकार इत्यादि कई मूलभूत अधिकार है। इन अधिकारों की रक्षा के लिए अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर कई मानवाधिकार संगठन बने हुए है। इनका कार्य विश्व में हर मनुष्य के अधिकारों की रक्षा करना है। चाहे वो मनुष्य किसी भी धर्म का हो या किसी भी रंग का हो, मानवाधिकार सबके लिए है। मानवाधिकार बिना मानवता के अधूरे है। प्रेम और भाईचारे की भावना हर मनुष्य में होनी चाहिए।

वर्तमान में दुनिया के कई हिस्सों में मानव अधिकारों का हनन हो रहा है। बच्चों के अंगों की तस्करी, वेश्यावृत्ति, बाल शोषण, बाल मजदूरी इत्यादि कई प्रकार के अवैध काम मानवता को शर्म से झुकने पर मजबूर करते है। इंसान किसी दूसरे इंसान की हत्या करता है जो एक जानवर समान कृत्य है। वर्तमान में भारत ही नही विश्व के कई देशों में बलात्कार जैसे अपराध होते है। इस तरह के कृत्य मानवता का उल्लंघन करते है।

शांति की स्थापना करके भी मानवता दिखाई जाती है। दुनिया के कई देश युद्ध की चपेट में है। वहां हजारों लोग मारे जा चुके है और लाखों बेघर है। सीरिया, इराक इत्यादि युद्ध ग्रसित देशों से लाखों शरणार्थी दूसरे देशों में विस्थापित हुए है। दुनिया के कई देशों ने मानवता दिखाकर उनको अपने देश में शरण दी है। दुनिया में अमन स्थापित करना भी मानवता को समर्पित है। मानव और पशुओं पर अत्याचार और क़ुरता अमानवीय व्यवहार है। इस तरह का व्यवहार मनुष्य को शोभा नही देता है।

मानवता पर निबंध Humanity Essay In Hindi –

मनुष्य का कर्तव्य बनता है कि वह मानवता का सम्मान करें और समय समय पर मानवता दिखाए। किसी भूखे व्यक्ति को खाना खिलाना या प्यासे को पानी पिलाना मानवता है। सर्दी की कपकपाती ठंड में गरीबो और बेघरों को कंबल देना भी मानवता की श्रेस्ठ कसौटी है। किसी भी प्रकार की दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करना भी मनावता की निशानी है।

गर्मियों में पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करना भी मानवता है। एक इंसान जब बिना लालच के किसी दूसरे इंसान की मदद करता है, तो यह मानवता है। भूकंप और अकाल जैसी विकट परिस्थितियों में कई सामाजिक संगठन निस्वार्थ भाव से कार्य करते है जो मानवता ही है।

क्षमा वीरों को शोभा देती है। कोई आपके साथ बुरा करता है और अगर उसे इस बात का पछतावा है तो मानवता दिखाकर उसे क्षमा करना श्रेस्ठ है। किसी भी गरीब की आर्थिक रूप से मदद करना भी मानवता है। अगर ईश्वर ने आपको धन दिया है तो उसे मानवता की भलाई में खर्च करना चाहिए। दान पुण्य करना मानवता ही है। मानवता इंसान का धर्म है जो ईश्वर का आदेश है।

प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस मनाया जाता है। अगर आप मनुष्य है तो मानवता आपको दिखानी होगी। मनुष्य का धर्म जीव मात्र पर दया करना है। अगर आप किसी को दुख में देखकर दुखी होते है, तो यह भाव ही मानवता है।

अन्य उपयोगी निबंध –

  • गरीबी पर निबंध
  • मित्रता पर निबंध
  • अनुशासन पर निबंध

Note – इस पोस्ट Essay On Humanity In Hindi में मानवता पर निबंध (Manavta Par Nibandh) और उसके महत्व के बारे में सामान्य जानकारी आपको कैसी लगी। यह आर्टिकल “Humanity Essay In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे फेसबुक और ट्विटर पर शेयर जरूर करे।

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essay on humanity in hindi

  • Essays in Hindi /

Essay on India in Hindi : छात्र ऐसे लिख सकते हैं हमारे देश भारत पर निबंध

essay on humanity in hindi

  • Updated on  
  • अगस्त 30, 2024

Essay on India in Hindi

Essay on India in Hindi : भारत एक विविधतापूर्ण देश है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इतिहास के लिए जाना जाता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी एक अरब से ज़्यादा है। भारत हिमालय पर्वतों से लेकर उष्णकटिबंधीय समुद्र तटों तक फैला हुआ है, जो इसकी भौगोलिक विविधता को दर्शाते हैं। यह देश विभिन्न धर्मों, भाषाओं और परंपराओं का घर है, जो विविधता में एकता का एक अनूठा मिश्रण है। आर्थिक रूप से, भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष खोज और उद्योग में विश्व में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है। गरीबी और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारत अपने सांस्कृतिक सार और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए हुए प्रगति और विकास की दिशा में प्रयास कर रहा है।

भारत देश के बारे में जानकारी इसके प्रत्येक छात्र को होनी चाहिए। छात्रों को कई बार निबंध प्रतियोगिता और कक्षाओं में Essay on India in Hindi दिया जाता है और आपकी मदद के लिए कुछ सैंपल इस ब्लॉग में दिए गए हैं। 

This Blog Includes:

भारत पर 100 शब्दों में निबंध, भारत पर 200 शब्दों में निबंध, प्रस्तावना , भारत का इतिहास, भारत का भूगोल और संस्कृति, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और अन्य प्रतीक, भारत की नदियां  , भारत का भोजन, भारत की भाषाएं, भारत के त्यौहार, भारत की अनेकता में एकता, उपसंहार , भारत पर 10 लाइन – 10 lines essay on india in hindi.

भारत के लोग अपनी ईमानदारी और विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं। विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के लोग एक साथ शांतिपूर्वक रहते हैं। हिंदी भारत की एक प्रमुख भाषा है, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों के लोग कई अन्य भाषाएँ भी बोलते हैं। भारत एक खूबसूरत देश है जहाँ कई महान व्यक्तियों ने जन्म लिया और उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की। भारतीयों के द्वारा अतिथियों को ‘अतिथि देवों भव:’ की उपाधि दी जाती है। दूसरे देशों से आने वाले आगंतुकों का गर्मजोशी से स्वागत किया जाता है। भारत में सनातन धर्म (जीवन का एक प्राचीन दर्शन) का पालन किया जाता है, जो विविधता में एकता बनाए रखने में मदद करता है।

 भारत कई प्राचीन स्थलों, स्मारकों और ऐतिहासिक धरोहरों का घर है जो दुनिया भर से आगंतुकों को आकर्षित करते हैं। यह अपनी आध्यात्मिक प्रथाओं, योग और मार्शल आर्ट के लिए प्रसिद्ध है। विभिन्न देशों के कई तीर्थयात्री और भक्त भारत के प्रमुख मंदिरों, स्थलों और ऐतिहासिक विरासतों की सुंदरता का अनुभव करने के लिए आते हैं।

भारत का एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है और इसे प्राचीन सभ्यता का जन्मस्थान माना जाता है। यह तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय के कारण शिक्षा का एक केंद्र रह चुका है, इसने इतिहास में दुनिया भर के छात्रों को अपने विश्वविद्यालयों में आकर्षित किया है। अपनी अनूठी और विविध संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाने वाला भारत विभिन्न धर्मों के लोगों से प्रभावित है। भारत के धन वैभव को चुराने के लिए इस पर कई आक्रमण हुए। कई साम्राज्यों ने इसे गुलाम बनाने के लिए भी प्रयोग किया। कई स्वतंत्रता सैनानियों के प्रयासों और बलिदानों की बदौलत भारत को 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। 

हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, जिस दिन हमारी मातृभूमि आजाद हुई थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद, भारत में कई लोग गरीब हैं। रवींद्रनाथ टैगोर, सर जगदीश चंद्र बोस, सर सी.वी. रमन और डॉ. होमी जे. भाभा जैसी असाधारण हस्तियों की बदौलत देश लगातार प्रौद्योगिकी, विज्ञान और साहित्य में आगे बढ़ है। भारत एक शांतिपूर्ण देश है जहाँ लोग अपने त्यौहारों को खुलकर मनाते हैं और अपनी सांस्कृतिक परंपराओं का पालन करते हैं। कश्मीर को अक्सर धरती पर स्वर्ग के रूप में वर्णित किया जाता है। भारत प्रसिद्ध मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, नदियों, घाटियों, उपजाऊ कृषि भूमि और सबसे ऊँचे पहाड़ों का घर है।

भारत पर 500 शब्दों में निबंध

भारत पर 500 शब्दों में निबंध (500 Words Essay on India in Hindi) नीचे दिया गया है –

भारत एक अद्भुत देश है जहाँ लोग कई अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं। यहाँ विभिन्न जातियाँ, पंथ, धर्म और संस्कृतियाँ निवास करती हैं, फिर भी सभी लोग एक साथ सद्भाव से रहते हैं। यही कारण है कि भारत “विविधता में एकता” कहावत के लिए प्रसिद्ध है। भारत दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश भी है।

भारत का इतिहास और संस्कृति समृद्ध है और मानव सभ्यता के उदय के बाद से ही विकसित हुई है। विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी सभ्यता भारत में थी। इसकी शुरुआत प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता और दक्षिण भारत में शुरुआती कृषि समुदायों से हुई। समय के साथ, भारत ने विभिन्न संस्कृतियों के लोगों का निरंतर एकीकरण देखा। साक्ष्य बताते हैं कि शुरुआती दौर में, लोहे और तांबे जैसी धातुओं का उपयोग व्यापक था, जो महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। चौथी सहस्राब्दी ईसा पूर्व के अंत तक, भारत एक अत्यधिक उन्नत सभ्यता के रूप में विकसित हो चुका था।

भारत दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। इसे हिंदुस्तान और आर्यावर्त के नाम से भी जाना जाता है। यह तीन तरफ से महासागरों से घिरा हुआ है: पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंद महासागर। भारत का राष्ट्रीय पशु ‘ बाघ’ है, राष्ट्रीय पक्षी ‘ मोर’ है और राष्ट्रीय फल ‘ आम’ है। भारत का राष्ट्रगान जन गण मन है, और राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है। भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म और यहूदी धर्म सहित विभिन्न धर्मों के लोग सदियों से भारत में एक साथ रहते आए हैं। भारत अपनी समृद्ध विरासत के लिए भी जाना जाता है, जिसमें स्मारक, मकबरे, चर्च, ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर, संग्रहालय, प्राकृतिक सुंदरता, वन्यजीव अभयारण्य और प्रभावशाली वास्तुकला शामिल हैं।

भारतीय ध्वज तिरंगे में तीन रंग हैं: केसरिया, सफ़ेद और हरा। सबसे ऊपर का रंग केसरिया पवित्रता का प्रतीक है। बीच का रंग सफ़ेद शांति का प्रतीक है। सबसे नीचे का रंग हरा उर्वरता का प्रतीक है। सफ़ेद पट्टी के बीच में एक नीला अशोक चक्र है, जो 24 तीलियों वाला पहिया है जो कानून और न्याय के चक्र का प्रतीक है। बंगाल टाइगर राष्ट्रीय पशु है, जो शक्ति और शालीनता का प्रतिनिधित्व करता है। मोर यहां का राष्ट्रीय पक्षी है, जो शालीनता, सुंदरता और शान का प्रतीक है। ऐतिहासिक रूप से फील्ड हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है, जो खेल में देश की उपलब्धियों का प्रतिनिधित्व करता है।

भारत में कई प्रमुख नदियाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक का सांस्कृतिक, आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व है। गंगा हिमालय से निकलती है और उत्तरी भारत से होकर बांग्लादेश में बहती है। यह हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नदी मानी जाती है और लाखों लोगों के लिए पीने, कृषि और धार्मिक प्रथाओं के लिए महत्वपूर्ण है। यमुना हिमालय में यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली गंगा की एक प्रमुख सहायक नदी है। यह दिल्ली और आगरा से होकर बहती है और अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए महत्वपूर्ण है। 

ब्रह्मपुत्र तिब्बत में निकलती है और बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले असम और भारत के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से होकर बहती है। यह नदी अपने विशाल बेसिन और कृषि क्षेत्र के लिए जानी जाती है। सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत में है और भारत से होते हुए यह पाकिस्तान में भी बहती है। कृष्णा नदी पश्चिमी घाट में उत्पन्न होती है और पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में बहती है। दक्षिणी भारत में सिंचाई और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है। कावेरी नदी पश्चिमी घाट में उत्पन्न होती है और दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी में बहती है। कर्नाटक और तमिलनाडु के दक्षिणी राज्यों में कृषि के लिए महत्वपूर्ण है। महानदी छत्तीसगढ़ राज्य में उत्पन्न होकर पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में बहती है। क्षेत्र में सिंचाई और प्रमुख बांधों के लिए महत्वपूर्ण है। नर्मदा नदी सतपुड़ा रेंज से पश्चिम की ओर अरब सागर में बहती है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और नर्मदा घाटी परियोजना के लिए जानी जाती है। ताप्ती नदी सतपुड़ा रेंज से पश्चिम की ओर अरब सागर में बहती है। यह क्षेत्र की कृषि और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।

भारतीय भोजन अपनी समृद्ध विविधता और जीवंत स्वादों के लिए प्रसिद्ध है। यह देश की विशाल सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विविधताओं को दर्शाता है। भारत के भोजन में मसालों, जड़ी-बूटियों और सामग्रियों की एक विस्तृत श्रृंखला है जो जटिल और सुगंधित व्यंजन बनाती है। उत्तर की मसालेदार करी से लेकर दक्षिण के तीखे और नारियल आधारित व्यंजनों तक, भारतीय व्यंजन सभी के लिए कुछ न कुछ प्रदान करते हैं। लोकप्रिय व्यंजनों में बिरयानी, डोसा, समोसे और विभिन्न प्रकार की ब्रेड जैसे नान और रोटी शामिल हैं। भारतीय भोजन में गुलाब जामुन और जलेबी सहित कई तरह की मिठाइयाँ भी शामिल हैं। भोजन का आनंद अक्सर अचार, रायता और चटनी जैसी कई तरह की चीजों के साथ लिया जाता है। यह पाक विविधता भारतीय भोजन को देश की सांस्कृतिक विरासत का एक जीवंत और अभिन्न अंग बनाती है।

भारत एक भाषाई रूप से विविधतापूर्ण देश है, जिसके विशाल विस्तार में बोली जाने वाली भाषाओं की समृद्ध विविधता है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त भाषाएँ हैं। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू है। प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अलग भाषा या बोली होती है, जो उसकी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जबकि सरकारी और कानूनी उद्देश्यों के लिए अंग्रेजी एक सहयोगी आधिकारिक भाषा के रूप में कार्य करती है। कन्नड़, पंजाबी और गुजराती जैसी क्षेत्रीय भाषाएँ भी अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बहुभाषावाद भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और भाषा और क्षेत्रीय पहचान के बीच के संबंधों को भी।उजागर करता है। भाषा भारत के सामाजिक ताने-बाने का एक महत्त्वपूर्ण पहलू बन जाती है।

भारत अपने जीवंत और विविध त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। प्रमुख त्योहारों में दिवाली है यह रोशनी का त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली वसंत के अपने रंगीन और हर्षोल्लासपूर्ण उत्सव के लिए जानी जाती है। ईद दावतों और प्रार्थनाओं के साथ रमजान माह के अंत को चिह्नित करती है। नवरात्रि देवी दुर्गा का सम्मान करने वाला नौ रातों का त्योहार है। अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों में क्रिसमस, पोंगल और दुर्गा पूजा शामिल हैं। ये त्यौहार भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को दर्शाते हैं, जो लोगों को हर्षोल्लासपूर्ण उत्सव, दावत और विभिन्न पारंपरिक अनुष्ठानों में एक साथ लाते हैं।

विविधता में एकता भारत की एक परिभाषित विशेषता है, जहाँ अनेक संस्कृतियाँ, भाषाएँ, धर्म और परंपराएँ सौहार्दपूर्वक सह-अस्तित्व में हैं। अपने लोगों के बीच भारी मतभेदों के बावजूद, भारत विभिन्न जातीयताओं और मान्यताओं के जीवंत ताने-बाने के रूप में खड़ा है। यह देश एक साझा राष्ट्रीय पहचान से एकजुट है। यह सिद्धांत देश के विविध त्योहारों के उत्सव, विभिन्न सांस्कृतिक प्रथाओं के प्रति सम्मान और विभिन्न क्षेत्रीय परंपराओं में दिखाई भी देता है। भारत की ताकत अपनेपन और साझा उद्देश्य की भावना को बढ़ावा देती है। विविधता में यह एकता भारत के सामाजिक सामंजस्य को बढ़ाती है और इसकी समृद्ध विरासत में योगदान देती है।

भारत एक ऐसा अद्भुत देश है जिसमें संस्कृतियों, जातियों, पंथों और धर्मों का एक समृद्ध मिश्रण है,ह अपनी विरासत, मसालों और इसे अपना घर कहने वाले लोगों के लिए प्रसिद्ध है। विविधता और एकता का यह मिश्रण ही है जिसकी वजह से भारत को अक्सर एक ऐसे स्थान के रूप में वर्णित किया जाता है जहाँ विविधता में एकता पनपती है। भारत आध्यात्मिकता, दर्शन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध है।

भारत पर 10 लाइन (10 Lines Essay on India in Hindi) यहां दी गई हैं –

  • भारत या एशिया में एक प्रायद्वीपीय देश है। भारत देश तीन तरफ से पानी से घिरा हुआ है।
  • अन्य देशों की तुपना में कुल क्षेत्रफल के मामले में भारत दुनिया का 7वां सबसे बड़ा देश है।
  • भारत की जनसंख्या लगघग 1.4286 बिलियन है। यह चीन की 1.4257 बिलियन की तुलना में दुनिया में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है।
  • झारत कर पश्चिमी भाग में अरब सागर, दक्षिणी भाग में हिंद महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी है।
  • भारत देश का उत्तरी भाग पहाड़ों से ढका हुआ है। हिमालय दुनिया की की प्रसिद्ध पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है।
  • भारत में कई छोटी-बड़ी नदियाँ बहती हैं। नदियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी आदि प्रमुख हैं। 
  • भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा है। तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरा रंग है। इसके बीच में अशोक चक्र बना हुआ है जिसमें 24 तीलियां हैं।
  • भारत का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ में अशोक का सिंह स्तंभ है। इसके नीचे लिखा सत्यमेव जयते है जिसका अर्थ है सत्य की ही जीत होती है।
  • भारत का राष्ट्रगान जन गण मन है। राष्ट्रगान की रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। राष्ट्रगान को गाने में 52 सेकेंड लगते हैं। 
  • भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है जिसकी रचना बंकिम चंद्र चटर्जी के द्वारा की गई थी।

संसदीय प्रणाली वाली प्रभुता संपन्न समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य जिसमें 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश।

ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन (लगभग 1757-1947) के दौरान, ब्रिटिश भारतीय उपमहाद्वीप को “इंडिया” कहते थे। यह शब्द सिंधु नदी से लिया गया था, जो ब्रिटिश भारत की पश्चिमी सीमा को चिह्नित करती थी। ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन ने आधिकारिक नाम के रूप में “इंडिया” का इस्तेमाल किया।

दुनिया भर में भारत विविधता में एकता का प्रतिनिधि है। भारत विभिन्न संस्कृतियों, जातियों, पंथों, धर्मों की भूमि है; अनेक मतभेदों के बावजूद हम सौहार्दपूर्वक रहते हैं। भारतीय शांतिप्रिय हैं और संकट के समय लोगों की मदद के लिए आगे आते हैं। हम “अतिथि देवो भव” के आदर्श वाक्य में विश्वास करते हैं, जिसका अर्थ है कि हमारे मेहमान हमारे भगवान हैं और हमारे देश में आने वाले पर्यटकों के प्रति विशेष रूप से सहायक और दयालु हैं। हमारा देश एक जीवंत देश है जो मेहनती लोगों, समृद्ध वनस्पतियों और जीवों और एक अद्भुत विरासत का घर है। मेहनती नागरिकों का प्रमाण, भारत धीरे-धीरे और लगातार दुनिया की महाशक्तियों में से एक बन रहा है।

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